शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: 6 अप्रैल 2023
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 6 अप्रैल 2023 को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगा। शुक्र देव प्रेम, सुंदरता और आकर्षण को दर्शाते हैं। इस आर्टिकल में हम शुक्र महाराज के वृषभ राशि में गोचर से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल करेंगे। साथ ही हम सभी राशियों पर इनके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में भी जानेंगे।

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शुक्र देव जब अपने ही स्वामित्व वाली वृषभ या तुला राशि में मौजूद होते हैं, तो जातकों को अनुकूल नतीजे मिलते हैं। वहीं अगर शुक्र महाराज अपनी उच्च राशि यानी कि मीन में मौजूद होते हैं, तो प्रभाव और भी लाभकारी होते हैं।
कुंभ वायु तत्व के अंतर्गत आने वाली पुरुष प्रवृत्ति की राशि है। यह राशि चक्र का ग्यारहवां भाव दर्शाती है, जो धन लाभ और इच्छाओं की पूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। आइए इस आर्टिकल की शुरुआत करें और राशि अनुसार प्रभावों पर नज़र डालें।
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र का महत्व
शुक्र ग्रह को ज्योतिष में सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा शुक्र महाराज जीवन में भौतिक सुख को दर्शाते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव मज़बूत स्थिति में होते हैं, उन्हें जीवन में आराम, मान-सम्मान, शारीरिक और मानसिक सुख प्राप्त होता है। हालांकि, इनके परिणाम इस बात पर निर्भर करते हैं कि जातकों की कुंडली में शुक्र देव राहु, केतु और मंगल जैसे क्रूर ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्त हैं या नहीं। कुल मिलाकर, पापी ग्रहों से मुक्त होने पर ही शुक्र के अनुकूल परिणाम जातकों को प्राप्त होते हैं।
शुक्र देव जब शनि महाराज के साथ मज़बूत स्थिति में मौजूद होते हैं, तो उनके अनुकूल प्रभाव से जातकों को बेहतर करियर, मान-सम्मान और आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं। इसके अलावा शुक्र के नकारात्मक प्रभाव से जातकों को धन हानि और कानूनी मामलों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव के गोचर को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों से जातकों के जीवन में कई अहम बदलाव आते हैं। हालांकि, शुक्र महाराज का गोचर ज्यादातर राशियों को अनुकूल परिणाम ही देता है। राशि चक्र में शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है। आमतौर पर शुक्र धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं। इसके अलावा शुक्र महाराज संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, लग्जरी खाना और गाड़ियों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। कुंडली में शुक्र महाराज और राहु की मजबूत स्थिति से लोग मशहूर अभिनेता या अभिनेत्री भी बन सकते हैं। आइए जानते हैं कि शुक्र का वृषभ राशि में गोचर सभी राशियों के लिए कैसा साबित होगा।
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Read in English: Venus Transit in Taurus (06 April 2023)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव परिवार, आर्थिक स्थिति और संवाद को दर्शाता है। वहीं ग्यारहवां भाव आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और मामा का प्रतिनिधित्व करता है।
जैसे कि हम जानते हैं, शुक्र एक लाभकारी ग्रह हैं और यह गोचर भी मेष राशि के जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा। शुक्र के वृषभ राशि में गोचर से आपको आर्थिक लाभ होने की संभावना है। साथ ही आपकी इच्छाओं की भी पूर्ति हो सकती है।
इस दौरान आप बड़े निर्णय आसानी से लेने में सक्षम होंगे, जो कि फलदायी साबित हो सकते हैं। कुंडली के दूसरे भाव में शुक्र महाराज के गोचर से जातकों को करियर में सफलता प्राप्त होगी। साथ ही आपको नौकरी के नए अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। काम के सिलसिले में किसी यात्रा पर जाने के भी योग बन रहे हैं।
मेष राशि के जातक इस गोचर के दौरान पैसे बचाने में भी सफल होंगे और इसी कारण आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। शुक्र दूसरे भाव में सातवें भाव के स्वामी के रूप में मौजूद हैं और इसके परिणाम स्वरूप बिज़नेस करने वाले जातकों को अच्छा लाभ होने की संभावना है।
लव लाइफ के लिहाज से शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए शानदार साबित होगा। इस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे। आप दोनों कहीं घूमने-फिरने भी जा सकते हैं और यह यात्रा आपके लिए आनंदमयी साबित होगी। शादीशुदा जातकों को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
