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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: 13 मार्च 2023

मंगल का मिथुन राशि में गोचर, 13 मार्च, 2023 को 5 बजकर 47 मिनट पर गोचर होगा। मंगल ग्रह का शाब्दिक अर्थ ‘शुभ’ होता है और इन्हें ‘भूमा’ यानी पृथ्वी के पुत्र के रूप में भी जाना जाता है। मंगल ग्रह को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग देवताओं से जोड़ कर देखा जाता है। उदाहरण के तौर पर मंगल देव दक्षिण भारत में कार्तिकेय (मुरुगन), उत्तर भारत में हनुमान जी और महाराष्ट्र में भगवान गणेश से जुड़े हुए हैं।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर

मंगल अग्नि तत्व के अंतर्गत आने वाला ग्रह है। इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य और मंगल देव हमारे शरीर के अग्नि तत्वों को नियंत्रित करते हैं, जैसे कि शारीरिक ताकत, दृढ़ता, प्रेरणा, इच्छाशक्ति और किसी कार्य को पूर्ण करने की ऊर्जा। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव मज़बूत स्थिति में होते हैं, ऐसे लोग साहसी, स्पष्टवादी और आवेगी होते हैं। मंगल इंजीनियरिंग, भूमि, रियल एस्टेट और टेक्नोलॉजी के भी कारक हैं। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि मंगल देव हमारे जीवन पर अहम प्रभाव डालते हैं और इनके आशीर्वाद से जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। आइए अब मिथुन राशि में मंगल के गोचर से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में जानते हैं।

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: ज्योतिषीय महत्व

13 मार्च, 2023 को मंगल का मिथुन राशि में गोचर होगा। आमतौर पर, पूरे राशि चक्र की यात्रा करने के लिए मंगल महाराज को 22 महीने का समय लगता है। इससे पहले मंगल देव 16 अक्टूबर 2022 से 13 नवंबर 2022 तक मिथुन राशि में थे। यह अवधि काफी कम थी, इसलिए जातकों को इससे अधिक लाभ नहीं मिले पाए थे। हालांकि, इस बार सभी 12 राशियों को मंगल देव के गोचर के प्रभाव देखने को मिलेंगे।

मिथुन राशि काल पुरुष कुंडली और राशि चक्र का तीसरा भाव दर्शाती है। इसकी शुरुआत बसंत विषुव से 60 अंश से होती है और इसका समापन देशांतर पर 90 अंश पर होता है। मिथुन राशि पर बुध महाराज का शासन है। इसमें मृगशिरा के तीसरे और चौथे चरण, आर्द्रा के सभी चरण और पुनर्वसु नक्षत्र के पहले, दूसरे और तीसरे चरण शामिल हैं।

मंगल देव के मिथुन में गोचर के दौरान लोगों का संचार कौशल काफी बेहतर होगा। लोग स्वस्थ, ऊर्जावान और साहसी बनेंगे। इस दौरान लोग अपने कौशल को बढ़ाने के लिए मेहनत करेंगे। हालांकि जातकों की कुंडली में मंगल देव की दशा और स्थिति के अनुसार ही सटीक प्रभावों के बारे में जाना जा सकता है।

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Read in English:Mars Transit in Gemini (13th March 2023)

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल महाराज लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। तीसरा भाव भाई-बहन, शौक, छोटी दूरी की यात्रा और संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। आमतौर पर तीसरा भाव मंगल देव के लिए एक आरामदायक स्थिति है। इस दौरान आप ऊर्जा से भरे रहेंगे और पूरे साहस के साथ अपने कार्यों को पूरा करेंगे। साथ ही बहुत दिन से रुके हुए काम भी इस दौरान पूर्ण होंगे।

छोटे-भाई बहनों से आपके रिश्ते में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। हालांकि आपको जरूरत के समय उनका समर्थन प्राप्त होगा। मंगल देव आपकी कुंडली के आठवें भाव के स्वामी भी हैं, इसलिए छोटे भाई-बहनों से वाद-विवाद होने के योग बन सकते हैं। आपको उनकी सेहत का भी ख़ास ख्याल रखना होगा।

तीसरे भाव से मंगल महाराज आपकी कुंडली के छठे, नौवें और दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह गोचर फलदायी साबित होगा। इस दौरान आपके विरोधी आपको किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा पाने में असफल होंगे। जातकों को अपने पिता और गुरुओं का भरपूर साथ मिलेगा। हालांकि आपको अपने पिता की सेहत का ख़ास ख्याल रखना होगा।

