शनि मकर राशि में मार्गी (23 अक्टूबर 2022)
एस्ट्रोसेज के इस लेख में आपको शनि मकर राशि में मार्गी (23 अक्टूबर 2022) से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारियां प्राप्त होंगी जैसे कि शनि की इस अवस्था का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? शनि मकर राशि में मार्गी कब होंगे? शनि की मार्गी अवस्था का क्या मतलब होता है? यह लेख पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है, जो हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा शनि ग्रह की अवस्था, स्थिति एवं चाल का विश्लेषण कर तैयार किया गया है।
शनि का मकर राशि में मार्गी, 23 अक्टूबर 2022 को होने वाला है। ऐसे में शनि के इस प्रभाव का सभी राशियों पर कैसा असर पड़ेगा हम आपको इस लेख के माध्यम से ये बताएंगे। लेकिन उससे पहले आइए शनि ग्रह से संबंधित कुछ विशेष बातों पर डालते हैं एक नज़र। शनि ग्रह को दो राशियों मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना गया है। समस्त सभी ग्रहों में से शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह बताया गया है। शनि का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में करीब ढाई वर्षों के बाद होता है। सामान्य रूप से शनि को एक हानिकारक ग्रह के रूप में देखा जाता रहा है। क्योंकि शनि कठोर, प्रबल यथार्थवादी दृष्टिकोण, तर्क, अनुशासन, कानून व व्यवस्था, धैर्य, प्रतीक्षा, कड़ी मेहनत, श्रम व दृढ़ संकल्प आदि का प्रतीक है।
इसलिए शनि को एक 'कर्म कारक' प्रधान ग्रह की उपाधि प्राप्त है। हालांकि ज्यादातर लोगों को कठिन परिश्रम करना पसंद नहीं आता इसलिए उनके लिए शनि के प्रभाव को स्वीकार करना भी खासा मुश्किल रहता है।
वास्तविकता में शनि हमे जीवन की सत्यता को स्वीकार कर उसके नुकसान से बचाता है। शनि व्यक्ति को समाज के जरूरतमंद लोगों के प्रति अधिक विनम्र और उद्धार बनाता है। यदि हम कहें कि शनि एक शिक्षक के रूप में कार्य करता है तो ये भी गलत नहीं होगा। कर्मफल दाता शनि तो जातक को उसके कर्मों की प्रकृति के आधार पर दंड देना और उसे पुरस्कृत करने का कार्य करता है। इसलिए शनि को जातक के चरित्र का न्यायाधीश बताया गया है, जो जातक को उसके कर्म के आधार पर ही जीवन भर सुख या संघर्ष देता है।
23 अक्टूबर 2022 को शनि मकर राशि में होंगे मार्गी
शनि मकर राशि में मार्गी 23 अक्टूबर 2022, रविवार को प्रातः 04:19 बजे हो रहे हैं। मकर राशि पृथ्वी तत्व, तमोगुण, चर स्वभाव और शनि ग्रह से प्रभावित होती है। मकर कालचक्र की दसवीं राशि है और ये महत्वाकांक्षा, प्रतिष्ठा, सार्वजनिक छवि और शक्ति का प्रतीक है। ज्योतिष में शनि की वक्री और गोचरीय गति का प्रभाव बहुत अधिक होता है, लेकिन कई बार इसका प्रभाव उन कार्यों को करवा देता है जिनकी प्रतीक्षा जातक लंबे समय से कर रहे होते हैं। परंतु जातक के लिए विशिष्ट होने के कारण परिणाम कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चलिए अब देखते हैं कि शनि की मकर राशि में मार्गी गति कैसे सभी राशियों के जीवन को प्रभावित करेगी।
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है।
Read in English: Saturn Direct in Capricorn (23 October 2022)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शनि दशम व एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब ये आपके अपने ही कर्म व पेशे, सार्वजनिक छवि आदि के दशम भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में शनि मकर राशि में मार्गी होकर मेष राशि के जातकों को उनके पेशेवर जीवन में अनुकूल फल प्रदान करेंगे। इसके परिणामस्वरूप वो जातक जो लम्बे समय से कार्यक्षेत्र पर अनुकूल फलों की प्रतीक्षा कर रहे थे, उनकी प्रतीक्षा पूरी होगी और वे इस दौरान लाभकारी परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इससे आपको अपने करियर में स्थिरता और विकास प्राप्त होगा। आपकी सामाजिक छवि और प्रतिष्ठा में भी शनि देव सुधार करेंगे। विदेश भूमि से भी आपको अच्छा लाभ मिलने के योग बनेंगे।
