शुक्र सिंह राशि में वक्री (जुलाई 25 - सितम्बर 6, 2015) - जानें क्या होंगे आप पर प्रभाव!
शुक्र जुलाई 25, 2015 को सिंह राशि में वक्री होगा तथा यह सितम्बर 6, 2015 तक वक्री रहेगा। शुक्र के वक्री होने के साथ ही इसके प्रभावों में कई परिवर्तन आएँगे। पर क्या होंगे ये परिवर्तन जो आपकी राशि को भी प्रभावित करेंगे? आइये जानते हैं ज्योतिषी “ आचार्य रमन ” जी के साथ।
शुक्र जुलाई 25, 2015 को सिंह राशि में वक्री हो जाएगा। यह लगभग 43 दिन तक वक्री रहकर सितम्बर 6, 2015 को मार्गी होगा। शुक्र ग्रह मनुष्य के ऐश्वर्य, भोग-उपभोग पर नियंत्रण रखने के साथ ही सुंदरता और उससे जुड़े सभी उत्पाद पर भी नियंत्रण रखता है। सिंह एक तप्त राशि है और उसके स्वामी सूर्य को शुक्र अपना शत्रु मानता है। संभव है किन्हीं लोगों को इसके दुष्परिणाम स्वरुप कोई एलर्जी वगेरह त्वचा पर हो जाए अथवा कोई ऐसा कृत्य हो जाए जिससे उनको शारीरिक नुक्सान हो। अन्यथा शुक्र के अधिकतर प्रभाव सौम्य ही रहेंगे।
यदि आपकी शुक्र की प्रत्यंतर दशा चल रही हो तो आपको इसके प्रभावों की अनुभूति अधिक हो सकती है ।
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आइये देखते हैं आपकी राशि के ऊपर इसके क्या परिणाम हो सकते हैं :
मेष
कहते हैं “पूत सपूत तो क्यों धन संचय और पूत कपूत तो क्यों धन संचय”, लेकिन धन और पुत्र की कामना सबके ह्रदय में अंदर तक वास करती हैं। संतान स्वयं ही बहुत बड़ा धन है। और अच्छी संस्कारी संतान तो सोना है। पंचम भाव वैसे तो संतान का होता है लेकिन साथ ही स्वयं के आमोद-प्रमोद के लिए भी और मनोरंजन के लिए भी देखते हैं। जिन जातकों को घर में प्रसव की प्रतीक्षा है उनको थोड़ा इंतज़ार कर लेना चाहिए - अगर चिकित्सकीय रूप से संभव हो तो। अधिक समय और धन को मनोरंजन में व्यय मत कीजिये, अगले दिन फिर वही ज़िन्दगी हो जानी है। तो क्यों ऐसा काम करना कि सुबह उठकर ग्लानि हो कि कुछ कम में भी बात बन सकती थी? सलमान खान का शुक्र तो उनके जन्मगत शुक्र से अष्टम हो जाएगा, उनको तो प्यार मोहब्बत या किसी भी नशे से दूर ही रहना चाहिए नहीं तो फिर रुसवाई होने की सम्भावना है। सलमान खान भी तो मेष लग्न के हैं आपकी तरह!!!
वृषभ
शुक्र तो आपके लग्नेश हैं और लग्नेश का वक्री होना थोड़ा कष्ट तो देता है। लग्न बुद्धि भी है, जब लग्नेश वक्री हो जाता है तो थोड़ा बुद्धि को भी कमज़ोर कर देता है। होता ज़्यादा कुछ नहीं है - बस आप कोई गलत फैसला कर बैठते हैं कभी भावनाओं में आकर, कभी तैश में आकर और बाद में उसे बदलना पड़ जाता है। याद रखिये जीवन के सच्चे और सबसे आनंद दायक क्षण कभी पैसे देकर नहीं मिल सकते, वह हमेशा मुफ्त ही मिलते हैं और कभी भी पैसे से नहीं खरीदे जा सकते। जैसे किसी तपती हुई दोपहर में किसी पेड़ की छाँव में शीतल जल पीने का आनंद किसी भी 5 सितारा होटल में नहीं मिलेगा जहाँ सिर्फ दिखावा और धन का आडम्बर भरा रहता है। या आपके घर में पत्नी / पति के साथ कोई काम करते हुए या बच्चों के साथ खेलते हुए। ये सब विश्व की कोई संपत्ति आपको नहीं दे सकती। तो धन के आडम्बर को छोड़िये क्योंकि आपको उसमें अधिक रूचि हो सकती है, इन सच्चे सुख के पलों का आनंद लीजिये।
मिथुन
