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मंगल का वृषभ राशि में गोचर (22 मार्च, 2019)

वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिष में इसे क्रूर ग्रह की संज्ञा दी गई है जो ऊर्जा, साहस, योद्धा का कारक है। साथ ही मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। मकर राशि इसकी उच्च राशि होती है। अर्थात मकर राशि में मंगल बली होता है। जबकि कर्क मंगल की नीच राशि है। इस राशि में मंगल कमज़ोर स्थिति में होता है। मंगल ग्रह शक्तिशाली और अग्नि तत्व का ग्रह है जो जातक को मानसिक रूप से सक्रिय, शारीरिक रुप से बलवान और महत्वाकांक्षी के साथ-साथ दृढ़-निश्चयी बनाता है।

Mangal ka vrishabh rashi mein gochar

वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह

कुंडली में मंगल छोटे भाई-बहनों का प्रतीक होता है। यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी है। वहीं काल पुरुष कुंडली के अनुसार यह लग्न और अष्टम भाव का अधिपति है। अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल शुभ और मजबूत स्थिति में हो तो यह उस जातक को कई तरह से सकारात्मक परिणाम देता है। इसके शुभ प्रभाव से जातक की पर्सनैलिटी आकर्षक, नेतृत्व क्षमता और साहस में वृद्धि होती है। मंगल के प्रभाव वाला जातक स्वतंत्र विचारों वाला होता है। जातक का व्यक्तित्व बेहद प्रभावशाली होता है और लोग उनका अनुसरण करते हैं।

दूसरी ओर, जब किसी जातक की कुंडली में मंगल पीड़ित या कमज़ोर अथवा नीच का हो तो इससे जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जातक गर्म मिज़ाज वाला हो जाता है और उसका स्वभाव भी झगड़ालू और आक्रामक होता है। वहीं मंगल ग्रह के कारण ही कुंडली में मंगल दोष बनता है। अगर मंगल ग्रह कुंडली में लग्न, चतुर्थ या फिर सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में स्थित हो तो यह स्थिति मंगल दोष की होती है। हालाँकि ज्योतिष में मंगल दोष के प्रभावों को कम करने के उपाय भी दिए गए हैं जिसके तहत आप मूंगा रत्न, तीन मुखी रुद्राक्ष या फिर अनंतमूल की जड़ी को धारण कर सकते हैं। ज्योतिष के ये उपाय मंगल की शांति और उसके दोष को कम करने के लिए बेहद कारगर हैं।

गोचर की समयावधि

मंगल का वृषभ राशि में गोचर 22 मार्च 2019 शुक्रवार को 15:20:15 बजे होगा। गोचर के दौरान मंगल ग्रह वृषभ राशि में तकरीबन डेढ़ माह तक रहेगा। इसके पश्चात यह वृषभ से अगली राशि में जाएगा। मंगल के इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों में पड़ेगा। आइए उन प्रभावों पर डालते हैं एक नज़र...

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यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर

मेष

आपकी राशि से मंगल का गोचर दूसरे भाव में होगा। ज्योतिष में दूसरा भाव धन, परिवार, प्रारंभिक शिक्षा, बाल्यकाल, वाणी आदि का कारक होता है। इस भाव को धन भाव और कुटुंब भाव भी कहते हैं। इस अवधि में आपकी माता जी की सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है। उन्हें जोड़ों में दर्द की शिकायत रह सकती है या फिर पेट संबंधी विकार हो सकता है। लिहाज़ा उनकी सेहत का ख्याल रखें और उन्हें घर की बनी हुई चीज़ों को खिलाएं। इस दौरान उन्हें वजनी चीज़ को उठाने न दें। क्योंकि इससे उनके जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। इस दौरान हर प्रकार के प्रॉपर्टी से संबंधित समझौतों पर विराम लगाए। क्योंकि इसमें आपको आर्थिक हानि हो सकती है। इसलिए रियल इस्टेट, लैंड आदि में निवेश करने से बचें। प्रॉपर्टी मैनेजर से मतभेद होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में मामले को नियंत्रण में रखें जिससे की बात आगे न बढ़े। संतान के लिए मंगल का गोचर उत्तम रहेगा। इस अवधि में वे अपनी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा अन्य पाठ्यक्रमों में भी वे अच्छा करते हुए दिखाई दे सकते हैं। अन्य छात्रों के लिए वे अपनी काबिलियत से प्रेरित कर सकते हैं। वहीं जो जातक अभी तक सिंगल हैं। वे किसी के साथ नए रिलेशनशिप की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप किसी को मन ही मन चाहते हैं और उन्हें अपने दिल की बात कहने से घबराते हैं तो इस दौरान आप अपने इश्क का इज़हार कर सकते हैं। घर में छोटे भाई बहनों के साथ आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में आपको उनके साथ सामंजस्य बिठाना होगा।

