पंचम भाव में स्थित गुरु का फल (Jupiter in Fifth House)
गुरु फल विचार
आपका स्वरूप दर्शनीय होना चाहिए। ईश्वर में आपकी आस्था है। आप धार्मिक और शुद्धचित्त व्यक्ति हैं। आपमें दयालुता और विनम्रता के गुण हैं। आप बुद्धिमान, पवित्र और श्रेष्ठ व व्यक्तियों में गिने जाएंगे। आप स्वभाव से न्यायशील होंगे। आपकी वाणी कोमल और मधुर होगी। आपकी कल्पना शक्ति बहुत उत्तम होगी। आप चतुर, समझदार और महान कार्य करने वाले व्यक्ति हैं।
आप उत्तम वक्ता, धारा प्रवाह बोलने वाले और कुशल व्याख्याता हो सकते हैं। आप प्रतिभावान और नीतिविशारद होंगे। आप उत्तम लेखक या ग्रंथकार हो सकते हैं। आपकी रुचि ज्योतिष में भी हो सकती है। संघर्षों से मुंह न मोडकर विपत्तियों से जूझते रहना आपकी विशेषता होगी। बॄहस्पति के प्रभाव के कारण आप स्वभाव से आराम तलब हो सकते हैं। आपकी संतान सुंदर और सुखी होगी।
आप स्थिर धन से युक्त सदा सुखी रहने वाले व्यक्ति होंगे। मनोरंजक और साहसी खेलों में आपको विजय मिलेगी। हो सकता है कि जब आपको कोई धन लाभ होना हो तो किसी प्रकार का विरोध आया करे। अशुभ दशा के समय कुछ अदालती मामले आपको परेशान कर सकते हैं। हांलाकि आपकी आमदनी सामान्य रह सकती है लेकिन आपकी जीवन यात्रा अच्छी रहेगी।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। यह एक शुभ ग्रह है, अतः जातकों को इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं बृहस्पति ग्रह के विभिन्न भावों पर प्रभाव -
वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह का प्रत्येक भाव में प्रभाव
ज्योतिष में ग्रह
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ‘गुरु’ कहा जाता
है। यह धनु और
मीन राशि का स्वामी होता है और कर्क इसकी
उच्च राशि है जबकि मकर इसकी नीच राशि मानी जाती
है। गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि
आदि का कारक होता है। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों
में पुनर्वसु,
विशाखा, और
पूर्वा भाद्रपद
नक्षत्र का स्वामी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है
उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का गोचर जन्मकालीन राशि से दूसरे, पाँचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल देता है। जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो जातक के जीवन में प्रगति होती है। हालाँकि इस दौरान जातक के मोटे होने की भी संभावना बनी रहती है। गुरु के आशीर्वाद से व्यक्ति को पेट से संबंधित रोगों से छुटकारा मिलता है। कुंडली में यदि कोई भाव कमज़ोर हो और उस पर गुरु की दृष्टि पड़ जाए तो वह भाव मजबूत हो जाता है।
ज्योतिष के अनुसार मनुष्य जीवन पर गुरु का प्रभाव
शारीरिक रूपरेखा तथा स्वभाव - जिस व्यक्ति के लग्न भाव में देव गुरु स्वयं स्थित हो तो वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है। इसके प्रभाव से जातकों का व्यक्तित्व सुंदर और आकर्षक होता है। ऐसे व्यक्ति उच्च शिक्षित, ज्ञानवान और उदारवादी विचारों के होते हैं। गुरु के प्रभाव से व्यक्ति धार्मिक और दान पुण्य करने वाला होता है। व्यक्ति को भम्रण करने में आनंद आता है और आध्यात्मिक ज्ञान को पाने के लिए जातक आतुर रहता है। यदि जन्म कुंडली में गुरु प्रथम भाव में स्थित हो तो व्यक्ति के जीवन में धन का आगमन होता है और वह रत्न व स्वर्ण को धारण करता है।
बली गुरु के प्रभाव - हम जानते हैं कि कर्क बृहस्पति ग्रह की उच्च राशि है। अतः गुरु इस राशि में बलवान होगा। बली गुरु के प्रभाव से व्यक्ति को विभिन्न क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होगा। जातक शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहेगा। उसके जीवन में धन की वृद्धि होगी। व्यक्ति का पूजा पाठ में मन लगेगा। जिस व्यक्ति का गुरु बलवान होता है वह ज्ञानी और ईमानदार होता है। वह सदैव सत्य के मार्ग पर चलता है। बली गुरु के कारण व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
पीड़ित गुरु के प्रभाव - बली चंद्रमा के कारण व्यक्ति को गुरु से शुभ फल प्राप्त होते हैं। लेकिन इसके विपरीत पीड़ित बृहस्पति जातकों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसके कारण जातक को विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है तो उसे इस क्षेत्र में परेशानियाँ आएंगी। पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है और उसके मूल्यों का ह्लास होता है। पीड़ित गुरु व्यक्ति को शारीरिक कष्ट भी देता है। व्यक्ति को नौकरी तथा विवाह आदि में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में व्यक्ति को गुरु के ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए।
रोग - ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह से व्यक्ति को पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, कमज़ोर पाचन तंत्र, कैंसर जैसी बीमारी होने का ख़तरा रहता है।