यदि आप किसी पार्टनरशिप के व्यापार की योजना बना रहे थे तो उसके लिए भी यह अवधि उत्तम रहेगी। हालांकि स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन के लिहाज़ से आपको थोड़ा सचेत रहने की जरूरत है अन्यथा सेहत में गिरावट के कारण आपका कुछ खर्च और पारिवारिक जिम्मेदारी की लापरवाही के कारण घरेलू जीवन में आपको कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको शुरुआत से ही अपने व्यक्तिगत जीवन और कार्यक्षेत्र पर सही संतुलन बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
उपाय: रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें और हर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि योगकारक ग्रह है और यह वृषभ राशि के जातकों के नवम व दशम भाव के स्वामी हैं। अब वर्तमान में यह आपके नवम भाव में ही मार्गी होंगे। कुंडली में इस भाव से हम धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ स्थल, भाग्य आदि को देखते हैं। ऐसे में शनि की इस स्थिति के कारण आपका भाग्य आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपका साथ देगा। लेकिन आपको इसके लिए शुरुआत से ही अतिरिक्त मेहनत करनी होगी।
शनि मकर राशि में मार्गी होकर आपके निजी जीवन में आपके संबंध पिता और गुरुओं के साथ कुछ बेहतर करेंगे। साथ ही आप उनके साथ सभी संघर्ष और मतभेद को समाप्त करने में भी सक्षम रहने वाले हैं। इसके अलावा यदि आप अपने कार्यक्षेत्र में कोई बदलाव करने की कोशिश कर रहे थे तो उसके लिए ये अवधि अनुकूल रहेगी। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि कोई भी निवेश करते समय विशेष समझदारी दिखाएं अन्यथा आपको दीर्घकालिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपका रुझान आध्यात्मिकता की ओर अभी अधिक होगा और इससे आप खुद को धार्मिक मार्ग की ओर झुका हुआ पाएंगे। साथ ही धर्म के मार्ग पर चलते हुए आप अपने लिए अच्छे कर्मों को बढ़ाने की कोशिश भी करेंगे।
उपाय: शनि के मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:" का जप करें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि उनके अष्टम व नवम भाव के स्वामी हैं और अब आपके दीर्घायु, आकस्मिक घटना, रहस्य आदि के अष्टम भाव में ही मार्गी होंगे। ऐसे में मिथुन राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने पिता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि शनि मकर राशि में मार्गी होकर उन्हें अचानक से कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दे सकते हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने आलस्य को दूर रखें और रोजाना कुछ समय टहलने के लिए बाहर जाएं या अपने मन, शरीर और आत्मा को शांत करने के लिए शहर से कहीं दूर किसी प्राकृतिक वातावरण में कुछ समय बिताएं।
आर्थिक जीवन के दृष्टिकोण से आपको किसी विरासत या पैतृक संपत्ति के रूप में या अतीत में किए गए अपने किसी निवेश से अचानक धन लाभ होने की संभावना है। हालांकि निजी जीवन में अपनी किसी गलतफहमी के कारण इस अवधि में अपने ससुराल पक्ष के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। इसलिए इसके लिए सतर्क रहें और उनके साथ किसी भी तर्क-वितर्क में न पड़े।
उपाय: शनिवार के दिन मंदिर में काले तिल का दान करें।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि उनके सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। अब वे आपके जीवनसाथी और व्यावसायिक साझेदारी के सप्तम भाव में ही मार्गी होंगे। ऐसे में शनि मकर राशि में मार्गी होकर उन जातकों के लिए अनुकूल साबित होंगे, जो लंबे समय से शादी करना चाहते थे। परंतु किसी कारणवश उन्हें अभी भी थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
