सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर (16 नवंबर 2022)
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर (16 नवंबर 2022) से जुड़ी सही व सटीक भविष्यवाणियाँ आपको ऐस्ट्रोसेज के इस लेख में प्राप्त होंगी। यह भविष्यवाणियाँ हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा सूर्य ग्रह की चाल एवं स्थिति का विश्लेषण कर प्रदान की गई हैं, जो पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं। इस लेख में आपको सभी 12 राशियों के जातकों के पेशेवर जीवन, व्यक्तिगत जीवन, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि से जुड़े राशिफल के साथ-साथ नकारात्मक प्रभावों से बचने के उपाय भी बताए गए हैं, जिनकी मदद से आप अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं। आइए आगे बढ़ते हैं और राशिनुसार जानते हैं कि सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर हमारे जीवन में क्या बदलाव लेकर आने वाला है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य राशि चक्र के राजा और आत्मा का कारक माने जाते हैं। सूर्य हमारी गरिमा, स्वाभिमान, अहंकार को दर्शाता है तथा हमारे समर्पण, सहनशक्ति, जीवन शक्ति, इच्छा शक्ति और नेतृत्व करने की गुणवत्ता आदि को नियंत्रित करता है। यह हमारे पिता, सरकार, राजा और उच्च अधिकारियों के लिए कारक ग्रह होता है। अगर शरीर के अंगों की बात करें तो यह हमारे हृदय और हड्डियों का प्रतिनिधित्व करता है।
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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: तिथि व समय
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर 16 नवंबर 2022 दिन बुधवार की शाम 06 बजकर 58 मिनट पर होगा। वृश्चिक जल तत्व की राशि है और राशि चक्र में इसका आठवां स्थान हैं तथा इसका स्वामित्व मंगल ग्रह को प्राप्त है। सूर्य के लिए यह एक अनुकूल स्थिति है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि सभी राशियों में सबसे संवेदनशील राशि है और यह हमारे शरीर में तामसिक ऊर्जा को नियंत्रित करती है। साथ ही यह हमारे जीवन के उतार-चढ़ाव और निरंतर चल रहे परिवर्तनों को नियंत्रित करती है। इसके अलावा यह हमारे जीवन के छिपे और गहरे रहस्यों का प्रतिनिधित्व भी करती है। वृश्चिक राशि खनिज और भूमि संसाधनों जैसे कि पेट्रोलियम तेल, गैस और रत्न आदि के लिए कारक होती है तथा यह दुर्घटनाओं, चोटों और सर्जरी आदि का प्रतिनिधित्व करती है।
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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर वैदिक ज्योतिष के मुताबिक एक ऐसा गोचर है, जो अनिश्चित परिणाम प्रदान करता है। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। जो लोग रहस्य विज्ञान का अध्ययन कर रहे हैं, उनके लिए यह अवधि अनुकूल साबित होगी। हालांकि सभी 12 राशियों में लिए सूर्य के परिणाम कुंडली में इसकी स्थिति तथा जातक की दशा पर निर्भर करेंगे।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या उपयुक्त उपाय किए जा सकते हैं इन बातों की जानकारी जानने के लिए पढ़ें ये विशेष लेख।
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मेष
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु, आकस्मिक घटना और रहस्य के भाव में गोचर करेंगे।
जो लोग ज्योतिष या कोई अन्य रहस्यमयी विद्या सीखना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल है। वे इसकी शुरुआत कर सकते हैं। जो लोग रिसर्च फ़ील्ड में हैं, उन्हें भी इस दौरान सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे क्योंकि आपको अपने शोध कार्यों में सफलता मिलने की संभावना अधिक है।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहना होगा क्योंकि आपको हृदय और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य को नज़रंदाज़ न करें और ख़ुद का विशेष रूप से ख़्याल रखें। कुल मिलाकर मेष राशि के जातकों को इस दौरान मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
उपाय: हनुमान जी को लाल रंग का आटा चढ़ाएं।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव यानी कि वैवाहिक जीवन और साझेदारी के भाव में गोचर करेंगे।
सूर्य का यह गोचर व्यावसायिक साझेदार के साथ आपके संबंध बेहतर करेगा। ऐसे में आपका व्यवसाय फलता-फूलता नज़र आएगा। साथ ही आपके बिज़नेस में कुछ नए अवसर लेकर आएगा।
चूंकि सूर्य उग्रता और अहंकार का ग्रह है इसलिए आपको अहंकार के कारण जीवनसाथी के साथ संबंध में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। यहां तक कि आपकी उनसे बहस आदि भी हो सकती है। अतः आपको सलाह दी जाती है कि ख़ुद के गुस्से और वाणी पर नियंत्रण रखते हुए चीज़ों को सुलझाने का प्रयास करें।
सूर्य की दृष्टि आपके लग्न भाव पर भी पड़ रही है इसलिए आपको सुझाव दिया जाता है इस दौरान अपने स्वास्थ्य और फ़िटनेस पर ध्यान दें। संतुलित आहार का सेवन करें और एक अच्छी लाइफ़ स्टाइल का पालन करें।
उपाय: गायत्री मंत्र का जाप करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा, शत्रु और मामा के भाव में गोचर करेंगे।
