शुक्र का मेष राशि में गोचर (12 मार्च 2023)
शुक्र का मेष राशि में गोचर 12 मार्च, 2023 की सुबह 08 बजकर 13 मिनट पर होगा। हिंदू पौराणिक कथाओं में शुक्र देव का जिक्र कई जगह मिलता है। शुक्र महाराज को दैत्यों और असुरों के राजा के तौर पर दर्शाया गया है। इन्हें शुक्राचार्य और असुराचार्य भी कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख का कारक माना जाता है। साथ ही इसे मॉर्निंग स्टार यानी कि भोर का तारा भी कहा जाता है। शुक्र के प्रभाव से जातकों को भौतिक सुख, शादीशुदा जीवन में सुख, ज़िंदगी में तरक्की और यश की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि शुक्र देव के गोचर का अहम महत्व है। यह राशियों के जीवन में कई सारे बदलाव ला सकते हैं। हालांकि, शुक्र देव एक शुभ ग्रह हैं, इसलिए परिणाम ज्यादातर सकारात्मक ही होते हैं।

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शुक्र देव वृषभ और तुला राशि पर शासन करते हैं। आम जीवन में शुक्र महाराज धन, समृद्धि, भौतिक सुख, सुंदरता, यौवन, प्रेम संबंध, शारीरिक सुख जैसी चीजों को दर्शाते हैं। साथ ही कला, कविता, डिजाइनिंग, ग्लैमर, फैशन, बहुमूल्य रत्न, लग्जरी चीजें जैसे गाड़ी और भोजन के कारक माने जाते हैं।
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12 मार्च 2023 को शुक्र देव राशि चक्र की पहली राशि यानी कि मेष में गोचर करेंगे। मेष राशि पर मंगल ग्रह का शासन है। मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि बहादुरी, तटस्थता और ऊर्जा को दर्शाती है। अब आप यह तो समझ ही गए होंगे कि शुक्र महाराज और मेष राशि दोनों ही एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत प्रवृत्ति के हैं लेकिन "विपरीत ध्रुवों के बीच आकर्षण होता है", यह बात यहाँ पर एकदम फिट बैठती है। सामान्य तौर पर देखें तो इस गोचर के प्रभाव से लोग अपनी भावनाएं खुल कर दुनिया के सामने रखने में सफल होंगे। यह भी कहा जा सकता है कि शुक्र का मेष राशि में गोचर होने से लोग दिखावे की प्रवृत्ति अपना सकते हैं। अब राशि अनुसार इसका क्या प्रभाव होगा, आइए जानते हैं विस्तार से।
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Read in English: Venus Transit in Aries (12 March 2023)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव परिवार, धन और संवाद को दर्शाता है और सातवां भाव जीवनसाथी का भाव होता है। मेष राशि में शुक्र का गोचर लग्न भाव में होगा। हम यह तो जानते ही हैं कि शुक्र एक शुभ ग्रह हैं और यह गोचर भी आपके लिए शुभ साबित होने वाला है।
शुक्र के गोचर से जातकों के व्यक्तित्व में कई सकारात्मक बदलाव आएंगे। इस दौरान आप लग्जरी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। साथ ही आप खुद को सुंदर बनाने में धन खर्च कर सकते हैं। मेष राशि के जातकों को अपने परिवार, दोस्तों और करीबियों से भरपूर प्रेम और सहयोग मिलेगा। कुल मिलाकर आपकी पर्सनालिटी काफी आकर्षक बनेगी। मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें भाव के स्वामी भी हैं, जिसके प्रभावस्वरूप सिंगल जातकों की लव लाइफ आगे बढ़ेगी। आपको प्रेम संबंध के नए प्रस्ताव प्राप्त हो सकते हैं। वहीं शादीशुदा जातकों को भी अपने पार्टनर का पूरा समर्थन मिलेगा और आप दोनों के बीच प्रेम बढ़ेगा।
उपाय- रोज़ाना परफ्यूम का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और ख़ास तौर पर चंदन की खुशबू का इस्तेमाल करें।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र देव आपकी कुंडली के बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बारहवां भाव विदेशी ज़मीन, अस्पताल और खर्चों को दर्शाता है। शुक्र का मेष राशि में गोचर वृषभ राशि के जातकों की सेहत में परेशानियां पैदा कर सकता है। आपको इस दौरान किसी बीमारी से जूझना पड़ सकता है, जिस पर आपको धन खर्च करने की आवश्यकता होगी।
वृषभ राशि के जातकों को सलाह दी जाती है कि इस दौरान अपनी सेहत को लेकर ज़रा भी लापरवाह न हों। आपको अपना खानपान नियमित रखना होगा और नियमित रूप से व्यायाम करना होगा। इसके साथ ही आपको अपने विवाह और प्रेम संबंध से अलग किसी भी तरह का अनैतिक संबंध न रखने की भी सलाह दी जाती है। इसके चलते आपकी बदनामी हो सकती है या फिर आप किसी तरह के कानूनी दांव-पेंच में फंस सकते हैं। लेकिन इस गोचर में आपके लिए एक सकारात्मक पक्ष भी है, अगर आप विदेश जाने की तैयारी में हैं तो यह वक्त आपके लिए अच्छा साबित होगा।
