शुक्र का कुंभ राशि में गोचर (28 दिसंबर 2024)
वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को प्रेम का कारक कहा जाता है और अब 28 दिसंबर 2024 की रात 11 बजकर 28 मिनट पर शुक्र का कुंभ राशि में गोचर होने जा रहा है। एस्ट्रोसेज का यहविशेष लेख आपको शुक्र गोचर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा और इसके माध्यम से आप जान सकेंगे कि शुक्र का कुंभ राशि में गोचर सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस तरह के बदलाव लेकर आएगा। साथ ही, इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए आप किन उपायों को कर सकते हैं। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं शुक्र का ज्योतिष में महत्व।
यह भी पढ़ें: राशिफल 2025
विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें शुक्र का कुंभ राशि में गोचर का अपने जीवन पर प्रभाव
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
सौरमंडल में शुक्र सबसे चमकदार ग्रह है जो कि प्रेम, विवाह, सौंदर्य और ऐशो-आराम के कारक माने जाते हैं। शुक्र देव को भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। यह किसी व्यक्ति के जीवन में उत्कृष्टता, कल्पना और दैनिक जीवन में होने वाले खर्चों को नियंत्रित करते हैं। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को स्त्री स्वभाव का ग्रह माना गया है और यह संगीत, कविता, पेंटिंग, गायन, अभिनय, ड्रामा, ओपेरा सहित मनोरंजन से जुड़े सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति दयालु, हंसी-मज़ाक करने वाला और सुंदरता की तारीफ करने वाला बनता है।
कुंभ राशि में शुक्र का प्रभाव
प्रेम एवं भौतिक सुखों के ग्रह शुक्र 28 दिसंबर 2024 को अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में गोचर करने जा रहे है। इस राशि का संबंध सामाजिक जीवन, समाज से लाभ प्राप्त करने और समाज में अपना योगदान देने की क्षमता, संसार को बेहतर बनाने, आर्थिक लाभ और अपनी इच्छाओं को पूरा करने से है। राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि कुंभ वायु तत्व की स्थिर और पुरुष स्वभाव की राशि है।
दूसरी तरफ, शुक्र ग्रह कुंभ राशि के लिए एक योगकारक ग्रह हैं और शनि देव के साथ मित्रता होने की वजह से वह इस राशि में अनुकूल स्थिति में होते हैं । ऐसे में, शुक्र का इस राशि में गोचर सामान्य रूप से भौतिक इच्छाओं की पूर्ति की तरफ संकेत करता है। इसके परिणामस्वरूप, जातक पार्टियों और सामाजिक मेलजोल में पैसे खर्च करते हुए दिखाई दे सकते हैं। अगर आप व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर शुक्र गोचर का प्रभाव जानना चाहते हैं, तो आपको अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों से बात करने की सलाह दी जाती है।
आइए अब विस्तार से जानते हैं कि शुक्र का यह गोचरसभी 12 राशियों को किस तरह प्रभावित करेगा।
To Read in English Click Here: Venus Transit In Aquarius
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें
शुक्र का कुंभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब इनका गोचर 28 दिसंबर 2024 को आपके धन लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा के भाव यानी कि ग्यारहवें भाव में हो रहा है। कुंडली में दूसरा भाव परिवार, वित्त, वाणी और सातवां भाव जीवनसाथी का होता है। जैसे कि शुक्र ग्रह धन-धान्य और लक्ज़री के भी ग्रह हैं इसलिए इस समय को धन लाभ कमाने के लिए शानदार कहा जाएगा। ऐसे में, मेष राशि वालों के लिए शुक्र का कुंभ राशि में गोचर बहुत शुभ साबित होगा क्योंकि यह आपके दोनों धन भावों से एक साथ संबंध स्थापित करेगा।