दूसरे भाव से शुक्र महाराज की दृष्टि सातवें भाव पर पड़ रही है, जो पारिवारिक रिश्ते, जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनरशिप को दर्शाता है। इसके प्रभाव से जातकों को डिजाइनिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में लाभ होने की संभावना है। इसके अलावा प्रेमी जोड़े शादी के बंधन में बंध सकते हैं।
उपाय- रोज़ाना 24 बार ॐ भार्गवाय नमः का जाप करें।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। पहला भाव जीवन और पर्सनालिटी को दर्शाता है। वहीं छठा भाव कर्ज और कानूनी मसले का प्रतिनिधित्व करता है। छठे भाव पर शासन करने वाले शुक्र देव, आपकी कुंडली के पहले भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में कानून से संबंधित मामलों में यह गोचर आपके लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। हालांकि, इस दौरान आप किसी जरूरी कार्य के लिए धन उधार ले सकते हैं।
करियर के लिहाज से, वृषभ राशि के जातकों को नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है। अगर आप साझेदारी में बिज़नेस शुरू करने के विचार में हैं, तो आपको इसे थोड़ा टाल देना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। जो जातक ख़ुद का बिजनेस चला रहे हैं, उन्हें भी इस गोचर के दौरान बड़े लाभ न होने की आशंका है।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। आप एक ओर पैसे कमाने में सफल होंगे तो दूसरी ओर आपके खर्च भी लगातार बढ़ने की आशंका है। इस कारण आप ज्यादा पैसे बचाने में सफल नहीं होंगे। छठे भाव में शुक्र की स्थिति के कारण धन हानि के भी योग बन सकते हैं।
शुक्र महाराज पहले भाव से आपकी कुंडली के सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जो जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनरशिप का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में प्रेमी जोड़े शादी के बारे में विचार कर सकते हैं, लेकिन शादी में विलंब हो सकता है क्योंकि शुक्र आपकी कुंडली के छठे भाव के स्वामी भी हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से इस गोचर के दौरान आपको आंखों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको गले से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। वहीं, गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से संबंधित समस्या होने की आशंका है।
उपाय- शुक्रवार के दिन श्री लक्ष्मी नारायण के लिए यज्ञ/हवन करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। पांचवां भाव पिछले कर्म, बुद्धिमत्ता और रचनात्मक गतिविधियों को दर्शाता है। वहीं बारहवां भाव हानि, खर्च और विदेश यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है।
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, आपके लिए ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपको अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है और आप अपने बच्चों को लेकर थोड़ा चिंतित रह सकते हैं। शुक्र आपकी कुंडली के बारहवें भाव के स्वामी हैं, इसलिए आपको लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है। हालांकि इस दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर अधिक रहेगा क्योंकि शुक्र पांचवें भाव पर भी शासन करते हैं।
करियर के लिहाज से शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आपको ऑन-साइट अवसर प्राप्त हो सकते हैं। घर के आस-पास नौकरी करने वाले जातकों को बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि आपके द्वारा कार्यस्थल पर की गई कड़ी मेहनत को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए।
बिज़नेस करने वाले जातकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण उम्मीद से कम लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे। साथ ही नुकसान होने की भी आशंका है। हालांकि विदेश में व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी क्योंकि शुक्र देव बारहवें भाव के स्वामी हैं और उसी भाव में स्थित भी हैं।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो आपके लिए यह गोचर सामान्य से बेहतर रहेगा, लेकिन आपके खर्चे में बढ़ोतरी होने की आशंका है। हालांकि आपको शेयर मार्केट आदि से धन कमाने के मौके मिल सकते हैं।
शुक्र आपकी कुंडली में बारहवें भाव के स्वामी हैं। इस कारण आपको अपनी लव लाइफ में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आप अपने साथी से विवाद में पड़ सकते हैं। हालांकि चुनौतियों को पार करने के बाद आपको अच्छे परिणाम भी मिलेंगे।