आपके लग्नेश बुध का तो शुक्र परम मित्र है, और यह भाव बुध और शुक्र दोनों को पसंद है। बुध को बोलना और शुक्र को दिखावा करना - दोनों के लिए ही लोगों की ज़रुरत पड़ती है। चाहे वह आप पास पड़ोस हो या बंधू बांधव या दफ्तर। सैफ अली खान को आपने देखा ही है, उनका शुक्र दशम भाव को देखता है - सिनेमा का ग्रह ही शुक्र है - इसलिए बड़ा लाभ देता है। मगर वही अब जन्म गत शुक्र से 12वां होने वाला है। तो विवादों में आ जाने वाले सैफ साहब फिर किसी से झगड़ा न कर बैठें, संभव है बहुत। आप भी थोड़ा संभल कर रहिएगा क्योंकि आपके तृतीय भाव में शुक्र वक्री होगा तो आप किसी तर्क वितर्क आदि प्रतियोगिता में पराजित हो सकते हैं या आपका विवाद हो सकता है। सावधानी में ही सुरक्षा है।
कर्क
काल पुरुष की कुंडली में वृषभ दुसरे भाव पर अधिपत्य रखती है। तो अपने ही घर में आना तो अच्छा ही है - कहीं से कोई बुराई नहीं है। लेकिन वक्र गति बड़ी दुखदायी हो जाती है। शुक्र को सब कुछ महंगा अच्छा लगता है, दिखावेदार होना चाहिए - भड़कीला, जिसे लोग देख कर रुक जाए और हाँ - तारीफ ज़रूर करें नहीं तो शुक्र के अहंकार को ठेस लग जाती है। तो यदि आपकी बॉस कर्क लग्न के /की हैं तो इस समय में आपको जहाँ तक हो उनके लिए अच्छा ही बोलना है और सब सुन लेना है। आपका बहुत लाभ हो जाएगा। जैसे जो लोग श्रीदेवी गोविंदा के क़रीबी हैं और इस लेख को पढ़ रहे हों तो ये सुझाव आपके काम आ सकता है क्योंकि दोनों ही कर्क लग्न के हैं। महंगा सामान खरीदना अच्छा होता है मगर इस वक़्त में टाल दीजिएगा। हो सकता है कोई खराब चीज़ महँगी ले आएँ।
सिंह
एक तो शुक्र कलयुग के लिए सबसे अच्छा ग्रह है दूसरा आपके लग्न में ही गोचर कर रहा था इतने दिन से और अब वक्री हो रहा है। तो थोड़ी सी बातों का ध्यान रखेंगे तो वैसे ही जीवन का आनंद चलता रहेगा जैसा चला आ रहा था। बस अधिक कुछ नहीं करना है, धर्म, नीति, संस्कार और स्थिरता - इन चार शब्दों को स्मृति में रखना है। शुक्र स्वार्थपरक ग्रह है - उसे सिर्फ अपने काम से मतलब होता है - अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता। तो आपको स्वार्थ से दूर रहना है, झूट से दूर रहना है, धर्म और संस्कार का मान रखना है। बस इतनी बात याद रखेंगे तो बहुत काम आएगी। करीब 43 दिन की बात है नहीं तो इतना नहीं समझाते आपको। अगर सीखना ही है तो रजनीकांत के निजी जीवन से सीखिये, वह भी आपकी तरह सिंह लग्न के जातक हैं किन्तु जीवन में कोई घमंड नहीं है।
कन्या
शुक्र को यह भाव बहुत प्रिय है। एकांत लगभग सभी को पसंद आता है कभी न कभी, शुक्र के लिए तो बहुत पसंदीदा है क्योंकि शुक्र से सम्बंधित शैय्या सुख इसी स्थान से देखते हैं, आत्महत्या भी यहीं से होती है। तो वक्री शुक्र आपको प्यार में आंशिक असफलता दे सकता है लेकिन उस से हताश होने की ज़रुरत नहीं है। कुछ छोटे-मोटे काम बिगड़ सकते हैं - मन खट्टा हो सकता है लेकिन ये तो जीवन है सब चलता रहता है - ज़रूरी थोड़ी है कि आपके साथ ज़िन्दगी भर सब अच्छा ही होगा। स्वयं प्रभु ने भी इस लोक में आकर कष्ट झेले हैं तो थोड़े से आप भी सही। तलत मेहमूद इतने बढ़िया गायक थे लेकिन किसको पता है कि उनके जीवन में कितने सुख दुःख आये और गए, कन्या लग्न के ही थे वे भी, कभी उनकी गायकी में आपको कुछ महसूस हुआ क्या?