कुंडली का ग्यारहवां भाव दोस्तों और सामाजिक जीवन का भी होता है और ऐसे में, समाज में सबकी निगाहें आप पर रहेंगी। आप दोस्तों के साथ समय का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, ग्यारहवें भाव में बैठकर शुक्र आपके शिक्षा, प्रेम जीवन एवं संतान के भाव पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे होंगे। इसके परिणामस्वरूप, प्रेम जीवन में आपका रिश्ता मज़बूत होगा और संतान आपके जीवन में खुशियां लेकर आने का काम करेगी। वहीं, जिन छात्रों का संबंध रचनात्मक या डिजाइन के क्षेत्र से है, वह प्रगति की दृष्टि से इस अवधि का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।
उपाय: जीवनसाथी की कोई इच्छा पूरी करें या उन्हें कुछ भेंट करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र देवआपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, इन जातकों का सारा ध्यान अपने पेशेवर जीवन पर केंद्रित रहेगा जिसमें आपको कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी और फ़ूड से जुड़े क्षेत्र में। वहीं, मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत लोगों का करियर आगे बढ़ेगा। जिन लोगों का व्यापार माता या बच्चों से जुड़ी वस्तुओं का है, उनका बिजनेस इस दौरान फलता-फूलता रहेगा।
हालांकि, पेशेवर जीवन में अत्यधिक व्यस्त होने के कारण आप अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर सकते है। बता दें कि शुक्र महाराज आपके छठे भाव और लग्न भाव के भी स्वामी हैं इसलिए अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। साथ ही, अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए कठोर जीवनशैली अपनाने से बचें। एक संतुलित जीवनशैली के लिए पौष्टिक भोजन और नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। शुक्र देव की दृष्टि दसवें भाव से आपके चौथे भाव पर होगी और ऐसे में, शुक्र का कुंभ राशि में गोचर की अवधि को नई कार या घर के लिए कोई सामान खरीदने के लिए अनुकूल कहा जा सकता है।
उपाय: कार्यस्थल पर श्रीयंत्र स्थापित करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य के भाव यानी कि नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का कुंभ राशि में गोचर लंबी दूरी की यात्राओं या विदेश यात्राओं या शिक्षा के संबंध में की गई यात्राओं के लिए बेहद शानदार रहेगा। मिथुन राशि के जो जातक अपने रिश्ते को शादी में बदलना चाहते हैं, वह शुक्र गोचर के दौरान इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
इन लोगों को हर कदम पर अपने पिता, गुरु और मेंटर का साथ मिलेगा। इस अवधि को तीर्थस्थल की यात्रा के लिए शुभ कहा जाएगा और आप अध्यात्म के मार्ग पर भी आगे बढ़ सकते हैं। ऐसे में, दान-पुण्य के जरिए आप अच्छे कर्म करना चाहेंगे। बता दें कि नौवें भाव में उपस्थित शुक्र देव की दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ रही होगी और इसके फलस्वरूप, आपको इन भावों से जुड़े क्षेत्रों में लाभ की प्राप्ति होगी। ऐसे में, इन जातकों को अपने छोटे भाई-बहनों का साथ मिलेगा और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसके अलावा, आपका संचार कौशल प्रभावी बनेगा।