मंगल देव की अष्टम दृष्टि आपके दसवें भाव पर पड़ रही है, जो कि पेशे का भाव होता है। मंगल देव की उच्च राशि मकर है। परिणामस्वरूप, आपको नौकरी में फायदा होने की संभावना है। अगर आप अपने करियर की शुरुआत करने वाले हैं तो यह समय अनुकूल साबित हो सकता और आपको नौकरी के अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

उपाय- मंगल देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दाहिने हाथ की अनामिका में मूंगा धारण

करें।

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों की कुंडली के सातवें और बारहवें भाव पर मंगल देव का शासन है और अब यह आपकी कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव परिवार, पैसों की बचत और वाणी को दर्शाता है। मंगल का मिथुन राशि में गोचर, वृषभ राशि के जातकों को संचार के लिहाज से थोड़ा कठोर और प्रभावशाली बना सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपके पारिवारिक और प्रेम संबंध थोड़े असहज होने की आशंका है, इसलिए आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

मंगल देव दूसरे भाव से आपकी कुंडली के पांचवें, आठवें और नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आप अपने बच्चों, अपनी पढ़ाई और लव लाइफ को लेकर काफी पज़ेसिव रहेंगे। हालांकि आपको ध्यान रखना होगा कि आपके इस व्यव्हार से किसी को परेशानी न हो यानी कि कोई असहज न हो।

इंजीनियरिंग और अन्य टेक्निकल विषयों की पढ़ाई कर रहे जातकों को मंगल देव का पूरा आशीर्वाद प्राप्त होगा और वे बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होंगे। आठवें भाव पर मंगल महाराज की दृष्टि पड़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर संयुक्त संपत्ति को बढ़ाने में सफल हो सकते हैं। हालांकि, इसका नकारात्मक प्रभाव भी आपके रिश्ते पर पड़ने की आशंका है, इसलिए अपने पार्टनर को लेकर काफी सचेत रहें। इसके अलावा आपको वाहन चलाते वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। नौवें भाव पर मंगल महाराज की दृष्टि पड़ने से आपको अपने गुरु, पिता और टीचर्स का भरपूर समर्थन मिलेगा। लेकिन, आपको उनकी सेहत का ख़ास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है।

उपाय- मां दुर्गा की पूजा करें और उन्हें लाल फूल चढ़ाएं।


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मिथुन

मंगल देव आपकी कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपके लग्न भाव में गोचर कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आप ऊर्जा से भरे रहेंगे और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी। वहीं दूसरी ओर, आपका व्यवहार दूसरों के प्रति उग्र होने की आशंका है। लग्न भाव से मंगल देव चौथे, सातवें और आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव से आपको अपनी माता का पूरा समर्थन प्राप्त होगा, लेकिन इसी के साथ आपको उनकी सेहत का ख़ास ख्याल रखना होगा।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर अवधि के दौरान, आपको प्रॉपर्टी के माध्यम से आर्थिक लाभ हो सकता है। अगर आप ज़मीन खरीदने या बेचने के विचार में हैं तो यह समय अनुकूल साबित होगा। सातवें भाव पर मंगल देव की दृष्टि पड़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप आपको बिज़नेस पार्टनरशिप से लाभ होने की संभावना बन रही है। इस अवधि में आपको अपने साथी का भरपूर समर्थन प्राप्त होगा। हालांकि उग्र व्यवहार के कारण आप दोनों के बीच विवाद होने की आशंका भी है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपना वाणी पर संतुलन रखें। मंगल देव की दृष्टि आठवें भाव पर पड़ रही है, जिसके प्रभाव से आप अपने पार्टनर के साथ मिल कर संपत्ति बढ़ाने की योजना बना सकते हैं।

उपाय- मंगल देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंगल के बीज मंत्र का जाप करें।

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल योगकारक ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के केंद्र और त्रिकोण भाव यानी कि पांचवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा, जो कि विदेशी ज़मीन, अस्पताल और विदेशी कंपनियों को दर्शाता है। योगकारक ग्रह का बारहवें भाव में होना कर्क राशि के जातकों के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है। इस दौरान आपकी प्रोफेशनल लाइफ में कुछ बदलाव हो सकते हैं जैसे कि आपका तबादला हो सकता है। हालांकि अगर आप विदेश जाने की तैयारी में हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा।

