सूर्य का मेष राशि में गोचर (14 अप्रैल 2025)
सूर्य का मेष राशि में गोचर 2025: ग्रहों के राजा सूर्य 14 अप्रैल 2025 को अपनी उच्च राशि में प्रवेश करने वाले हैं और सूर्य यहां पर 15 मई 2025 तक रहने वाले हैं। जैसा कि ज्योतिष में रुचि रखने वाले जानते हैं कि सूर्य मेष राशि में उच्च अवस्था में माने जाते हैं। मेष राशि मंगल ग्रह की पहली राशि है और सामान्य तौर पर सूर्य ग्रह प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने के मध्य भाग से लेकर मई महीने के मध्य भाग तक मेष राशि में रहते हैं। सूर्य का मेष राशि में जाना सूर्य को और मजबूती देता है। सूर्य अग्नि तत्व वाले ग्रह होते हैं और मेष राशि भी अग्नि तत्व की राशि मानी गई है। इतना ही नहीं मेष राशि सूर्य के मित्र मंगल की राशि है अर्थात यह न केवल सूर्य की मित्र राशि है बल्कि सूर्य की उच्च राशि भी है।

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ऐसी स्थिति में मेष राशि में सूर्य का जाना एक अनुकूल बिंदु माना जाता है। इन सभी कारणों से सूर्य अपनी पूरी शक्ति के साथ अपना परिणाम देना चाहेंगे। अर्थात जिनके लिए सूर्य अनुकूल ग्रह है उन्हें सूर्य की स्थिति काफी अच्छे परिणाम दे सकती है। वहीं सूर्य जिनके लिए प्रतिकूल ग्रह है उनके लिए सूर्य का मजबूत होना कुछ कमजोर परिणाम भी दे सकता है। सूर्य का मेष राशि में गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले यह भी जान लेते हैं कि सूर्य ग्रह के इस गोचर का भारतवर्ष पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?
सूर्य गोचर का भारत पर प्रभाव:
आजाद भारत की कुंडली की बात होने पर ज्यादातर विद्वान ज्योतिषी वृष लग्न की कुंडली मानते हैं और इस कुंडली के अनुसार सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं और उच्च अवस्था में गोचर करते हुए सूर्य द्वादश भाव में रहेंगे। वैसे तो सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को द्वादश भाव में अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि ऐसा गोचर आंतरिक कलह भी उत्पन्न करवा सकता है लेकिन चतुर्थ भाव के स्वामी के उच्च अवस्था में जाने के कारण आंतरिक डेवलपमेंट को सपोर्ट भी मिल सकता है। विदेश के साथ संबंध भी बेहतर हो सकते हैं। हालांकि सरकारों को अस्थिर करने का काम भी हो सकता है। इस अवधि में किसी न किसी तरह से सत्तारूढ़ दल अपना हित साध लेंगे। कहने का तात्पर्य यह है कि सूर्य के इस गोचर के चलते आंतरिक स्थिरता तो देखने को मिल सकती है लेकिन कई मामलों में उन्नति भी देखने को मिल सकती है।
यातायात के साधनों संसाधनों पर सरकार काम कर सकती हैं लेकिन यातायात दुर्घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं। कुछ पड़ोसी राष्ट्र इस समय देश को अस्थिर करने की असफल कोशिश भी कर सकते हैं। इस तरह से भारतवर्ष के लिए इस गोचर को हम मिले-जुले परिणाम देने वाला कह सकते हैं। यद्यपि कुछ परेशानियां या कठिनाइयां रहेगी लेकिन कठिनाइयों के बाद लाभ भी मिल सकेगा। सूर्य का मेष राशि में गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं।
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सूर्य का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके पहले भाव में होने जा रहा है। भले ही आपकी लग्न के स्वामी ग्रह मंगल इस अवधि में नीच के रहेंगे लेकिन सूर्य की कृपा से उनकी नीचता के नकारात्मक परिणाम नियंत्रित होंगे। भले ही सूर्य हर मामले में बहुत अच्छे परिणाम न दे सकें लेकिन उच्च अवस्था में होने के कारण कुछ सकारात्मक परिणाम भी सूर्य के द्वारा दिए जा सकते हैं। जैसे कि आपके पंचमेश सूर्य उच्च के हो रहे हैं तो यह आपके मित्रों के साथ अथवा प्रिय जनों के साथ संबंधों को मजबूत कर सकते हैं या संबंधों को बेहतर कर सकते हैं। प्रेम संबंधों में भी कुछ अनुकूलता देखने को मिल सकती है लेकिन आपके क्रोध का लेवल थोड़ा सा बढ़ सकता है। सिर दर्द, बुखार, इत्यादि की शिकायतें भी रह सकती हैं। क्योंकि सूर्य पित्त प्रकृति के ग्रह हैं, ऐसे में यह आपके शरीर में एसिड की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। कभी-कभी कुछ संबंधियों से नाराजगी भी देखने को मिल सकती है लेकिन विद्यार्थियों को शिक्षा के मामले में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: अगले एक महीने तक गुड़ नहीं खाना है।
