2017 में केतु का गोचर
केतु एक क्रूर स्वभाव का छाया ग्रह है, जिसका मानव जीवन पर अत्याधिक प्रभाव रहता है। यह तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य और अन्य मानसिक गुणों का कारक है। केतु को कष्टकारी और मंगलकारी दोनों ही माना जाता है। क्योंकि एक ओर जहां केतु मनष्य के जीवन में दुख और हानि का कारक बनता है। वहीं दूसरी ओर केतु के प्रभाव से मनुष्य जीवन में बहुत उन्नति करता है। 2017 में केतु 18 अगस्त शुक्रवार तक कुंभ राशि में स्थित रहेगा। इसके बाद केतु संचरण करते हुए मकर राशि में लौटेगा। इस वर्ष केतु के गोचर और विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले उसके प्रभाव को जानने के लिए पढ़िये यह खास लेख।

मेष
केतु आपके ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव आय और सफलताओं से संबंधित है। केतु के ग्यारहवें भाव में स्थित होने से सामाजिक मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी। केतु के शुभ प्रभाव से बौद्धिक ज्ञान और धन में वृद्धि देखने को मिलेगी। यदि कुंडली में केतु का प्रभाव अधिक है तो कामुक विचारों में बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह से नैतिक पतन हो सकता है और दुराचार की प्रवृत्ति बढ़ेगी। सितंबर के बाद केतु आपके दसवें भाव में संचरण करेगा, जो प्रोफेशन से जुड़ा है। इस गोचर के प्रभाव से बौद्धिक ज्ञान में और बढ़ोतरी होगी। नौकरी से ध्यान भटक सकता है। इसलिए अपने प्रोफेशनल स्टेट्स को अच्छा बनाए रखने के लिए कठिन परिश्रम करने की ज़रुरत होगी। केतु के गोचर के प्रभाव से पारिवारिक जीवन में अस्थिरता बनी रहेगी।
वृष
केतु आपके दसवें भाव में गोचर कर रहा है। चूंकि दसवां भाव प्रोफेशन से संंबंधित है इसलिए केतु के प्रभाव से नौकरी और काम में मन नहीं लगेगा। इसकी बजाय आपका झुकाव आध्यात्मिक और दर्शन शास्त्र का ज्ञान प्राप्त करने और उससे संबंधित पढ़ाई की ओर होगा। इसके अलावा पारिवारिक जीवन में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आप परिजनों के फैसलों से सहमत नहीं होंगे। सितंबर में केतु आपके नौंवे भाव में गोचर करेगा। यह भाव धर्म और विदेश यात्राओं से संबंधित है। केतु के नौंवे भाव में गोचर करने की वजह से आपकी निर्णयन क्षमता प्रभावित होगी। इसके फलस्वरूप अच्छे और बुरे की समझ नहीं होने से आप कुछ अनैतिक कार्य करने की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए कोई भी निर्णय सोच-समझकर लें। तीर्थ यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। प्राचीन मान्यताओं और विचारधारा को महत्व देंगे।
मिथुन
केतु का आपके नौंवे भाव में संचरण करना पिता के स्वास्थ को लेकर अशुभ संकेत दे रहा है। आप धार्मिक विचारों को ज्यादा महत्व देंगे। इस सिलसिले में आप किसी धार्मिक स्थल पर जा सकते हैं। भाई-बहन की सेहत भी खराब रह सकती है। सितंबर में केतु आपके आठवें घर में गोचर करेगा। चूंकि यह भाव रहस्य और गहन विज्ञान से संबंधित है। इसलिए इस गोचर के फलस्वरूप आध्यात्मिकता और जादू-टोने जैसी विद्या के प्रति आपका झुकाव बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र में पहचान मिलेगी और आर्थिक लाभ होगा। केतु के आठवें भाव में होने से उत्तेजना बढ़ेगी और आवेश में आकर आप कुछ गलत करके कानूनी विवाद में फंस सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। खासकर बवासीर जैसे रोग से परेशान हो सकती है। चोटिल होने की भी प्रबल संभावना है। इसलिए वाहन आदि संभलकर चलाएं।
कर्क
