तृ्तीय भाव में स्थित चन्द्र का फल (Moon in Third House)
चन्द्र फल विचार
तीसरे भाव में स्थित चन्द्रमा आपके भीतर कलात्मक गुण देता है। किसी भी विषयवस्तु की जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा आप में हमेशा बनी रहती है। आपको बेवजह खर्चे करना पसंद नहीं होगा। आप बचत करने पर ज्यादा जोर देते हैं। लेकिन आप अपनी बातों और विचारों को सही ढंग से औरों के सामने नहीं रख पाते। समय-समय पर आपके शौक बदलते रहते हैं।
आपकी छोटी बहनों की संख्या छोटे भाइयों की अपेक्षा अधिक हो सकती है, और छोटे भाई बहनों से आपके संबंध अच्छे रहेंगे। आपके बडे भाई और बहनों को पुत्री , पुत्र की तुलना में अधिक हो सकती हैं। आपके पिता कई बार अपने व्यवसायिक साथी में बदलाव कर सकते हैं साथ ही उन्हें बहुत सारी यात्राएं करने का अवसर मिलेगा। आपके जीवन साथी को भी विदेश यात्रा का मौका मिलेगा।
आपके परिवेश में आपको कई बार परिवर्तन करना पडेगा। हांलाकि आप परिवर्तन पसंद करते हैं अत: होने वाले परिवर्तनों से आपको परेशानी नहीं होगी। आपको यात्राएं बहुत पसंद होंगी साथ ही आप लोक प्रसिद्धि पाने के लिए भी प्रयासरत रहेंगे। आप हमेशा प्रसन्न मुद्रा में रहने का प्रयास करेंगे। आपमें अद्भुद साहस देखनें को मिलेगा। दान करने में भी आपकी रुचि हो सकती है।
ज्योतिष में चंद्र ग्रह का विशेष स्थान है। हालाँकि खगोल विज्ञान में चंद्रमा को पृथ्वी ग्रह का एक प्राकृतिक उपग्रह माना जाता है। ज्योतिष में इसके द्वारा व्यक्ति की चंद्र राशि ज्ञात होती है। जन्म कुंडली में स्थित 12 भावों में चंद्र ग्रह का अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। उन प्रभावों को आप यहाँ विस्तृत रूप से जान सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष में चन्द्र ग्रह का प्रत्येक भाव में प्रभाव
ज्योतिष में ग्रह
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह का महत्व
चंद्रमा नौ ग्रहों के क्रम में सूर्य के बाद
दूसरा ग्रह है। वैदिक ज्योतिष में यह मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, यात्रा, सुख-शांति,
धन-संपत्ति, रक्त, बायीं आँख, छाती आदि का कारक होता है। चंद्रमा
राशियों में कर्क और
नक्षत्रों में रोहिणी,
हस्त और
श्रवण नक्षत्र का स्वामी होता है। इसका आकार ग्रहों में सबसे छोटा है परंतु इसकी गति सबसे तेज़
होती है। चंद्रमा के गोचर की अवधि सबसे कम होती है। यह लगभग सवा दो दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में
संचरण करता है। चंद्र ग्रह की गति के कारण ही विंशोत्तरी, योगिनी, अष्टोत्तरी दशा आदि चंद्र ग्रह की गति
से ही बनती हैं। वहीं वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राशिफल
को ज्ञात करने के लिए व्यक्ति की चंद्र राशि को आधार माना जाता है। जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित
होता है वह जातकों की चंद्र राशि कहलाती है। लाल के किताब के अनुसार चंद्र एक शुभ ग्रह है। यह सौम्य और
शीतल प्रकृति को धारण करता है। ज्योतिष में चंद्र ग्रह को स्त्री ग्रह कहा गया है।
ज्योतिष के अनुसार मनुष्य जीवन पर चंद्रमा का प्रभाव
शारीरिक बनावट एवं स्वभाव - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति के लग्न भाव में चंद्रमा होता है, वह व्यक्ति देखने में सुंदर और आकर्षक होता है और स्वभाव से साहसी होता है। चंद्र ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति अपने सिद्धांतों को महत्व देता है। व्यक्ति की यात्रा करने में रुचि होती है। लग्न भाव में स्थित चंद्रमा व्यक्ति को प्रबल कल्पनाशील व्यक्ति बनाता है। इसके साथ ही व्यक्ति अधिक संवेदनशील और भावुक होता है। यदि व्यक्ति के आर्थिक जीवन की बात करें तो धन संचय में उसे कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
