वक्री गुरु का धनु राशि में गोचर कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए
गुरु महाराज अपनी नीच राशि से निकल अपनी मूलत्रिकोण राशि धनु में 30 जून 2020 को शाम 16:30 बजे प्रवेश करेंगे। इस समय गुरु महाराज वक्र गति में रहेंगे और ज्योतिष में यह माना जाता है कि शुभ ग्रह अपनी वक्री अवस्था में और शुभ फल देते हैं। धनु राशि में गुरु महाराज 20 नवंबर 2020 सुबह 06:26 मिनट तक रहेंगे, उसके बाद वह मकर राशि में जाएंगे। आइये जानते हैं कैसा रहेगा गुरु महाराज का गोचर विभिन्न चंद्र राशियों के लिए-
किसी समस्या से हैं परेशान, समाधान पाने के लिए ज्योतिष से प्रश्न पूछें
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि
मेष राशि
इस राशि के लिए गुरु का वक्री गोचर काफी शुभ रहेगा। आप नकारात्मक विचारों से मुक्ति प्राप्त कर सकारात्मकता की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
प्रोफेशनल फील्ड में जो जातक हैं उन्हें नए अवसरों की प्राप्ति होगी, साथ ही आप की प्रबंधन क्षमता में भी इज़ाफा होगा। सीनियर्स के साथ जो भी आप के गतिरोध हैं वो समाप्ति की ओर अग्रसर होंगे। आप का खुद पर विश्वास मजबूत होगा जिससे स्वयं निर्णय लेने में सक्षम होंगे! यह मेष राशि वालों के स्वभाव का एक निहित गुण है, जोकि गुरु की नीच अवस्था के चलते प्रभावी नहीं हो पा रहा था!
वक्री गुरु की इस स्थिति में आध्यात्मिकता की तरफ भी आपका झुकाव बढ़ेगा जिससे आपको स्वयं से जुड़ने में मदद मिलेगी और जो भी आपके अतीत की भावनाएं आपको परेशान कर रहीं थी उनसे बाहर आने में आप के लिए सहायक सिद्ध होगा। इससे आपको स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होगा और आपकी विचार प्रक्रिया भी स्पष्ट होगी जिससे नयी दिशा की ओर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। यात्रा में भी लाभ मिलेगा।
विद्यार्थियों के लिए भी यह वक्री गोचर अच्छे समाचार लेकर आएगा, उच्च शिक्षा में आ रहे विघ्न समाप्त होते हुए नज़र आ रहे हैं। इसलिए अपने प्रयासों में ईमानदार रहेंगे तो सफलता मिलने में देर नहीं लगेगी।
उपाय- गुरूवार के व्रत करने से और गुरुवार को केसर का टीका माथे और नाभि में लगाना काफी शुभ रहेगा ।
वृषभ राशि
इस राशि के लिए गुरु का वक्री गोचर मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। गुरु आपके नवम भाव से वापस आपके अष्टम भाव में गोचर करेगा।
यह गोचर परिवर्तन के साथ-साथ अनिश्चिता की ओर संकेत कर रहा है। इससे आप थोड़ी बेचैनी और चिंता महसूस करेंगे, भविष्य को लेकर थोड़ी बहुत आशंकाएं भी घर करेंगी क्योंकि यह गुरु ग्रह का निहित गुण है, वह थोड़ा चीज़ों को बड़ा कर दिखाते हैं। इसलिए हो सकता है जो भी परिवर्तन आएं वो शुरू में आपको विचलित करें ,परन्तु आपको यह समझना होगा यह समय आपके लिए इसलिए अच्छा है की यह आपकी आत्मनिरीक्षण और खुद को समझने करने में मदद करेगा।