इसके अलावा ये वो अवधि होगी जब शनि आपके पक्ष में परिणाम देते हुए आपको विवाह के बंधन में बंधेंगे। लेकिन अगर आप शादीशुदा हैं तो यह समय आपके पार्टनर के प्रति आपकी वफादारी की परीक्षा लेने वाला साबित हो सकता है। क्योंकि इस दौरान आपके दांपत्य जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आएंगे। इसलिए आपको इस समय भी अपने साथी के पक्ष में मजबूती से खड़ा होना होगा। साथ ही कई जातकों को इस समय अपने साथी के साथ संयुक्त संपत्ति या धन संबंधित कुछ नुकसान भी होने के योग बनेंगे। लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव आपको अपने रिश्ते पर हावी न होने देने की सलाह दी जाती है।
वहीं सप्तम भाव मार्गी शनि आपके लग्न पर भी दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में ये वो समय होगा जब आपको अपने स्वास्थ्य और फिटनेस का ध्यान रखने की सबसे अधिक ज़रूरत होगी। इसलिए खुद को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा खानपान लें और अच्छी जीवनशैली को अपनाएं ताकि आपका आलस्य अपने ऊपर हावी न हो सकें।
उपाय: शनिवार के दिन शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि उनके छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और मामा पक्ष के छठे भाव में मार्गी हो रहे हैं। ज्योतिष में छठे भाव में शनि की स्थिति सामान्य से अनुकूल मानी जाती है। क्योंकि यह शत्रुहंता योग का निर्माण करता है। ऐसे में शनि की ये स्थिति उन जातकों के लिए अच्छी रहेगी, जो कोई कोर्ट केस लड़ रहे हैं। क्योंकि इस दौरान उसका फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना अधिक रहेगी।
इसके अलावा इस समय आप अपने दृष्टिकोण में गतिशील होंगे और अपने सभी शत्रुओं का मुकाबला साहस के साथ करते हुए उनपर विजय प्राप्त करने में सक्षम होंगे। वहीं वो छात्र जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए भी अवधि अधिक अनुकूल परिणाम लेकर आ रही है। छात्र इस समय अपनी सभी चुनौतियों को मात देने में भी सफल रहेंगे। हालांकि शनि मकर राशि में मार्गी होकर विवाहित जातकों के लिए सामान्य से कम अनुकूल रहने वाले हैं। क्योंकि आपको अपने जीवनसाथी के साथ संघर्ष या विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने साथी को समझने की कोशिश करें और उनपर हावी होने से बचें।
उपाय: शनिवार के दिन गरीबों को भोजन कराएं।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पंचम और छठे भाव के स्वामी होते हैं। अब वर्तमान में वे आपके पंचम भाव में मार्गी हो रहे हैं। कुंडली में ये भाव हमारी शिक्षा, प्रेम संबंधों, बच्चों आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में शनि का ये प्रभाव छात्रों को कड़ी मेहनत और निरंतरता के साथ अपनी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन देते हुए उसके लिए अनुकूल सिद्ध होगा।
परंतु वो छात्र जो अपने लक्ष्यों से भ्रमित हो रहे हैं उन्हें अपनी पढ़ाई-लिखाई में समस्या या देरी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा जो शादीशुदा जातक लंबे समय से अपने परिवार में विस्तार करने की योजना बना रहे थे, उन्हें कोई शुभ समाचार मिलने की संभावना रहेगी। कार्यक्षेत्र के लिहाज़ से भी जातक यदि कार्यस्थल पर कुछ बदलाव करने का सोच रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि अभी किसी भी प्रकार के बदलावों से बचें अन्यथा नुकसान संभव है।