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वृषभ राशि
सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश यह आपके द्वादश भाव में पहुंचे हैं। चतुर्थेश का द्वादश भाव में उच्च का होना विदेश से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम दे सकता है लेकिन 12वें भाव में सूर्य का गोचर व्यर्थ की यात्राएं भी करवाता है। खर्च की अधिकता भी देता है। सूर्य का मेष राशि में गोचर कभी-कभी शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में कुछ परेशानियां भी दे सकता है। नेत्रों और पैरों से संबंधित कुछ तकलीफें भी रह सकती हैं और लापरवाही की स्थिति में कार्य हानि भी हो सकती है। अर्थात ज्यादातर मामलों में यह गोचर बहुत ही सावधानी से निर्वाह करने का संकेत दे रहा है लेकिन यदि आपका संबंध विदेश से है अथवा आप विदेश में रह रहे हैं तो कुछ अच्छे परिणाम भी आपको मिल सकते हैं।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा।
मिथुन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचर करते हुए आपके लाभ भाव में पहुंचे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के लिए यह एक उत्तम स्थिति कही जाएगी। ऐसे में सूर्य आपके आत्मविश्वास को काफी अच्छा कर सकते हैं। फलस्वरूप आप अपने विभिन्न मामलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। विशेषकर आर्थिक मामलों के लिए उसमें भी आमदनी के लिए सूर्य का मेष राशि में गोचर काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। यदि आपके कार्यालय की पॉलिसी के अनुसार इस अवधि में पदोन्नति इत्यादि होती है तो आपकी पदोन्नति की भी अच्छी संभावनाएं हैं। पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्ति का सानिध्य न केवल सुखकर रहेगा बल्कि लाभदायक भी रह सकता है। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है।
उपाय: मांस, मदिरा और अंडे का त्याग करना उपाय की तरह काम करेगा।
कर्क राशि
सूर्य आपके दूसरे भाव अर्थात धन भाव के स्वामी होकर उच्च अवस्था में कर्म भाव में पहुंचे हैं। यह सूर्य के उत्तम गोचर में से एक गोचर है। अतः शासन से जुड़े मामलों में यह गोचर आपको काफी अच्छे परिणाम दिलवा सकता है। सूर्य का मेष राशि में गोचर के दौरान आपकी सामाजिक पद प्रतिष्ठा भी बढ़ सकती है। इस अवधि में पदोन्नति भी संभव है अथवा पदोन्नति के रास्ते खुल सकेंगे। पिता का सुख मिलेगा और लगभग अधिकांश कामों में आपको सफलता मिल सकेगी। आर्थिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से भी सूर्य के इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा जाएगा।
उपाय: शनिवार के दिन किसी गरीब को काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं और सूर्य का मेष राशि में गोचर भाग्य भाव में उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर भाग्य भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन लग्न या राशि के स्वामी का भाग्य भाव में उच्च अवस्था में रहना अच्छा कहा जाएगा। इस दृष्टिकोण से कुछ सावधानियों को अपनाने की स्थिति में सूर्य के इस गोचर से अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकती है। वैसे तो सूर्य का यह गोचर भाग्य की हानि करवाने वाला कहा गया है लेकिन उच्च अवस्था में होने के कारण कर्म करने की स्थिति में भाग्य का भी अच्छा सपोर्ट मिल जाएगा और आपके कामों में सफलता मिल जाएगी। भले ही कामों में कुछ बधाएं रहें लेकिन बाधाओं के बाद न केवल सफलता मिलेगी बल्कि उस काम से आपको अच्छा लाभ भी मिल सकता है। भाई बंधुओं के साथ संबंध बिगड़ने न पाएं इस बात का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। यदि संबंध अनुकूल बने रहेंगे तो भाई बंधु आपके सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे। सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में स्वास्थ्य भी सामान्य तौर पर अनुकूल बना रहेगा।
