केतु गोचर 2016
आने वाले नए साल 2016 में केतु का गोचर कुम्भ राशि में होने वाला है। केतु के छाया ग्रह होने के कारण इसका कोई अपना अस्तित्व नहीं है। ख़ैर यहाँ हमें ज्योतिषीय ज्ञान की तह में नहीं जाना है। आइए देखते हैं कि वर्ष 2016 में राशियों पर केतु के गोचर का क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

केतु का कुम्भ राशि में गमन 29 जनवरी 2016 को 11:37 PM पर हो रहा है। केतु के इस गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या असर होगा आइए जानते हैं।
मेष
वर्ष 2016 में केतु आपके लाभ भाव में गोचर करेगा। फलस्वरूप यह आपकी आमदनी में इजाफ़ा करवा सकता है। हालाँकि केतु शनि की राशि में है और शनि आपके अष्टम भाव में रहेगा, इसलिए आय की निरंतरता कमज़ोर रहेगी, लेकिन फिर भी अचानक धन प्राप्ति होती रहेगी। यदि संस्कार कमज़ोर होंगे तो कुछ धन बेकार के कामों भी ख़र्च हो सकता है। अनैतिक कार्यों से धन कमाने की कोशिश करना बेवकुफ़ी भरा काम।
वृष
इस साल यानि 2016 में केतु का गोचर आपके दशम भाव में रहेगा। अत: कार्य कुशलता में वृद्धि होगी। आप तुलानात्मक दृष्टि से अधिक मेहनत कर पाएंगे। हालाँकि सामाजिक दायरा बढ़ने के योग हैं, लेकिन कोई भी ऐसा काम करने से बचें जिससे प्रतिष्ठा को आँच आने का भय हो। यदि आप राजनैतिक मामलों में दख़ल रखते हैं, तो ऐसे मामलों में भी बेहतरी आने के योग बनेंगे। क़ानूनी पचड़ों से दूर रहें तथा बड़े बुज़ुर्गों और गुरुजनों का सम्मान करें।
मिथुन
केतु आपके नवम भाव में गोचर करेंगे, अत: आपको अपने भीतर आध्यात्म तत्त्व को बढ़ाना होगा, यदि आप ऐसा कर पाते हैं, तो आपके भाग्य और पराक्रम में वृद्धि होगी। किसी वरिष्ठ ब्राह्मण या गुरु की मदद से लाभ सम्भावित है। यदि आप दूर रहकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, तो आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। धर्म-कर्म से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा, लेकिन अन्य लोगों को कुछ व्यर्थ की यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं।
कर्क
नूतन वर्ष 2016 में केतु का गोचर आपके अष्टम भाव में रहेगा। इस स्थिति को अधिक अनुकूल नहीं कहा गया है। अत: आपको पूरे समय संयमित आचरण करने की सलाह दी जाती है। इस गोचर की अवधि में अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें। पेट व कमर के निचले हिस्से की तकलीफ़ रह सकती हैं। फ़ूड प्वाइजनिंग व दवाओं के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सुपाच्य व घर का भोजन करें तथा चिकित्सक से भली-भाँति समझ कर ही दवाओं का सेवन करें। वाहन सावधानी से चलाएँ।
सिंह
इस साल केतु का गोचर आपके सप्तम भाव में रहेगा। इस गोचर को व्यक्तिगत जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा गया है। अत: संयम व समझदारी से काम न लेने की स्थिति में पारिवारिक मामलों में असंतोष देखने को मिल सकता है। इस कारण प्यार, दाम्पत्य व साझेदारी के मामलों में सावधानी से काम लें। वैचारिक मतभेदों को फटाफट दूर किया करें। यदि किसी रिश्ते को बचाने या सुख़द रखने के लिए आपको झुकना पड़े, तो संकोच न करें।
कन्या
केतु का गोचर आपके छठे भाव में रहेगा। इस भाव में केतु के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। यदि आप किसी पुराने कर्ज़ को चुकाने में लगे हुए हैं, तो आपकी मेहनत रंग लाएगी। आपको कर्ज़ से मुक्ति मिल जाएगी। यदि पिछले दिनों से स्वास्थ्य कमज़ोर चल रहा है, तो उसमें भी बेहतरी आने के योग हैं। कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलेगी। यदि कोई विरोधी बड़े दिनों से आपको परेशान कर रहा है, तो उस परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी।