उपाय: अपने जीवन से अव्यवस्था को दूर कर व्यवस्थित रहने की कोशिश करें। क्योंकि शनि देव को भौतिक वस्तुओं या मन में अव्यवस्था बिलकुल भी प्रिय नहीं होती।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए शनि योगकारक ग्रह होने के साथ-साथ ये आपके चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी भी होते हैं। अब वर्तमान में शनि 23 अक्टूबर को आपकी राशि से चतुर्थ भाव में ही मार्गी हो रहे हैं। जो भाव आपकी माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन और संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में शनि की ये मार्गी गति आपको भौतिक लाभ देने के योग बनाएगी। यदि आप पैतृक संपत्ति या विवादित संपत्ति से जुड़े मुद्दों का सामना कर रहे हैं तो शनि मकर राशि में मार्गी होकर आपको इस दौरान उससे निजात दिलाने का कार्य करेंगे।
कई जातक व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कोई जमीन या प्रॉपर्टी व वाहन भी खरीद सकते हैं। पारिवारिक जीवन में यदि आपको अपनी मां के साथ कुछ विवाद या किसी निर्णय पर असहमति का सामना करना पड़ रहा था तो यह समय आपको हर विवाद को हल करने में मदद करने वाला है। हालांकि निजी जीवन में आपकी भावनाएं थोड़ी रूखी हो सकती हैं और इससे आपको खुशी की कमी की अनुभूति होगी। इसलिए आपको इस अवधि में खुद को किसी प्रकार की योग व व्यायाम से जुड़ी गतिविधि में शामिल करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इससे न केवल आप खुद को फिट रख सकेंगे बल्कि इसके साथ ही आपके अंदर प्रसन्नता के हार्मोन भी उत्पन्न होंगे।
उपाय: नेत्रहीन लोगों की सहायता करें और किसी भी नेत्रहीन विद्यालय में जाकर सेवा करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि उनके चतुर्थ व तृतीय भाव के स्वामी होते हैं और अब वे इस दौरान आपकी राशि से तीसरे भाव में ही मार्गी होंगे। कुंडली में तीसरा भाव हमारे भाई-बहनों, शौक, कम दूरी की यात्रा और संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में इस भाव में शनि का मार्गी होने से वृश्चिक राशि के जातक अपने शब्दों से कम और अपने कार्यों से अधिक संवाद करते दिखाई देंगे। कहने का मतलब ये है कि ये वो अवधि होगी जब आपका काम बोलेगा।
साथ ही इस समय आपको अपने छोटे भाई-बहन के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने का प्रयास भी करना होगा। इसके लिए उनके साथ किसी भी कारणवश तर्क-वितर्क करने से बचने की कोशिश करें अन्यथा ये तर्क आगे चलकर किसी लड़ाई का रूप ले सकते हैं। जो लोग व्यापार में हैं उन्हें करियर में वृद्धि और अपने व्यवसाय की स्थापना के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। साथ ही काम के विस्तार के लिए और ग्राहकों के साथ बातचीत करने के लिए आपको किसी छोटी दूरी की यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है।
उपाय: प्रतिदिन भगवान हनुमान की पूजा करें। ऐसे में भगवान हनुमान की पूजा करते समय अगर आप खुद को उनकी आराधना में पूरी तरह से समर्पण कर देते हैं तो यह आपके कुंडली में शनि की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएगा।
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शनि उनके दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी होते हैं। अब वो इस अवधि में आपके परिवार, घर, बचत, वाणी आदि के द्वितीय भाव में ही मार्गी होंगे। ऐसे में शनि की यह स्थिति आपके धन खर्चों पर लगाम लगाते हुए आपको बड़ी राहत देने का कार्य करेगी। क्योंकि इस दौरान आप अच्छी आमदनी अर्जित करने में सक्षम होंगे और साथ ही आप अपने धन की बचत भी करने में सफल रहने वाले हैं।
परंतु गैर-भौतिकवादी वस्तुओं को देखें तो आपके स्पष्ट संवाद और अड़ियल रवैये के कारण आपके पारिवारिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। कई जातकों को इस अवधि में अपनी मां की सेहत का ध्यान भी रखना होगा। क्योंकि उन्हें अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने पर आपके भी मानसिक तनाव में वृद्धि देखी जाएगी। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनों से झूठ न बोलें और संभव हो तो शाकाहारी भोजन का पालन करते हुए शराब और धूम्रपान से दूर ही रहें।
