नवम भाव में स्थित बुध का फल (Mercury in Ninth House)
बुध फल विचार
नवम भाव का बुध शुभफल देने वाला कहा गया है। यहां का बुध आपको धर्मात्मा और भाग्यशाली बनाता है। अत: आप सदाचारी, धर्म को जानने वाले और बुद्धिमान व्यक्ति हैं। आपको सज्जनों की संगति मिलती रहेगी। आप धर्म के विपरीत जाकर कोई काम नहीं करेंगे। आप एक जिज्ञासु व्यक्ति हैं और दान पुण्य करने में भी आपकी अच्छी रुचि होगी।
आप विभिन्न प्रकार के सुखों का उपभोग करेंगे। तीर्थ यात्रा और धार्मिक कार्यों जैसे यज्ञ आदि में आपकी अच्छी रुचि होगी। आप एक पराक्रमी व्यक्ति हैं और हमेशा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। आप हमेशा किसी न किसी शोध में या नई चीजों की खोज में लगे रहने वाले व्यक्ति हैं। आप समाज में या अपने परिवार में राजा के समान सम्मानित व्यक्ति होंगे।
आप अपने कुल को अपने ज्ञान, धन और यश से उज्ज्वल और पवित्र करने वाले हैं। आप उपकार और विद्या के कारण लोगों के आदरणीय बनेंगे। लेकिन आपको अपने ज्ञान और बुद्धि पर घमण्ड करने से बचना होगा। आपकी उम्र के उन्तीसवें वर्ष में आपकी माता को कष्ट हो सकता है। आप कवि, वक्ता, संगीतज्ञ, संपादक, लेखक या ज्योतिषी हो सकते हैं।
ज्योतिष में बुध ग्रह, हमारी जन्म कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। इसके अतिरिक्त बुध एक तटस्थ ग्रह है, परंतु विभिन्न ग्रहों से युति के कारण इसके फलों में भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं बुध ग्रह के विभिन्न भावों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है -
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का प्रत्येक भाव में प्रभाव
ज्योतिष में ग्रह
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कन्या इसकी उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है।
बुध ग्रह का मानव जीवन पर प्रभाव
शारीरिक रूप रेखा एवं स्वभाव - जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह लग्न भाव में स्थित हो, वह व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होता है। देखने में व्यक्ति अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु का दिखता है तथा उसकी आँखें चमकदार होंगी। लग्न का बुध व्यक्ति को स्वभाव से चालाक, तर्कसंगत, बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव भी सौम्य होता है और वह कई भाषाओं का ज्ञाता होता है। व्यवसाय क्षेत्र में भी ऐसे जातक सफल होते हैं। प्रथम भाव में बैठा बुध ग्रह जातक व्यक्ति को दीर्घायु प्रदान करता है।
बली बुध के प्रभाव - यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है तो जातक की संवाद शैली कुशल होती है। वह हाज़िर जवाबी होता है। व्यक्ति अपनी बातों से सबको मोह लेता है। बली बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है। वह गणित विषय में अच्छा होता है। व्यक्ति की गणना करने की शक्ति तीव्र होती है। ऐसे जातक सभी विषयों को तार्किक दृष्टि से देखते हैं। वाणिज्य और क़ारोबार में भी व्यक्ति सफल होता है। बुध की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, वह एक अच्छा वक्ता होता है। संवाद और संचार के क्षेत्र में व्यक्ति अग्रणी भूमिका निभाता है।
पीड़ित बुध के प्रभाव - यदि जन्म कुंडली में बुध ग्रह किसी क्रूर अथवा पापी ग्रहों से पीड़ित हो तो यह जातक के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से समस्या कारक होता है। इस स्थिति में जातक अपने विचारों को सही रूप में बोलकर पेश नहीं कर पाता है तथा वह गणित विषय में कमज़ोर होता है और उसे गणना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीड़ित बुध जातक को दिमागी रूप से कमज़ोर बनाता है। उसे चीज़ों को समझने में दिक्कत होती है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है। ऐसे में जातकों को बुध ग्रह से संबंधित उपाय करना चाहिए।
रोग - पीड़ित बुध के कारण जातक को स्वास्थ्य हानि का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को बोलने में समस्या, नसों में पीड़ा, बहरापन, जीव, मुख, गले तथा नाक से संबंधित रोग, चर्म रोग, अत्यधिक पसीना आना, तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है।
कार्यक्षेत्र - वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकील, पत्रकारिता, कथा वाचक, प्रवक्ता आदि से है।
उत्पाद - ज्योतिष में बुध ग्रह के द्वारा अखरोट, पालक, पौधे, घी, तेल, हरी दालें, हरे रंग के वस्त्र आदि वस्तुएँ दर्शायी जाती हैं ।