उपाय: सच्चे मन से श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।


वृषभ

मंगल आपके लग्न या प्रथम भाव में गोचर करेगा। वैदिक ज्योतिष में लग्न भाव जातक के व्यक्तित्व और उसके स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। वृषभ राशि के जातकों के लिए, मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव का स्वामी है, ये भाव क्रमशः व्यय और हानि व शादी और साझेदारी को दर्शाते हैं। यह गोचर आपके जीवन में विलासिता और सुख-सुविधाओं के उदय का संकेत दे रहा है। आप अपने भौतिक सुखों को अधिक प्राथमिकता देंगे लेकिन आप कोशिश करें कि इन भौतिकवादी चीज़ों पर पानी की तरह अपना पैसा बर्बाद न करें, और अपने खर्चों पर लगाम लगाएँ। ज़मीन-जायदाद से जुड़े मामलों में आपको मुनाफ़ा कमाने के योग बन रहे हैं। किसी संपत्ति में निवेश या जमीन खरीदने पर आप अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इस तरह के निवेश से आगे बढ़ने से पहले किसी अनुभवी से बात करना और उनसे सलाह लेना उचित रहेगा। इससे आप मौजूदा बाजार के माहौल को आसानी से समझेंगे। प्रोफेशनल लेवल पर मंगल के इस गोचर का विचार करें तो, आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, इस अवधि में आपको बोनस मिलने की संभावना अधिक है। उम्मीद है कि या तो वर्तमान ऑफिस या संस्था में आपका वेतन बढ़ जाएगा या फिर आपको किसी दूसरी कंपनी से अच्छा ऑफर मिल सकता है। यदि आप साझेदारी में काम कर रहे हैं, तो आप अपने व्यावसायिक भागीदार के कारण लाभ प्राप्त करेंगे। अपने लाभ प्रतिशत और राजस्व में सुधार करने के लिए आप अपने साथी के साथ विचार मंथन करें और उनके सुझावों को ध्यान से सुनें। व्यावहारिक नज़रिए से देखें तो इस दौरान, आप आक्रामक हो सकते हैं यह आक्रामकता आपके रिश्तों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे स्थिति में शांत रहने का प्रयास करें।

उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मिथुन

मंगल का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में होगा। यह भाव हानि और खर्चों का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह आपके ग्यारहवें और छठे भाव का स्वामी है। यहाँ ग्यारहवाँ भाव आय और लाभ जबकि छठा भाव रोग, ऋण और शत्रुओं के विषय की जानकारी देता है। मंगल का गोचर आपके करियर को गति दे सकता है। इस दौरान आपको कंपनी में उच्च पद प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र में आपका अधिकार और प्रभुत्व बढ़ेगा। इससे जिम्मेदारियों और कर्तव्यों में वृद्धि होगी, जो आपकी प्रतिष्ठा और व्यक्तित्व को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। इस दौरान, आपकी आय में वृद्धि होगी, और कई स्रोतों से वित्तीय लाभ प्राप्ति की संभावना है। यदि आप ऋण के लिए आवेदन करने की सोच रहे हैं तो समय अनुकूल है। आपके आवेदन को स्वीकार किए जाने की संभावना अधिक है। इस अवधि में, आपको छोटी यात्राओं पर जाने का अवसर प्राप्त होगा। जो अंततः आपके लिए अनुकूल साबित होगा। अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ इन यात्राओं की योजना बना सकते हैं। आपको इस अवधि में अपने छोटे भाई-बहनों से लाभ हो सकता है। चुनौतियों के समय आपको उनका सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही वे भावनात्मक और शारीरिक रूप से आपको समृद्ध बनाने में मदद करेंगे। जो छात्र स्कूल, प्रवेश या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अनुकूल परिणाम प्राप्त होने की संभावना है, क्योंकि यह गोचर उनके लिए शुभकारी है। हालाँकि, अपने भाग्य के भरोसे न रहें बल्कि मेहनत करें। अपने पैसे खर्च करते समय चौकस रहें, क्योंकि आपके खर्चों में वृद्धि होने की संभावना है।

