Personalized
Horoscope
  • Talk To Astrologers
  • Talk To Astrologers
  • Personalized Horoscope 2025
  • Product Banner 2025
  • Brihat Horoscope
  • Ask A Question
  • Live Astrologers

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में जाना जाता है, जो भक्तों के सभी दुखों को हर कर उन्हें सभी प्रकार के भय और डर से मुक्त करते हैं। व्यक्ति अपने भयों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ तो करते ही हैं, साथ ही साथ यदि बजरंग बाण का पाठ करें, तो इससे भी आपको अचूक लाभ मिल सकता है। इस लेख के जरिये हम आपको बजरंग बाण से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। बजरंग बाण का किस प्रकार से पाठ करना चाहिए, ये जानना बेहद आवश्यक है। इसके अलावा इसका जाप कर आप किन समस्याओं से निपट सकते हैं, इस बारे में भी हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।

बजरंग बाण

बजरंग बाण

" दोहा "

"निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।"

"तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥"

"चौपाई"

जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।

जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।

जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।

आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।।

बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा।।

अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।।

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई।।

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।।

जै गिरिधर जै जै सुखसागर। सुर समूह समरथ भटनागर।।

ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहिंं मारु बज्र की कीले।।

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो।।

ऊँकार हुंकार प्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।।

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।।

सत्य होहु हरि शपथ पाय के। रामदूत धरु मारु जाय के।।

जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।।

वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।

पांय परों कर ज़ोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

जय अंजनिकुमार बलवन्ता। शंकरसुवन वीर हनुमन्ता।।

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक।।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर।।

इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की।।

जनकसुता हरिदास कहावौ। ताकी शपथ विलम्ब न लावो।।

जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा।।

चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई। पांय परों कर ज़ोरि मनाई।।

ॐ चं चं चं चं चपत चलंता। ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।

ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल। ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल।।

अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो।।

यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कौन उबारै।।

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।

यह बजरंग बाण जो जापै। ताते भूत प्रेत सब काँपै।।

धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहै कलेशा।।

"दोहा"

" प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान। "

" तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान।। "

इस प्रकार से करें बजरंग बाण का पाठ

बजरंग बाण को हनुमान जी की आराधना कर उनका आशीर्वाद पाने का सबसे अचूक उपाय माना जाता है। चूँकि बजरंग बली प्रभु श्री राम के परम् भक्त हैं, इसलिए बजरंग बाण में मुख्य रूप से भगवान् राम की भी सौगंध दी गयी है। ऐसी मान्यता है कि जब भी आप श्री राम का सौगंध लेंगें, तो हनुमान जी आपकी मदद के लिए ज़रूर अग्रसर होंगें। उपरोक्त बजरंग बाण में श्री राम की सौगंध इस निम्न पंक्तियों में दिलाई गयी है।

भूत प्रेत पिशाच निसाचर।अगिन बेताल काल मारी मर
इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की।राखु नाथ मर्याद नाम की।
जनक सुता हरि दास कहावौ।ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।
उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई।पाँय परौं कर जोरि मनाई।।

बजरंग बाण का पाठ करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की आराधना करें। इसके बाद श्री राम और सीता जी का ध्यान करें। अब हनुमान जी का मनन करते हुए उनसे अपनी मनोकामना पूरी करने की बात कहें। इसके बाद बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें। बजरंग बाण पाठ के बाद भगवान् श्री राम का कीर्तन करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। बजरंग बाण पाठ के लिए निम्न नियमों का करें पालन:

  • बजरंग बाण पाठ के लिए सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान से निवृत होकर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • कुश से बने आसन पर बैठकर बजरंग बाण का पाठ करें और पाठ से पहले संकल्प लें।
  • धूप, दीप और फूल चढ़ाते हुए पहले हनुमान जी की पूजा अर्चना करें।
  • आपने जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लिया है, उतनी बार उसका रुद्राक्ष की माला से पाठ करें या फिर बिना माला के गिनती याद रखते हुए जाप कर सकते हैं।
  • बजरंग बाण पाठ के दौरान इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि आप सभी शब्दों का उच्चारण सही कर रहे हों।
  • इस दौरान हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल चढ़ा सकते हैं।

बजरंग बाण का पाठ कर निम्नलिखित समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं

विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए: यदि आपके विवाहित जीवन में भी कोई समस्या आ रही है, तो हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कदली पेड़ के नीचे बैठकर बजरंग बाण का पाठ करने से आपको लाभ मिल सकता है। इसे हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन सुखमय बीतेगा।

ग्रह दोष समाप्ति के लिए: यदि आपकी कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष मौजूद है तो आपको नियमित रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इस दौरान आटे से बना दिया जलाना ना भूलें। ऐसा करके आप कुंडली में मौजूद दोषों को दूर करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

गंभीर बीमारियों से निजात: किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी जैसे कि अल्सर, कैंसर, लिवर में दिक्कत आदि बीमारियों से निजात पाने के लिए राहुकाल में हनुमान जी को कुल 21 पान के पत्तों की माला चढ़ाते हुए बजरंग बाण का पाठ करें। इस दौरान घी के दीये जलाना ना भूलें।

कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए: यदि आप कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपको मंगलवार के दिन खासतौर से व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के बाद बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इस दिन हनुमान जी को एक नारियल चढ़ाएं और उसे किसी लाल कपड़े में लपेट कर घर के एक कोने में रख दें।