उपाय: रोजाना शाम के समय 108 बार शनि मंत्र “ॐ नीलांजन समाभासं" का जाप करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शनि उनके लग्न स्वामी होने के साथ-साथ उनके द्वितीय भाव के स्वामी भी होते हैं। अब वर्तमान में वे आपकी राशि से लग्न में ही मार्गी होंगे। ऐसे में मकर राशि के जातकों को इस दौरान अपने स्वास्थ्य का अच्छा ख्याल रखने की सबसे अधिक जरूरत होगी। इसके लिए शुरुआत से ही आलस्य से दूर रहें और योग व ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का प्रयास करते रहें।
इस अवधि में आपको जितना संभव हो खुद को अनुशासित रखने की कोशिश करनी होगी। क्योंकि इसके चलते ही आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त तो होंगे। साथ ही आप अपनी जीवनशैली और अपने कार्य प्रोफ़ाइल में भी कुछ अच्छे बदलाव देख सकेंगे। हालांकि कुछ जातकों को इस समय अपने छोटे भाई-बहनों के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सतर्क रहना होगा। क्योंकि शनि देव उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देने के योग बनाएंगे इसलिए ज़रूरत पड़ने पर उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
उपाय: छाया दान करें। इसके लिए एक बर्तन में थोड़ा सा सरसों का तेल लें और उसमें अपनी छाया देखें और फिर उस तेल का दान किसी भी शनि मंदिर में जाकर करना आपके लिए अनुकूल रहेगा।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शनि लग्न भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के स्वामी हैं। जो अब आपकी राशि से द्वादश भाव में ही मार्गी हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप वो जातक जो लंबे समय से विदेश में बसने की योजना बना रहे थे, उनके लिए यह समय बहुत ही अनुकूल सिद्ध होगा। साथ ही यदि आप किसी लंबी खासतौर से विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो उसके लिए भी अवधि उत्तम रहने वाली है। परंतु इस यात्रा से आपको अपना धन खर्च करना होगा।
इसके अलावा स्वस्थ्य जीवन के दृष्टिकोण से आपको इस दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति भी थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है। क्योंकि अपनी सेहत के प्रति लापरवाही या उसकी अनदेखी आपके सेहत से जुड़े खर्चों को बढ़ा सकती है। हालांकि शनि देव आपको कार्यक्षेत्र से जुड़ी सभी चुनौतियों और बाधाओं से निजात दिलाने का कार्य करेंगे। जिससे आप कार्यस्थल पर सुचारू रूप से काम करने में सक्षम होंगे।
उपाय: शनिवार के दिन किसी जरूरतमंद को कंबल दान में दें।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए शनि उनके एकादश और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। अब वे आपके आय और लाभ के एकादश भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में एकादश भाव में शनि की ये मार्गी गति आपको अपनी पूर्व की मेहनत का अच्छा फल देने के योग बनाएगी। इसके फलस्वरूप लंबे इंतजार के बाद आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
व्यक्तिगत जीवन में भी शनि की कृपा से आपके प्रेम संबंध में स्थिरता आएगी और आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर जीवन में आगे बढ़ने की योजना बनाएंगे। यदि आप शादीशुदा हैं और परिवार नियोजन के बारे में सोच रहे हैं तो परिवार में विस्तार के लिए आपकी काफी हद तक बाधाएं दूर होंगी और शनि देव आपके जीवन में आशा की कुछ उम्मीदें लेकर आएंगे। वहीं बात करें छात्रों की तो विशेष रूप से वो छात्र जो कानून की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें ये अवधि फलदायी परिणाम देने वाली है। क्योंकि इस समय आपको अपनी मेहनत का अच्छा फल मिलने की संभावना अधिक रहेगी।
उपाय: भिखारियों और ज़रूरतमंदों को जूते दान करना आपके लिए लाभकारी रहेगा।
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