इस समय आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आप की कहाँ कमी रह रही है, क्या आपको करने की जरूरत है जिससे आप सही दिशा प्राप्त कर सकें और आगे बढ़ सकें। इससे आपको आपके प्रोफेशन और पारिवारिक रिश्तों को समझने में भी सहायता प्राप्त होगी। प्रोफेशनल्स को यह समय शोध कार्य करने में, अपने अभ्यास में, अपने कौशल को बढ़ाने में उपयोग में लाना चाहिए जिससे उनके लिए नए रास्ते खुलेंगे। आकस्मिक लाभ भी प्राप्त हो सकते हैं।
आपसी रिश्तों में थोड़ा तनाव की स्थिति रह सकती है, परन्तु यह वक्री गुरु का गोचर आपको यह सिखाने आया है कि जो भी विषय, व्यक्ति आपके जीवन में गैरजरूरी है, वह स्वयं ही आपसे दूर हो जाएगा। जब आप यह समझ जाएंगे तो आसक्ति से, भावनात्मक जुड़ाव से दूर रहने में और बाहर निकलने में आपको मदद मिलेगी। इस समय गूढ़ विषयों को जानने में आपकी रुचि बढ़ेगी। किसी भी विषय को उसके आधारभूत और मूल से समझने के लिए यह अच्छा समय रहेगा, जो विद्यार्थी ऐसा करेंगे, उनको आगे बढ़ने में सहायता प्राप्त होगी। स्वास्थ्य के मामले में थोड़ा आपको सजग रहने की आवश्यकता रहेगी, पेट या पेट के निचले हिस्से से संबंधित दिक्कत आ सकती है ।
उपाय- ललिता सहस्त्रनाम का प्रातः काल जाप करना अत्यधिक शुभ परिणाम देगा ।
मिथुन राशि
यह समय या गोचर मिथुन राशि वालों के लिए काफी शुभ रहेगा, वक्री गुरु आपके अष्टम स्थान से आपके सप्तम स्थान में वापस गोचर करेगा जो कि यह इंगित करता है कि रिश्तों में सामंजस्य बिठाने में आपको काफी मदद मिलेगी। जिन व्यक्तियों को प्रेम संबंधों में चुनौती आ रही थी, उन्हें रिश्ता सुधारने में मदद मिलेगी। जो जातक विवाह का इंतज़ार कर रहे थे, उन्हें अनुकूल अवसर प्राप्त होंगे।
व्यवसाय / प्रोफेशन में आ रही परेशानियों के हल मिलने शुरू हो जाएंगे, नए रास्ते मिलने शुरू होंगे। कार्यक्षेत्र में स्थिरता की ओर बढ़ेंगे, शौर्य और साहस में वृद्धि होगी जिससे अनिश्चितता से बाहर आने में मदद मिलेगी। मिथुन राशि का स्वाभाविक गुण अच्छे से विचारों और सूचनाओं का आदान प्रदान करना है, इसलिए इस गोचर में आप जितना लोगों से मिलेंगे जुलेंगे उतना आप को बढ़िया अवसर प्राप्त होंगे, उतना आपको अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह वक्री गोचर आपको काफी अच्छा प्लेटफॉर्म देगा अपना कौशल दिखाने का, किसी भी मौके को हाथ से जाने न दें।
पिता के साथ संबंधों में मज़बूती आएगी, प्रोफेशन में आपकी किसी बड़े व्यक्ति से मुलाकात और उनकी सलाह जीवन को नयी दिशा की ओर मोड़ सकती है। स्वास्थ के संबंध में यह गोचर शुभ रहेगा, फिर भी अपने खान-पान में लापरवाही न बरतें, अन्यथा वजन बढ़ने जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। मिथुन के लिए यह वक्री गुरु का गोचर काफी अनुकूल परिणाम लेकर आएगा, इसलिए अपने प्रयास लगातार जारी रखें।
उपाय- विष्णु सहत्रनाम का जाप करना आपके लिए बहुत शुभ रहेगा ।
कर्क राशि
यह गुरु का वक्री गोचर कर्क राशि वालों के लिए मिश्रित या औसत परिणाम देगा। यह गोचर कर्क राशि वालों के लिए व्यवधान उत्पन्न करेगा, परन्तु साथ ही आपकी साहस की वृति, या जुझारू प्रवर्ति में भी बढ़ोतरी करेगा जो कि इन व्यवधानों से पार पाने में आपके लिए सहायक होगा।
