कर्क का मासिक राशिफल / Karka Masik Rashifal in Hindi
October, 2024
सामान्य
यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए मध्य रूप से फलदायक रहने की संभावना है। जहां तक आपके करियर का प्रश्न है तो आपको नौकरी में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ेगा और इसके लिए आपके साथ काम करने वाले सहकर्मियों का रवैया और उनका आपके प्रति भाव महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि वह आपके विरुद्ध जा सकते हैं और आपको परेशान करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। हालांकि सबके बावजूद आपका प्रदर्शन अच्छा होने से और उत्कृष्ट होने के कारण आपके वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग आपको मिलेगा जिससे आपकी स्थिति अच्छी हो जाएगी।
व्यापार करने वाले जातकों को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा। आपके कुछ निर्णय गलत साबित हो सकते हैं जो आपको परेशानी देंगे लेकिन कुछ पुराने निर्णय अचानक से आपको अच्छा लाभ प्रदान कर सकते हैं। आर्थिक रूप से खर्चे तो रहेंगे लेकिन आपकी आमदनी में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। पारिवारिक जीवन में सुख और शांति बनी रहेगी। हालांकि भाई बहनों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों के लिहाज से यह समय अनुकूल रहेगा और आपका प्रेम पुष्पित और पल्लवित होगा।
आपका प्रेम विवाह होने के योग भी बन सकते हैं जबकि वैवाहिक जीवन बिता रहे जातकों को ससुराल के लोगों के कारण कुछ तनाव महसूस हो सकता है। स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक होगा और किसी भी समस्या को नजरअंदाज करने से बचना होगा। विद्यार्थियों के लिए यह महीना अनुकूल रहेगा। विदेश जाकर पढ़ने में भी सफलता मिल सकती है।
व्यापार करने वाले जातकों को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा। आपके कुछ निर्णय गलत साबित हो सकते हैं जो आपको परेशानी देंगे लेकिन कुछ पुराने निर्णय अचानक से आपको अच्छा लाभ प्रदान कर सकते हैं। आर्थिक रूप से खर्चे तो रहेंगे लेकिन आपकी आमदनी में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। पारिवारिक जीवन में सुख और शांति बनी रहेगी। हालांकि भाई बहनों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों के लिहाज से यह समय अनुकूल रहेगा और आपका प्रेम पुष्पित और पल्लवित होगा।
आपका प्रेम विवाह होने के योग भी बन सकते हैं जबकि वैवाहिक जीवन बिता रहे जातकों को ससुराल के लोगों के कारण कुछ तनाव महसूस हो सकता है। स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक होगा और किसी भी समस्या को नजरअंदाज करने से बचना होगा। विद्यार्थियों के लिए यह महीना अनुकूल रहेगा। विदेश जाकर पढ़ने में भी सफलता मिल सकती है।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। दशम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत में आपके द्वादश भाव में रहेंगे जिससे कार्यक्षेत्र से संबंधित भाग दौड़ लगी रहेगी। आपको एक शहर से दूसरे शहर, एक राज्य से दूसरे राज्य, या एक देश से दूसरे देश जाना पड़ सकता है। हालांकि यह भागदौड़ आपको आने वाले समय में अच्छा प्रतिफल प्रदान करेगी। आपके साथ काम करने वाले सहयोगियों का रवैया आपके प्रति कुछ अनिश्चित सा रहेगा। वह मुंह पर तो आपके मित्र बनेंगे लेकिन पीछे आपकी जड़ खोदने की कोशिश करेंगे और आपको परेशानियों में डालने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा इसलिए उनसे अपने मन की ज्यादा बातों को साझा न करें और अपने काम पर ज्यादा ध्यान दें।