केतु आपके आठवें भाव में गोचर कर रहा है। चूंकि आठवें घर का संबंध रहस्यों से है इसलिए साइंस, ज्योतिष विज्ञान और रहस्यमयी विज्ञान जैसे विषयों में आपकी रूचि बढ़ सकती है। शोध छात्र और अनुसंधान से जुड़े जातकों के लिए यह समय अनुकूल है। इस दौरान आप शोध के जरिए नई खोज और आविष्कारिक कार्य करेंगे। सितंबर में केतु आपके सातवें भाव में गोचर करेगा। यह भाव बिज़नेस पार्टनर और जीवन साथी से जुड़ा है। केतु के सातवें भाव में होने से जीवन साथी की सेहत पर असर पड़ सकता है। पति-पत्नी में विवाद की वजह से भी तनाव पैदा होगा। वहीं बिज़नेस पार्टनर के साथ भी मतभेद होंगे। इसलिए इन सभी विवादित मामलों को धैर्य और शांति के साथ सुलझाने की कोशिश करें।
सिंह
केतु के सातवें भाव में स्थित होने से बिज़नेस पार्टनर और जीवन साथी के साथ असहमति का भाव विवाद की स्थिति पैदा कर सकता है। वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। सितंबर के बाद केतु आपके छठवें भाव में गोचर करेगा। चूंकि यह भाव शत्रु और सेवकों से संबंधित है। इसलिए आप विरोधियों पर हावी रहेंगे। वे छात्र जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अच्छे नतीजे मिलेंगे। सेहत का ध्यान रखें क्योंकि आप किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
कन्या
केतु आपके छठवें भाव में गोचर कर रहा है। यह घर शत्रु और सेवकों से संबंधित होता है। केतु की शुभ दशा की बदौलत कानूनी और अदालती विवादों में आपकी जीत होगी। सभी तरह के विवाद और झगड़ों से छुटकारा मिलेगा। वे छात्र जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं नतीजे उनके पक्ष में होंगे लेकिन योजनागत तरीके और रणनीति के साथ पढ़ाई करनी होगी। गुप्त रोगों से पीड़ित हो सकते हैं। सितंबर में केतु आपके पांचवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान बच्चों की सेहत खराब हो सकती है। आप विदेशी भाषा, धार्मिक ग्रंथ और रहस्यमयी विज्ञान जैसे विषयों को लेकर समझ विकसित करने की कोशिश करेंगे। दांपत्य जीवन में संभलकर चलने की ज़रूरत है। क्योंकि पति और पत्नी में विवाद और मतभेद हो सकते हैं।
तुला
केतु आपके पांचवें भाव में गोचर कर रहा है। यह घर शिक्षा और बच्चों से संबंधित है। आपकी राशि में केतु की वर्तमान स्थिति से प्रेम संबंध प्रभावित होंगे। प्रेमी या प्रेमिका के साथ विवाद बढ़ने की स्थिति में रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है। आपके बच्चों की सेहत खराब रह सकती है। रहस्यमयी विज्ञान जैसे विषयों के बारे में पढ़ने की इच्छा जाग्रत होगी। आध्यात्मिक चिंतन से शांति मिलेगी। सितंबर में केतु चौथे भाव में संचरण करेगा। यह भाव माता, स्वास्थ और सुख-सुविधाओं आदि से जुड़ा है। केतु के चौथे भाव में गोचर करने से पारिवारिक रिश्तों में तनाव पैदा होगा। आप किसी नई जगह पर शिफ्ट हो सकते हैं। नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें।
वृश्चिक
केतु आपके चौथे भाव में संचरण कर रहा है। केतु के चौथे भाव में रहने से विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। माता की सेहत का खास ख्याल रखने की ज़रुरत है क्योंकि स्वास्थ संबंधी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा विचारों को लेकर मां के साथ असहमति का भाव रहेगा और विवाद हो सकता है। परिवार से अलग-थलग पड़ जाएंगे। पारिवारिक तनाव से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय काम में लगाएं। सितंबर में केतु अपनी स्थिति बदलकर चौथे भाव से तीसरे भाव में गोचर करेगा। इसके परिणामस्वरूप अचानक आपके आत्म विश्वास और साहस में बढ़ोतरी होगी। सितंबर के बाद प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक स्थिरता में वृद्धि होगी। आपके कलात्मक और खुशमिज़ाज व्यक्तित्व को सामाजिक जीवन में पहचान मिलेगी। एडवेंचर्स खेलों में अपने हुनर को निखारेंगे। केतु के गोचर से आमदनी में वृद्धि देखने को मिलेगी।