कार्यक्षेत्र - ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह अध्यापन, संपादन कार्य, पनवाड़ी, हलवाई, इत्र का कार्य, फिल्म निर्माण, पीली वस्तुओं का व्यापार, आभूषण विक्रेता आदि कार्यों से संबंध रखता है।
उत्पाद - स्टेशनरी से संबंधित वस्तुएँ, खाद्य उत्पाद, मक्खन, घी, मिष्ठान, संतरा, केला, हल्दी, पीले रंग के पुष्प, चना, दाल आदि वस्तुओं को बृहस्पति ग्रह से दर्शाया जाता है।
स्थान - स्टेशनरी की दुकान, अदालत, धार्मिक पूजा स्थल, विद्यालय, कॉलेज, विधानसभा आदि।
जानवर तथा पक्षी - ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह घोड़ा, बैल, हाथी, बाज, पालतू जानवर, मोर, व्हेल मछली, डॉल्फिन आदि पशु-पक्षियों तथा जानवरों को दर्शाता है।
जड़ - केले की जड़।
रत्न - पुखराज।
रुद्राक्ष - पाँच मुखी रुद्राक्ष।
यंत्र - गुरु यंत्र।
रंग - पीला
बृहस्पति से संबंधित मंत्र -
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
गुरु का तांत्रिक मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः
बृहस्पति का बीज मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
धार्मिक दृष्टि से बृहस्पति ग्रह का महत्व
सनातन धर्म के अनुसार, बृहस्पति ग्रह को देव गुरु माना जाता है। महाभारत के अनुसार बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र हैं। पौराणिक शास्त्रों के बृहस्पति ग्रह ब्रह्मा जी का भी प्रतिनिधित्व करता है। सप्ताह में बृहस्पतिवार का दिन गुरु को समर्पित है। अतः इस दिन गुरु की आराधना की जाती है। हिन्दू धर्म में केले के वृक्ष को गुरु के रूप में पूजा जाता है। बृहस्पति गुरु का वर्ण पीला है। शास्त्रों में गुरु को शील और धर्म का अवतार माना गया है।
खगोल विज्ञान में बृहस्पति ग्रह का महत्व
बृहस्पति ग्रह सौर मंडल में सबसे विशाल ग्रह है। इसका द्रव्यमान सूर्य के हज़ारवें भाग के बराबर है। हालाँकि इसका तापमान -145 डिग्री सेल्सियस है इसलिए यह बहुत ही ठण्डा ग्रह है। बृहस्पति को अंग्रेजी में जुपिटर नाम से जाना जाता है। इसमें हीलियम और हाइड्रोजन गैस है। इस ग्रह को सौर मंडल का “वैक्यूम क्लीनर“ भी कहा जाता है। यह पृथ्वी को विनाशकारी हमलों से बचाता है। खगोल विज्ञान के मुताबिक बृहस्पति के 64 प्राकृतिक उपग्रह हैं और इसका चुंबकीय क्षेत्र सभी ग्रहों में से सबसे शक्तिशाली है।
इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि खगोलीय और धार्मिक दृष्टि के साथ ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व कितना व्यापक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थित 12 भाव उसके संपूर्ण जीवन को दर्शाते हैं और जब उन पर बृहस्पति ग्रह का प्रभाव पड़ता है तो व्यक्ति के जीवन में उसका असर भी दिखाई देता है।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Jupiter Retrograde In Cancer: Impacts & Remedies
- Jupiter Retrograde In Cancer: Rethinking Growth From Inside Out
- Mercury Retrograde In Scorpio: Embrace The Unexpected Benefits
- Weekly Horoscope November 10 to 16, 2025: Predictions & More!
- Tarot Weekly Horoscope From 9 November To 15 November, 2025
- Numerology Weekly Horoscope: 9 November To 15 November, 2025
- Mars Combust In Scorpio: Caution For These Zodiacs!
- Margashirsha Month 2025: Discover Festivals, Predictions & More
- Dev Diwali 2025: Shivvaas Yoga Will Bring Fortune!
- November 2025: A Quick Glance Into November 2025
- बृहस्पति कर्क राशि में वक्री-क्या होगा 12 राशियों का हाल?
- गुरु कर्क राशि में वक्री, इन 4 राशियों की रुक सकती है तरक्की; करनी पड़ेगी मेहनत!
- बुध वृश्चिक राशि में वक्री से इन राशियों को मिलेगा अप्रत्याशित लाभ और सफलता के अवसर!
- इस सप्ताह दो बड़े ग्रह होंगे अस्त, जानें किन राशियों को रखना होगा फूंक-फूंक कर कदम!
- टैरो साप्ताहिक राशिफल (09 से 15 नवंबर, 2025): इन राशि वालों के लिए खुलने वाले हैं किस्मत के दरवाज़े!
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 09 नवंबर से 15 नवंबर, 2025
- मंगल वृश्चिक राशि में अस्त, इन राशियों पर टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़, रहें सतर्क!
- मार्गशीर्ष माह में पड़ेंगे कई बड़े व्रत त्योहार, राशि अनुसार उपाय से खुलेंगे सुख-समृद्धि के द्वार!
- देव दिवाली 2025: शिववास योग से खुलेंगे सौभाग्य के द्वार, एक उपाय बदल देगा किस्मत!
- नवंबर 2025 में है देवउठनी एकादशी, देखें और भी बड़े व्रत-त्योहारों की लिस्ट!
- Horoscope 2026
- राशिफल 2026
- Calendar 2026
- Holidays 2026
- Shubh Muhurat 2026
- Saturn Transit 2026
- Ketu Transit 2026
- Jupiter Transit In Cancer
- Education Horoscope 2026
- Rahu Transit 2026
- ராசி பலன் 2026
- राशि भविष्य 2026
- રાશિફળ 2026
- রাশিফল 2026 (Rashifol 2026)
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2026
- రాశిఫలాలు 2026
- രാശിഫലം 2026
- Astrology 2026