उपाय: संभव हो, तो शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के लिए व्रत करें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालोंके लिएशुक्र सकारात्मक ग्रह है जो आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके आठवें भाव में गोचर कर जाएंगे जिसका संबंध कुंडली में अचानक होने वाली घटनाओं, दीर्घायु, और गोपनीयता से होता है। ऐसे में, शुक्र का कुंभ राशि में गोचर इन जातकों को मिले-जुले परिणाम देने का काम करेगा। हालांकि, प्रेम के कारक ग्रह शुक्र की आठवें भाव में उपस्थिति को अशुभ माना जाता है और ऐसे में, इस दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इन्हें यूटीआई इंफेक्शन या किसी तरह की एलर्जी या फिर गुप्त अंग में कोई संक्रमण होने की आशंका है इसलिए आपको अपनी सेहत का ख्याल रखने के साथ-साथ शारीरिक साफ-सफाई पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
शुक्र देव आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में आपके आठवें भाव में विराजमान होंगे। इसके फलस्वरूप, इन लोगों को धन से जुड़े मामलों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इस दौरान जुआ जैसी गतिविधियों से दूर रहें और थोड़ा सावधान रहें। हालांकि, यह गोचर साथी के साथ आपकी संयुक्त संपत्ति में वृद्धि करवा सकता है और ऐसे में, साथी के साथ मिलकर धन निवेश करना आपके लिए फलदायी साबित होगा। शुक्र गोचर के सकारात्मक पक्ष की बात करें, तो कर्क राशि के जातकों के अपने ससुराल पक्ष के साथ रिश्ते बेहतर होंगे। इस समय आप अच्छे खानपान का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। वहीं, शुक्र की दूसरे भाव पर दृष्टि आपको आर्थिक रूप से परेशान करने का काम कर सकती है।
उपाय: प्रतिदिन महिषासुर मर्दिनी का पाठ करें या फिर आप सुन भी सकते हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी के भाव यानी कि सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं। शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा और यह बात हम सभी जानते हैं कि शुक्र प्रेम, शादी-विवाह और जीवनसाथी का कारक ग्रह है और ऐसे में, शुक्र महाराज की स्थिति इस अवधि में आपकी किसी भी पार्टनरशिप के लिए अनुकूल रहेगी फिर चाहे वह व्यक्तिगत रूप से हो या पेशेवर क्योंकि यह आपके दसवें भाव के स्वामी हैं।
इसके फलस्वरूप, यह समय बिज़नेस पार्टनर या किसी निवेशक की तलाश करने के लिए श्रेष्ठ रहेगा। साथ ही, सिंह राशि के जो जातक सिंगल है और विवाह करना चाहते हैं, उनके लिए शुक्र का यह गोचर फलदायी रहेगा। ऐसे में, इस राशि के जातकों की मुलाकात ऑफिस में, दोस्तों के बीच या फिर पड़ोस में किसी ख़ास व्यक्ति से हो सकती है। वहीं, जो जातक पहले से विवाहित हैं, वह साथी के साथ प्रेम पूर्ण समय बिताते हुए दिखाई देंगे। शुक्र ग्रह की दृष्टि आपके लग्न/पहले भाव पर पड़ रही होगी जो आपके व्यक्तित्व को आकर्षक के साथ-साथ प्रेमपूर्ण बनाने का काम करेगी। इस दौरान आप काफ़ी खुशमिज़ाज रहेंगे और ऐसे में, सबकी निगाहें आप पर होंगी।
उपाय: बेडरूम में क्रिस्टल या रोज़ स्क्वाड से बने लव बर्ड्स का जोड़ा रखें।
कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं
कन्या राशि
शुक्र ग्रह के लिए कन्या मित्र राशि मानी जाती है। इस राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके धन-धान्य के भाव दूसरे और भाग्य भाव यानी कि नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में छठा भाव शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता और चाचा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। इसके फलस्वरूप, कन्या राशि वालों को अपने पिता, गुरु या मेंटर के साथ किसी भी तरह की बहस या विवाद में पड़ने से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही, आपको उनकी सेहत का ध्यान रखना होगा। हालांकि, इन जातकों को हद से ज्यादा मीठा और वसा युक्त चीज़ों का सेवन करने से बचना होगा, अन्यथा आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसके अलावा, शुक्र गोचर की अवधि में आपके खर्चें अपनी इच्छाओं को पूरा करने की वजह से बढ़ सकते हैं और इसका सीधा असर आपके बैंक-बैलेंस पर नज़र आ सकता है। इस समय आपके रिश्ते में एक्स्ट्रा मैरियटल अफेयर की वजह से दरार आने की संभावना है जिसके चलते समाज में आपकी छवि ख़राब हो सकती है।