स्थान - कॉलेज, विद्यालय, विश्वविद्यालय, सभी प्रकार के वाणिज्यिक स्थान, खेल का मैदान आदि।
पशु पक्षी - कुत्ता, बकरी, तोता, लोमड़ी, सरीसृप आदि।
जड़ - विधारा मूल।
रत्न - पन्ना।
रुद्राक्ष - चार मुखी रुद्राक्ष।
यंत्र - बुध यंत्र।
रंग - हरा
बुध का वैदिक मंत्र
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
बुध का तांत्रिक मंत्र
ॐ बुं बुधाय नमः
बुध का बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
खगोल विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह
खगोल विज्ञान के अनुसार सौर मंडल में बुध सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य से सबसे नज़दीक है। लेकिन बुध की घूर्णन गति सबसे तेज़ है। बुध के अक्ष का झुकाव अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे कम है। यह सूर्य की परिक्रमा 87 दिन 23 घंटे में पूरी करता है। बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर होता है। बुध ग्रह पर वायुमंडल का अभाव है। इस ग्रह को सूर्यास्त के बाद अथवा ठीक सूर्योदय के ठीक पहले नग्न आँखों से देखा जा सकता है।
धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व
सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि बुध, हमारी प्रज्ञा के देवता हैं। बुद्धि और क़ारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन बुध ग्रह की उपासना की जाती है। धार्मिक दृष्टि से बुध देव वृद्धि और समृद्धि देने वाले देव माने गए हैं। बुध ग्रह भगवान विष्णु जी का प्रतिनिधित्व करता है। कहते हैं यदि जिस व्यक्ति के ऊपर बुद्ध देव की कृपा बरस जाये तो उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। बुध उत्तर दिशा का स्वामी होता है जो कुबेर देव का स्थान है।
आप देख सकते हैं ज्योतिष में बुध ग्रह का कितना बड़ा महत्व होता है। यदि आप अपनी जन्म कुंडली में बुध ग्रह की कृपा पाना चाहते हैं तो आप बुध से संबंधित उपाय कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको विविध क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Saturn Transit 2025: Find Out The Impact & Remedies!
- Saturn Transit In Purvabhadrapada: 3 Zodiac Signs Beware
- New Year 2025: The Total Of 9, Bringing Lord Hanuman’s Grace
- Saturn Transit & Solar Eclipse 2025: Unlocking Wealth & Success For 3 Zodiacs!
- First Transit Of 2025 – Mercury In Sagittarius Brings Fortune For 3 Zodiacs!
- Ketu Changes Its Course In 2025: Success & Good Fortune For 3 Zodiac Signs!
- Marriage Muhurat 2025: Read On To Know Dates & More!
- January 2025 Budhaditya Rajyoga: 5 Zodiacs Blessed With Success & Prosperity!
- Horoscope 2025: New Year; New Predictions!
- Monthly Horoscope For January 2025: Check It Out Now!
- बुध का धनु राशि में गोचर: देश-दुनिया और शेयर मार्केट में आएंगे उतार-चढ़ाव!
- नए साल में खूब बजेंगी शहनाइयां, विवाह मुहूर्तों से भरा होगा वर्ष 2025!
- यहाँ देखें नए साल के पहले महीने जनवरी 2025 की पहली झलक!
- राशिफल 2025: इन 4 राशियों के जीवन में आएगी प्रेम की बहार, खूब बरसेगी धन-दौलत!
- वर्ष 2025 में गुरु के दो गोचर का बनेगा अनूठा संयोग, जानें कैसे मिलेंगे आपको परिणाम!
- पौष अमावस्या 2024 के दिन करें इन नियमों का पालन, सूर्यदेव बरसाएंगे कृपा!
- साल 2024 का यह आख़िरी सप्ताह, सभी 12 राशियों के लिए लेकर आएगा कैसे परिणाम?
- टैरो साप्ताहिक राशिफल (29 दिसंबर 2024 से 04 जनवरी, 2025): इस सप्ताह जानें किन राशि वालों को मिलेगी तरक्की!
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 29 दिसंबर 2024 से 04 जनवरी, 2025
- टैरो मासिक राशिफल 2025: साल के पहले महीने जनवरी में इन राशियों को मिलेगा मान-सम्मान एवं तरक्की!
- Horoscope 2025
- Rashifal 2025
- Calendar 2025
- Chinese Horoscope 2025
- Saturn Transit 2025
- Jupiter Transit 2025
- Rahu Transit 2025
- Ketu Transit 2025
- Ascendant Horoscope 2025
- Lal Kitab 2025
- Shubh Muhurat 2025
- Hindu Holidays 2025
- Public Holidays 2025
- ராசி பலன் 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2025
- ਰਾਸ਼ੀਫਲ 2025
- ରାଶିଫଳ 2025
- രാശിഫലം 2025
- રાશિફળ 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- রাশিফল 2025 (Rashifol 2025)
- Astrology 2025