जो जातक जॉब कर रहे हैं ,प्रबंधन क्षेत्र , टीचिंग या कंसल्टेंसी के प्रोफेशन में हैं, उनके लिए यह गुरु का वक्री गोचर अनुकूल रहेगा या जो अपने कौशल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं उन्हें अच्छी सफलता मिलेगी। जो जातक अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें अपने संसाधनों के अनुरूप ही निर्णय लेने होंगे, किसी भी प्रकार के लोन या कर्ज लेने से बचना चाहिए, अन्यथा परेशानिओं का सामना करना पढ़ सकता है। इस गोचर का मुख्य संदेश यह है कि आपको भाग्य का सहारा न लेकर, अपने कौशल पर भरोसा रखना है।
पारिवारिक रिश्तों में भी थोड़ा बहुत सामंजस्य बढ़ाने में मदद मिलेगी, किसी नए मेहमान का आगमन परिवार में हो सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह गुरु की वक्र स्थिति अनुकूल रहेगा, खासकर उनके लिए जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह गोचर थोड़ा परेशान कर सकता है, खासकर चर्बी से संबंधित परेशानी, पेट से संबंधित परेशानी इसलिए अपने खान-पान का अवश्य ध्यान रखें और इससे भी जरुरी बात नकारात्मकता से जितनी दूर रहेंगे उतना लाभ स्वास्थ्य में होगा। व्यायाम, योगा इत्यादि को दिनचर्या में सम्मिलित करना आपको बहुत अच्छे परिणामों की प्राप्ति कराएगा !
उपाय- देवी के किसी भी स्वरुप की पूजा आपको अच्छे फल प्रदान करेगी।
सिंह राशि
यह गुरु का वक्री गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। यह समय नयी योजनाएं बनाने में और उनको क्रिन्यान्वित करने के लिए बहुत शुभ रहेगा क्योंकि इस समय आपकी प्रबंधन क्षमता अपने चरम पर होगी। आपकी बुद्धि क्षमता, निर्णय लेने में स्पष्टता रहेगी, जिस की वजह से लोग आपसे महत्वपूर्ण विषयों पर सलाह लेने आएँगे और आपका समाज में रूतबा बढ़ेगा। इस समय आप सकारात्मकता से भरे हुए और गतिशील रहेंगे इसलिए इस समय जो भी आपके अपूर्ण कार्य हैं उन्हें पूरा कर लें। जितने भी व्यवधान आ रहे थे, वह सब दूर होंगे, नए अवसरों की प्राप्ति होगी। जो जातक जॉब मे हैं और परिवर्तन करना चाह रहे हैं, उन्हें कहीं अच्छी जगह अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
प्रेम जीवन के लिए भी यह वक्री गोचर बहुत शुभ रहेगा चाहे आप नए संबंधों में जाना चाहते हैं या पुराने रिश्तों में सुधार लाना चाहते हैं, स्तिथियाँ आपके अनुकूल रहेंगी। संतान सम्बन्धी विषयों में आ रही परेशानी दूर होगी। यह समय विद्यार्थियों के लिए भी शुभ समाचार ले कर आएगा, उच्च शिक्षा में आ रही दिक्कतें दूर होंगी, जो विद्यार्थी शोध कार्य से जुड़े हुए हैं, उन्हें बहुत अच्छी सफलता की प्राप्ति होगी। अध्यात्म या गूढ़ विषय जैसे ज्योतिष इत्यादि में आपकी काफी रुचि बढ़ेगी, कुछ नया सीखने की जिज्ञासा बनी रहेगी।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय बहुत अच्छा रहेगा, वक्री गुरु की लग्न पर दृष्टि एक रक्षा कवच का काम करेगी, बस थोड़ा बहुत जो ध्यान देना है वो अपने खान पान पर और व्यायाम पर देना है, क्योंकि इस समय वजन बढ़ने की काफी सम्भावना रहती है। परन्तु इस समय आपको एक और चीज़ से सावधान रहने की ज़रुरत है, वह है आपका अहम भाव क्योंकि आपको यह लग सकता है कि आप सब जानते हैं, और वहीं आप भूल कर जाएंगे ।
