साल 2018 में कुल तीन सूर्य ग्रहण घटित होंगे। ये तीनों आंशिक सूर्य ग्रहण होंगे। भारत में ये तीनों ग्रहण दिखाई नहीं देंगे इसलिए यहां इनका कोई धार्मिक महत्व और सूतक मान्य नहीं होगा। ये तीनों सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक और अंटार्कटिका के क्षेत्रों में दिखाई देंगे।
दिनाँक | समय | ग्रहण का प्रकार | दृश्यता |
15-16 फरवरी 2018 |
00:25:51 से सुबह 04:17:08 बजे तक
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आंशिक | साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका |
नोट: यह सूर्य ग्रहण 15 और 16 फरवरी की मध्य रात्रि में घटित होगा और भारत में नहीं दिखाई देगा।
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दिनाँक | समय | ग्रहण का प्रकार | दृश्यता |
13 जुलाई 2018 | प्रातः 07:18:23 बजे से 09:43:44 बजे तक | आंशिक | दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, पेसिफिक, हिन्द महासागर |
नोट: यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा।
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दिनाँक | समय | ग्रहण का प्रकार | दृश्यता |
11 अगस्त 2018 | दोपहर 13:32:08 से शाम 17:00:40 तक | आंशिक | नॉर्थ/ईस्ट यूरोप, नॉर्थ/वेस्ट एशिया, नॉर्थ उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक, आर्कटिक |
नोट: यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा।
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इस वर्ष होने ये तीनों सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे इसलिए इन सूर्य ग्रहण का सूतक और धार्मिक प्रभाव भारत में मान्य नहीं होगा। हालांकि जिन देशों में यह ग्रहण दिखाई देगा। वहां इसका धार्मिक प्रभाव और सूतक माना जाएगा। ग्रहण का सूतक वृद्ध, बच्चों और रोगियों पर मान्य नहीं होता है।
हिंदू धर्म में सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है। दरअसल ग्रहण के दौरान सूतक या सूतक काल एक ऐसा समय होता है, जब कुछ कार्य करने की मनाही होती है। क्योंकि सूतक के इस समय को अशुभ माना जाता है। सामान्यत: सूर्य व चंद्र ग्रहण लगने से कुछ समय पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के समाप्त होने पर स्नान के बाद सूतक काल समाप्त होता है। हालांकि वृद्ध, बच्चों और रोगियों पर ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होता है।
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ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने और ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, काटने और छीलने जैसे कार्यों से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय चाकू और सुई का उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को क्षति पहुंच सकती है।
सूर्य ग्रहण में करें मंत्र जप
"ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ”
प्रश्न. हमें नग्न आँखों से पूर्ण सूर्य ग्रहण क्यों नहीं देखना चाहिए?
उत्तर. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य भारी मात्रा में ऊर्जा को उत्सर्जित करता है जिसे हमारी नग्न आँखें सहन नहीं कर सकती हैं। इस दौरान पराबैंगनी किरणें भी निकलती हैं। कई शोधों से इस बात की पुष्टि भी हुई है कि नग्न आँखों से सूर्य ग्रहण देखने से रेटिना ख़राब हो सकती है।
प्रश्न. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना क्यों वर्जित है?
उत्तर.स्मृतियों के अनुसार ग्रहण के दौरान पकाया या खाया गया खाना हानिकारक होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले से ही लोग उपवास रखते हैं।
प्रश्न. सूर्य ग्रहण के दौरान आध्यात्मिक होना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर.शास्त्रों के मुताबिक़ ग्रहण के दौरान की गई साधना का परिणाम कई गुना अधिक मिलता है।
प्रश्न. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएँ को घर से बाहर क्यों नहीं निकलने दिया जाता है?
उत्तर.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें गर्भ में पल रहे भ्रूण पर ग़लत प्रभाव डाल सकती हैं। यह भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान जो महिलाएँ घर से बाहर झाँकती हैं या निकलती हैं उनके गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण पैदा होने वाला बच्चा कैंसर का शिकार भी हो सकता है।