बली चंद्रमा के प्रभाव - यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा बली हो तो जातक को इसके सकारात्मक फल प्राप्त होते है। बली चंद्रमा के कारण जातक मानसिक रूप से सुखी रहता है। उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है तथा उसकी कल्पना शक्ति भी मजबूत होती है। बली चंद्रमा के कारण जातक के माता जी संबंध मधुर होते हैं और माता जी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
पीड़ित चंद्रमा के प्रभाव: पीड़ित चंद्रमा के कारण व्यक्ति को मानसिक पीड़ा होती है। इस दौरान व्यक्ति की स्मृति कमज़ोर हो जाती है। माता जी को किसी न किसी प्रकार की दिक्कत बनी रहती है। वहीं घर में पानी की कमी हो जाती है। कई बार जातक इस दौरान आत्महत्या करनी की कोशिश करता है।
रोग - यदि जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी क्रूर अथवा पापी ग्रह से पीड़ित होता है तो जातक की सेहत पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इससे जातक को मस्तिष्क पीड़ा, सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन, भय, घबराहट, दमा, रक्त से संबंधित विकार, मिर्गी के दौरे, पागलपन अथवा बेहोशी आदि की समस्या होती है।
कार्यक्षेत्र - ज्योतिष में चंद्र ग्रह से सिंचाई, जल से संबंधित कार्य, पेय पदार्थ, दूध, दुग्ध उत्पाद (दही, घी, मक्खन) खाद्य पदार्थ, पेट्रोल, मछली, नौसेना, टूरिज्म, आईसक्रीम, ऐनीमेशन आदि का कारोबार देखा जाता है।
उत्पाद - सभी रसदार फल तथा सब्जी, गन्ना, शकरकंद, केसर, मक्का, चांदी, मोती, कपूर जैसी वस्तुए चंद्रमा के अधिकार क्षेत्र में आती हैं।
स्थान - ज्योतिष में चंद्र ग्रह हिल स्टेशन, पानी से जुड़े स्थान, टंकियाँ, कुएं, जंगल, डेयरी, तबेला, फ्रिज आदि को दर्शाता है।
जानवर तथा पक्षी - कुत्ता, बिल्लू, सफेद चूहे, बत्तक, कछुआ, मछली आदि पशु पक्षी ज्योतिष में चंद्र ग्रह द्वारा दर्शायी जाती हैं।
जड़ - खिरनी।
रत्न - मोती।
रुद्राक्ष - दो मुखी रुद्राक्ष।
यंत्र - चंद्र यंत्र।
रंग - सफेद
चंद्र ग्रह के उपाय के तहत व्यक्ति को सोमवार का व्रत धारण और चंद्र के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ॐ इमं देवा असपत्नं सुवध्यं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय। इमममुष्य
पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानां राजा।।
चंद्र ग्रह का तांत्रिक मंत्र
ॐ सों सोमाय नमः
चंद्रमा का बीज मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः
खगोल विज्ञान में चंद्रमा का महत्व
खगोल शास्त्र में चंद्रमा को पृथ्वी ग्रह का उपग्रह माना गया है। जिस प्रकार धरती सूर्य के चक्कर लगाती है ठीक उसी प्रकार चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। पृथ्वी पर स्थित जल में होने वाली हलचल चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण होती है। सूर्य के बाद आसमान पर सबसे चमकीला चंद्रमा ही है। जब चंद्रमा परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो यह सूर्य को क लेता है तो उस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
चंद्रमा का पौराणिक महत्व