उपाय- सूर्य को अर्घ्य देना, सूर्याष्टकम का पाठ करना आपके लिए बहुत शुभ रहेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए भी यह वक्री गुरु के गोचर अच्छे परिणाम लेकर आएगा। यह गोचर आपके पंचम भाव से आपके चतुर्थ भाव में होगा जहां पर (पंचम भाव में) यह शनि महाराज के साथ विराजमान थे।
गुरु अपनी वक्र स्थिति में आपके लिए राहत लेकर आया है, यह इंगित करता है कि अब आप अपने प्रयास, चाहे वो आम जिंदगी हो या आपका कार्य-क्षेत्र, उन्हीं जगहों पर करेंगे जहां से आपको मन की शांति प्राप्त हो, जहां आप सुखद और सहज महसूस कर पाएँ। यह गोचर आपकी सुख सुविधाओं में भी वृद्धि करेगा, नए वाहन, मकान की प्राप्ति संभव है, पुराने ज़मीन जायदाद के लंबित पड़े मामले सुलझेंगे।
गुरु का यह वक्री गोचर अध्यात्म, मैडिटेशन, योग द्वारा खुद से जुड़ने के लिए भी बहुत अच्छा है, इससे जिन भी भावनात्मक परेशानियों से आप गुज़र रहे थे उनसे आपको छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। माता को स्वास्थ्य में भरपूर लाभ मिलेगा, उनसे संबंधों में भी मज़बूती आएगी। जीवनसाथी से संबंधों में मधुरता आएगी, उनके काम- काज या प्रोफेशन में भी जो दिक्कतें आ रही थीं, वो दूर होंगी।
नव संबंधों में जो लोग जुड़ना चाहते हैं, हो सकता है वह थोड़ा भावनाओं में सुरक्षा की चाह के चलते ऐसा करने में थोड़ा झिझकें, आपको यह समझाना होगा कि प्यार में कोई सुरक्षा नहीं होती। विद्यार्थी वर्ग के लिए भी समय अनुकूल है, परन्तु कई बार आप आराम पसंद बन सकते हैं, जिससे थोड़ी परेशानी बढ़ सकती है। आपको थोड़ा इस पर ध्यान देने की जरूरत रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गुरु का वक्री होना आपके लिए बहुत ही शुभ रहेगा, जो भी थोड़ी बहुत परेशानियां चल रही थीं, उनसे छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
उपाय- हर बुधवार को हरी वस्तुओं का दान करना और पन्ना रत्न पहनना आपके लिए शुभ रहेगा।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए गुरु का वक्री होकर यह राशि परिवर्तन चतुर्थ भाव से तृतीय भाव में होगा। जिसे पराक्रम, साहस, अभिलाषा और रुचि का स्थान माना जाता है, जो यह दिखाता है कि आपने जो अपनी सीमायें बाँधी थी, उनसे आप ऊपर उठने का प्रयास करेंगे, जिससे आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी। आप नए विचारों और प्रयोगों से पीछे नहीं हटेंगे, जिससे लाभ की सम्भावना में वृद्धि होगी। आपके कम्युनिकेशन स्किल्स में भी इजाफा होगा जिससे आप अपनी भावनाओं को और अच्छे से सबके सामने प्रस्तुत कर पाएंगे, जो आपके व्यवसाय और संबंध दोनों के लिए बहुत अच्छे परिणाम लेकर आएगा ।
यह समय कौशल को और निखारने का समय है, क्योंकि यह समय आपको आपके कौशल के अनुरूप अवसर प्रदान करेगा। यह समय आपके लिए स्वयं को खोजने का भी समय है, जो भी चीज़ें आपको प्रिय हैं उनको करें क्योंकि जितना आप अपने पसंद की चीजें करेंगे उतना खुद को आप उन्मुक्त पाएंगे जिससे आपकी निर्णय क्षमता काफी अच्छी होगी। जिसमें पिछले कुछ समय से परेशानी आ रही थी । आपके किये गए प्रयासों को भी सही दिशा प्राप्त होगी।