तुला
दोस्तों के साथ घूमना फिरना मस्ती के दिन, बॉय फ्रेंड्स - गर्ल फ्रेंड्स, खाना पीना, महंगे कपडे, इत्र, सब कितना याद आता है जो अभी युवा है उनके जीवन में तो रोज़ ही लगा रहता है यह सब - हमारा समाज इतना तरक्की जो करते जा रहा रोज़ रोज़। माधुरी दीक्षित को देखिये, तुला लग्न और कितना जीवंत चेहरा है किन्तु वो हों या आप, शुक्र लग्नेश होकर वक्री होगा तो कुछ न कुछ हानि तो करेगा ही। बहुत अधिक तो नहीं मगर हाँ सामान्य मनमुटाव की स्थिति बन सकती है, आपको कुछ रोष झेलना पड़ सकता है मगर शांत रहेंगे तो सब अच्छा ही होगा।
वृश्चिक
शुक्र दशम भाव में चल ही रहा है, अपने संजू बाबा भी आनंद ले रहे हैं, आपकी ही तरह वे भी वृश्चिक लग्न ही हैं। भले ही वे जेल में रहे या बाहर - दुखी नहीं होते - या जनता के सामने बहुत ही कम अपना दुःख प्रकट करते हैं। ये एक अच्छी अादत है सभी को अपनानी चाहिए। आज का समय ही ऐसा है कि लोगों के सामने अपने दुखड़े रोयेंगे तो उल्टा आपका और मज़ाक बनेगा और आपकी रेपुटेशन खराब हो जायेगी। दशम भाव में कोई ग्रह वक्री होता है तो कभी-कभी बड़ी दुविधा पूर्ण स्थिति बन जाती है और आपको चाहिए की संयम बनाये रखें और विपरीत लिंग के जातकों से ख़ास तौर पर बच के चलिए।
धनु
नवम भाव में दूर की यात्रा - विदेश, विदेशियों से सम्बन्ध, कारोबार, आयत-निर्यात की क्रियाएँ आदि आती हैं। जो लोग इन सब चीज़ों में लगे हुए हैं उनको तो फ़ायदा तो चल ही रहा था मगर अभी उनको थोड़ा संभल कर अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए और हर बात की बारीकी से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए। जो किसी और पेशे में हैं उनको भी लाभ के योग चल रहे थे मगर अभी उनको भी थोड़ा विराम देना चाहिए। कुछ लोगों को प्रेम में थोड़ी निराशा हो सकती है, बनी बनाई बात बिगड़ सकती है। धन की चिंता मत कीजिये, वह आता ही रहेगा। विवाह का मन हो रहा है अपने प्रेमी / प्रेमिका के साथ तो थोड़ा ठहर के करना अच्छा होगा। सोनाली कुलकर्णी, रेखा दोनों ही आपके धनु लग्न की हैं - देखते हैं ये शुक्र इनके जीवन में क्या परिवर्तन लाता है।
मकर
धीरज धर्म मित्र अरु नारी आपद काल परखिहहु चारि - यहाँ शुक्र के आने पर मुझे यही चौपाई याद आयी। धीरज और धर्म, मित्र और नारी सबकी परीक्षा ऐसे ही समयों में होती है जब हमारे सामने विकल्प बहुत असामान्य हों - ज़रूरी नहीं है कि भारी भरकम दुःख आये तभी इनकी असलियत सामने आती है। सुख दुःख तो लगे ही रहते हैं - संस्कार ही सबसे बढ़ी शक्ति होते हैं। तो शुक्र बहुत आधुिक काम वासना व्यभिचारिता देता है इस घर में और कहीं से आपका मंगल यहीं है जन्म समय में तो बहुत ही दिक्कत हो सकती है। बड़े बड़े धैर्यवान लोगों का धैर्य भी लालच के आगे घुटने टेक देता है। ये नशा होता ही ऐसा है। आपको भी बस वह आधी चौपाई याद रखनी है और कुछ नहीं करना। दिलीप कुमार, संजीव कुमार कितने बड़े अदाकार थे - आपकी ही लग्न - मकर - के लोग थे मगर कभी उनपर ये सब हावी नहीं हो पाया, आज का दौर ही अलग दौर है। दिलीप साहब तो हैं अभी और ईश्वर करे कि सदा बने रहे।
कुम्भ
जा पर कृपा राम की होये ता पर कृपा करे सब कोये। भाग्य से ही प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मुश्किल घड़ियों में हम आगे बढ़ पाते हैं। कितने ही लोग तो ज़रा सी मुश्किल से जीवन से ही हार मान बैठते हैं और ऐसे लोगों में से कुम्भ लग्न के काफी लोग होते हैं। मगर अमिताभ बच्चन को देखिये - कुम्भ लग्न का सबसे चमत्कारी पुरुष - इतना बड़ा एक्सीडेंट कुली फिल्म में हुआ, मगर जीवित बचकर आ गए, देश के लोगों की दुआ काम आ गयी। मगर सबके साथ ऐसा नहीं होता। गुरुदत्त कुम्भ राशि के थे। अधिक सहन नहीं कर पाये। तो भाग्येश वक्री होने से थोड़ी असुविधा तो होती है मगर प्रभु का स्मरण सब दुखों को दूर कर देता है।
मीन
सहकर्मियों से आपको रुचिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए, थोड़ी बहुत असुवुधा को अधिक गंभीर रूप में नहीं लेना चाहिए। आपको सभी के साथ अपना व्यवहार बढ़िया रखना चाहिए, आपके घरेलु कृत्य भी कुछ गलत कर देते हैं तो उसको ध्यान में मत लाइए, समय ही ऐसा है तो क्या कीजियेगा। प्रेम सम्बन्ध में कुछ परेशानियाँ हो सकती है। आपको अपने वाहन पर व्यय करना पड़ सकता है। लेकिन इस दौरान आपके अपने शत्रुओं से बच के रहना चाहिए। जानी न जाए निसाचर माया कालनेमि केहि कारण आया - एकदम से किसी पर पूर्ण भरोसा करना ठीक नहीं होता।
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