तुला
केतु का गोचर आपके पंचम भाव में होगा, अत: आपको मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। एक तरफ़ तो यह आपकी इच्छा शक्ति को बढ़ाएगा, आपके सोचने की शक्ति को प्रबल करेगा, धार्मिक कार्यों और शिक्षा में रुचि देगा, तो वहीं दूसरी ओर आपकी रुचि कुछ व्यर्थ के कामों से जुड़ने की भी हो सकती है। अत: फटाफट सफल होने वाले आइडिया पर जाने से पहले उसके बारे में भली-भाँति जानना ज़रूरी होगा। आत्मीय संबंधों को भी महत्त्व देते रहना होगा।
वृश्चिक
2016 में केतु का गोचर आपके चतुर्थ भाव में रहेगा। इस भाव के गोचर को अधिक अच्छा नहीं कहा गया है। यह आपको तनाव दे सकता है। आप कुछ घरेलू परेशानियों के चलते तनावग्रत रह सकते हैं। घरेलू सम्बंधों को बिगड़ने न दें। माता के स्वास्थ्य का ख़्याल रखें। जान-बूझकर किसी क़ानूनी पचड़े में न पड़ें। यदि पहले से स्वास्थ्य ख़राब हो तो स्वास्थ्य को लेकर कोई लापरवाही न दिखाएँ। घरेलू संबंधों को बिगड़ने से बचाएँ।
धनु
केतु का गोचर आपकी कुण्डली के तीसरे भाव में रहेगा। यह आपके पराक्रम और ऊर्ज़ा को बढ़ाएगा। यदि आपको जोश के साथ काम करते रहेंगे तो स्वाभाविक है कार्य जल्दी पूरे होंगे। हालाँकि आपको छल-कपट और किसी के साथ जोर ज़बरदस्ती करने से बचना होगा। मित्रों, भाइयों और पड़ोसियों से आपको लाभ मिलेगा, लेकिन आपको इन्हीं लोगों से नुक़सान का भी भय रहेगा। ऐसे में इन लोगों से सम्बंध बेहतर रखेंगे, तो सब ठीक रहेगा।
मकर
केतु का गोचर आपके दूसरे भाव में रहेगा। इस भाव के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है, अत: यहाँ स्थित केतु दूसरे भाव के कारकत्वों को कमज़ोर करेगा। ऐसे में आपको आर्थिक मामलों को लेकर बहुत ही सजग रहना होगा। कोई बड़ा निवेश करने से बचेंगे तो बेहतर रहेगा। वाणी पर संयम रखना भी बहुत ज़रूरी होगा। खान-पान पर संयम रख कर उदर और मुख रोगों से बचा जा सकता है। परिजनों से सद्भाव बनाए रखें।
कुम्भ
वर्ष 2016 में केतु का गोचर आपके प्रथम भाव में रहेगा। इस कारण आपका आत्मबल बहुत अच्छा रहेगा। हालाँकि यह गोचर कुछ हद तक आपको ज़िद्दी बना सकता है। आप किसी वस्तु को पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन इसके अनैतिक रास्ता अपनाना ठीक नहीं रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर भी सजग रहना उचित रहेगा। वैवाहिक जीवन में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि कार्य-व्यापार अच्छा रहने के योग हैं।
मीन
केतु का गोचर आपके द्वादश भाव में रहेगा। ऐसे में आपको दूर की यात्राएँ करने का मौक़ा मिल सकता है। हालाँकि कुछ व्यर्थ की यात्राएँ भी करनी पड़ सकती हैं। इस समय आपको अपने अनावश्यक ख़र्चों को रोकना होगा। जहाँ तक हो सके स्वयं को तनाव मुक्त रखें। यदि स्वयं को अस्वस्थ अनुभव करें, तो तुरंत चिकित्सक से मिलें। क्योंकि कई बार आपको बीमारी होने का वहम भी हो सकता है।
उपाय:
यदि आपको ऐसा लगे कि केतु के गोचर के कारण आपको कोई कष्ट हो रहा है तो बृहस्पतिवार का व्रत करें, भगवान गणेश की पूजा करें और 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
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