भाई बहन-सहोदर का सहयोग पूर्ण रूप से प्राप्त होगा। जीवनसाथी का सहयोग भी आपकी तरक्की में योगदान देगा। भाग्य का भी भरपूर साथ मिलता हुआ नज़र आ रहा है। विद्यार्थी वर्ग खासकर वह विद्यार्थी जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए समय बहुत शुभ रहेगा। यह समय आपके लिए बहुत अच्छा है, परन्तु आप अपना काफी समय दूसरों को प्रसन्न करने में लगा देते हैं, यदि आप अपनी इस प्रवर्ति से बचेंगे तो यह गुरु का वक्री गोचर से आप और अधिक लाभ उठाने में कामयाब होंगे।
उपाय- शिक्षक या जिनको आप अपना गुरु मानते हैं, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना बहुत शुभ रहेगा। तुलसी पर रोज़ाना जल चढ़ाना भी आपके लिए शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिये भी यह गुरु का वक्री होकर धनु राशि में गोचर काफी शुभ रहेगा। गुरु महाराज आपके तीसरे स्थान से, जो कि प्रयास का स्थान है, से दूसरे भाव में विचरण करेंगे जो की संचित धन, परिवार का स्थान है। यह दर्शाता है कि यह समय राहत देने वाला है, अथक प्रयासों के बाद भी पिछले कुछ समय से आपको सही दिशा नहीं मिल पा रही थी, वह दिशा अब मिलनी शुरु हो जायेगी। आय में भी बढ़ोतरी संभव होती नज़र आ रही है, प्रोफेशन, जॉब में नए अवसरों की प्राप्ति होगी। कोई नई ज़िम्मेदारी या नए पद से आपको नवाजा जा सकता है।
जो जातक काफी समय से अपने व्यवसाय में जाना चाहते थे, उनके लिए भी गुरु का वक्री होना अनुकूल है और जो पहले से अपना व्यवसाय कर रहे हैं, वह अपने संसाधनों का उपयोग सही से कर पाएंगे जिससे अच्छा मुनाफ़ा होने की उम्मीद है। इस समय में आपका सारा ध्यान धन संचय पर होना चाहिए।
आप परिवार के साथ अधिक समय बिताने का प्रयास करेंगे जिससे पारिवारिक संबंधों में भी मधुरता आएगी। परिवार में बढ़ोतरी के भी अच्छे संकेत हैं। जो जातक काफी समय से परिणय सूत्र में बंधना चाहते हैं, उनके लिए शुभ समाचार की प्राप्ति संभव है। विद्यार्थियों के लिए शुभ संकेत रहेंगे, विद्या प्राप्ति के लिए अनुकूल वातावरण प्राप्त होगा, बाधाएं दूर होती हुई नज़र आ रही हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गुरु का यह भ्रमण वृश्चिक जातकों के लिए अच्छा रहेगा।
उपाय- चाँदी के गिलास में जल का सेवन करना और पुखराज रत्न धारण करना आपके लिए काफी शुभ रहेगा ।
धनु राशि
गुरु का यह वक्री गोचर आपके दूसरे भाव से जहां गुरु नीच भाव में विराजमान थे से अब आपके प्रथम भाव में होगा, जोकि काफी अच्छे फलों की ओर इशारा कर रहा है। सबसे पहला परिवर्तन जो आपको महसूस होगा वो आपके स्वभाव में होगा। कुछ समय से आप थकान, सुस्ती महसूस कर रहे थे वह अब दूर हो जाएगी और आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे।
आप सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे जो आपके स्वास्थ्य और निर्णय क्षमता में भी दिखायी देगा। धर्म, अध्यात्म में भी रुचि बढ़ेगी, आप के अंदर समाज को कुछ योगदान देने की भावना भी आयेगी और आप इसके लिए प्रयासरत भी रहेंगे। भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा इसलिए जो भी अवसर आपके सामने प्रस्तुत हों उन्हें लेने से न चूकियेगा।