इस गोचर के दौरान आप अपनी ऊर्जा, रोग प्रतिरोधक क्षमता और साहस में कमी महसूस कर सकते हैं। बारहवें भाव से मंगल महाराज आपकी कुंडली के तीसरे, छठे और सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव से आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। आपको छोटी दूरी की यात्रा के लिए या फिर अपने स्वास्थ्य के लिए अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा किसी कानूनी मामले में भी आपके पैसे खर्च हो सकते हैं, लेकिन आपके दुश्मन आपका नुकसान नहीं कर पाएंगे। मंगल की आठवीं दृष्टि आपकी कुंडली के सातवें भाव पर पड़ रही है। यह आपके पार्टनर की सेहत के लिए अनुकूल न रहने की आशंका है। आपके पार्टनर की तबीयत बिगड़ सकती है या फिर आप दोनों में किसी तरह का विवाद हो सकता है।

उपाय- रोज़ाना 7 बार हनुमान चालीसा का जाप करें।

सिंह

मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा और यह आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। आपके लिए यह योगकारक ग्रह भी हैं। इस गोचर के प्रभाव से आपकी इच्छाओं में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान किसी पुराने निवेश से आपको धन लाभ होने की संभावना है। आर्थिक मामलों को लेकर अगर आप कोई योजना बनाने की तैयारी में हैं तो यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा।

आपको अपने बड़े भाई-बहन और मामा का भरपूर समर्थन मिलेगा। मंगल देव ग्यारहवें भाव से दूसरे, पांचवें और छठे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको बड़े धन लाभ होने की संभावना है। आपकी सैलरी में वृद्धि हो सकती है और आप पैसों को बचाने में भी सफल होंगे। हालांकि, इस दौरान आप अपने परिवार को लेकर काफी पज़ेसिव हो सकते हैं।

मंगल देव की दृष्टि पांचवें और छठे भाव पर पड़ रही है, जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अनुकूल साबित होगी। आप शिक्षा में शानदार प्रदर्शन करने में सफल होंगे। अगर आप किसी कानूनी मामले में उलझे हैं, तो फैसला आपके पक्ष में आ सकता है क्योंकि मंगल देव की दृष्टि छठे भाव पर पड़ रही है।

उपाय- मंगलवार को हनुमान जी पूजा करें और मिठाई दान करें।

कन्या

मंगल आपकी कुंडली के तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। तीसरा भाव भाई-बहन और आठवां भाव अनिश्चितता और गोपनीयता को दर्शाता है। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा जो कि प्रोफेशन का प्रतिनिधित्व करता है। इस गोचर के परिणामस्वरूप आपको पेशेवर जीवन में लाभ मिलेगा। आप ऊर्जा से भरा रहेंगे और पेशेवर जीवन में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल होंगे। आपके बॉस आपकी मेहनत और प्रतिभा की भरपूर सराहना करेंगे। इसके अलावा आपको नई जिम्मेदारियां भी मिल सकती हैं। कुल मिलाकर कहें तो इस गोचर के प्रभाव से कार्यस्थल पर आपके कद में बढ़ोतरी होगी।

अगर आप अपना बिज़नेस कर रहे हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। आप लगातार मेहनत करेंगे और अपने लाभ को बढ़ाने में सफल होंगे। दसवें भाव से मंगल देव आपकी कुंडली के लग्न, पांचवें और सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसका अर्थ है कि इस दौरान आप ऊर्जावान महसूस करेंगे और आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। यह भी हो सकता है कि आप काम में अधिक व्यस्त होने के कारण अपने परिवार को ज्यादा समय न दे पाएं। इसके कारण आपके घरेलू जीवन में विवाद होने के योग बन सकते हैं, इसलिए अपने पारिवारिक जीवन को लेकर थोड़ा सतर्क रहें।

चौथे भाव पर मंगल महाराज की दृष्टि के परिणामस्वरूप आपको अपनी माता जी का समर्थन मिलेगा, लेकिन आपको उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। इस दौरान पढ़ने वाले छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि मंगल महाराज की आठवीं दृष्टि पांचवें भाव पर पड़ रही है। इसके अलावा आपकी लव लाइफ में भी कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। साथ ही आप अपने बच्चों की सेहत को लेकर थोड़ा चिंतित रह सकते हैं।

