शुक्र का वृषभ राशि में गोचर
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: भोग विलास के कारक ग्रह शुक्र 29 जून 2025 की दोपहर 01 बजकर 56 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। शुक्र ग्रह की यह स्वयं की राशि है। यहां पर शुक्र 26 जुलाई तक रहेंगे। क्योंकि यह शुक्र ग्रह की स्वयं की राशि है तो स्वाभाविक है कि शुक्र की स्थिति में यहां पर मजबूत रहने वाली है। ऐसे में शुक्र जिनकी कुंडली में फ़ेवर के ग्रह है उनके लाभ का प्रतिशत बढ़ सकता है। वहीं जिनके लिए शुक्र तात्कालिक रूप से अशुभता देने का काम करते हैं उनके लिए शुक्र की नकारात्मकता का ग्राफ़ बढ़ भी सकता है। हालांकि इस पूरी अवधि में शुक्र ग्रह पर शनि ग्रह की तीसरी दृष्टि भी रहेगी। इन सभी स्थितियों का अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ने वाला है।

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जैसा का ज्योतिष प्रेमी जानते हैं कि शुक्र ग्रह समृद्धि, सुख, आनंद और सुंदरता के कारक ग्रह माने जाते हैं। शुक्र ग्रह प्रेम, विवाह जैसे विषयों पर विशेष प्रभाव रखते हैं। ऐसे में शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए कैसे परिणाम देने का काम करेगा? आइए जानते हैं।
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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। वैसे भी सामान्य तौर पर शुक्र के गोचर को दूसरे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है, ऊपर से शुक्र अपनी राशि में रहेंगे। अतः यथा संभव यह आपको आपके फेवर के परिणाम देना चाहेंगे लेकिन शनि ग्रह की तीसरी दृष्टि आपके दूसरे भाव पर रहेगी जो एक कमजोर स्थिति है। अतः शनि के प्रभाव के चलते कुछ नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं लेकिन शुक्र का गोचर उस नकारात्मकता को भी कम करने का प्रयास करेगा।
ऐसे में शुक्र के इस गोचर के चलते आप नए वस्त्र और आभूषण इत्यादि की प्राप्ति कर सकते हैं। गीत संगीत में आपकी रुचि बढ़ सकती है। परिजनों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का मौका मिल सकता है। आर्थिक मामले में भी आपको अच्छे लाभ मिल सकते हैं। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
उपाय: देसी गाय का घी मां दुर्गा के मंदिर में दान करना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचरवश वृषभ राशि में रहने की अवधि में यह आपके पहले भाव में रहेंगे। अर्थात अपनी ही राशि में रहेंगे। प्रथम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से शुक्र अपनी राशि में रहेंगे। अत: आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। शनि ग्रह की नकारात्मकता को कम करने का काम भी शुक्र ग्रह कर सकेंगे। फलस्वरूप इस गोचर की अवधि में आप सुख संपदा का एकत्रीकरण कर सकते हैं।
आर्थिक मामले में भी शुक्र के इस गोचर के चलते आपको लाभ मिल सकते हैं। विद्यार्थियों को भी सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम मिलने चाहिए। विशेष कर कला और साहित्य के विद्यार्थी काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। विवाह आदि से संबंधित बातों को आगे बढ़ाने के लिए भी यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकेगा। प्रेम संबंधों में भी अनुकूलता आने के योग बनेंगे। आमोद प्रमोद मनोरंजन के साथ-साथ व्यापार इत्यादि के मामले में भी शुक्र ग्रह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है।
उपाय: काली गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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मिथुन राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में रहेगा। वैसे सामान्य तौर पर शुक्र के गोचर को द्वादश भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। इसके बावजूद भी पंचम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में जाना ठीक नहीं माना जाता है। यही कारण है कि आप अपने प्रियजन से दूर रह सकते हैं।