गुरु आपकी राशि के लिए चतुर्थ भाव का भी स्वामी है इसलिए आपके जमीन -जायदाद से संबंधित मामले लंबित चल रहे थे वह गतिशील होंगे व नए मकान इत्यादि के रास्ते खुलेंगे। जो जातक परिणय सूत्र में बंधने का इंतज़ार कर रहे हैं उनके लिए गुरु का राशि परिवर्तन अच्छी खबर लेकर आएगा, वहीं जो जातक पहले से ही विवाहित या किसी समबन्ध में हैं, उनके लिए थोड़ा सी दिक्कत आ सकती है, सावधानी रखें क्योंकि कई बार आप अपने साथी के मित्र कम सलाहकार बनने का ज्यादा प्रयास करेंगे।
संतति के लिहाज से यह परिवर्तन शुभ समाचार लेकर आएगा। विद्यार्थी वर्ग भी उच्च शिक्षा की और अग्रसर होते हुए नज़र आ रहे हैं, परिवार का साथ भी खूब रहेगा। हर दृष्टिकोण से यह गोचर शुभ रहेगा यह कहना भी गलत नहीं है।
उपाय- गुरूवार के दिन उपवास लें और केले की वृक्ष की उपासना करें।
मकर राशि
गुरु का यह वक्री गोचर आपके लिए बहुत शुभता लेकर आएगा, आपके लग्न भाव से गुरु राशि परिवर्तन कर आपके द्वादश भाव में अपनी राशि में विराजमान होंगे। यह गोचर खासकर उन जातकों के लिए बहुत शुभ रहेगा, जिनका इम्पोर्ट / एक्सपोर्ट का काम है और जो लोग विदेश की किसी कंपनी में काम करते हैं। विदेश जाने वालों के लिए भी यह गोचर शुभ समाचार लेकर आएगा। आप का खुद पर विश्वास और बढ़ना शुरू हो जाएगा, दूसरों पर निर्भरता में कमी आएगी, जिससे आपको सही फैसले लेने में कामयाबी मिलेगी।
जितनी आप यात्रा करेंगे उतना अधिक लाभ प्राप्त होगा, परन्तु पहले से यात्रा के लिए अच्छा बजट प्लान बनाना सही रहेगा। आपकी आध्यात्मिक, धार्मिक क्रियाकलापों में रुचि बढ़ेगी, इसमें खूब बढ़ चढ़कर भाग लेंगे। परन्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय थोड़ा कमज़ोर रह सकता है, थोड़ा अवांछित परिस्थियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए खान पान का ध्यान रखना जरूरी होगा। योग, प्राणायम, खेल- कूद, में भाग लेना आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा।
संबंधों में भी नवीनता आएगी, ख़राब रिश्ते से या आप जिस रिश्ते में भावनात्मक परेशानियों का सामना कर रहे थे, उससे बाहर आने में मदद मिलेगी। अगर आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे तो यह गोचर आपके लिए बाकी सब दृष्टियों से शुभ रहेगा।
उपाय- शनि के मंत्र का जाप करना मकर राशि वाले जातकों के लिए बहुत शुभ रहेगा।
कुम्भ राशि
कुम्भ राशि के लिए यह वक्री गुरु का परिवर्तन आय के नए स्रोत खोलेगा, खर्चों को नियंत्रण में रखने में कामयाब होंगे। जो भी आपकी योजनाएं थी, वह कार्यांन्वित होनी शुरू हो जाएंगी। यह गोचर यह दिखाता है कि अब आप लोगों से जितना मिलेंगे-जुलेंगे, उतना ही आपको लाभ प्राप्त होगा, कोई पुराना मित्र आपके लिए कोई नयी सम्भावना ला सकता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा में भी बढ़ोतरी होगी। आप अब थोड़ा अधिक महत्वाकांक्षी होंगे, लक्ष्यों के प्रति और अधिक सजग होकर प्रयास करेंगे जिससे लाभ मिलने की काफी सम्भावना रहेगी। व्यापारी वर्ग के लिए भी यह परिवर्तन व्यवसाय को और आगे बढ़ाने के अवसर प्राप्त कराएगा।