उपाय- मंगलवार के दिन मंगल यंत्र का की पूजा एवं ध्यान करें।


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तुला

मंगल देव आपकी कुंडली के दूसरे और सातवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह पिता, गुरु और भाग्य के भाव के नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवें भाव के स्वामी के रूप में नौवें भाव में मंगल महाराज का गोचर, आपके प्रेम संबंध के लिए अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आपकी शादी पक्की होने की संभावना है और आप अपने प्रेमी या प्रेमिका को अपने घर वालों से मिलवा सकते हैं। इस दौरान आपका झुकाव धार्मिक कार्यों में बढ़ेगा और आप अपने परिवार या पार्टनर के साथ किसी तीर्थ स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं। तुला राशि के जातक इस अवधि में अपने घर पर सत्यनारायण भगवान की कथा अथवा पूजन भी करा सकते हैं।

नौवें भाव में मंगल देव का गोचर दर्शाता है कि आपको अपने पिता और गुरुओं का भरपूर समर्थन प्राप्त होगा, लेकिन अहंकार के कारण आप अपने पिता या गुरुओं से संबंध बिगाड़ भी सकते हैं। नौवें भाव से मंगल महाराज आपकी कुंडली के बारहवें, तीसरे और चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप अस्पताल या घूमने-फिरने के कारण आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। तीसरे भाव पर मंगल महाराज की दृष्टि के परिणामस्वरूप आपकी भाषा थोड़ी आक्रामक होने की आशंका है, इसलिए लोगों से बात करने में सावधानी बरतें। वहीं चौथे भाव पर मंगल देव की दृष्टि के प्रभाव से आपके घर का माहौल बिगड़ सकता है। आपको अपनी माता की सेहत का ख्याल रखने की भी सलाह दी जाती है।

उपाय- रोज़ाना हनुमान मंदिर जाएं और उनकी पूजा-अर्चना करें।

वृश्चिक

मंगल आपकी कुंडली के लग्न और छठे भाव पर शासन करते हैं। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा जो कि अनिश्चित घटनाओं और गोपनीयता का भाव होता है। यह गोचर आपके लिए अधिक फलदायी साबित न होने की आशंका है। इसके कारण आपके जीवन में अनिश्चितताएं बढ़ सकती हैं इसलिए आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा और आपको वाहन चलाते वक्त भी सावधान रहने की आवश्यकता होगी।

मंगल देव आपकी कुंडली के छठे भाव के स्वामी हैं और आठवें भाव में इनके गोचर से विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है। यह दर्शाता है कि आपके दुश्मन आपको हानि पहुंचाने की कोशिश करेंगे, लेकिन वे सफल नहीं हो पाएंगे। मंगल महाराज आठवें भाव से ग्यारहवें, दूसरे और तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आपको किसी पुराने निवेश का अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

दूसरे भाव पर मंगल महाराज की दृष्टि बताती है कि आप अपनी बातों से अपने करीबियों का दिल दुखा सकते हैं इसलिए लोगों से बात करते वक्त अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। तीसरे भाव पर मंगल देव की दृष्टि के प्रभावस्वरूप आप अपने छोटे भाई-बहन के साथ विवाद में पड़ सकते हैं।

उपाय- दाहिने हाथ में तांबे का कड़ा पहनें।

धनु

आपकी कुंडली के पांचवें और बारहवें भाव पर मंगल देव का शासन है और मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा। यह भाव जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनरशिप को दर्शाता है। पांचवे भाव के स्वामी के रूप में सातवें भाव में मंगल देव का गोचर, प्रेमी जोड़ों के लिए शानदार साबित होगा, लेकिन शादीशुदा जातकों के लिए यह अधिक अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपका पार्टनर उग्र व्यवहार कर सकता है, जो आपको पसंद नहीं आएगा। इसी कारण आप दोनों के बीच विवाद हो सकता है।

धनु राशि के जातकों को अपने जीवनसाथी की सेहत का भी विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। मंगल महाराज सातवें भाव से आपकी कुंडली के लग्न, दूसरे और दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। दसवें भाव पर मंगल देव की दृष्टि के प्रभाव से आप अपनी नौकरी को लेकर थोड़ा असुरक्षित महसूस कर सकते हैं, लेकिन असल में आपके सामने कोई भी समस्या नहीं आएगी। लग्न भाव पर मंगल देव की दृष्टि के कारण आप थोड़ा आक्रामक और उग्र स्वभाव के हो सकते हैं। मंगल देव की आठवीं दृष्टि, आपकी कुंडली के दूसरे भाव पर पड़ने से आपको गले से संबंधित स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसके अलावा आपके परिवार के किसी सदस्य को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन्हीं सब कारणों से आप पैसे बचाने में असफल हो सकते हैं।