उपाय- शुक्रवार के दिन पिंक या क्रीम कलर के कपड़े पहनें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मेष राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। यह भाव आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और मामा को दर्शाता है। आमतौर पर शुक्र देव लग्जरी लाइफ और धन का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए मिथुन राशि के जातकों के लिए यह वक्त आर्थिक लाभ लेकर आएगा। इस दौरान आपको भौतिक सुख का पूरा आनंद मिलने की संभावना है। आपको किसी विदेशी ज़मीन से भी लाभ हो सकता है। इसके अलावा इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का बिज़नेस करने वाले जातकों को अपने विदेशी संपर्क के चलते फायदे हो सकते हैं।
कुंडली का ग्यारहवां भाव नेटवर्किंग, सामाजिक रिश्ते और दोस्ती को दर्शाता है। इस गोचर के प्रभाव से आप अपना काफ़ी वक्त दोस्तों के साथ बिताएंगे। आप कई नए लोगों से संपर्क भी बना सकते हैं, जो आपके लिए भविष्य में लाभकारी साबित होंगे। शुक्र ग्यारहवें भाव से आपकी कुंडली के पांचवे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जो कि शिक्षा, प्रेम, रोमांस और बच्चों का भाव होता है। ऐसे में आपको अपने बच्चों से कोई सुखद समाचार मिलने की संभावना है। छात्रों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर लाभकारी साबित होगा। आप शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होंगे। इसके साथ ही छात्रों के अंदर चीजों को याद करने की क्षमता का विकास होगा। मिथुन राशि के जातकों की लव लाइफ के लिए यह समय बेहद शानदार साबित होगा। आपके रिश्ते में रोमांस बढ़ेगा।
उपाय- शुक्रवार के दिन अपने पर्स में चांदी का एक टुकड़ा रखें।
कर्क
कर्क राशि की कुंडली में शुक्र को चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है और अब यह आपके दसवें भाव में गोचर कर रहे हैं। दसवां भाव पेशेवर जीवन को दर्शाता है और यह समय नौकरीपेशे वाले जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। अगर महिलाएं घर पर किसी तरह का बिज़नेस शुरू करने के विचार में हैं, जैसे कि बुटीक आदि तो यह अवधि आपके लिए बिल्कुल सटीक है। जो जातक फीमेल प्रोडक्ट का बिज़नेस कर रहे हैं या फिर लग्जरी चीजों की डील करते हैं, वे अच्छा मुनाफा कमाने में सफल होंगे।
नौकरीपेशे वाले जातकों को अपने कार्यस्थल पर नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है, जिसमें आप पूरी तरह से सफल होंगे। इस दौरान आपकी मुलाकात किसी प्रभावशाली व्यक्ति से होने की संभावना है, जो आपके करियर के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। शुक्र महाराज दसवें भाव से चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके प्रभाव से आपको चौथे भाव से जुड़े मामलों में भी लाभ होने की संभावना है। आपका पारिवारिक जीवन खुशियों से भरा रहने वाला है। अगर आप घर, गाड़ी या कोई लग्जरी आइटम खरीदने के विचार में हैं तो लिए यह समय बिल्कुल सही है। इसके साथ ही आप अपने घर के रिनोवेशन में भी कुछ धन खर्च कर सकते हैं।
उपाय- घर और कार्यस्थल पर श्री यंत्र स्थापित करें और उसकी पूजा-अर्चना करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र देव तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब शुक्र आपकी कुंडली के नौवें भाव में गोचर करेंगे। यह भाव धर्म, पिता, लंबी-दूरी की यात्रा और भाग्य को दर्शाता है। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि शुक्र का मेष राशि में गोचर आपके लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा और खासतौर से विवाहित जातकों के लिए। जो जातक अपनी नौकरी में किसी ख़ास तरह का बदलाव तलाश रहे हैं, उनके लिए यह गोचर सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा। इसके अलावा आपको काम के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है।
फिल्म, मीडिया, कला के क्षेत्र में काम करने वाले जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर अच्छे अवसर लेकर आ सकता है। शुक्र देव नौवें भाव से तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जो कि व्यक्ति की रुचि को दर्शाता है। अगर आप अपने मनपसंद काम को करियर के तौर पर शुरू करना चाहते हैं तो यह समय लाभदायक है। इसके अलावा इस गोचर के दौरान सिंह राशि के जातकों को अपने छोटे भाई-बहनों से पूरा प्रेम और समर्थन मिलेगा।
उपाय- शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें और कमल का फूल चढ़ाएं।
कन्या