उपाय: हृदय से श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

कर्क

मंगल का गोचर आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में होगा। कुंडली में ग्यारहवाँ भाव आय और लाभ को दर्शाता है। वहीं मंगल आपके दशम और पंचम भाव का स्वामी है। दसवाँ भाव करियर और पाँचवाँ भाव संतान भाव होता है। इस दौरान गोचर व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ावा देगा। इस अवधि में आपको किसी अच्छी नौकरी का प्रस्ताव या प्रमुख व्यावसायिक परियोजनाएँ मिल सकती हैं। इसलिए कड़ी मेहनत करें, चुनौतियों से लड़ें और फिर अपने प्रयासों पर आत्म अवलोकन करें। अपने कार्यक्षेत्र के प्रति एक विश्लेषणात्मक रवैया बनाए रखें। इस गोचर की शुरुआत के साथ, आप लंबी यात्राओं पर जा सकते हैं जो अत्यधिक फायदेमंद साबित होंगी। भाग्य इस दौरान आपका साथ देगा। लेकिन जहाँ आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है, वहीं दूसरी ओर, आपकी आय और बचत में भी वृद्धि होगी। इसलिए, एक संतुलन बना रहेगा, लेकिन फिजूल के ख़र्चों में धन जाया करना ठीक नहीं होगा। आपके सामाजिक जीवन के बारे में बात करे तो, इसमें आपके मित्रों की संख्या बढ़ेगी और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लोग आपके आकर्षक व्यक्तित्व और दृष्टिकोण की प्रशंसा करेंगे। मध्य अप्रैल के बाद, आप आध्यात्मिक चीज़ों की ओर झुकाव रखेंगे। इस निमित्त आप अपना पैसा भी ख़र्च करेंगे।

उपाय: माँ गौरी की उपासना करें और श्री गौरी चालीसा का पाठ करें।

सिंह

मंगल आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा। दशम भाव कर्म भाव होता है जो आपके करियर एवं व्यवसाय के विषय में बताता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल आपके नौवें और चौथे भाव का स्वामी है। कुंडली में नवम भाव पिता, भाग्य और धर्म का प्रतिनिधित्व करता है और चौथा भाव माता और जीवन में प्राप्त होने वाले सुख को दर्शाता है। सिंह राशि वालों के लिए मंगल का गोचर अनुकूल प्रतीत हो रहा है, क्योंकि आप इस अवधि में अधिक आत्मविश्वास और साहसी बनेंगे। आप जोखिम लेने में संकोच नहीं करेंगे। हालाँकि, मन में अति आत्म-विश्वास का भाव न आए इसका ध्यान रखें। इस अवधि में अचानक लाभ मिलने की संभावना है, जो आपकी वित्तीय पृष्ठभूमि को मजबूत करेगा। आप आर्थिक रूप से अधिक स्वतंत्र होंगे और धन की बचत करेंगे। इसके बाद आपका आध्यात्मिक विषय की ओर रुझान बढ़ेगा। आप आध्यात्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं। आपको इस दौरान अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए और यात्रा के दौरान बहुत सावधान रहने की आवश्यता है। वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें। यदि अधिक ज़रुरी न हो तो यात्रा करने से बचें। वैवाहिक जीवन के लिए गोचर शुभ संकेत दे रहा है। स्थिति आपके पक्ष में होगी, और आपके और जीवनसाथी के बीच प्रेम बढ़ेगा। यदि आप पदोन्नति चाह रहे हैं, तो आपके कार्यक्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कम होगी। मसलन आपका प्रमोशन आसानी से हो सकता है

उपाय: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और श्री सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें।