अर्थात आप किसी दूर स्थान की यात्रा कर सकते हैं या ना चाहने के बावजूद भी दूर जाना पड़ सकता है। हालांकि व्यापार व्यवसाय को लेकर की गई यात्राएं फायदेमंद रहेंगी। दूर जाकर पढ़ाई करने की कोशिश करने वाले विद्यार्थियों को भी सकारात्मक समाचार सुनने को मिल सकते हैं। भोग विलास के लिए भी शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है। विशेषकर मनोरंजन के मामले में यह गोचर अनुकूल परिणाम देने का काम कर सकता है। शायद यही कारण है की पढ़ाई या अन्य मामलों में मन थोड़ा सा कम लगेगा लेकिन मनोरंजन और आनंद मनाने के दृष्टिकोण से इस गोचर को अच्छा कहा जाएगा।
उपाय: पत्नी, भाभी या किसी युवा स्त्री को ससम्मान श्रृंगार सामग्री भेंट कर उनसे शुभकामनाएं लेना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके लाभ भाव में होगा। लाभ भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से शुक्र ग्रह आपके लाभ भाव में रहेंगे। यह और अच्छी बात है। ऐसे में शुक्र ग्रह आपको विभिन्न मामलों में लाभ देना चाहेंगे।
विशेषकर भूमि, भवन, वाहन इत्यादि का अच्छा सुख और लाभ मिल सकता है। आप यात्राएं कर सकते हैं। यात्राओं का आनंद ले सकते हैं। धन और ऐश्वर्या में वृद्धि करवाने का काम भी शुक्र का यह गोचर कर सकता है। आपको संबंधित कार्य में सफलता मिलने की भी संभावनाएं मजबूत होंगी। भाइयों और मित्रों का अच्छा सहयोग मिल सकता है। माता पक्ष को लेकर यदि कोई चिंता रही है तो वह चिंता अब दूर हो सकती है।
उपाय: शनिवार के दिन सरसों या तिल के तेल का दान करना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके कर्म स्थान पर होगा। वैसे तो दशम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। ऐसे गोचर को लेकर गोचर शास्त्र में उल्लेख मिलता है की दशम भाव में शुक्र का गोचर मानसिक चिंता देता है, कलह देता है। नौकरी व्यापार इत्यादि में विघ्न देने का काम कर सकता है। कामों में असफलता मिलती है और शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में परेशानियां होती हैं। लेकिन आपके मामले में शायद ऐसे परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे, क्योंकि शुक्र अपनी राशि में है।
अतः संबंधित चीजों में मजबूती देगा लेकिन फिर भी कभी-कभार इन्हीं मामलों में कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं। कहने का मतलब यह है कि चिंता के बाद चिंता का समाधान मिल जाएगा। किसी से विवाद के बाद सुलह हो सकती है। नौकरी में कठिनाई के बाद कठिनाई दूर करने का रास्ता मिल सकता है। व्यापार व्यवसाय में भी कठिनाई के बाद लाभ मिल सकते हैं। कामों में सफलता मिल जाएगी और शासन प्रशासन से नाराजगी वाला माहौल भी दूर हो सकता है। अर्थात कठिनाइयों के बाद या परेशानियों के बाद समाधान मिलने की संभावनाएं भी बन रही हैं।
उपाय: मांस, मदिरा, अंडे इत्यादि का त्याग करते हुए सात्विक रहना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और वृषभ राशि में गोचर करने की अवधि में भाग्येश शुक्र आपके भाग्य भाव में ही रहने वाले हैं। भाग्य भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से भाग्येश शुक्र भाग्य भाव में आए हैं। स्वाभाविक है कि यह भाग्य को मजबूत करने का काम करेंगे। अर्थात कर्म के अनुसार तो आपको परिणाम मिलेंगे ही, भाग्य का अच्छा सहयोग मिलने के कारण किसी भी काम में या किसी भी उपलब्धि की प्राप्ति में आसानी भी अनुभव किया जा सकेगा। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में भी सहजता देखने को मिलेगी। धार्मिक यात्राओं के योग बनेंगे। घर परिवार या रिश्तेदारी में मांगलिक कार्य भी संभावित है। अर्थात शुक्र का यह गोचर सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देना चाहेगा। आर्थिक और पारिवारिक मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