कन्या राशि और शुक्र देव दोनों में ही मित्रता है। आपकी कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शुक्र महाराज शासन करते हैं और अब यह आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव दीर्घायु, अचानक होने वाली घटना और गोपनीयता को दर्शाता है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आठवें भाव में किसी भी ग्रह का गोचर लाभकारी नहीं माना जाता है, लेकिन शुक्र की स्थिति यहां दूसरे ग्रहों से काफी बेहतर हो सकती है। शुक्र का मेष राशि में गोचर, कन्या राशि के जातकों के लिए ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपके पिता की सेहत पर असर पड़ सकता है इसलिए नियमित रूप से उनका हेल्थ चेकअप करवाते रहें और उनकी सेहत का ख्याल रखें। इस दौरान आपको ऐसा भी लग सकता है कि भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है।
कन्या राशि के जातकों को अपनी सेहत को लेकर भी काफी सचेत रहना होगा। इसके साथ ही आपको स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना होगा। आशंका है कि आप यूटीआई, एलर्जी, प्राइवेट पार्ट में संक्रमण जैसी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। अगर इस गोचर के सकारात्मक पक्ष की बात करें, तो शुक्र देव दूसरे भाव के स्वामी के रूप में अपने ही भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि आर्थिक तौर पर आपके लिए यह गोचर काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आपकी धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होगी। साथ ही आपको पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है। इसके अलावा ससुराल पक्ष से आपके संबंध मज़बूत होंगे।
उपाय- रोज़ाना महिषासुर मर्दिनी पाठ का जाप करें।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवां भाव शादी, जीवनसाथी और बिज़नेस में साझेदारी को दर्शाता है। मेष राशि में शुक्र का गोचर दर्शाता है कि आपके प्रेम संबंध के लिए यह अवधि अच्छी रहने वाली है। यह गोचर सिंगल जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा। आप किसी नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं। शादीशुदा जातक अपने जीवन का भरपूर आनंद उठाएंगे। आठवां भाव गोपनीयता को दर्शाता है। ऐसे में आशंका है कि इस दौरान आपका कोई अफेयर शुरू हो सकता है जो कि आपके वैवाहिक जीवन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होगा और इस कारण आपकी छवि ख़राब हो सकती है।
आपको सलाह दी जाती है कि खुद को काबू में रखें और अपने पार्टनर के साथ समय बिताने का
प्रयास करें। सातवें भाव से शुक्र महाराज आपकी कुंडली के लग्न भाव पर दृष्टि डाल रहे
हैं, जिसके प्रभाव से आप आकर्षक बनेंगे और आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी। मेष राशि में
शुक्र के गोचर के दौरान आप अपनी पर्सनालिटी पर ध्यान देंगे और इसके लिए आप धन भी खर्च
कर सकते हैं।
उपाय- शुक्र देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दाएं हाथ की अनामिका उंगली
में हीरा या ओपल धारण करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लिए शुक्र देव सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। छठा भाव शत्रु, रोग, प्रतिस्पर्धा और मामा को दर्शाता है। शुक्र का मेष राशि में गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। शुक्र महाराज आपके सातवें भाव के स्वामी होने के साथ ही शादी के कारक भी हैं, लेकिन छठे भाव में शुक्र का गोचर दर्शाता है कि आपके वैवाहिक जीवन के लिए यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। इस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ अनचाहे विवाद में पड़ सकते हैं।
गलतफहमी और तालमेल न होने के कारण आपके रिश्ते में परेशानियां आने की आशंका है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने पार्टनर से बात करते वक्त काफी सावधानी बरतें। इसके अलावा शुक्र महाराज बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके कारण आपको अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है। किसी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी या फिर घूमने-फिरने में आपका धन खर्च होने की अधिक संभावना है। हालांकि आप जो पैसा खर्च करेंगे, उसका आपको लाभ मिलेगा।
उपाय- नेत्रहीन लोगों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को दान दें।
धनु
धनु राशि के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के पांचवे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव शिक्षा, प्रेम संबंध और बच्चों को दर्शाता है। शुक्र के मेष राशि में गोचर के प्रभाव से छात्रों को लाभ होने की संभावना है। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं, डिबेट, ड्रामा, सिंगिंग और डांसिंग की तैयारियों में लगे हैं, वे अच्छा प्रदर्शन करने में सफल होंगे। इसके अलावा शादीशुदा जातकों के घर में किसी नए मेहमान का आगमन होने की संभावना है।