इस दौरान आपको थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि तीसरे भाव के स्वामी छठे भाव में गोचर कर रहे हैं, इसलिए आप किसी प्रकार के तर्क-वितर्क, बहस या झगड़े में पड़ सकते हैं। हालांकि इस गोचर काल में आपके शत्रुओं का नाश होगा। वे आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।
जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिलेगी और वे अपनी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यदि आप किसी प्रशासनिक या सरकारी पद पर कार्यरत हैं तो इस दौरान एक बड़ी सफलता आपके हाथ लग सकती है।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपके संबंध अपने मामा के साथ अच्छे रहेंगे और आपको उनका पूरा सहयोग प्राप्त होगा और वे आपका सभी स्थितियों और लोगों के ख़िलाफ़ सही निर्णय लेने में मदद करेंगे। सूर्य की दृष्टि आपके बारहवें भाव पर भी पड़ रही है, इसलिए जो लोग बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर रहे हैं, उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होगा।
उपाय: किसी जरूरतमंद या हेल्पर को दवा दान करें या पूरा-पूरा इलाज कराएं।
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कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा, संतान और पूर्व पुण्य के भाव में गोचर करेंगे।
छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल सिद्ध होगी। अतः वे इस समय का पूरा लाभ उठा सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उन्हें इस दौरान सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि साथी के साथ वाद-विवाद होने की आशंका है।
सूर्य के इस गोचर काल में आप अपने बच्चों की कंपनी का आनंद लेंगे। उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताएंगे। आर्थिक रूप से भी यह अवधि अनुकूल सिद्ध होगी। आय का प्रवाह अच्छा रहेगा। सूर्य की दृष्टि आपके ग्यारहवें भाव पर रही है। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने कार्यस्थल पर की गई सारी मेहनत का सकारात्मक फल लाभ के रूप में प्राप्त होगा।
उपाय: आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य लग्न भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव यानी कि गृहस्थ जीवन, माता, भूमि और वाहन के भाव में गोचर करेंगे।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर आपको भौतिक सुख और ख़ुशियां प्रदान करेगा। अभिनेताओं और राजनेताओं के लिए यह एक अनुकूल अवधि होगी। प्रॉपर्टी से संबंधित व्यवसाय से लाभ होने के योग बन रहे हैं क्योंकि सूर्य की दृष्टि आपके दसवें भाव पर पड़ रही है।
जैसा कि सूर्य आपके चौथे भाव यानी कि गृहस्थ जीवन के भाव के स्वामी हैं इसलिए इस दौरान अनावश्यक अहंकार के कारण आपके घर का ख़ुशनुमा माहौल प्रभावित हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि ख़ुद को शांत रखें और आपसी सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश करें। इस गोचर अवधि के दौरान आपकी माता जी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है, इसलिए आपको सुझाव दिया जाता है कि उनके स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और नियमित रूप से जांच कराएं।
उपाय: प्रतिदिन सुबह सूर्य को अर्घ्य दें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव यानी कि साहस, भाई-बहन और यात्रा के भाव में गोचर करेंगे।
इस दौरान आप अपने छोटे भाई-बहनों के साथ क्वालिटी टाइम व्यतीत करने के लिए किसी लंबी दूरी यात्रा की योजना बना सकते हैं। मार्केटिंग, सोशल मीडिया, कंसल्टेशन आदि क्षेत्र जहां संचार बहुत महत्वपूर्ण है, ऐसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा उनका संचार कौशल बेहतर होगा।
जो लोग बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर रहे हैं, उन्हें भी इस दौरान लाभ के रूप में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। सूर्य की दृष्टि आपके नौवें भाव पर भी पड़ रही है इसलिए पिता के साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे तथा वे आपके कार्यों की सराहना करेंगे।
उपाय: प्रतिदिन सूर्य देव को जल अर्पित करें।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार और वाणी के भाव में गोचर करेंगे।
सूर्य फाइनेंस से संबंधित दोनों भावों को प्रभावित कर रहे हैं इसलिए सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर आपको धन की बचत करने के कई अवसर प्रदान करेगा। फाइनेंस सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए यह अवधि लाभकारी सिद्ध होगी क्योंकि वे कुछ इनोवेटिव आइडियाज़ के साथ काम करते नज़र आएंगे। साथ ही उन्हें अपने परिवार का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।
दूसरे भाव से सूर्य आपके आठवें भाव पर भी दृष्टि बनाए हुए हैं, जिसके फलस्वरूप आप अपने साथी के साथ गुप्त रूप से कोई जॉइंट इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। तुला राशि के जिन जातकों का झुकाव ज्योतिष की ओर अधिक है और इसे सीखना चाहते हैं, वे इस दौरान इसकी शुरुआत कर सकते हैं क्योंकि समय अनुकूल है।
