गुरु कन्या राशि में वक्री (फ़रवरी 06, 2017)
जैसा कि हम जानते हैं कि गुरु यानि बृहस्पति ज्ञान के सागर हैं और 6 फ़रवरी 2017 को 12:12 बजे गुरु कन्या राशि में वक्री कर रहे हैं जो कि 9 जून 2017 को 19:35 बजे यहाँ से अग्रसर होंगे, लिहाज़ा इस वक्री के दौरान गुरु की कृपा दृष्टि आपके जीवन पर कैसे पड़ेगी यह जानने के लिए यह राशिफल पढ़ना आपके लिए आवश्यक है।
मेष
वक्री के दौरान गुरु आपके छटे भाव में रहेगा। ऐसे में आप बेहतर परिणाम पाने के लिए बहुत मेहनत करेंगे। आपके स्वास्थ्य में भी वक्री के दौरान ज़बरदस्त सुधार देखने को मिलेगा। आप मोटापा के शिकार हो सकते हैं, लिहाज़ा इसका ख़्याल रखें। हालाँकि कुछ क़ानूनी मसले आपको परेशान कर सकते हैं, परंतु चिंता की कोई बात नहीं है उनका परिणाम आपके हित में होगा। वहीं जो छात्र उच्च शिक्षा का विचार कर रहे हैं किस्मत उनके साथ है। आप अपने जन्मस्थान को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। आप अपनी इनकम में वृद्धि को लेकर नए श्रोतों को खोजने में सफल रहेंगे, जो आपके भविष्य को संवारेगा। आपके पिता भी आप पर गर्व महसूस करेंगे।
उपाय: पानी में हल्दी डालकर नहाएँ।
वृषभ
वक्री के दौरान गुरु आपके पाँचवें भाव में रहेगा, जिससे आपको शिक्षाक्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। आर्थिक पक्ष के लिहाज से अचानक लाभ मिलेगा, जिससे आपकी आय में इज़ाफ़ा होगा, हालाँकि इसके लिए आपको कड़ी मेहनत भी करनी होगी। आपकी रुचि ज्ञान प्राप्त करने एवं कुछ सीखने के प्रति कुछ ज़्यादा होगी। पर्सनल रिलेशनशिप में आप बड़ा बदलाव पाएंगे। हो सकता है इस रिश्ते को आप शादी में बदलने का वादा करें। इस दौरान आप किसी विवाद आदि में न पड़े अन्यथा आपके लिए यह बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। बच्चों को लाभ मिलेगा। छात्र भी शिक्षा क्षेत्र में अपने लक्ष्यों को भेदेंगे। बड़े भाई-बहन से आपको निश्चित ही कोई लाभ मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में यदि आपको कोई दिक़्क़त आएगी तो सीनियर्स की सहायता वह समस्या दूर हो जाएगी। आध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी।
उपाय: अपने दाहिने हाथ में सरसों के सात बीज पकड़ें और मुख को सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएँ और बाद में बीज फेंक दें।
मिथुन
वक्री के दौरान गुरु की कृपा आपके चौथे भाव में होगी। ऐसे में आपके वैवाहिक जीवन में इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। पेशेवर जीवन में लाभ मिलेगा। साथ ही यदि आप साझेदारी में व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको व्यापार में मुनाफ़ा देखने को मिलेगा। कार्यक्षेत्र में भी आपको बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। घर में सामंजस्य की स्थिति बनी रहेगी और प्रेम जीवन में तो और भी प्रगाढ़ता देखी जा सकती है। प्रोफ़ेशनल प्रयासों में भी आपको जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा और ससुराल पक्ष से भी रिश्ता मजबूत होगा। गुरु के आशीर्वाद से आपके घर पर कोई शुभ कार्य भी हो सकता है। स्वास्थ्य लाभ मिलने के योग हैं।
उपाय: जिस अंगुली में आप अंगूठी पहनते हैं उसके द्वारा केसर का तिलक लगाएँ। तिलक को पहले नाभी में फिर गले में, उसके बाद दोनों कानों में, फिर माथे में और अंत में जीभ पर लगाएँ।
कर्क
वक्री के दौरान गुरु आपके तीसरे भाव में विराजमान होगा। इससे आपकी किस्मत चमकेगी। धार्मिक क्रिया-क्लापों में आपका मन अधिक लगेगा। हो सकता है इस दरम्यान आप तीर्थ यात्रा पर भी निकल जाएँ। वैवाहिक जीवन भी सुख शांति दिख रही है। परंतु आप अपने ठाठ-बाट के कारण कुछ आलसी भी हो सकते हैं। इसके विपरीत देखा जाए तो आय आगमन के भी अच्छे योग हैं। समाज में पहचान तो मिलेगी ही उसके साथ सम्मान भी प्राप्त होगा। पेशेवर जीवन में उन्नति दिख रही है। पिताजी आपके प्रयासों में मदद करेंगे। भाई-बहन भी हरसंभव मदद को तैयार रहेंगे। ध्यान रखिए, आपके विरोधी इस दौरान आप पर हावी होने के बारे में सोचेंगे। यदि आप अपने आलसीपन को दूर करेंगे तो निश्चित ही सफलता आपके क़दम चूमेगी। मौज-मस्ती के लिए आप छोटी यात्रा पर भी निकल सकते हैं।