छठे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति महीने भर आपके एकादश भाव में रहेंगे और 9 अक्टूबर से वक्री अवस्था में भी आ जाएंगे इससे आपको यह फायदा होगा कि आपका प्रदर्शन सर्वोपरि रहेगा और आप अपने काम को और बेहतर से बेहतर बनते जाएंगे जिससे वरिष्ठ अधिकारियों का सानिध्य और उनकी कृपा आपको प्राप्त होगी और नौकरी में अच्छी पदोन्नति के योग बन सकते हैं। हालांकि अष्टम भाव में बैठे वक्री शनि महाराज की दृष्टि भी दशम भाव पर होने से अचानक से कुछ चुनौतियां आपके सामने आएंगी लेकिन आप अपनी कार्यकुशलता से उन्हें संभालने में कामयाब हो सकते हैं और इस प्रकार यह महीना आपको सफलता देगा।
महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल रहने की संभावना है। शुक्र महाराज की दृष्टि महीने की शुरुआत में दशम भाव पर रहेगी जिससे आपको खुद को हल्का महसूस करके अच्छा काम करने में सफलता मिलेगी। व्यापार करने वाले जातकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आप कुछ नए निर्णय लेंगे जो आपके विरुद्ध जा सकते हैं जिससे आपको निराशा हाथ लग सकती है लेकिन आपने पूर्व में कुछ ऐसे निर्णय लिए थे जिनका प्रतिफल आपको इस समय में मिलेगा और उससे व्यापार में लाभ के योग बनेंगे। यह समय आपको अच्छी सफलता देगा।
20 अक्टूबर से मंगल महाराज आपकी ही राशि में प्रवेश करके सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे जिससे आपको अपनी व्यावसायिक साझेदारी से थोड़ा सावधानी से पेश आना होगा। आप गर्मी दिखाने के बजाय नरमी से पेश आएंगे तो सब कुछ अच्छा रहेगा और व्यापार भी उन्नति करेगा।
छठे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति महीने भर आपके एकादश भाव में रहेंगे और 9 अक्टूबर से वक्री अवस्था में भी आ जाएंगे इससे आपको यह फायदा होगा कि आपका प्रदर्शन सर्वोपरि रहेगा और आप अपने काम को और बेहतर से बेहतर बनते जाएंगे जिससे वरिष्ठ अधिकारियों का सानिध्य और उनकी कृपा आपको प्राप्त होगी और नौकरी में अच्छी पदोन्नति के योग बन सकते हैं। हालांकि अष्टम भाव में बैठे वक्री शनि महाराज की दृष्टि भी दशम भाव पर होने से अचानक से कुछ चुनौतियां आपके सामने आएंगी लेकिन आप अपनी कार्यकुशलता से उन्हें संभालने में कामयाब हो सकते हैं और इस प्रकार यह महीना आपको सफलता देगा।
महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल रहने की संभावना है। शुक्र महाराज की दृष्टि महीने की शुरुआत में दशम भाव पर रहेगी जिससे आपको खुद को हल्का महसूस करके अच्छा काम करने में सफलता मिलेगी। व्यापार करने वाले जातकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आप कुछ नए निर्णय लेंगे जो आपके विरुद्ध जा सकते हैं जिससे आपको निराशा हाथ लग सकती है लेकिन आपने पूर्व में कुछ ऐसे निर्णय लिए थे जिनका प्रतिफल आपको इस समय में मिलेगा और उससे व्यापार में लाभ के योग बनेंगे। यह समय आपको अच्छी सफलता देगा।
20 अक्टूबर से मंगल महाराज आपकी ही राशि में प्रवेश करके सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे जिससे आपको अपनी व्यावसायिक साझेदारी से थोड़ा सावधानी से पेश आना होगा। आप गर्मी दिखाने के बजाय नरमी से पेश आएंगे तो सब कुछ अच्छा रहेगा और व्यापार भी उन्नति करेगा।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है। हालांकि वक्री शनि महाराज पूरे महीने आपके अष्टम भाव में विराजमान रहकर खर्चों में कमी होने नहीं देंगे। फिर भी पूरे महीने बृहस्पति महाराज एकादश भाव में रहेंगे और 9 अक्टूबर से वह वक्री अवस्था में एकादश भाव में बैठकर आपकी आमदनी को बराबर बढ़ाते जाएंगे।