अगर आपके प्रेम संबंध में किसी तरह का विवाद चल रहा था तो इस गोचर अवधि में वह खत्म हो सकता है। शुक्र देव पांचवें भाव से आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जो कि यह दर्शाता है कि आप अलग-अलग रास्तों से पैसे कमाने में सफल हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान रुका हुआ प्रमोशन भी आपको मिल सकता है। इसके साथ ही समाज में भी आपकी प्रतिष्ठा काफी बढ़ेगी।
उपाय- रोज़ाना सूर्योदय के वक्त मां लक्ष्मी के लिए श्री सूक्त का पाठ करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज योगकारक ग्रह हैं और आपकी कुंडली के पांचवें और दसवें भाव पर इनका ही शासन है। अब शुक्र देव आपकी कुंडली के चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन और संपत्ति को दर्शाता है। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर अनुकूल रहेगा। आपके परिवार में खुशियों का माहौल बना रहेगा। इस दौरान आपका अपनी माता जी से रिश्ता काफी बेहतर होगा और आप दोनों के बीच भरपूर स्नेह बना रहेगा।
शुक्र के मेष राशि में गोचर के दौरान आप आरामदायक और लग्जरी चीजों पर धन खर्च करेंगे। किसी प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए यह अच्छा समय है। शुक्र अपने ही शासन वाले दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभाव से आपको पेशेवर जीवन में कई सारे सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा आपको कार्यस्थल पर नए अवसरों की प्राप्ति भी हो सकती है। इस गोचर के दौरान आपका प्रमोशन हो सकता है और आपको अधिक ज़िम्मेदारियां भी मिल सकती हैं।
उपाय- शुक्रवार को घर में खंडित सफेद फूल लगाएं और उनकी देखभाल करें।
कुंभ
मकर राशि की तरह ही कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शुक्र देव योगकारक ग्रह हैं। आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव पर शुक्र महाराज शासन करते हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव भाई-बहन, छोटी दूरी की यात्रा और संवाद शैली को दर्शाता है। शुक्र का मेष राशि में गोचर आपके घरेलू जीवन के लिए अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आप किसी छोटी दूरी की तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। लेखन के क्षेत्र में काम करने वाले जातकों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। आप अधिक रचनात्मक ढंग से काम करने में सक्षम होंगे।
इस अवधि में आप अपने भाई-बहनों के साथ अच्छा वक्त व्यतीत करेंगे। इसके अलावा आपका सामाजिक जीवन भी बेहतर होगा। इस दौरान आप अपने शौक पूरे करने में व्यस्त हो सकते हैं। छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के लिहाज से यह वक्त शानदार रहेगा। तीसरे भाव से शुक्र महाराज आपकी कुंडली के नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि आपको अपने गुरु और पिता का भरपूर समर्थन मिलेगा। मेष राशि में शुक्र के गोचर के दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिक कार्यों की तरफ होगा और आप दान-पुण्य में भी हिस्सा ले सकते हैं।
उपाय- शुक्रवार को व्रत रखें और माता वैभव लक्ष्मी की पूजा करें।
मीन
शुक्र देव की उच्च राशि मीन है और आपकी कुंडली के तीसरे और आठवें भाव पर इनका शासन है। अब शुक्र महाराज आपकी कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव परिवार, बचत और संवाद को दर्शाता है। शुक्र के मेष राशि में गोचर के दौरान आप लोगों से सहज ढंग से और प्रेमपूर्वक बातचीत करेंगे। इसके प्रभाव से आप लोगों का आकर्षण अपनी ओर खींचने में सफल होंगे। इसके साथ ही आप खानपान में अधिक रुचि लेंगे और आप खाने-पीने की नई जगहों की तलाश करेंगे। अपने खान-पान के शौक पर आपका काफी धन खर्च होने की संभावना है।
शुक्र के दूसरे भाव में गोचर से, आप धन की बचत करने में सफल होंगे। शुक्र की दृष्टि आठवें भाव पर पड़ रही है, जिसके प्रभाव से आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर भी पैसे बचाने में कामयाब होंगे। मीन राशि के जातकों का अपने ससुराल पक्ष से रिश्ता बेहतर होगा। हालांकि आपको एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि शुक्र आठवें भाव के स्वामी हैं और यह भाव अचानक आने वाली परेशानियों को दर्शाता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है आर्थिक मामलों में सूझबूझ के साथ आगे बढ़ें। इसके अलावा अपने गले का ख़ास ख्याल रखें ताकि आपको कोई दिक्कत न हो।
उपाय- रोज़ाना ॐ शुक्राय नमः का जाप करें।
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