उपाय: नेत्रहीनों को क्षमता के अनुसार आर्थिक सहायता करें या फिर श्रमदान करें।
कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपकेलग्न/पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब इनका गोचर शिक्षा, प्रेम संबंध एवं संतान के भाव पांचवें भाव में होने जा रहा है। ऐसे में, शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके पांचवें भाव में होने से इन जातकों का सारा ध्यान इस भाव से संबंधित क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, रोमांस, रिलेशनशिप और संतान आदि पर केंद्रित होगा। साथ ही, इस अवधि में डिजाइन, कला, रचनात्मकता और कविता से संबंध रखने वाले छात्रों के दिमाग में नए-नए विचार आते रहेंगे और इस वजह से आप आगे बढ़ सकेंगे।
प्रेम जीवन की बात करें, तो शुक्र गोचर को प्रेम करने वालों के लिए अच्छा कहा जाएगा और इस दौरान आपका रिश्ता मजबूत होगा। लेकिन, यह जातक अपने रिश्ते को दुनिया से छुपाकर रखने का काम करेंगे। इस राशि के जो लोग काफ़ी अर्से से परिवार बढ़ाने की सोच रहे हैं, उन्हें अब शुभ समाचार मिल सकता है क्योंकि अब शुक्र का गोचर आपके पांचवें भाव में होने जा रहा है। ऐसे में, इस अवधि में आपके गर्भधारण की संभावना काफ़ी अधिक रहेगी। लेकिन बता दें कि आठवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र का पांचवें भाव में गोचर होने से गर्भवती महिलाओं को अपना और संतान का ध्यान रखना होगा।
उपाय: शुक्र ग्रह से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए अपने दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में सोने में जड़वाकर अच्छी गुणवत्ता वाला ओपल या हीरा धारण करें। ऐसा करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके सातवें और बारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में चौथा भाव घर, वाहन और माता की संपत्ति को दर्शाता है। ऐसे में, शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके लिए बेहद शुभ रहेगा जिसकी वजह से आपका घर ख़ुशियों से भरा रहेगा। साथ ही, घर में रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रह सकता है। हालांकि, शुक्र गोचर की अवधि में आप नया घर या नई कार खरीद सकते हैं या फिर घर को रेनोवेट करवा सकते हैं। इसके अलावा, आपका कोई रिश्तेदार विदेश से आपसे मिलने के लिए आ सकता है। आप और पार्टनर इस अवधि में सब कार्य मिलकर करेंगे और ऐसे में, घर-परिवार का माहौल खुशहाल बना रहेगा।
इन जातकों का रिश्ता अपनी माता के साथ मज़बूत होगा जो कि प्रेम से पूर्ण रहेगा। अगर आप पहले से किसी रिश्ते में हैं, तो आप माता से प्रेमी को मिलवा सकते हैं क्योंकि यह समय ऐसा करने के लिए श्रेष्ठ रहेगा। चौथे भाव में बैठकर शुक्र महाराज की दृष्टि आपके दसवें भाव पर होगी और इसके फलस्वरूप, सर्विस इंडस्ट्री या लक्ज़री वस्तुओं का व्यापार करने वालों और ट्रेवल, सैलून, एवं फ़ूड आदि से जुड़े क्षेत्रों के लिए फलदायी रहेगी। इस अवधि को बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए अच्छा कहा जाएगा जो व्यापार में पार्टनर की तलाश कर रहे हैं।