उपाय: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी जी की आराधना करें। साथ ही उन्हें चंदन की लकड़ी और पीत पुष्प भेंट करें।
सिंह
वक्री के दौरान गुरु आपके दूसरे भाव में रहेंगे। ऐसे में धन संचयी हेतु आप कड़ी मेहनत करेंगे। नौकरी-पेशा में लाभ प्राप्त होगा। घर में कोई धार्मिक आयोजन भी हो सकता है। गुरु की कृपा से कोई पैतृक संपत्ति भी प्राप्त हो सकती है। ससुराल पक्ष से लाभ पाने का कोई ज़रिया सामने आएगा। शिक्षा क्षेत्र में भी अच्छे परिणामों की प्राप्ति संभव है। बच्चे अपने मार्ग पर आगे बढ़ेंगे, हालाँकि स्वास्थ्य को लेकर आपको थोड़ी चिंता हो सकती है। मिष्ठान आदि न खाएँ। कोई पुराना उधार आप चुक्ता कर सकते हैं। घर में ख़ुशियों का माहौल देखने को मिलेगा। वहीं जो लोग शिक्षा एवं फ़ाइनेंस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उन्हें बेतहाशा लाभ होने की उम्मीद है।
उपाय: प्रतिदिन भगवान राम की आराधना करें।
कन्या
वक्री के दौरान बृहस्पति कन्या राशि पर विराजमान रहेगा। ऐसे में आपके रिश्ते जीवनसाथी के साथ मधुर होंगे। आप एक-दूसरे की बख़ूबी मदद करेंगे, हालाँकि इस रिश्ते में किसी प्रकार की अनबन की भी गुंजाइश रहेगी। ख़र्च पर वृद्धि की संभावना है। रुके हुए क़ानूनी मसलों पर आपका समय व्यय हो सकता है, गुरु की कृपा से आपकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी। धार्मिक क्रिया-क्लाप की ओर आपका झुकाव हो सकता है। माताजी के स्वास्थ्य पर भी सुधार देखने को मिलेगा। पेशेवर जीवन में साझेदारी को थोड़ा रोकें। आपके विदेश यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। अपने लक्ष्य को पाने के लिए आप कठिन परिश्रम से नहीं चूकेंगे।
उपाय: गुरुवार के दिन ज़रुरतमंदों को नमक वितरण करें।
तुला
गुरु की कृपा आपके 12वें भाव में बरसेगी। ऐसे में आपके ख़र्च पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। जेब से पैसा अधिक ख़र्च होगा, हालाँकि इसके साथ ही इनकम में वृद्धि होगी। कई श्रोतों से आय का आगमन संभव है। अपने व्यक्तिगत ख़र्चे के चलते हो सकता है आपको लोन लेने की आवश्यकता पड़े। ध्यान रखिए, आपके विरोधी आप पर हावी होने की फ़िराक़ में होंगे। स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है, लिहाज़ा अपने खाने-पीने की चीज़ों पर विशेष ग़ौर कीजिए। यदि कोर्ट-कचहरी का मामला है तो शायद आपको इसमें आशानुरुप परिणाम प्राप्त न हो पाए। धार्मिक क्रिया-क्लाप की ओर आपका झुकाव हो सकता है। भाई-बहन को लाभ प्राप्ति के संकेत हैं। विदेश श्रोत मुनाफ़ा हो सकता है।
उपाय: केले के वृक्ष अथवा भगवान विष्णु के मंदिर पर आलू चढ़ाएँ।
वृश्चिक
गुरु के कन्या में वक्री के दौरान बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इससे नौकरी-पेशा में आपको लाभ मिलेगा। घरेलू जीवन में भी शांति एवं सामंजस्य बना रहेगा। हाँ, ऑफ़िस आदि में सीनियर्स के साथ बहसबाज़ी करने से बचेंगे तो परिणाम आपके हित में होगा। बस अपने काम पर आपका ध्यान रहना चाहिए। आप विरोधियों पर हावी रहेंगे और आय में वृद्धि में होने की संभावना है। आपका सामाजिक दायरा भी सकारात्मक होने का वादा कर रहा है। वक्री के दौरान आपके अंदर सुझाव एवं उपदेश देने की प्रवृति दिखेगी, हालाँकि दूसरे लोग इसे कैसे लेंगे यह उन पर निर्भर करेगा। गुरुवार के दिन ध्यान से किसी से पैसे उधार लेने से बचें। यदि किसी की शादी में देरी हो रही है तो वे मायूस न हों, बल्कि उस पल का मज़ा लें। शादी शुदा लोग भी जीने का पूरा आनंद उठाएँ।
उपाय: नहाने के पानी में हल्दी का मिश्रण करके नहाएँ और गुरुमंत्र का रोज़ जाप करें।
धनु