उपाय: नीम की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
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तुला राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। वैसे तो सामान्य तौर पर ज्यादातर ग्रहों के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन शुक्र का गोचर आठवें भाव में भी अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से शुक्र ग्रह अपनी राशि में रहेंगे। ऐसे में यह आपको राहत देने का काम कर सकते हैं। आपको यदि पिछले दिनों कोई तकलीफ या परेशानी रही है तो उस परेशानी का समाधान अब मिल सकता है।
आर्थिक मामले में भी अच्छा लाभ मिल सकता है लेकिन लग्न या राशि के स्वामी का आठवें भाव में जाना इस बात का संकेत कर रहा है कि किसी भी काम को धैर्य पूर्वक करने की आवश्यकता रहने वाली है। अर्थात जितने धैर्य के साथ आप काम पहले काम कर रहे थे उससे ज्यादा धैर्य बढ़ाने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही साथ स्वास्थ्य का ख्याल रखना है। वाहन इत्यादि सावधानी से चलाना है। ऐसा करने की स्थिति में नकारात्मकता नहीं मिलेगी और आर्थिक मामलों में आप अच्छा कर सकेंगे। सुख समृद्धि में भी वृद्धि होने के योग मजबूत होंगे।
उपाय: मां दुर्गा के मंदिर जाकर उन्हें दंडवत प्रणाम करना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर सप्तम भाव में होगा। वैसे तो सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता क्योंकि ऐसे गोचर के बारे में गोचर शास्त्र में उल्लेख मिलता है कि शुक्र का सप्तम भाव में गोचर जननेंद्री से संबंधित रोग देने का काम करता है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण आपको ऐसे रोग नहीं होंगे। फिर भी इन रोगों को लेकर जागरूक रहना समझदारी का काम होगा।
सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को यात्राओं में कष्ट देने वाला माना गया है। तो कोशिश करें कि इस समय अवधि में यात्रा न करें लेकिन अगर करना बहुत जरूरी हो तो अच्छी तरह से प्लान करके यात्रा करें। ऐसा करने से कष्ट मिलने की संभावनाएं दूर हो जाएंगी। जीवन साथी या जीवन संगिनी के साथ सामंजस्य बिठाकर चलने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। छोटे-मोटे व्यवधान रह सकते हैं लेकिन अंतत: आप उन व्यवधानों को पार करके सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: लाल गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके छठे भाव में होगा। सामान्य तौर पर छठे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण शायद शुक्र नकारात्मकता न दें। फिर भी इस गोचर की अवधि में शुक्र से संबंधित मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। छठे भाव में शुक्र के गोचर को शत्रु वृद्धि करवाने वाला कहा गया है। अतः इस अवधि में जानबूझकर किसी से विवाद नहीं करना है।
विशेषकर यदि किसी स्त्री से विवाद होने की स्थिति निर्मित हो तो उस मामले में स्वयं को शांत रखना ही समझदारी का काम होगा। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना है। उचित आहार विहार लेना है जिससे कि आप स्वस्थ बने रहें। वाहन इत्यादि सावधानी से चलाने की आवश्यकता रहेगी। ऐसा करके आप नकारात्मकता को रोक सकेंगे और नकारात्मकता रुकने की संभावना इस कारण से और मजबूत रहेगी क्योंकि शुक्र अपनी ही राशि में रहेगा। अर्थात यह गोचर बहुत अच्छा तो नहीं है लेकिन आप कोशिश करके इस गोचर में नकारात्मक परिणामों को रोक सकेंगे; जिससे पिछली अवधि से चली आ रही है अच्छाइयां निरंतर जारी रह सकेंगी।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मकर राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके पंचम भाव में होगा। शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर पंचम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से शुक्र अपनी राशि में रहेंगे। ऐसी स्थिति में वृष राशि में प्रवेश करते ही शुक्र आपके पंचम भाव से संबंधित परेशानियों को दूर करने का काम कर सकेंगे। क्योंकि शनि की दृष्टि लगातार पंचम भाव पर बनी हुई है; ऐसे में शुक्र उन परेशानियों को दूर करने का काम करेंगे।