आपको धन की किसी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन मंगल महाराज महीने के पूर्वार्ध में द्वादश भाव में बैठकर खर्चों को बढ़ा रहे हैं उनसे थोड़ा सा सावधान रहना होगा। 10 अक्टूबर से बुध और 17 अक्टूबर से सूर्य के चतुर्थ भाव में आ जाने के बाद और 13 अक्टूबर से शुक्र के पंचम भाव में जाने से और उसके एकादश भाव पर दृष्टि डालने से आमदनी में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
इसके बाद 29 अक्टूबर को बुध भी वृश्चिक राशि में आपके पंचम भाव में आकर एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे भी आमदनी बढ़ेगी और उससे पूर्व मंगल 20 अक्टूबर को आपके प्रथम भाव में आ जाएंगे। इस प्रकार महीने के उत्तरार्ध में खर्चों में कमी होगी और आमदनी में बढ़ोतरी होगी जिससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बन सकती है।
आपको धन की किसी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन मंगल महाराज महीने के पूर्वार्ध में द्वादश भाव में बैठकर खर्चों को बढ़ा रहे हैं उनसे थोड़ा सा सावधान रहना होगा। 10 अक्टूबर से बुध और 17 अक्टूबर से सूर्य के चतुर्थ भाव में आ जाने के बाद और 13 अक्टूबर से शुक्र के पंचम भाव में जाने से और उसके एकादश भाव पर दृष्टि डालने से आमदनी में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
इसके बाद 29 अक्टूबर को बुध भी वृश्चिक राशि में आपके पंचम भाव में आकर एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे भी आमदनी बढ़ेगी और उससे पूर्व मंगल 20 अक्टूबर को आपके प्रथम भाव में आ जाएंगे। इस प्रकार महीने के उत्तरार्ध में खर्चों में कमी होगी और आमदनी में बढ़ोतरी होगी जिससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बन सकती है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वैसे तो अनुकूल रहने की संभावना है फिर भी आपको कुछ समस्याओं पर ध्यान रखना होगा। वक्री शनि महाराज पूरे महीने आपके अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे किसी बड़ी बीमारी के पनपने का खतरा रहेगा। इस स्थिति से बचने के लिए आपको अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करने से बचना होगा। छोटी से छोटी समस्या पर ध्यान दें और आवश्यक होने पर चिकित्सक से संपर्क करें जिससे कोई भी बड़ी समस्या न बढ़ पाए।
महीने की शुरुआत में केतु, बुध और सूर्य आपके तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे और उन पर देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी होगी तथा मंगल महाराज भी उसी भाव को देखेंगे इससे आपके कंधों में, गले में, दर्द हो सकता है या कान में भी दर्द की समस्या या इंफेक्शन हो सकता है। यह छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और अपने स्वास्थ्य पर नजर बनाए रखें। महीने के उत्तरार्ध में जब बुध और सूर्य तीसरे भाव से निकल जाएंगे तब कुछ हद तक आपको इन समस्याओं में कमी महसूस होगी और आपका स्वास्थ्य सुधरने लगेगा।
महीने की शुरुआत में केतु, बुध और सूर्य आपके तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे और उन पर देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी होगी तथा मंगल महाराज भी उसी भाव को देखेंगे इससे आपके कंधों में, गले में, दर्द हो सकता है या कान में भी दर्द की समस्या या इंफेक्शन हो सकता है। यह छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और अपने स्वास्थ्य पर नजर बनाए रखें। महीने के उत्तरार्ध में जब बुध और सूर्य तीसरे भाव से निकल जाएंगे तब कुछ हद तक आपको इन समस्याओं में कमी महसूस होगी और आपका स्वास्थ्य सुधरने लगेगा।