गुरु वक्री के दौरान बृहस्पति आपके दसवें भाव में विराजमान होगा। ऐसे में आप नौकरी-पेशा में अपने तय लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। घरेलु जीवन में सामंजस्यपूर्ण परिस्थिति के साथ ख़ुशियों का माहौल बना रहेगा। आपकी दीर्घकाल से रुकी हई इच्छा भी पूर्ण हो पाएगी। इस दौरान आपका मन दान-दक्षिणा में ख़ूब लगेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं, हालाँकि कोई लंबी यात्रा आपके योग में है। कार्यक्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत आपको सफलता की सीढ़ियों पर पहुँचाएगी। परिस्थितियों में सुधार होगा और आप कोई नया वाहन ख़रीदने पर भी विचार कर सकते हैं। छात्रो को भी शिक्षाक्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा।
उपाय: “ओम् गुम गुरुवै: नम:” का जाप करें।
मकर
वक्री के दौरान गुरु आपके 9वें भाव में होगा जिसके कारण आपको विदेशी सरज़मीं से आय प्राप्त होगी। निजी एवं पेशेवर जीवन में भाई-बहन का सहयोग प्राप्त होगा। सेवा भाव में आप दान भी कर सकते हैं। छात्रों को पढ़ाई में सफलता मिलेगी और आध्यात्म में भी आपकी रुचि जागेगी। आप अपनी जॉब में परिवर्तन करने पर भी विचार कर सकते हैं। साझेदारी में व्यापार आपके लिए मुनाफ़ा कारक होगा, हालाँकि आपकी आय में वृद्धि की संभावना के साथ-साथ ख़र्चा भी ज़्यादा है, इसलिए बुद्धिमानी से पैसा ख़र्च करें।
उपाय: भगवान विष्णु को कपूर चढ़ाएँ।
कुंभ
वक्री के दौरान गुरु आपके आठवें भाव में विराजमान होगा जिससे आपके द्वारा धन अधिक व्यय होगा। इसके अलावा आपको आर्थिक हानि भी हो सकती है। ससुराल में भी आपका व्यापक ख़र्चा हो सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट देखी जा सकती है। आय में वृद्धि संभव तो है, परंतु इसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी। दूसरों से बात करते समय अपनी वाणी में धैर्य एवं संयम रखें। किसी के साथ ग़लत व्यवहार न करें। अन्यथा भविष्य के लिए यह आपके लिए हानि कारक सिद्ध हो सकती है। आपको कोई अनचाही यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है। अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखें। खाने-पीने की चीज़ों को लेकर किसी प्रकार की कोताही न बरतें। स्वस्थ्य भोजन ही करें। अचानक किसी अनचाही परिस्थितियों से भी आपको गुजरना पड़ सकता है, लिहाजा़ उसके लिए तैयार रहें।
उपाय: पीपल के वृक्ष की जड़ में शुद्ध जल, हल्दी, कपूर एवं नींबू चढ़ाएँ।
मीन
वक्री के दौरान गुरु आपके सातवें भाव में विराजमान होगा जिसके कारण आपकी मैरिड लाइफ़ के ख़ुशहाल रहने के योग हैं। आप अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रहेंगे। गुरु का कन्या में वक्री आपके लिए लाभकारी है। आर्थिक लाभ आपके योग में है और व्यापार में इसका फ़ायदा आपको दिखता हुआ नज़र आएगा। पार्टनरशिप बिजनेस में भी लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वक्री लाभकारी है। किसी बीमारी अथवा कोई चोट से आप उभर पाएंगे। आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा और नौकरी पेशा में भी सफलता हाथ लगेगी, बशर्ते आपको अपनी बुद्धि और परिश्रम का उपयोग करना होगा। आध्यात्म की ओर आपकी रुचि हो सकती है। बजाय निराशावादी होने के सकारात्मक व्यक्ति बनें और यही आपकी सोच होनी चाहिए।
उपाय: "ओम् ब्रिम बृहस्पते: नम:" का जाप करें।
एस्ट्रोसेज की ओर से हम आशा करते हैं कि उपरोक्त राशिफल एवं उसमें दिए गए उपाय आपके जीवन में सुख एवं समृद्धि लाए।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Horoscope 2025
- Rashifal 2025
- Calendar 2025
- Chinese Horoscope 2025
- Saturn Transit 2025
- Jupiter Transit 2025
- Rahu Transit 2025
- Ketu Transit 2025
- Ascendant Horoscope 2025
- Lal Kitab 2025
- Shubh Muhurat 2025
- Hindu Holidays 2025
- Public Holidays 2025
- ராசி பலன் 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2025
- ਰਾਸ਼ੀਫਲ 2025
- ରାଶିଫଳ 2025
- രാശിഫലം 2025
- રાશિફળ 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- রাশিফল 2025 (Rashifol 2025)
- Astrology 2025