कुम्भ का मासिक राशिफल / Kumbha Masik Rashifal in Hindi
September, 2023
सामान्य
कुंभ वायु तत्व की राशि है, जिसके स्वामी शनि हैं। इस राशि में जन्मे जातक रिसर्च में काफ़ी अच्छे होते हैं। मकर राशि की तुलना में कुंभ राशि के जातक अप्रोच करने के मामले में थोड़ा कमज़ोर होते हैं मगर इनकी बुद्धि काफ़ी तेज़ और रचनात्मक होती है। इनके दोस्त सीमित होते हैं यानी कि इन्हें कुछ ही लोगों का साथ पसंद होता है।
सितंबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने कुंभ राशि के जातकों को अपने करियर, आर्थिक जीवन, पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य के मामले में अनुकूल व प्रतिकूल दोनों तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे। आपको अपने स्वास्थ्य और करियर पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होगी क्योंकि उतार-चढ़ाव आने के योग बनेंगे। इस महीने प्रमुख ग्रहों की स्थिति अनुकूल साबित नहीं हो सकती है क्योंकि शनि स्वराशि में वक्री अवस्था में हैं।
तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आपके ख़र्चों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। साथ ही धन हानि होने की भी आशंका है। हालांकि राहु-केतु तीसरे और नौवें भाव में विराजमान होंगे, जिसके फलस्वरूप विदेश यात्रा के योग बनेंगे और आपका झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ेगा।
स्वराशि के पहले भाव में स्थित शनि करियर में चुनौतियां, ज़िम्मेदारियां और कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं। सेहत के लिहाज से देखा जाए तो आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप चिंता और घबराहट का शिकार हो सकते हैं। पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से, प्रेम के कारक शुक्र छठे भाव में वक्री अवस्था में बैठे हुए हैं, जिसके कारण रिश्तों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं कि सितंबर के महीने में आपके करियर, शिक्षा, प्रेम और वैवाहिक जीवन, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य आदि में क्या-क्या बदलाव आने की संभावना है।
सितंबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने कुंभ राशि के जातकों को अपने करियर, आर्थिक जीवन, पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य के मामले में अनुकूल व प्रतिकूल दोनों तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे। आपको अपने स्वास्थ्य और करियर पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होगी क्योंकि उतार-चढ़ाव आने के योग बनेंगे। इस महीने प्रमुख ग्रहों की स्थिति अनुकूल साबित नहीं हो सकती है क्योंकि शनि स्वराशि में वक्री अवस्था में हैं।
तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आपके ख़र्चों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। साथ ही धन हानि होने की भी आशंका है। हालांकि राहु-केतु तीसरे और नौवें भाव में विराजमान होंगे, जिसके फलस्वरूप विदेश यात्रा के योग बनेंगे और आपका झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ेगा।
स्वराशि के पहले भाव में स्थित शनि करियर में चुनौतियां, ज़िम्मेदारियां और कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं। सेहत के लिहाज से देखा जाए तो आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप चिंता और घबराहट का शिकार हो सकते हैं। पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से, प्रेम के कारक शुक्र छठे भाव में वक्री अवस्था में बैठे हुए हैं, जिसके कारण रिश्तों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं कि सितंबर के महीने में आपके करियर, शिक्षा, प्रेम और वैवाहिक जीवन, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य आदि में क्या-क्या बदलाव आने की संभावना है।
कार्यक्षेत्र
करियर के लिहाज से कुंभ राशि के जातकों के लिए यह महीना चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है क्योंकि करियर का कारक ग्रह शनि स्वराशि में पहले भाव में स्थित होगा। इसके कारण हो सकता है कि कार्यस्थल पर आपको काफ़ी चुनौतियों का सामना करना पड़े, अनचाही यात्राएं करनी पड़े, नौकरी का दबाव झेलना पड़े और आपकी मेहनत को नज़रंदाज़ कर दिया जाए। ऐसे में आप मानसिक तनाव का शिकार होते हुए नौकरी से असंतुष्ट हो सकते हैं। दूसरी ओर, तीसरे भाव में बृहस्पति की स्थिति भी आपके करियर के लिए अनुकूल साबित नहीं हो सकती है।
जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, हो सकता है कि उन्हें इस महीने अपेक्षित लाभ की प्राप्ति न हो। नो प्रॉफिट-नो लॉस की स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस महीने पार्टनरशिप में कोई नया व्यवसाय शुरू न करें क्योंकि साझेदारी में नुकसान और वाद-विवाद होने की आशंका है।
जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, हो सकता है कि उन्हें इस महीने अपेक्षित लाभ की प्राप्ति न हो। नो प्रॉफिट-नो लॉस की स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस महीने पार्टनरशिप में कोई नया व्यवसाय शुरू न करें क्योंकि साझेदारी में नुकसान और वाद-विवाद होने की आशंका है।
आर्थिक
आर्थिक पक्ष की बात करें तो इस महीने आपको आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शनि और केतु की स्थिति अनुकूल नहीं है। तीसरे भाव में बृहस्पति की उपस्थिति के कारण आपके लिए पैसा कमाना आसानी से संभव नहीं होगा। बल्कि आपके ख़र्चों में बेतहाशा वृध्दि हो सकती है। ऐसे में आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी अन्यथा आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो जाएगी। इसके अलावा आपको इस माह के दौरान धन हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर नौवें भाव में शुक्र की वक्री अवस्था के चलते आप धन के मामले में अधिक भाग्यशाली साबित नहीं होंगे। आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। ऐसे में आप बचत करने में भी नाकामयाब हो सकते हैं।
जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें भी लाभ अर्जित करने के लिए हद से ज़्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होगी क्योंकि प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की आशंका है। आपको अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की सलाह दी जाती है।
जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें भी लाभ अर्जित करने के लिए हद से ज़्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होगी क्योंकि प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की आशंका है। आपको अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य
सेहत के लिहाज से देखा जाए तो यह महीना आपके लिए बहुत अधिक अनुकूल न रहने की आशंका है। महीने के पहले भाग में शनि आपके पहले भाव में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरूप आपको मानसिक तनाव, पीठ दर्द, बेचैनी, उलझन, चिंता और अनिद्रा जैसी समास्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर, तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आप सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा छठे भाव में स्थित वक्री शुक्र, आपको सर्दी-खांसी और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं दे सकते हैं।
आपको सलाह दी जाती है कि समय पर भोजन करें क्योंकि पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लंबी दूरी की यात्रा से बचें क्योंकि पैरों में अकड़न हो सकती है। अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और नियमित रूप से योग, व्यायाम और मेडिटेशन आदि ज़रूर करें।
आपको सलाह दी जाती है कि समय पर भोजन करें क्योंकि पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लंबी दूरी की यात्रा से बचें क्योंकि पैरों में अकड़न हो सकती है। अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और नियमित रूप से योग, व्यायाम और मेडिटेशन आदि ज़रूर करें।
प्रेम व वैवाहिक
प्रेम और वैवाहिक जीवन के बारे में बात की जाए तो इस महीने आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शनि पहले भाव में विराजमान है। ऐसे में जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उनके रिश्ते में अशांति हो सकती है। जिन लोगों का विवाह होना बाकी है, उनके विवाह में देरी हो सकती है। जो लोग शादीशुदा हैं, उनके दांपत्य जीवन में सामंजस्य की कमी आने की आशंका है क्योंकि तीसरे भाव में बृहस्पति के साथ राहु स्थित है।
तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण प्रेमी जोड़ों के बीच कम्युनिकेशन गैप आ सकता है। ऐसे में आपका प्रेमभाव भी कमज़ोर होगा। दूसरी ओर छठे भाव में वक्री शुक्र के कारण, आप अपने रिश्ते में ज़्यादा सहज महसूस नहीं कर सकेंगे। यदि आप इस महीने विवाह करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि फ़िलहाल के लिए अपनी इस योजना को स्थगित कर दें क्योंकि समय अनुकूल नहीं है। जो जातक विवाहित हैं, उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में बहस या नोक-झोंक जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण प्रेमी जोड़ों के बीच कम्युनिकेशन गैप आ सकता है। ऐसे में आपका प्रेमभाव भी कमज़ोर होगा। दूसरी ओर छठे भाव में वक्री शुक्र के कारण, आप अपने रिश्ते में ज़्यादा सहज महसूस नहीं कर सकेंगे। यदि आप इस महीने विवाह करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि फ़िलहाल के लिए अपनी इस योजना को स्थगित कर दें क्योंकि समय अनुकूल नहीं है। जो जातक विवाहित हैं, उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में बहस या नोक-झोंक जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
पारिवारिक
पारिवारिक जीवन की बात करें तो कुंभ राशि के जातकों के लिए यह महीना चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका अधिक है क्योंकि स्वराशि में शनि की स्थिति परिवारजनों के बीच प्रेमभाव कम कर सकती है। तीसरे भाव में बृहस्पति की स्थित होने के कारण, आपके परिवार में कुछ ग़लतफ़हमियां पैदा हो सकती हैं। ऐसे में सदस्यों के बीच संचार और सामंजस्य में कमी आने की संभावना बनेगी। आपको सलाह दी जाती है कि अपने अहंकार को काबू में रखें और समस्याओं को हल करने की कोशिश करें अन्यथा वाद-विवाद हो सकता है।
शुक्र आपके छठे भाव में चौथे भाव के स्वामी के रूप में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरूप परिवारजनों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है और आपसी सामंजस्य बिगड़ सकता है। इसके अलावा चौथे भाव के स्वामी के रूप में बुध की प्रतिकूल स्थिति के कारण परिवार का शांतिपूर्ण माहौल भंग हो सकता है।
शुक्र आपके छठे भाव में चौथे भाव के स्वामी के रूप में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरूप परिवारजनों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है और आपसी सामंजस्य बिगड़ सकता है। इसके अलावा चौथे भाव के स्वामी के रूप में बुध की प्रतिकूल स्थिति के कारण परिवार का शांतिपूर्ण माहौल भंग हो सकता है।
उपाय
प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें।
प्रतिदिन 108 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
मंगलवार के दिन लाल रंग के फूलों से हनुमान जी की पूजा करें।
प्रतिदिन 108 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
मंगलवार के दिन लाल रंग के फूलों से हनुमान जी की पूजा करें।
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