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो आपके लिए यह महीना अनुकूल कहा जा सकता है। पूरे महीने बृहस्पति महाराज आपके पंचम भाव पर दृष्टि डालते रहेंगे जिससे आपका प्रेम विकसित होगा। आप एक दूसरे पर भरोसा कर पाएंगे, एक दूसरे को जिम्मेदार मानेंगे, एक दूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारियां का निर्वाह करेंगे और अपने रिश्ते को बराबर समय देंगे। एक दूसरे के प्रति संजीदा होकर अपने रिश्ते को बराबर सम्मान देकर आप अपने प्रेम जीवन को विकसित करने में कामयाब रहेंगे।
आप जिससे प्रेम करते हैं उससे प्रेम को विवाह के रूप में बदलना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह महीना अनुकूलता लेकर आ रहा है। आपकी कोशिशें कामयाब रहेंगी और आपको प्रेम विवाह करने में सफलता मिल सकती है तथा आपके रिश्ते की बात पक्की हो सकती है। शुक्र महाराज 13 अक्टूबर से आपके पंचम भाव में आकर आपके प्रेम संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएंगे और उसमें रूमानियत भी बढ़ा देंगे। आप अपने प्रियतम के साथ अच्छा समय बिताएंगे और उनके लिए नए-नए तोहफ़े लेकर आ सकते हैं।
विवाहित जातकों की बात करें तो महीने की शुरुआत में द्वादश भाव में बैठे मंगल महाराज की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर रहेगी और सप्तम भाव के स्वामी वक्री शनि महाराज अष्टम भाव में रहेंगे जिससे आपके वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। केवल देवगुरु बृहस्पति महाराज की दृष्टि सप्तम भाव पर होने से कुछ समस्याएं संभल जाएगी लेकिन आपके ससुराल पक्ष के सदस्यों का व्यवहार अनुकूल न होने के कारण और उनके कड़वा बोलने के कारण आपको निराशा होगी और इससे आपके रिश्तों में भी तनाव बढ़ सकता है।
20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में आकर यानी कि आपकी ही राशि में आकर सप्तम भाव को देखेंगे जिससे वैवाहिक जीवन में तनाव और बढ़ सकता है क्योंकि आप भी कुछ चिड़चिड़े हो जाएंगे और इससे बनती हुई बातें बिगड़ सकती हैं इसलिए आपको संभालना होगा।
बृहस्पति महाराज भी वक्री अवस्था से आपके सप्तम भाव को देखते रहेंगे जिससे चुनौतियों के बावजूद आप कोई ना कोई रास्ता निकाल लेंगे जिससे हर समस्या का सही समय पर समाधान हो जाएगा और आपका वैवाहिक जीवन धीरे-धीरे ही सही लेकिन पटरी पर लौट आएगा। यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो आपकी यह इच्छा इस महीने पूरी होने की संभावना बन रही है।
आप जिससे प्रेम करते हैं उससे प्रेम को विवाह के रूप में बदलना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह महीना अनुकूलता लेकर आ रहा है। आपकी कोशिशें कामयाब रहेंगी और आपको प्रेम विवाह करने में सफलता मिल सकती है तथा आपके रिश्ते की बात पक्की हो सकती है। शुक्र महाराज 13 अक्टूबर से आपके पंचम भाव में आकर आपके प्रेम संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएंगे और उसमें रूमानियत भी बढ़ा देंगे। आप अपने प्रियतम के साथ अच्छा समय बिताएंगे और उनके लिए नए-नए तोहफ़े लेकर आ सकते हैं।
विवाहित जातकों की बात करें तो महीने की शुरुआत में द्वादश भाव में बैठे मंगल महाराज की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर रहेगी और सप्तम भाव के स्वामी वक्री शनि महाराज अष्टम भाव में रहेंगे जिससे आपके वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। केवल देवगुरु बृहस्पति महाराज की दृष्टि सप्तम भाव पर होने से कुछ समस्याएं संभल जाएगी लेकिन आपके ससुराल पक्ष के सदस्यों का व्यवहार अनुकूल न होने के कारण और उनके कड़वा बोलने के कारण आपको निराशा होगी और इससे आपके रिश्तों में भी तनाव बढ़ सकता है।