हिन्दू धर्म में चंद्र ग्रह को चंद्र देवता के रूप में पूजा जाता है। सनातन धर्म के अनुसार चंद्रमा जल तत्व के देव हैं। चंद्रमा को भगवान शिव ने अपने सिर पर धारण किया है। सोमवार का दिन चंद्र देव का दिन होता है। शास्त्रों में भगवान शिव को चंद्रमा का स्वामी माना जाता है। अतः जो व्यक्ति भोलेनाथ की पूजा करते हैं उन्हें चंद्र देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। चंद्रमा की महादशा दस वर्ष की होती है। श्रीमद्भगवत के अनुसार, चंद्र देव महर्षि अत्रि और अनुसूया के पुत्र हैं। चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त हैं। पौराणिक शास्त्रों में चंद्रमा को बुध का पिता कहा जाता है और दिशाओं में यह वायव्य दिशा का स्वामी होता है।
इस प्रकार आप देख सकते हैं कि हिन्दू ज्योतिष में चंद्र ग्रह का महत्व कितना व्यापक है। मनुष्य के शरीर में 60 प्रतिशत से भी अधिक पानी होता है। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि चंद्रमा मनुष्य पर किस तरह का प्रभाव डालता होगा।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems

AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Dhanshakti Rajyoga 2025: Riches & Financial Opportunities For 3 Zodiac Signs!
- Malavya Rajyoga 2025: Gateway To Wealth & Luxury For Zodiac Signs!
- Mercury Transit In Cancer: How It Will Impact Worldwide Events!
- Mercury Transit 2025: Big Breaks & Higher Bucks For 4 Lucky Zodiac Signs!
- Viprita Rajyoga: Turning Turmoil Into Triumph For Success & Riches!
- Weekly Horoscope From 16 June To 22 June, 2025
- Mithun Sankranti 2025: Perform These Auspicious Tasks On This Day
- Sun Transit In Gemini: Good Days Ahead For These Zodiacs
- Chaturgrahi Yoga 2025: Powerful Alignment Brings Fortunes To These 3 Zodiacs!
- Tarot Weekly Horoscope (15 To 21 June): Unlock Weekly Energies Through Tarot!
- बुध का कर्क राशि में गोचर: देश-दुनिया पर पड़ेगा प्रभाव!
- योगिनी एकादशी से सजा यह सप्ताह इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ, भगवान विष्णु का मिलेगा आशीर्वाद!
- मिथुन संक्रांति 2025 पर करें ये शुभ काम, मिलेगा पद-प्रतिष्ठा और धन लाभ!
- एक साल बाद ग्रहों के राजा मिथुन राशि में करेंगे प्रवेश, इन राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!
- टैरो साप्ताहिक राशिफल (15 जून से 21 जून, 2025): इस राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ!
- साप्ताहिक अंक फल (15 जून से 21 जून, 2025): जानें इस सप्ताह किन जातकों को रहना होगा सावधान!
- इन ग्रहों के प्रकोप से अहमदाबाद में क्रैश हुआ प्लेन, ज्योतिष ने बताया सच!
- सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: राशियों व देश-दुनिया में क्या होगा बदलाव!
- आषाढ़ मास 2025 के व्रत-त्योहार: कब है रथ यात्रा, कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, यहां जानें सब कुछ!
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत रखने से मिलता है अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद, जान लें अचूक उपाय!
- Horoscope 2025
- Rashifal 2025
- Calendar 2025
- Chinese Horoscope 2025
- Saturn Transit 2025
- Jupiter Transit 2025
- Rahu Transit 2025
- Ketu Transit 2025
- Ascendant Horoscope 2025
- Lal Kitab 2025
- Shubh Muhurat 2025
- Hindu Holidays 2025
- Public Holidays 2025
- ராசி பலன் 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2025
- ਰਾਸ਼ੀਫਲ 2025
- ରାଶିଫଳ 2025
- രാശിഫലം 2025
- રાશિફળ 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- রাশিফল 2025 (Rashifol 2025)
- Astrology 2025