धनु
केतु आपके तीसरे भाव में संचरण कर रहा है। केतु के तीसरे भाव में स्थित होने से आपको अपनी शक्ति और सामर्थ्य का अहसास होगा। लेखन कौशल में सुधार होगा। अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयास करेंगे। मार्केटिंग सेक्टर से आने वाले जातकों को लाभ की प्रबल संभावना है। बीमार होने की वजह से भाई-बहनों की तबियत खराब रह सकती है। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। सितंबर में केतु आपके द्वितीय भाव में गोचर करेगा इस दौरान कोई भी निर्णय लेने और किसी को सलाह देने से पहले अच्छे से सोचें। अपनी क्षमता से अधिक खर्च करेंगे। ताजा भोजन करें और तैलीय, मसालेदार खाने से परहेज करें। भाषा पर संयम रखें और विवादित मामलों पर संभलकर बोलें।
मकर
केतु आपके द्वितीय भाव में स्थित है। यह घर परिवार, धन और भाषा से जुड़े मामलों को दर्शाता है। केतु के द्वितीय भाव में होने से मानसिक शांति के लिए आप परिवार से दूर रहकर कुछ समय एकांत में रहना पसंद करेंगे। ऐसे कई मौके आएंगे जहां आपकी सलाह की ज़रुरत होगी लेकिन इन अवसरों पर अपनी राय जाहिर करने की बजाय आप शांत रहना पसंद करेंगे। सितंबर में केतु आपके प्रथम भाव में गोचर करेगा। इसके परिणामस्वरूप आप लोगों से कूटनीतिक तरीके से व्यवहार करेंगे। सेक्स लाइफ प्रभावित होगी। आपका अजीबो गरीब व्यवहार देखकर लोग हैरत में पड़ जाएंगे। सेहत पर ध्यान देने की ज़रुरत होगी। इसलिए संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम करें।
कुम्भ
केतु आपकी लग्न राशि में गोचर कर रहा है। केतु के लग्न राशि में स्थित होने से आप शारीरिक कमजोरी महसूस करेंगे और बुखार से पीड़ित रह सकते हैं। ऐसे हालात में आप मानसिक रूप से परेशान रहेंगे। सितंबर में केतु आपके बारहवें भाव में गोचर करेगा। केतु के बारहवें भाव में होने से अनिंद्रा की शिकायत हो सकती है। अच्छे उद्देश्यों के साथ धार्मिक कार्यों में शामिल होने की प्रेरणा मिलेगी। आध्यात्मिक चिंतन की ओर झुकाव बढ़ेगा। स्वास्थ को लेकर सावधानी बरतें।
मीन
केतु आपके बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव विदेशी संपर्क, दोस्त और शयन सुविधा को दर्शाता है। केतु के बारहवें भाव में रहने से स्वास्थ संबंधी परेशानी हो सकती है। प्रेमिका या जीवन साथी के साथ भी रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है। आप आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में रुचि दिखाएंगे। किसी गुप्त कार्य पर धन खर्च करेंगे। विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। मानसिक थकावट महसूस करेंगे इसलिए मानसिक शांति के लिए नियमित योग और प्राणायम करना लाभदायक होगा। सितंबर में केतु आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा। केतु की इस चाल से अचानक बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा और नए लोगों से संपर्क होगा। दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करेंगे। आपके अच्छे और सौम्य व्यवहार को लोग पसंद करेंगे। अपने बौद्धिक ज्ञान की वजह से आप शिखर पर होंगे।
उपाय:
यदि आप केतु की महादशा और उसके बुरे प्रभावों से पीड़ित हैं, तो इन उपायों को अपनायें।
- गुरुवार का व्रत रखें।
- भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें।
- नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
- शनिवार को कंबल का दान करें।
- पूजा घर में काला झंडा लगाएं।
- केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए झरने में स्नान करने की मान्यता है लेकिन आप चाहें तो बाथरुम में भी शॉवर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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