कन्या

मंगल आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। कुंडली में यह भाव भाग्य, धर्म और पिता के बारे में बताता है। साथ ही मंगल आपके आठवें और तीसरे भाव का स्वामी है। अष्टम भाव जीवन में होने वाली आकस्मिक घटनाओं, आयु, दुर्घटना, गूढ़ विज्ञान, रहस्य आदि के बारे में बताता है। जबकि तीसरे भाव से भाई-बहन, वीरता, साहस का विचार किया जाता है। इस गोचर के परिणाम स्वरूप, आपका वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है। जीवनसाथी के साथ मतभेद होने की संभावनाएँ या फिर किसी बात को लेकर उनके साथ बहस कर सकते हैं। ऐसे स्थिति में, शांत रहें और आक्रामक या आवेगपूर्ण तरीके से प्रतिक्रिया न दें। इस समय, आप अपना और अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और संतुलित आहार लें और नित्य व्यायाम करें। इस अवधि में आपके ख़र्चों में वृद्धि संभव है। इसलिए अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें। साथ ही, विदेश यात्रा में जाने के योग बन रहे हैं। हालाँकि, यात्रा में आपको अपने सामानों की सुरक्षा करनी होगी, क्योंकि उनके चोरी होने की संभावना है। इस समय, आप किसी एक आध्यात्मिक गुरु या नेता से मिल सकते हैं, जिनके प्रभाव से आपकी दृष्टि बदल जाएगी जो आपको सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद करेगा। यह गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा। आप वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

उपाय: बुधवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर रखें और बुध गायत्री मंत्र का जाप करें।

तुला

मंगल का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। कुंडली में अष्टम भाव आकस्मिक चीज़ों के विषय में बताता है। ज्योतिष में इसे आयुर्भाव भी कहते हैं। मंगल आपके सातवें और दूसरे भाव का स्वामी है। सातवाँ भाव विवाह और साझेदारी के बारे में बताता है, और दूसरा भाव धन और परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल का गोचर आपके पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में कई चुनौतियों और उतार-चढ़ाव को लेकर लाएगा, इसलिए तैयार रहें। इस समय यदि आप ऋण लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह आपके पक्ष में होगा। इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति को लेकर कोई अच्छी ख़बर मिल सकती है। लेकिन आप अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे बुखार, पेट में दर्द या शरीर में दर्द से पीड़ित हो सकते हैं। इस दौरान आपके ख़र्चों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी, जो एक हद तक आपके वित्तीय पक्ष को प्रभावित करेगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए संतुलित जीवनशैली अपनाएँ और सेहतमंद खाद्य पदार्थों का सेवन करें। आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ समुद्री रास्ते से यात्रा पर जा सकते हैं। इसलिए, यदि ऐसा कोई अवसर आपके पास आता है, तो उसे जाने न दें। आपको अपने प्रियजनों के साथ बेहतरीन यादों को बनाने का मौका मिलेगा। आप स्वयं का अचानक गुप्त विज्ञान या आध्यात्मिक चीज़ों की ओर झुकाव पाएंगे।

उपाय: शुक्रवार का व्रत रखें और वैभव लक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें।

वृश्चिक

मंगल आपकी राशि से सप्तम भाव यानि विवाह भाव में गोचर करेगा। दूसरी ओर, यह आपके छठे और पहले भाव का स्वामी है। कुंडली में छठा भाव बीमारियों, दुश्मनों और ऋणों तथा पहला भाव जातक के स्वभाव एवं व्यक्तित्व के बारे में बताता है, जो अपने खुद के बारे में बताता है। इसके प्रभाव से वृश्चिक राशि के जातकों का वैवाहिक जीवन प्रमुख रूप से प्रभावित होगा। जो लोग अविवाहित हैं वे इस अवधि में अपना बेहतर पार्टनर पा सकते हैं, और शादी कर सकते हैं। इसके अलावा, इस बात की भी संभावना है कि तलाकशुदा जातकों को प्यार करने और शादी के खूबसूरत बंधन में बंधने का दूसरा मौका भी मिले। वैवाहिक जीवन में ये गोचर संतान के जन्म या गर्भाधान के रूप में जीवन में खुशी लाएगी। पेशेवर जीवन में आपको अपेक्षित समय से वांछित पदोन्नति या मूल्यांकन लंबित है, जो निश्चित रूप से आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। यदि आप अपनी नौकरी छोड़ने और अपना व्यवसाय उद्यम शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह समय सही और अनुकूल है। बस सोचें नहीं, बल्कि अपनी रणनीतियों को धरातल में उतारने का प्रयास करें। आप अपने जीवनसाथी की सहायता से वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं। स्वस्थ खाना खाएँ और मसालेदार, स्ट्रीट फूड या मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि आप पेट या पेट से संबंधित बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। सेहतमंद रहने के लिए नित्य व्यायाम करें।