स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां भी संभव हो सकती हैं। आपको पैरों में दर्द और गले से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण या डिलीवरी से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है।
बारहवें भाव से शुक्र महाराज आपकी कुंडली के छठे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह भाव कर्ज और दुःख को दर्शाता है। इसके कारण आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आप कानूनी मामलों में भी फंस सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोन/ऋण लेने पर मजबूर हो सकते हैं।
उपाय- रोज़ाना विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। चौथा भाव वैवाहिक सुख, घर, वाहन और माता को दर्शाता है। वहीं ग्यारहवां भाव लाभ, इच्छापूर्ति और बड़े भाई -बहन को दर्शाता है।
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होने वाला है। इस दौरान आपकी कई इच्छाएं पूरी होने की संभावना अधिक है। आप इस अवधि में नया घर भी खरीद सकते हैं।
इस दौरान आपके घर में शादी-विवाह जैसा कोई शुभ कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। शुक्र महाराज चौथे भाव के स्वामी के रूप में ग्यारहवें भाव में मौजूद हैं, जिसके प्रभावस्वरूप आपको आर्थिक लाभ होने के योग बनेंगे, लेकिन बड़े भाई-बहनों के साथ वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है।
करियर की बात करें तो, कर्क राशि के जातकों को कई सारे नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा आपको अपनी कड़ी मेहनत के लिए काफी सराहना भी मिलेगी। इस गोचर के दौरान बिज़नेस करने वाले जातकों अच्छा धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। आप अपने प्रतिद्वंदियों से प्रतिस्पर्धा करने में भी सफल होंगे। शुक्र के वृषभ राशि में गोचर के प्रभाव से आपको दो से अधिक बिज़नेस करने का मौका मिल सकता है और यह आपके लिए लाभकारी साबित होगा।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो शुक्र के ग्यारहवें भाव में स्थित होने से आपको पैसे बचाने में मदद मिलेगी और इस कारण आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।
लव लाइफ के लिहाज से शुक्र का वृषभ राशि में गोचर अनुकूल साबित होगा। इस गोचर के प्रभाव से आप शादी के बंधन में भी बंध सकते हैं।
सेहत की बात करें तो आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। इस गोचर के दौरान आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी, लेकिन आपको इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है। हालांकि आपको अपनी माता के स्वास्थ्य पर पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं, क्योंकि कर्क राशि के लिए शुक्र एक हानिकारक ग्रह माना जाता है। ग्यारहवें भाव से शुक्र आपके पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आपके बच्चे तेज़ी से तरक्की करेंगे।
उपाय- रोज़ाना दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। तीसरा भाव भाई-बहन, साहस और संवाद को दर्शाता है। वहीं दसवां भाव प्रोफेशन, प्रतिष्ठा और अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।
करियर के लिहाज से शुक्र महाराज का दसवें भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा। आपको अपने करियर में संतुष्टि मिलेगी और आपको ऑन-साइट अवसर भी मिलने की संभावना है।
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज तीसरे भाव के स्वामी हैं, इसलिए आपका तबादला होने की संभावना बन सकती है। हालांकि आपको कार्यस्थल पर अपने सीनियर्स का साथ मिलेगा। शुक्र आपकी कुंडली के दसवें भाव के स्वामी हैं, जिसके कारण आपको नौकरी में नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही प्रमोशन होने के भी योग बन सकते हैं। घरेलू जीवन की बात करें तो आपको इस दौरान अपने भाई-बहनों का पूरा समर्थन मिलेगा।
बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह गोचर अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आप एक से ज्यादा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और यह आपके लिए लाभकारी साबित होगा।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो शुक्र महाराज के दसवें भाव में होने के कारण आपको बड़ा धन लाभ होने की संभावना है। सिंह राशि के जातकों की लव लाइफ में सकारात्मक बदलाव होंगे। आप शादी के बंधन में बंध सकते हैं। वहीं शादीशुदा जातकों का जीवन भी आनंदमयी रहेगा।