उपाय- मंदिर में गुड़ और मूंगफली की मिठाई चढ़ाएं।

मकर

आपकी कुंडली के चौथे और ग्यारहवें भाव पर मंगल देव का स्वामित्व है और अब यह आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, रोग, प्रतिस्पर्धा और मामा के भाव में गोचर कर रहे हैं। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके छठे भाव होना, एक अनुकूल स्थिति है। इस दौरान आपकी सेहत अच्छी रहेगी। आप किसी भी प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होंगे और आपके शत्रु आपको हानि पहुंचाने में असफल रहेंगे। हालांकि, आपको लापरवाह न होने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से आप अनचाहे विवादों में घिर सकते हैं।

छठे भाव से मंगल देव नौवें, बारहवें और लग्न भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में आपको अपने पिता की सेहत के प्रति सावधान रहने की जरूरत होगी। पेशेवर रूप से देखा जाए तो आपका तबादला हो सकता है या फिर आपको काम के सिलसिले में विदेश जाना पड़ सकता है। मकर राशि के जातकों के खर्चों में वृद्धि भी हो सकती है और इसके कारण आपके स्वभाव में थोड़ा चिड़चिड़ापन आ सकता है। ऐसे में लोग आपको गलत समझ सकते हैं, इसलिए सावधान रहें।

उपाय- रोज़ाना गुड़ का सेवन करें।

कुंभ

आपकी कुंडली के तीसरे और दसवें भाव पर मंगल देव का शासन है और अब यह आपके पांचवें भाव यानी संतान, शिक्षा और प्रेम संबंध के भाव में गोचर करने जा रहे हैं। पांचवें भाव में मंगल का गोचर होने से आपको बच्चों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान बच्चों की तबियत बिगड़ सकती है। उनके व्यवहार में बदलाव आ सकता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को भी स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कत झेलनी पड़ सकती है इसलिए आपको बच्चों के प्रति अधिक सचेत रहने की सलाह दी जाती है।

प्रेमियों को इस दौरान अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखना होगा। आपका ज्यादा पज़ेसिव होना आपके रिश्ते को बिगाड़ सकता है। हालांकि, छात्रों के लिए यह गोचर अनुकूल साबित होगा। इस दौरान बच्चे ऊर्जा से भरे रहेंगे और पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने में कामयाब होंगे। खासतौर से इंजीनियरिंग जैसे टेक्निकल विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह समय फलदायी सिद्ध होगा। पांचवें भाव से मंगल देव आपकी कुंडली के आठवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव से आपके प्रोफेशनल जीवन में कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं। आपको काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। अगर आप अपना बिज़नेस कर रहे हैं, तो इस गोचर के दौरान आपको जोखिम लेने से बचना चाहिए।

उपाय- जरूरतमंद बच्चों को लाल रंग के कपड़े दान करें।

मीन

मंगल देव आपकी कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव माता, घरेलू जीवन, प्रॉपर्टी और वाहन का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल देव और देव गुरु बृहस्पति मित्र ग्रह माने जाते हैं। तीसरा भाव मंगल महाराज के लिए शुभ माना जाता है। इस दौरान जातकों को अपने परिवार का भरपूर साथ और प्रेम मिलेगा। आपको अपनी पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है और नई गाड़ी और घर खरीदने के योग भी बन रहे हैं।

मंगल देव स्वभाव से उग्र माने जाते हैं इसलिए आपके घरेलू जीवन में कुछ विवाद होने की आशंका है। अहंकार के कारण आप अपनी माता से विवाद में पड़ सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतें। चौथे भाव से मंगल देव आपकी कुंडली के सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। अगर आप अपना बिज़नेस कर रहे हैं, तो आपके लिए यह समय अनुकूल परिणाम लेकर आने वाला है। आप अपने पेशेवर जीवन में पूरी मेहनत के साथ लगातार आगे बढ़ते रहेंगे। साथ ही बिज़नेस वाले जातकों को भी साझेदारी से धन लाभ होने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ मंगल देव की चौथी दृष्टि, ग्यारहवें भाव पर पड़ रही है। इसके प्रभाव से आप अपने पार्टनर को लेकर ज्यादा पज़ेसिव हो सकते हैं और आप उन पर शक भी कर सकते हैं। इसी बात के चलते आप दोनों में झगड़ा हो सकता है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने वैवाहिक जीवन को लेकर सावधानी बरतें।

उपाय- अपनी माता को गुड़ की मिठाई उपहार में दें।


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