उपाय: शुक्रवार के दिन अपने घर में सफेद फूल लगाएं और उनकी देखभाल करें।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में तीसरा भाव भाई-बहन, शौक, छोटी यात्रा और संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र का कुंभ राशि में गोचर के दौरान निश्चित रूप से आप अपनी रुचियों पर पैसा ख़र्च करते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, यह जातक अपनी स्किल्स को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। वहीं, इस राशि के जो लोग लेखन के क्षेत्र जैसे कि कवि, पत्रकार, कहानी या नॉवेल लेखन आदि में काम करते हैं, उनकी रचनात्मकता में वृद्धि होगी।
इस अवधि में जिन लोगों के साथ आपके मतभेद चल रहे हैं वह लोग आपसे मिलकर समस्याओं का समाधान करना चाहेंगे। अगर कुंडली की दशाएं आपके लिए अनुकूल नहीं हैं, तो आप किसी के साथ विवाद या झगड़े में पड़ सकते हैं। इसके अलावा, शुक्र आपके तीसरे भाव से नौवें भाव को देख रहे होंगे और ऐसे में, आपको हर कदम पर अपने पिता, गुरु या मेंटर का साथ मिलेगा। साथ ही, इन जातकों का पैसा तीर्थस्थल की यात्रा पर खर्च होने की संभावना है। शुक्र का यह गोचर धर्म-कर्म में आपकी रुचि को बढ़ाएगा और आप दान-पुण्य जैसे अच्छे कर्म करना चाहेंगे।
उपाय: छोटे भाई-बहनों या चचेरे भाई-बहनों को कुछ भेंट करें।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए के लिए शुक्र देव एक योगकारक ग्रह होने के साथ-साथ आपकी कुंडली में पांचवें और दसवें भाव के स्वामी भी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव यानी परिवार, बचत और वाणी के भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का कुंभ राशि में गोचर के दौरान जो लोग सिंगर, मोटिवेशनल स्पीकर, प्रतिनिधि या स्टेज परफॉर्मर हैं, वह दुनिया की नज़रों में आएंगे। आपका बैंक-बैलेंस बढ़ने के अच्छे योग बनेंगे। इस अवधि में आपकी वाणी मधुर एवं विनम्र रहेगी जिस वजह से आपकी आवाज और बातचीत करने का तरीका दूसरों का ध्यान आकर्षित करेगा। मकर राशि के जातकों को स्टेज पर परफॉर्म करने का मौका मिल सकता है।
शुक्र महाराज को धन का ग्रह माना जाता है जो कि कुंभ राशि में गोचर करके आपके बचत के भाव यानी कि दूसरे भाव में विराजमान होंगे। दसवें भाव के स्वामी होने की वजह से यह आपके आय में बढ़ोतरी करवाएंगे और साथ ही, बैंक-बैलेंस में भी वृद्धि होगी। इस राशि के जो छात्र आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वह इस गोचर के दौरान अपनी आर्थिक स्थिति को संभालते हुए इन परेशानियों से बाहर आने में सक्षम होंगे। हालांकि, आपके दूसरे भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके आठवें भाव पर होगी और ऐसे में, आपकी पार्टनर के साथ संयुक्त संपत्ति में वृद्धि होगी। साथ ही, ससुराल पक्ष के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। इसके विपरीत, इस गोचरकाल में आपको गले में खराश या यूटीआई में संक्रमण जैसी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखें।
उपाय: प्रतिदिन शुक्र के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
कुंभ राशि
शुक्र महाराज कुंभ राशि के जातकों के लिए भी योगकारक ग्रह हैं और आपके चौथे और नौवें भाव के भी स्वामी हैं। अब यह वर्तमान समय में आपके लग्न/पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके लिए शानदार परिणाम लेकर आएगा और आप खुलकर जीवन जीते हुए दिखाई देंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को जीवन के कुछ महत्वपूर्ण सबक मिलेंगे। हालांकि, शुक्र महाराज अगर आपके लग्न में विराजमान है, तो आपका सारा ध्यान अपनी सेहत और खुद को सुंदर बनाने में केंद्रित होगा जिसके चलते आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा। इस अवधि में कुंभ राशि की महिलाओं में मातृत्व, प्रेम, और दयालुता में काफी वृद्धि होगी।