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर सेहत के लिहाज से भी शानदार साबित होगा। दसवें भाव से शुक्र महाराज चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभाव से आपके मान-सम्मान में वृद्धि होने की संभावना है और आपको कई सारे लाभ भी होंगे।
उपाय- रोज़ाना आदित्य हृदयम का पाठ करें।
कन्या
कन्या राशि की कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शुक्र महाराज का शासन है। इस दौरान शुक्र देव आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। नौवें भाव में शुक्र महाराज का गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए लाभकारी माना जाता है। इससे आपको अच्छा धन लाभ होने की संभावना बनेगी। साथ ही आपको भाग्य और अपने पिता का पूरा साथ मिलेगा और आप विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं।
करियर के लिहाज से, कन्या राशि के जातकों के लिए यह गोचर अत्यंत शुभ साबित होगा। इस दौरान आपको किसी काम के सिलसिले में विदेश जाने का मौका मिल सकता है। साथ ही प्रमोशन होने के भी योग बन रहे हैं।
बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए भी यह गोचर अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आपको अच्छा धन लाभ होने की संभावना है। साथ ही आपको एक से अधिक व्यवसाय करने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो, शुक्र महाराज के नौवें भाव में मौजूद होने से आपको करियर में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। बिज़नेस वाले जातकों को भी अच्छा धन लाभ होगा। वहीं विदेश में व्यवसाय करने वाले जातकों को भी फायदे हो सकते हैं।
प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन के लिहाज से यह गोचर आपके लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। जो जातक शादी करने के विचार में हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। इस अवधि में आप एक नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं। शादीशुदा जातक भी अपने जीवनसाथी के साथ सुखद समय व्यतीत करेंगे।
सेहत के लिहाज से देखा जाए तो इस दौरान आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप ख़ुद को स्वस्थ और फिट महसूस करेंगे। शुक्र महाराज नौवें भाव में मौजूद हैं और वहां से तीसरे भाव पर अपनी दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव से आप अपने भाई-बहनों के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे और आपकी संवाद शैली भी बेहतर होगी।
उपाय- शुक्रवार के दिन शुक्र देव के लिए यज्ञ/हवन करें।
तुला
तुला राशि के लिए शुक्र महाराज एक मित्र ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के पहले और आठवें भाव पर शासन करते हैं। शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, तुला राशि के जातकों के लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएगा। शुक्र आपकी कुंडली के आठवें भाव में पहले भाव के स्वामी के रूप में मौजूद हैं, जिसके कारण आपको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इस अवधि में आपको विरासत और सट्टा गतिविधियों (जैसे कि शेयर मार्केट, स्टॉक मार्केट) के माध्यम से अचानक से धन लाभ हो सकता है क्योंकि आठवें भाव के स्वामी शुक्र आठवें भाव में विराजमान हैं।
करियर के लिहाज से यह गोचर ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है। आपको जॉब में प्रेशर का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण आप परेशान हो सकते हैं। हालांकि आपको काम के सिलसिले में विदेश जाने का मौका मिल सकता है और यह आपके लिए फलदायी साबित होगा।
बिज़नेस वाले जातकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान लापरवाही के कारण आपको धन हानि होने की आशंका है, इसलिए कोई भी बड़ा फैसले लेते समय अधिक सावधान रहें।
प्रेम संबंध की बात करें तो, आप अपने पार्टनर के साथ किसी तरह के विवाद में पड़ सकते हैं, जिसके कारण आप दोनों में दूरी आ सकती है, इसलिए आपस में तालमेल बनाए रखने का प्रयास करें।
सेहत की बात करें इस दौरान आप गले और त्वचा से संबंधित समस्याओं का शिकार हो सकते हैं क्योंकि शुक्र देव आठवें भाव में मौजूद हैं। अतः आपको सलाह दी जाती है कि ख़ुद का खस ख़्याल रखें।
शुक्र देव आठवें भाव से दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में आपको पारिवारिक जीवन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। परिवार में तालमेल की कमी के कारण विवाद हो सकते हैं, इसलिए सावधान रहें।