उपाय: रविवार के दिन नमक का सेवन न करना शुभ रहेगा।
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कन्या राशि
सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके आठवें भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो द्वादश भाव के स्वामी, आठवें भाव में उच्च अवस्था में है। इसे विपरीत राजयोग की श्रेणी में माना जाएगा। अतः सूर्य से कुछ एक मामलों में अप्रत्याशित रूप से अनुकूल परिणामों की उम्मीद भी की जा सकती है लेकिन सामान्य तौर पर अर्थात ज्यादातर मामलों में सूर्य से अनुकूलता की उम्मीद न ही रखी जाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि अष्टम भाव में सूर्य स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां दे सकते हैं। यदि आप किसी भी तरीके से शासन प्रशासन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो इस अवधि में सरकारी नियमों का उल्लंघन बिल्कुल भी न करें। यदि आप सामान्य व्यक्ति हैं और सरकार से किसी भी तरीके का कोई लेना देना इस समय है; जैसे कि कोर्ट में कोई केस चल रहा है या किसी अधिकारी से आपको मिलने जाना है तो भी आप अपनी तरफ से कोई गलती न करें, तभी आप प्रतिकूलता को रोक सकेंगे। इसके अलावा उचित खान-पान तथा रहन-सहन अपनाना भी जरूरी रहेगा, जिससे आपका स्वास्थ्य अनुकूल बना रहे।
उपाय: स्वयं को क्रोध और कलह से दूर रखना उपाय की तरह काम करेगा।
तुला राशि
सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके सप्तम भाव में मेष राशि में रहने वाले हैं। अर्थात उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। वैसे तो सप्तम भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि यह निजी संबंधों विशेषकर पति-पत्नी से संबंधित मामलों में परेशानियां देने का काम कर सकता है। सूर्य का मेष राशि में गोचर के दौरान आपसी ईगो के चलते संबंधों में कुछ कमी भी देखने को मिल सकती है। यह गोचर यात्राओं में कुछ तकलीफें भी दे सकता है। व्यापार व्यवसाय में कुछ व्यवधान भी दे सकता है लेकिन लाभेश होकर व्यापार व्यवसाय से संबंधित भाव में उच्च अवस्था में जाना कुछ एक मामलों में अच्छे लाभ भी दिला सकता है। अर्थात सूर्य की इस गोचर से कुछ एक मामलों में तो अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं; वह भी सावधानी के साथ काम करने की स्थिति में। अन्यथा सूर्य के नकारात्मक परिणामों को रोकने के लिए आपको स्वयं के भीतर और अधिक शांति डेवलप करने की जरूरत रह सकती है।
उपाय: इस गोचर की अवधि में नमक कम खाना है और रविवार के दिन नमक बिल्कुल नहीं खाना है।
वृश्चिक राशि
सूर्य आपकी कुंडली में दशम भाव अर्थात कर्म भाव की स्वामी होते हैं और सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके छठे भाव में रहने वाले हैं। कर्म स्थान के स्वामी का उच्च का होना कार्यक्षेत्र में उन्नति देने का काम कर सकता है। विशेषकर यदि आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं तो यह समय अवधि आपको पदोन्नति दे सकती है अथवा पदोन्नति के रास्ते खोल सकती है। आप प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में बेहतर करते हुए देखे जाएंगे। आपके प्रतिद्वंद्वी या शत्रु शांत होंगे। कामों में सफलता मिलेगी। कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों में भी अच्छी अनुकूलता मिल सकती है।
उपाय: बंदरों को गेहूं और गुड़ खिलाना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
सूर्य आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए यह आपके पंचम भाव में पहुंचे हैं, जहां पर यह उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। वैसे तो पंचम भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। गोचर शास्त्र में सूर्य के इस गोचर को भ्रमित करने वाला कहा गया है। इसके अलावा शिक्षा और संतान से संबंधित मामलों में कुछ परेशानियां भी सूर्य का मीन राशि में गोचर दे सकता है लेकिन भाग्य भाव के स्वामी का उच्च का होना धार्मिक मामलों में अनुकूल परिणाम दे सकता है। अर्थात धर्म या अध्यात्म के लिए यह समय अवधि अच्छी कही जाएगी।