उपाय: हनुमान अष्टक का पाठ करें।

धनु

मंगल आपके पांचवें भाव (बच्चों और ज्ञान) और बारहवें भाव (खर्च और नुकसान) का स्वामी है। मंगल का गोचर आपकी कुंडली के छठे भाव में होगा। ज्योतिष में यह भाव ऋण, बीमारी और शत्रुओं के बारे में बताता है। परिणाम स्वरूप, आपकी कार्यक्षेत्र में किसी के साथ बहसबाज़ी हो सकती है। साथ ही, कुछ कानूनी मामलों में शामिल होने की संभावना है। इसलिए, दोनों मामलों में, सतर्क रहें और किसी को भी अपशब्द बोलने से बचें। अपने स्वभाव को ठंडा रखें और खुद को आक्रामक न होने दें। गली के कुत्तों से दूर रहें। उनके पास जानें, उन्हें खिलाने या छूने की कोशिश न करें। यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ वैवाहिक कलह का सामना कर रहे हैं और आप दोनों के बीच चीजें खराब चल रही हैं, तो इसमें बदलाव आएगा। मंगल के गोचर के कारण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होगी और आप पुराने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। आपको ऐसे मामले में नियमित रूप से अपने डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए और उनके सभी सुझावों का पालन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन और व्यायाम अपनी दिनचर्या में शामिल करें। पेशेवर जीवन में यदि आप एक नई नौकरी की तलाश में हैं, तो आपकी यह खोज सफल हो सकती है। यानि आपको नई नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है।

उपाय: गुरुवार का व्रत रखें और श्री विष्णु मंत्र का जाप करें।

मकर

मंगल आपके जन्म कुंडली में चौथे और ग्यारहवें भाव पर शासन करता है। चौथा भाव माँ और खुशी का कारक है और ग्यारहवें भाव आय और लाभ के बारे में बताता है। मंगल का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा। यह भाव आपकी बुद्धि और बच्चों के विषय में जानकारी देता है। गोचर के प्रभाव से आप अपने बच्चों के माध्यम से लाभ प्राप्त करेंगे। वे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और अच्छे ग्रेड प्राप्त करेंगे। यदि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो उनमें सफल होने की संभावना अधिक है। आप अपने पेशेवर जीवन में नए अवसरों को प्राप्त करेंगे। आपको एक नई टीम का नेतृत्व करने या कार्यक्षेत्र का प्रबंधन करने का अवसर मिल सकता है। किसी भी तरह से, यह अवसर आपके करियर के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। आपके अच्छे विचारों की लोग बहुत प्रशंसा करेंगे। इससे समाज में आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लोग आपके पास सलाह और सुझाव के लिए आएँगे। यदि आप सिंगल हैं, तो आपको आपका प्रियतम मिल सकता है। आपको बस इतना करना होगा कि रिश्ते की शुरुआत में धैर्य रखें और चीजों में जल्दबाजी न करें। पानी के साथ-साथ अपने आहार में पत्तेदार सब्ज़ियाँ और ताजे फल शामिल करें, क्योंकि आप पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। तैलीय या मसालेदार भोजन से बचें।

उपाय: शनिवार को पीपल के पेड़ नीचे दीप जलाकर रखें और शनि मंत्र का जाप करें।

कुंभ

मंगल ग्रह आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेगा। यह भाव आपकी खुशी और माताजी के बारे में बताता है। कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी होता है। ज्योतिष में तीसरे भाव से छोटे भाइ-बहनों और साहस, जबकि दसवें भाव से करियर और पेशेवर जीवन को देखा जाता है। इस गोचर के प्रभाव से आपकी माँ के प्रति आपकी अपेक्षाएँ पूरी हो सकती हैं। यह भावनात्मक या आर्थिक दोनों ही रूपों में हो सकता है। इस समय आप वाहन या जमीन / संपत्ति खरीद सकते हैं। समाज में आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ेगा। साथ ही व्यावसायिक दायरा भी बढ़ सकता है। इस दौरान ज़मीन से जुड़े रहें और हवा में ऊंची उड़ान न भरें, क्योंकि अति आत्मविश्वास आपके लिए बेहतर अवसरों को बर्बाद कर सकता है। मंगल का गोचर आपके लिए भावनात्मक अस्थिरता ला सकता है, जिसके कारण आप आवेगपूर्ण तरीके से कार्य कर सकते हैं और अपने जीवन में समस्याओं को पैदा कर सकते हैं। इसलिए, आपको इस स्थिति में शांत रहने की आवश्यकता है। घरेलू मामलों पर तय बजट से अधिक खर्च होने की संभावना है। परिवार के भीतर कोई कार्यक्रम हो सकता है या आप घर के नवीनीकरण पर खर्च कर सकते हैं। इसलिए, अपनी इच्छाओं को नियंत्रण में रखें और ओवरस्पेंड न करें।