20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में आकर यानी कि आपकी ही राशि में आकर सप्तम भाव को देखेंगे जिससे वैवाहिक जीवन में तनाव और बढ़ सकता है क्योंकि आप भी कुछ चिड़चिड़े हो जाएंगे और इससे बनती हुई बातें बिगड़ सकती हैं इसलिए आपको संभालना होगा।
बृहस्पति महाराज भी वक्री अवस्था से आपके सप्तम भाव को देखते रहेंगे जिससे चुनौतियों के बावजूद आप कोई ना कोई रास्ता निकाल लेंगे जिससे हर समस्या का सही समय पर समाधान हो जाएगा और आपका वैवाहिक जीवन धीरे-धीरे ही सही लेकिन पटरी पर लौट आएगा। यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो आपकी यह इच्छा इस महीने पूरी होने की संभावना बन रही है।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर ठीक-ठाक रहने की संभावना है। महीने की शुरुआत में चतुर्थ भाव के स्वामी शुक्र महाराज चतुर्थ भाव में विराजमान रहेंगे और दशम भाव के स्वामी मंगल महाराज द्वादश भाव में रहेंगे। पारिवारिक मामलों में सुख और शांति बनी रहेगी। दूसरे भाव पर वक्री शनि की दृष्टि होने के कारण कुटुंब के मामलों में कुछ समस्याएं रह सकती है लेकिन आपके परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ होगा। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध आपके चतुर्थ भाव में आ जाएंगे और शुक्र पंचम भाव में प्रवेश कर जाएंगे इससे भी परिवार में आपकी पकड़ मजबूत होगी।
परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सामंजस्य बेहतर बनेगा और परिवार का माहौल अनुकूल हो जाएगा और परिवार के सदस्यों के बीच चल रहे तनाव में कमी आएगी। महीने का पूर्वार्ध आपके भाई बहनों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं पीड़ित कर सकती हैं और उन्हें अपने जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि महीने के उत्तरार्ध में इन सभी चुनौतियों में कमी आएगी और आपको भी उनका सहयोग मिलेगा। आप भी एक अच्छे भाई बहन के रूप में उनकी मदद कर सकते हैं। आपको अपनी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए अपने परिवार का साथ देना होगा इससे परिवार का माहौल अच्छा रहेगा।
परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सामंजस्य बेहतर बनेगा और परिवार का माहौल अनुकूल हो जाएगा और परिवार के सदस्यों के बीच चल रहे तनाव में कमी आएगी। महीने का पूर्वार्ध आपके भाई बहनों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं पीड़ित कर सकती हैं और उन्हें अपने जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि महीने के उत्तरार्ध में इन सभी चुनौतियों में कमी आएगी और आपको भी उनका सहयोग मिलेगा। आप भी एक अच्छे भाई बहन के रूप में उनकी मदद कर सकते हैं। आपको अपनी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए अपने परिवार का साथ देना होगा इससे परिवार का माहौल अच्छा रहेगा।
उपाय
आपको श्री बजरंग बाण का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।
यदि संभव हो तो हनुमान जी को मंगलवार के दिन चोला चढ़ाएं।
अपनी जेब में सदैव एक पीले रंग का रुमाल रखें।
सोमवार के दिन श्री शिव मंदिर अवश्य जाएं और शिवजी का दूध से अभिषेक करें।
यदि संभव हो तो हनुमान जी को मंगलवार के दिन चोला चढ़ाएं।
अपनी जेब में सदैव एक पीले रंग का रुमाल रखें।
सोमवार के दिन श्री शिव मंदिर अवश्य जाएं और शिवजी का दूध से अभिषेक करें।
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