उपाय: सरसों के तेल की आठ बूंदे कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा।
मकर राशि
सूर्य ग्रह आपकी कुंडली के आठवें भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए यह आपके चतुर्थ भाव में उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। चतुर्थ भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऊपर से अष्टम भाव के स्वामी होकर सूर्य चतुर्थ भाव में आए हैं। यह भी एक अनुकूल स्थिति नहीं होगी। ऐसे में सामान्य व्यक्तियों को सूर्य मानसिक तनाव दे सकते हैं। माता या किसी घरेलू सदस्य को लेकर कोई चिंता या परेशानी रह सकती है। सूर्य का मेष राशि में गोचर के दौरान घर-गृहस्थी को लेकर भी मन विचलित रह सकता है। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में भी कुछ परेशानियां रह सकती हैं। यदि आपको हृदय आदि से संबंधित कोई तकलीफ पहले से है तो इस अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वहन जरूरी रहेगा लेकिन यदि आप गृहस्थ त्यागी व्यक्ति हैं अर्थात घर में नहीं रहते या किसी कारण से आपने सांसारिक मोह त्याग दिया है, आप साधनारत व्यक्ति हैं तो यह अवधि आपको बहुत अच्छे परिणाम दे सकती है। आपको कुछ अद्भुत अनुभूतियां भी हो सकती हैं लेकिन सामान्य व्यक्तियों के लिए यह गोचर अच्छा नहीं कहा जाएगा।
उपाय: यथा सामर्थ्य गरीबों को भोजन करवाना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
सूर्य आपका सप्तमेश अर्थात सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश आपके तीसरे भाव में उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। सामान्य तौर पर सूर्य का मेष राशि में गोचर से आप अच्छे परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं। सूर्य का यह गोचर व्यापार व्यवसाय में उन्नति देने वाला कहा जाएगा। जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ न केवल संबंधों में बेहतरी देखने को मिलेगी बल्कि उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा अथवा आपके इस गोचर की मदद से उनके साथ कुछ सकारात्मक घटनाक्रम भी हो सकते हैं। सूर्य का यह गोचर स्थान लाभ, आरोग्यता, शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में अनुकूलता तो दे ही सकता है। साथ ही साथ आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ा सकता है। आपको आपके प्रतिद्वंदियों से बेहतर स्थिति में ले जाने में मददगार बन सकता है। इतना ही नहीं आपकी पदोन्नति के रास्ते भी खुल सकते हैं।
उपाय: पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्ति की सेवा सत्कार करते हुए उन्हें दूध और चावल खिलाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचर में आपके दूसरे भाव में मेष राशि अर्थात उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। सामान्य तौर पर दूसरे भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। सूर्य का मीन राशि में गोचर मुख से संबंधित कुछ परेशानियां दे सकता है। आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां दे सकता है। इसके अलावा आर्थिक मामलों में भी कुछ नुकसान दे सकता है। परिजनों के साथ भी संबंध कुछ कमजोर रह सकते हैं लेकिन यदि आप कहीं से लोन इत्यादि लेने की कोशिश में हैं तो उस मामले में आपको सूर्य का यह गोचर लाभान्वित कर सकता है।
उपाय: किसी मंदिर में नारियल और बादाम का दान करना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में सूर्य का मेष राशि में गोचर कब होंगे?
सूर्य का मेष राशि में गोचर 14 अप्रैल 2025 को होगा।
2. मेष राशि में सूर्य अच्छा है?
मेष राशि में सूर्य उच्च होता है और सबसे शक्तिशाली माना जाता है
3. मेष राशि के स्वामी कौन है?
मेष राशि के स्वामी मंगल हैं।
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