हालांकि शनि तीसरे भाव में हैं जिसे सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है लेकिन दृष्टि के प्रभाव के चलते यदि पंचम भाव से संबंधित कुछ परेशानियां रही हैं; जैसे की शिक्षा में कुछ व्यवधान आ रहे थे या प्रेम प्रसंग में किस तरीके का कोई तनाव चल रहा था तो अब वह परेशानियां भी दूर हो सकेंगी। संतान सुख से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। परीक्षा में सफलता मिल सकेगी। मनोरंजन के मौके मिल सकेंगे। प्रेम संबंधों में अनुकूलता देखने को मिल सकेगी। सगाई आदि की बातें आगे बढ़ सकेंगी। अर्थात यदि आपकी उम्र विवाह की है तो विवाह आदि से संबंधित बातें आगे बढ़ सकती हैं। कहने का तात्पर्य है कि सामान्य तौर पर शुक्र का यह गोचर आपको अनुकूल परिणाम दे सकता है।
उपाय: मां या मां समान स्त्रियों की सेवा करना और उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और वृषभ राशि में गोचर करने की अवधि में शुक्र देव आपके चतुर्थ भाव में विचरण करेंगे। गोचर शास्त्र के अनुसार चौथे भाव में शुक्र का गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देता है। शुक्र का यह गोचर आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक बन सकता है। आर्थिक मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है। भूमि, भवन, वाहन इत्यादि का सुख दे सकता है।
संबंधियों से भेंट वार्ता करवा सकता है। आप जनसंपर्क के प्रति जागरूक हो सकते हैं और मानसिक रूप से स्वयं को सफल महसूस कर सकते हैं। खाने का तात्पर्य है कि शुक्र का यह गोचर आपको विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है। आप किसी दूर के स्थान से संबंधित मामलों में रुचि रख सकते हैं या दूर रहने वाला कोई रिश्तेदार या मित्र आपसे मिलने आ सकता है। कुल मिलाकर यह गोचर आपको अनुकूल परिणाम देने का प्रयास करेगा। पारिवारिक और घर से संबंधी मामलों में जो परेशानियां चल रही थीं, वो परेशानियां अब कम होने लग जाएंगी।
उपाय: बहते हुए पानी में चावल बहाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी होते हैं और शुक्र जब तक वृष राशि में रहेंगे, तब तक यह आपके तीसरे भाव में रहने वाले हैं। तीसरे भाव में शुक्र की गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। यह गोचर भाइयों और मित्रों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ कर सकता है। नए मित्र भी बन सकते हैं। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। प्रथम भाव में बैठा हुआ शनि जो नकारात्मकता दे रहा था, उस नकारात्मकता को कम करने का काम शुक्र का यह गोचर कर सकता है। कहीं से कोई अच्छा समाचार भी सुनने को मिल सकता है। सुख समृद्धि में वृद्धि हो सकती है। भाग्य का बेहतर सपोर्ट मिलने के कारण आप लगभग सभी मामलों में बेहतरी का अनुभव कर सकेंगे।
उपाय: महिलाओं का सम्मान करना और उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में शुक्र का वृषभ राशि में गोचर कब होगा?
शुक्र का कर्क राशि में गोचर 29 जून 2025 को होने जा रहे हैं।
2. शुक्र किसके कारक हैं?
शुक्र ग्रह को धन, वैभव, ऐश्वर्य, कामुकता, कला, संगीत, सौंदर्य और सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है।
3. वृषभ राशि का स्वामी कौन है?
वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है।
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