धर्म-कर्म
हिन्दू धर्म अपनी हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति के लिए जाना जाता है और हिंदुओं की यह संस्कृति है प्रत्येक जीवात्मा को आत्मसात करने की। वसुधैव कटुंबकम, यानि यह पूरी पृथ्वी एक परिवार है और इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी मनुष्य और जीव-जन्तु एक ही परिवार का हिस्सा हैं। भले ही यह एक प्राचीन अवधारणा क्यों न हो, लेकिन आज यह पहले से भी अधिक प्रासंगिक है। यही हिन्दू संस्कृति का मूल सार है।
इतिहास साक्षी है कि दुनियाभर में हिन्दू संस्कृति का विस्तार किसी बल या छल पूर्वक नहीं हुआ, बल्कि इसमें निहित ज्ञान, प्रेम, बंधुत्व और तार्किक भाव के कारण ही इस संस्कृति का प्रचार-प्रसार हुआ। यूनान, मिश्र और रोम की सभ्यता का अंत कई सदियों पहले ही हो चुका है। लेकिन इतिहास से लेकर वर्तमान तक में भारत की संस्कृति आज भी जीवंत है।
हिन्दू वैदिक साहित्य है हमारे ऋषि़-मुनियों का अथक परिश्रम
हिन्दू धर्म की महान संस्कृति का मजबूत आधार है, यहाँ का ज्ञान और यह ज्ञान इनके वैदिक शास्त्रों और साहित्यों में मिलता है। महर्षि व्यास द्वारा रचित चार वेद, छह वेदांग अट्ठारह पुराण, 108 उपनिषद, रामायण, श्रीमद्भागवत गीता तथा कई अन्य वैदिक साहित्य हैं जिनमें ज्ञान का असीमित भण्डार हैं। ये हमारे ऋषि़-मुनियों का अथक परिश्रम है। सबसे अहम बात ये है कि इन शास्त्रों में लिखी गई बातों को हमने अपने कर्मों से जोड़ा है, जो न केवल आध्यात्म के नज़रिए से शुभ हैं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी एक दम तर्क संगत हैं।
धर्म ग्रंथ दो भागों में हैं विभाजित
हमारे धार्मिक कर्म-काण्ड ही तो हैं जो हमारी संस्कृति को महान बनाने में सबसे बड़ा योगदान देते हैं। हालाँकि हिन्दू धर्म ग्रंथों को दो भागों में विभाजित किया गया है। इनमें श्रुति और स्मृति हैं। श्रुति यानि सुनकर, अर्थात जो दैवीय पुरुषों से सुना हुआ ज्ञान। जबकि स्मृति का संबंध उस ज्ञान से है जो पहले सुना गया है फिर उसका स्मरण कर उसे ग्रंथों में लिपिबद्ध किया गया है। चार वेदों, ब्रह्म सूत्र और उपनिषद को श्रुति ग्रंथों में गिना जाता है। जबकि मनु स्मृति, रामायण, महाभारत और 18 पुराण इन्हें स्मृति ग्रंथ की श्रेणी में रखा गया है।
यहाँ हम आपके लिए हिन्दू साहित्य एवं धर्म-कर्म तथा पूजा पद्धति से जुड़े हुए लेख आपके लिए प्रकाशित कर रहे हैं। इन लेखों में निहित जानकारी से आप हिन्दू साहित्यों को न केवल सही से समझ सकेंगे बल्कि उसमें दिए गए ज्ञान को ग्रहण भी कर सकेंगे। इन लेखों में दुर्गा स्तुति, बाल गोपाल, रुद्राभिषेक जैसे अन्य रोचक और तथ्यात्मक लेख आपको पढ़ने को मिलेंगे। इन लेखों में आपको सरल भाषा में विस्तृत जानकारी मिलेगी जिससे आपके ज्ञान में भी वृद्धि होगी।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Horoscope 2025
- Rashifal 2025
- Calendar 2025
- Chinese Horoscope 2025
- Saturn Transit 2025
- Jupiter Transit 2025
- Rahu Transit 2025
- Ketu Transit 2025
- Ascendant Horoscope 2025
- Lal Kitab 2025
- Shubh Muhurat 2025
- Hindu Holidays 2025
- Public Holidays 2025
- ராசி பலன் 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2025
- ਰਾਸ਼ੀਫਲ 2025
- ରାଶିଫଳ 2025
- രാശിഫലം 2025
- રાશિફળ 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- রাশিফল 2025 (Rashifol 2025)
- Astrology 2025