उपाय- शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लिए शुक्र महाराज एक हानिकारक ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के सातवें और बारहवें भाव पर शासन करते हैं। इस दौरान शुक्र देव आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में आपके प्रेम संबंध में परेशानियां आने की आशंका अधिक है। साथ ही आपको बिज़नेस में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्र महाराज बारहवें भाव के स्वामी के रूप में सातवें भाव में मौजूद हैं। इस स्थिति में आपको अपने पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
करियर के लिहाज से देखें तो यह अवधि अनुकूल साबित न होने की आशंका है। कार्यस्थल पर आपको अपने सीनियर्स और साथियों के साथ विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आप काम में गलतियां कर सकते हैं, जिससे आपकी छवि पर असर पड़ सकता है।
जो जातक ख़ुद का बिजनेस चला रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि इस दौरान अपने बिज़नेस से संबंधित हर फैसला बहुत सोच-समझकर लें, फिर वह चाहे नया व्यवसाय शुरू करने के संबंध में हो या नए निवेश के संबंध में। अगर आप किसी नई साझेदारी के बारे में सोच रहे हैं, तो सावधानी बरतते हुए निर्णय लें क्योंकि नुकसान होने की आशंका अधिक है।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, शुक्र देव के सातवें भाव में होने के कारण आपको अधिक खर्च करना पड़ सकता है। वहीं आपको घूमने-फिरने के दौरान काफी सतर्क रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि यात्रा के दौरान आपके पैसे खो सकते हैं।
प्रेम संबंध की बात करें तो इस गोचर के दौरान आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आप दोनों के बीच सामंजस्य की कमी के कारण वाद-विवाद होने आशंका है।
सेहत के लिहाज से भी यह गोचर अनुकूल साबित न होने की आशंका है। विशेष रूप से आपको अपने लाइफ पार्टनर की सेहत पर अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है। सातवें भाव से शुक्र महाराज आपकी कुंडली के पहले भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभावस्वरूप आपके प्रेम संबंध में चुनौतियां आने के योग बन सकते हैं।
उपाय- रोजाना श्री सूक्तम का पाठ करें।
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र अशुभ ग्रह है। शुक्र देव आपकी कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर धनु राशि के जातकों के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है। शुक्र देव के छठे भाव में होने के कारण आपको कर्ज लेना पड़ सकता है। इसके अलावा आप किसी तरह के कानूनी विवाद में भी पड़ सकते हैं। आपको स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं, जैसे कि एलर्जी आदि। हालांकि इस दौरान आपको पैतृक संपत्ति से लाभ प्राप्त हो सकता है।
करियर के लिहाज से, इस दौरान कार्यस्थल पर साथियों और सीनियर्स से आपका विवाद हो सकता है। आप में कुछ जातकों के लिए कम सैलरी पर नौकरी बदलने के योग बन सकते हैं। बिज़नेस करने वाले जातकों को इस गोचर के दौरान सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि किसी गलत फैसले के कारण आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो यह अवधि औसत रूप से फलदायी सिद्ध होगी क्योंकि शुक्र महाराज के छठे भाव में स्थित हैं। इस अवधि में यदि आप अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होते हैं तो आपको किसी न किसी काम के लिए कर्ज़ लेना पड़ सकता है क्योंकि आपकी जरूरतों में इजाफा होगा।
इस गोचर के दौरान आपको अपने प्रेम संबंध में कम सामंजस्य महसूस हो सकता है। आप दोनों के बीच किसी गलतफहमी के कारण बड़ा विवाद पैदा होने की आशंका है और यह विवाद इतना आगे बढ़ सकता है कि बात कोर्ट-कचहरी तक पहुँच सकती है। इसके अलावा आप अपने साथी से अलग भी हो सकते हैं, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि चीज़ों को प्यार से हल करने की कोशिश करें।
शुक्र महाराज छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में छठे में मौजूद हैं। इस कारण आपको स्किन एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत हो सकती है। हालांकि आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी।
शुक्र देव छठे भाव से बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभावस्वरूप आपके ऊपर कर्ज़ बढ़ सकता है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी खर्च भी बढ़ सकते हैं।
उपाय- गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए हवन/यज्ञ करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र देव एक शुभ ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के पांचवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं। शुक्र का यह गोचर आपके पांचवें भाव में होगा, जो आपको अनुकूल परिणामों की अनुभूति कराएगा। आर्थिक रूप से यह अवधि लाभकारी सिद्ध होगी और आपको हर क्षेत्र में संतुष्टि प्राप्त होगी।