उपाय: प्रतिदिन गुड़ का सेवन करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में गोचर करेंगे।
सूर्य का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध होगा। आपको अपने काम और व्यवसाय के माध्यम से सफलता और लोकप्रियता हासिल होगी। आपके मान-सम्मान और पद में वृद्धि संभव होगी। आपके नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावशाली होगी। लग्न भाव में सूर्य का गोचर आपको अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि इस गोचर काल का फ़ायदा उठाएं और अपने शरीर पर ध्यान दें।
इस समय सूर्य आपके सातवें भाव पर भी दृष्टि डाल रहे होंगे इसलिए आपको अपने वैवाहिक जीवन पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि अनावश्यक अहंकार, बहस या तर्क-वितर्क के कारण जीवनसाथी के संबंध में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।
उपाय: अपनी जेब या बटुए में लाल रंग का रुमाल रखें।
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धनु
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव यानी कि विदेशी भूमि, आइसोलेशन हाउस, अस्पताल और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भाव में गोचर करेंगे।
सूर्य नौवें भाव के स्वामी के रूप में आपके बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं इसलिए इस दौरान आपको विदेश या अपने जन्मस्थान से कहीं दूर के स्थान पर रोज़गार और लाभ प्राप्त करने के मौके मिल सकते हैं। इस गोचर काल में आपके द्वारा की गई लंबी दूरी की यात्राएं या विदेश यात्राएं फ़ायदेमंद साबित होंगी और आपकी जीवनशैली में सुधार करेंगी। इन यात्राओं से आपको आर्थिक लाभ भी हो सकता है।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपके पिता जी के स्वास्थ्य में गिरावट आने की आशंका है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि उनके स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें एवं नियमित रूप से जांच कराएं।
उपाय: घर से निकलने से पहले अपने पिता का सम्मान करें एवं उनका आशीर्वाद लें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आय, लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा के भाव में गोचर करेंगे।
इस दौरान आपको अपने बड़े भाई-बहनों और चाचा का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। अचानक से धन लाभ होने की संभावना भी अधिक है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो आपको अपने करियर और व्यवसाय के लिए पिछले एक साल में की गई सारी मेहनत का फल और लाभ इस समय मिलेगा।
सूर्य की दृष्टि आपके पांचवें भाव पर भी पड़ रही है इसलिए यदि आप वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो यह समय आपके बच्चे के लिए अनुकूल सिद्ध होगा। आपका बच्चा कोई ऐसी उपलब्धि हासिल कर सकता है। जिसे लेकर आपको अपने बच्चे पर काफ़ी गर्व होगा।
उपाय: गायों को रोटी के साथ गुड़ खिलाएं।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव यानी कि नाम, प्रसिद्धि और करियर के भाव में गोचर करेंगे।
आपके लिए सूर्य का यह गोचर फलदायी साबित होगा। आर्थिक रूप से आय का प्रवाह अच्छा रहेगा और धन की बचत भी संभव होगी। पेशेवर रूप से आपको अपने करियर में प्रगति और पदोन्नति देखने को मिल सकती है। कार्यस्थल पर आपके सफल नेतृत्व की सराहना की जाएगी। आपको सलाह दी जाती है कि सूर्य के इस गोचर के दौरान आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से देखें अन्यथा आपका अहंकार आप पर हावी हो सकता है और भविष्य में कुछ परेशानियां खड़ी कर सकता है। साथ ही आपका स्वाभिमान अहंकार में भी बदल सकता है इसलिए सतर्क रहें।
दसवें भाव से सूर्य आपके चौथे भाव यानी कि माता के भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं इसलिए आपको अपनी माता जी का पूरा सहयोग मिलेगा लेकिन अहंकार संबंधी मुद्दों के कारण आपका गृहस्थ जीवन प्रभावित हो सकता है। अतः आपको सलाह दी जाती है कि ख़ुद के गुस्से और वाणी पर नियंत्रण रखें।
उपाय: प्रतिदिन सुबह सूर्य को लाल गुलाब की पंखुड़ियों से अर्घ्य दें।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव यानी कि धर्म, भाग्य, लंबी दूरी की यात्रा, पिता और तीर्थ यात्रा के भाव में गोचर करेंगे।
जो छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश के किसी संस्थान में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं, उनका यह सपना इस दौरान पूरा हो सकता है। साथ ही कंसल्टेंट, मेंटर और अध्यापकों के लिए भी सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर अनुकूल सिद्ध होगा और वे आसानी से दूसरों को प्रभावित कर सकेंगे।
मीन राशि के लोगों को अपने पिता और गुरुओं का पूरा सहयोग मिलेगा। पिता की तरफ से आर्थिक सहयोग भी मिल सकता है। लेकिन आपको इस दौरान उनके स्वास्थ्य का ख़ास ख़्याल रखने की सलाह दी जाती है चूंकि आपके पिता के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव संभव हो सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर रहने की संभावना अधिक है।
उपाय: रविवार के दिन किसी भी मंदिर में अनार दान करें।
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