बड़े भाई-बहनों से मनमुटाव समाप्त होंगे, सन्तति को लेकर भी वक्री गुरु की यह स्थिति काफी शुभ रहेगी, परिवार में बढ़ोतरी संभव है। यदि आप इस राशि के माता-पिता हैं तो संतान की तरक्की से काफी प्रसन्नता की प्राप्ति होगी। प्रेम संबंधों में तरोताज़गी आएगी, नयी ऊर्जा से भरे रहेंगे जिससे आपका संगी भी आपसे प्रसन्न रहेंगा।
आपकी अंतर्दृष्टि इस समय काफी अच्छी रहेगी, जिससे आपको नयी दिशा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। विद्यार्थी वर्ग को भी उच्च शिक्षा में परिवार का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा, जिससे वह प्रगति के पथ पर अग्रसर होते हुए नज़र आएंगे। जो भी जातक अपनी शिक्षा पूर्ण कर नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें भी अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। स्वास्थय की दृष्टि से भी समय उत्तम रहेगा, बस थोड़ा खान-पान में ध्यान देने की आवश्यकता है, वसा युक्त भोजन न करना शुभ रहेगा।
उपाय- पीताम्बरी रत्न मध्यमा ऊँगली में धारण करना शुभ रहेगा।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिये वक्री गुरु का परिवर्तन लाभ भाव से जहां गुरु महाराज नीच के थे और शनि के साथ विराजमान थे, वहां से दशम भाव में अपनी मूल त्रिकोण राशि में होगा, जो कि नौकरी में तरक्की और बदलाव दिखा रहा है। यह परिवर्तन आपको और अधिक कार्य उन्मुख बनाएगा, अब आपका ध्यान टारगेट से हटकर या प्रशंसा की और से हटकर सिर्फ काम को सुचारू रूप से, नवीनता और सृजनात्मकता से कैसे किया जाए इस तरफ रहेगा, जिससे सफलता के साथ -साथ उच्च अधिकारियों का सम्मान और प्रोत्साहन भी आपको प्राप्त होगा।
पिता के स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ उनसे संबंधों में भी मधुरता आएगी, उनसे आपको काफी प्रोत्साहन, सहयोग की भी प्राप्ति होगी, जिससे परिवार मे ख़ुशी का वातावरण रहेगा। आपकी वाक् शक्ति में भी इज़ाफा होगा, जिससे काफी लोग आपसे सलाह मशवरा लेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी लाभ मिलने की सम्भावना रहेगी। घर या गाड़ी में इज़ाफा या नवीन कार्य की योजना बनेगी।
शत्रु पक्ष पर विजय हासिल होगी, कोर्ट -कचहरी में लंबित पड़े मामले तेजी से आगे बढ़ेंगे। प्रेम के मामले में यह गोचर थोड़ा मिश्रित परिणाम देने वाला रह सकता है, आपको इसके लिए अपने व्यवसाय और परिवार में सामंजसय बिठाना पड़ेगा। आपका आत्मविश्वास इस समय बढ़ा हुआ रहेगा, इसलिए निर्णय लेने में समय न गवांये, क्योंकि मीन राशि वालों की सबसे बड़ी समस्या निर्णय लेने की होती है।
अपनी नैतिकता के चलते कभी-कभी आप आत्मग्लानि के शिकार भी हो जाते हैं, जिससे आप का स्वयं के किये गए निर्णयों पर से विश्वास डगमगा जाता है , जो गुरु की इस वक्र स्थिति में आपके परिणाम घटा सकती है । इसलिए अपनी इस प्रवर्ति से आप जितना बच कर चलेंगें, उतना आपके लिए अच्छा रहेगा !
उपाय- भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा का पाठ करना बहुत शुभ रहेगा।
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