वास्तुदोष दूर करने के लिए: वास्तुदोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप नियमित रूप से प्रतिदिन तीन बार बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो इससे आपके वास्तुदोष दूर हो सकते हैं। इसके साथ ही घर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करके भी इस दोष से मुक्त हो सकते हैं।

मांगलिक दोष दूर करने के लिए: मांगलिक दोष के निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार को यदि बजरंग बाण का पाठ किया जाए, तो इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द हो सकता है। साथ ही राहु और केतु की महादशा होने पर भी इसका पाठ लाभप्रद हो सकता है।

इसके अलावा बजरंग बाण का पाठ करके आप किसी भी अन्य मुसीबत से निजात पा सकते हैं। इसके साथ ही रात को सोने से पहले और ब्रह्ममुहूर्त में बजरंग बाण का पाठ करना फलदायी माना जाता है।

इन स्थितियों में ना करें बजरंग बाण का पाठ

बजरंग बली को शुभ फलदायी देवता माना जाता है। आप मनोकामना पूर्ण करने के लिए बजरंग बाण का तो ज़रूर कर सकते हैं लेकिन कुछ ऐसी भी स्थितियाँ होती हैं जिसके अंतर्गत आपको इसका पाठ नहीं करना चाहिए।

  • किसी को नीचे दिखाने की मनोकामना के साथ कभी ना करें बजरंग बाण का पाठ।
  • किसी भी अनैतिक कार्य को सिद्ध करने या विवाद की स्थिति में विजय पाने के लिए इसका पाठ ना करें।
  • दैनिक जीवन में आने वाली सामान्य बाधा से मुक्ति पाने की स्थिति में।
  • बिना प्रयास के ही किसी कार्य को सिद्ध करने के लिए बजरंग बाण का पाठ ना करें।
  • धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए इसका पाठ ना करें।
  • किसी को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ कदापि ना करें।

हमारे हिन्दू धर्मशास्त्र में विशेष रूप से बजरंग बाण को ख़ासा चमत्कारी और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना जाता है। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि आप किसी भी निरर्थक कार्य के लिए बजरंग बाण का पाठ कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बजरंग बाण का पाठ विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन करना लाभदायक साबित हो सकता है।

बजरंग बाण पाठ के दौरान ना करें ये गलतियाँ

  • बजरंग बाण का पाठ किसी भी दिन शुरू ना करें बल्कि खासतौर से मंगलवार के दिन ही इसका पाठ शुरू किया जाना चाहिए।
  • किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक इसका पाठ ज़रूर करें।
  • बजरंग बाण पाठ के दौरान सभी नियमों का पालन ज़रूर करें।
  • इस पाठ के दौरान विशेष रूप से लाल रंग के कपड़े धारण करें और ब्रह्मचर्य का पालन ज़रूर करें।
  • जितने दिन भी बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें, उस दौरान किसी प्रकार का नशा या मांसाहार का सेवन ना करें।

बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि

बजरंग बाण का पाठ कर आप निश्चित रूप से अपनी समस्या का समाधान तो कर सकते हैं लेकिन यदि इसके साथ ही बजरंग बाण को सिद्ध करने की विधि का प्रयोग किया जाए तो इससे तत्काल ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए आप निम्न विधि का प्रयोग कर सकते हैं:

विधि: बजरंग बाण सिद्धि के लिए मंगलवार की मध्यरात्रि को सबसे पहले पूर्व दिशा में एक चौकी स्थापित कर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें और एक कागज पर “ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्” मंत्र लिख कर उसे यथावत उस चौकी पर रख दें। इसके बाद चौकी के दायीं तरफ घी का दिया जला कर रख दें और कुश के आसन पर बैठकर बजरंग बाण का करीब पांच बार पाठ करें। इसके बाद कागज पर लिखे मंत्र को उठाकर घर में बने मंदिर में रख दें और रोज उसकी पूजा करें। माना जाता है कि ऐसा करने से जल्द ही आपकी कामना पूरी हो सकती है।

Astrological services for accurate answers and better feature

33% off

Dhruv Astro Software - 1 Year

'Dhruv Astro Software' brings you the most advanced astrology software features, delivered from Cloud.

Brihat Horoscope
What will you get in 250+ pages Colored Brihat Horoscope.
Finance
Are money matters a reason for the dark-circles under your eyes?
Ask A Question
Is there any question or problem lingering.
Career / Job
Worried about your career? don't know what is.
AstroSage Year Book
AstroSage Yearbook is a channel to fulfill your dreams and destiny.
Career Counselling
The CogniAstro Career Counselling Report is the most comprehensive report available on this topic.

Astrological remedies to get rid of your problems

Red Coral / Moonga
(3 Carat)

Ward off evil spirits and strengthen Mars.

Gemstones
Buy Genuine Gemstones at Best Prices.
Yantras
Energised Yantras for You.
Rudraksha
Original Rudraksha to Bless Your Way.
Feng Shui
Bring Good Luck to your Place with Feng Shui.
Mala
Praise the Lord with Divine Energies of Mala.
Jadi (Tree Roots)
Keep Your Place Holy with Jadi.

Buy Brihat Horoscope

250+ pages @ Rs. 399/-

Brihat Horoscope

AstroSage on MobileAll Mobile Apps

AstroSage TVSubscribe

Buy Gemstones

Best quality gemstones with assurance of AstroSage.com

Buy Yantras

Take advantage of Yantra with assurance of AstroSage.com

Buy Feng Shui

Bring Good Luck to your Place with Feng Shui.from AstroSage.com

Buy Rudraksh

Best quality Rudraksh with assurance of AstroSage.com

Reports

Live Astrologers