करियर की बात करें तो, यह गोचर अच्छा साबित होगा। इस दौरान आप अपने करियर के शीर्ष पद पर पहुंचने में कामयाब हो सकते हैं। साथ ही आपको विदेश जाने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है। बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए भी यह गोचर सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपकी निर्णय लेने की क्षमता काफी बेहतर होगी और इसके कारण आपको व्यवसाय में लाभ भी होगा। ख़ास तौर पर ट्रेडिंग करने वाले जातकों के लिए यह गोचर फलदायी साबित होगा।
आर्थिक तौर पर शुक्र महाराज के पांचवें भाव में होने से आप पैसों की बचत करने में सफल होंगे। कुल मिलाकर आप इस गोचर के दौरान अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
प्रेम संबंध की बात करें तो, इस दौरान प्रेमी जोड़े शादी के बंधन में बंध सकते हैं। शादीशुदा जातकों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा और आप अपने जीवनसाथी के साथ आनंद से भरपूर वक्त बिताएंगे।
शुक्र महाराज के अनुकूल प्रभाव से आपकी सेहत बेहतर रहेगी। इस गोचर के दौरान आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी।
पांचवें भाव से शुक्र महाराज ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभावस्वरूप आप ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने में सफल होंगे। पारिवारिक जीवन भी खुशियों से भरा रहेगा और आपके बच्चे अच्छी तरक्की करने में सफल होंगे।
उपाय- शनिवार के दिन शनि देव के लिए यज्ञ/हवन करें।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज शुभ ग्रह हैं। आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव पर इन्हीं का शासन है। अब यह आपकी कुंडली के चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
करियर के लिहाज से यह गोचर अत्यंत शुभ साबित होगा। आपको नौकरी के नए और बेहतर अवसर मिलने की संभावना है। साथ ही आपको नौकरी में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा।
बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह एक सुनहरा समय साबित होगा। आप अपने व्यवसाय से भरपूर लाभ कमाने में सफल हो सकते हैं। आपको धन बचाने का भी मौका मिलेगा। साथ ही नई संपत्ति खरीदने के योग भी बनेंगे।
प्रेम संबंध की बात करें तो, आपकी लव लाइफ भी आनंदमयी रहेगी। आप अपने रिश्ते में भरपूर सामंजस्य बनाए रखने में सफल होंगे। इस गोचर के दौरान शादीशुदा जातकों का जीवन भी खुशियों से भरा रहेगा।
स्वास्थ्य के लिहाज से भी आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। इस दौरान आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। शुक्र महाराज चौथे भाव से आपके दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभावस्वरूप आप करियर में अच्छी तरक्की करने में सफल होंगे। साथ ही आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है।
उपाय- प्राचीन ग्रंथ 'नारायणीयम' का प्रतिदिन जाप करें।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र को अशुभ ग्रह माना जाता है। शुक्र आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपकी तरक्की में दुविधाएं पैदा हो सकती हैं।
करियर के लिहाज से देखें तो इस दौरान लापरवाही के कारण आपके काम में गलतियां हो सकती हैं। साथ ही कुछ परिस्थितियों में आप अपनी नौकरी बदलने पर मजबूर सकते हैं। बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह गोचर अधिक फायदेमंद न रहने की आशंका है। आपको व्यवसाय में नुकसान हो सकता है या फिर आपका बिजनेस बहुत धीमी गति से विकास करेगा।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो शुक्र देव के तीसरे भाव में होने से आपको आर्थिक लाभ होने की संभावना है और आप धन बचाने में भी सफल होंगे, लेकिन घूमने-फिरने के दौरान धन हानि होने के योग बन सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।
प्रेम संबंध के लिहाज से आपके लिए यह गोचर अनुकूल साबित न होने की आशंका है। आप अपने रिश्ते में कम प्रेम महसूस कर सकते हैं। सेहत की बात करें तो इस अवधि में आपको पाचन से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तीसरे भाव से शुक्र देव आपकी कुंडली के नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके प्रभावस्वरूप आध्यात्मिक यात्रा पर जाने के योग बन सकते हैं।
उपाय- शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के लिए यज्ञ/हवन करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्य
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