उपाय: शनि गायत्री मंत्र का जाप करें और शनिवार को शनि देव को काले तिल का तेल चढ़ाएं।

मीन

मंगल आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेगा। यह भाव साहस और भाई-बहन का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी ओर, यह आपके दूसरे भाव और नौवें भाव का स्वामी है। कुंडली में दूसरा भाव धन और परिवार के विषय की जानकारी देता है। वहीं नवम भाव जातक के भाग्य, पिता और धर्म के बारे में बताता है। इस अवधि में छोटे भाई-बहनों के साथ किसी प्रकार के मतभेद हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में, आवेगपूर्ण या आक्रामक रूप से बोलने से बचें और स्थिति को संभालने की कोशिश करें। नए कार्यालय या स्थान पर आपके स्थानांतरण के कारण आपकी स्थानीय यात्रा बढ़ जाएगी। इस प्रकार, अपने समय का प्रबंधन करें और उसी के अनुसार अपनी गतिविधियों को निर्धारित करें। इस अवधि में आप अपनी रुचि के अनुसार उन चीजों को करने में सक्षम होंगे, जिसका आप लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आप अभी तक अतीत के जिस कार्य में व्यस्त थे, अब आप उन कार्यों को भी कर सकते हैं। इस अवधि में, आप कुछ संपत्ति या वाहन बेच सकते हैं। लेकिन खरीददार से संपर्क करने से पहले मूल्य और कीमत के बारे में अच्छी तरह से सोच विचार अवश्य कर लें। योग या जिम करते समय आपको बहुत चौकस रहने की जरूरत है। क्योंकि हाथ या कंधे की चोट से आप पीड़ित हो सकते हैं।

उपाय: शिवलिंग की आराधना करें।


आशा करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

2020 गोचर

मंगल का तुला राशि में गोचर मंगल का कन्या में गोचर मंगल का सिंह राशि में गोचर मंगल अस्त मेष राशि में मंगल का मेष में गोचर मंगल का मीन में गोचर मंगल का मिथुन में गोचर मंगल का वृषभ में गोचर मंगल का गोचर कुम्भ राशि में शनि वृश्चिक में अस्त शनि वक्री वृश्चिक में वृश्चिक राशि में शनि उदय सूर्य का तुला राशि में गोचर सूर्य का मीन में गोचर सूर्य का कुम्भ में गोचर सूर्य का मकर में गोचर सूर्य का धनु राशि में गोचर सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर सूर्य का कन्या राशि में गोचर सूर्य का सिंह राशि में गोचर सूर्य का कर्क में गोचर सूर्य का मिथुन में गोचर सूर्य का वृषभ में गोचर सूर्य का मेष में गोचर
धनु राशि में शुक्र का गोचर शुक्र का वृश्चिक में गोचर शुक्र का कन्या में गोचर शुक्र कर्क में मार्गी शुक्र का मीन में गोचर शुक्र का कुम्भ में गोचर शुक्र का मकर में गोचर शुक्र मेष में अस्त शुक्र का तुला में गोचर मंगल का कर्क में गोचर अस्त शुक्र का कर्क में गोचर शुक्र सिंह राशि में वक्री शुक्र का वृषभ में गोचर शुक्र का मेष में गोचर शुक्र का सिंह में गोचर शुक्र का मिथुन में गोचर शुक्र का कर्क में गोचर वृश्चिक राशि में शुक्र उदय गुरु कन्या राशि में वक्री गुरु का सिंह में गोचर गुरु सिंह राशि में अस्त गुरु कर्क राशि में मार्गी कर्क राशि में बृहस्पति वक्री गुरु कर्क राशि में मार्गी शनि धनु राशि में वक्री

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