कुंभ राशि में शुक्र के प्रवेश के दौरान जातक संपत्ति या नया घर खरीदने में अपना धन निवेश कर सकते हैं और ऐसा करना धन लाभ की दृष्टि से अनुकूल कहा जाएगा। इन जातकों का व्यक्तित्व दूसरों का ध्यान खिंचेगा और माता-पिता का साथ आपको हर कदम पर मिलेगा। अगर आप माता-पिता से दूर रहते हैं, तो वह आपसे मिलने के लिए आ सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप, आप उनके साथ समय बिताते हुए दिखाई देंगे या फिर परिवार के साथ छुट्टियों पर जा सकते हैं। लग्न भाव में स्थित शुक्र देव की दृष्टि आपके सातवें भाव पर होगी और ऐसे में, इन जातकों का अपने प्रेम और वैवाहिक जीवन पर पूरा नियंत्रण होगा। साथ ही, यह अपने वैवाहिक जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।
उपाय: आप अपने व्यक्तित्व को आकर्षक बनाए रखें और प्रतिदिन परफ्यूम का इस्तेमाल करें।
मीन राशि
ज्योतिष के अनुसार, शुक्र देव की उच्च राशि मीन है। मीन राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके विदेशी भूमि और व्यय के भाव अर्थात बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे है। सामान्य रूप से शुक्र आपके लिए एक लाभकारी ग्रह है, लेकिन आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति देव के साथ शत्रुता का भाव रखते हैं। ऐसे में, यह आपके लिए समस्याएं बढ़ा सकते हैं। हालांकि, शुक्र का जातक के जीवन पर प्रभाव आपकी कुंडली में चल रही दशा और इनकी स्थिति पर निर्भर करता है। बारहवें भाव में शुक्र का गोचर होने के कारण आपको अपनी सेहत के प्रति सावधान रहना होगा क्योंकि आपको अचानक से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं जो आपके आर्थिक जीवन को प्रभावित कर सकती है। आपका ज्यादातर धन इलाज पर ख़र्च हो सकता है।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि बारहवां भाव हानि को भी दर्शाता है और ऐसे में, यह जातक अपने जीवनशैली में सुधार करने के लिए पैसे खर्च कर सकते हैं। लेकिन, आप मनोरंजन और विलासिता पर धन ख़र्च करने से बचें। साथ ही, आर्थिक जीवन में बजट बनाकर चलना होगा और बेकार के खर्चों से बचना होगा। इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि आपने आपातकालीन परिस्थितियों के लिए धन की बचत की हो क्योंकि आठवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र बारहवें भाव में जाकर आपके छठे भाव को देख रहे होंगे। इसके परिणामस्वरूप, मीन राशि के जातकों को अपना चरित्र अच्छा बनाए रखना होगा क्योंकि आपके किसी तरह के कानूनी विवाद में फंसने की संभावना है।
उपाय: महिलाओं का सम्मान करें।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शुक्र का कुंभ राशि में गोचर कब होगा?
शुक्र ग्रह 28 दिसंबर 2024 को कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे।
2. कुंभ राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि कुंभ के अधिपति देव शनि ग्रह हैं।
3. शुक्र ग्रह का गोचर कितने दिन में होता है?
ज्योतिष में शुक्र देव लगभग हर 27 दिन में अपना राशि परिवर्तन करते हैं।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
- Horoscope 2025
- Rashifal 2025
- Calendar 2025
- Chinese Horoscope 2025
- Saturn Transit 2025
- Jupiter Transit 2025
- Rahu Transit 2025
- Ketu Transit 2025
- Ascendant Horoscope 2025
- Lal Kitab 2025
- Shubh Muhurat 2025
- Hindu Holidays 2025
- Public Holidays 2025
- ராசி பலன் 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2025
- ਰਾਸ਼ੀਫਲ 2025
- ରାଶିଫଳ 2025
- രാശിഫലം 2025
- રાશિફળ 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- রাশিফল 2025 (Rashifol 2025)
- Astrology 2025