बुध धनु राशि में वक्री (13 दिसंबर 2023)
बुध धनु राशि में वक्री: वैदिक ज्योतिष में बुद्धि के कारक ग्रह बुध 13 दिसंबर की दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर धनु राशि में वक्री होने जा रहे हैं। बुध धनु राशि में 28 दिसंबर तक वक्री अवस्था में मौजूद रहेंगे और फिर यह वक्री गति में ही वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि बुध वक्री का प्रभाव निश्चित रूप से सभी के जीवन पर पड़ेगा। कुछ के लिए यह फायदेमंद साबित होगा तो कुछ के लिए वक्री बुध का प्रभाव कई समस्याएं लेकर आ सकता है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष आर्टिकल में हम आपको बुध की इस अवस्था के कारण होने वाले सभी प्रकार के परिवर्तनों से रूबरू कराएंगे। साथ ही, इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के अचूक उपाय भी बताएंगे। आइए विस्तार से जानते हैं।
विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानेंवक्री बुध का अपने जीवन पर प्रभाव
ग्रह का वक्री होना क्या होता है?
आइए अब जानते हैं, किसी भी ग्रह के वक्री होने से क्या तात्पर्य होता है। वक्र का अर्थ होता है टेढ़ा। जब कोई ग्रह पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष निकटतम बिंदु तक पहुंच जाता है, तब पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वह उल्टी दिशा में चलने लगा हो अर्थात उल्टा चलने लगा हो। इसी उल्टी चाल को ज्योतिष की भाषा में वक्री गति कहा जाता है। जबकि वास्तविकता इससे भिन्न होती है क्योंकि कोई भी ग्रह कभी भी उल्टी दिशा में नहीं चलता है। वह अपने परिक्रमा पथ का ही अनुसरण करता है। हालांकि, ज्योतिष के क्षेत्र में वक्री अवस्था को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वक्र गति से चलने वाले ऐसे ग्रह विशेष को वक्री ग्रह कहा जाता है।
वक्री शब्द से संबंधित कई मिथक हैं। आमतौर पर इसे अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन वास्तव में वक्री अवधि के दौरान ग्रह बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं और आपके जन्म कुंडली में दशा के आधार पर अच्छे व बुरे परिणाम देते हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि हम इस शक्तिशाली ग्रह के परिणामों का सामना करने के लिए कितने तैयार हैं। वक्री ग्रह हमें अपने कार्यों पर विचार करने को कहता है।
अब करते हैं बुध ग्रह की। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह को ज्ञान, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल के साथ-साथ एक युवा ग्रह माना जाता है। यह चंद्रमा की तरह अति संवेदनशील भी है। हालांकि मनुष्य के जीवन में बुध बुद्धि, याददाश्त, सीखने की क्षमता, संचार कौशल जैसी चीजों को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा बुध कॉमर्स, बैंकिंग, शिक्षा, लेखन, किताबें, ह्यूमर, संचार और मीडिया आदि क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 12 राशियों में बुध को मिथुन और कन्या राशि का आधिपत्य प्राप्त है। जब बुध वक्री हो जाते हैं तो हमें तो हमारे सोचने समझने की क्षमता कमज़ोर हो जाती है, वाणी कठोर हो जाती है। साथ ही, गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, स्पीकर आदि खराब होने लगते हैं। इसके अलावा, कई अन्य क्षेत्रों में भी संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं कागजी काम और दस्तावेज़ों में गलतियां होने लगती है और संभव है कि काम के सिलसिले से की जाने वाली यात्रा उद्देश्यपूर्ण साबित नहीं होती है।
अब धनु राशि पर की बात करते हैं, धनु राशि काल पुरुष की कुंडली का नौवीं राशि होती है। धनु राशि अग्नि तत्व की राशि होती है, जो कि स्वभाव से दोहरी है और पुरुष तत्व की राशि है। ये धर्म आत्मविश्वास, वेद, सत्य, पिता, गुरु, वक्ता, सरकारी अधिकारी, लंबी दूरी की यात्रा और अंतरात्मा के कारक हैं। ऐसे में बुध धनु राशि में वक्री राजनेताओं, धर्म गुरु, शिक्षकों और उपदेशकों के लिए उनकी टिप्पणियों के कारण समस्याएं पैदा कर सकता है। हो सकता है कि आपके द्वारा दिया गया बयान लोगों को पसंद न आए और आपको लोगों का विरोध झेलना पड़े। इसके अलावा, लोगों के बीच विभिन्न धार्मिक मान्यताओं के कारण संघर्ष होने की भी संभावना है।
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यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
बुध धनु राशि में वक्री: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके नौवें भाव में होंगे। नौवां भाव धर्म, पिता, राजनीति, लंबी दूरी की यात्रा, धार्मिक स्थल और भाग्य को दर्शाता है। इसके परिणामस्वरूप जातक को बातचीत करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से जो लोग दार्शनिक सलाहकार, शिक्षक या राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें इस दौरान अपने शब्दों का चयन बहुत ही सोच-समझकर करने की आवश्यकता हो सकती है अन्यथा आपका किसी से विवाद या झगड़ा हो सकता है।
बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान बातचीत की कमी या ग़लतफ़हमी के कारण आपके छोटे भाई-बहनों या चचेरे भाई के साथ आपके रिश्ते में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा, आशंका है कि ग़लतफ़हमी के कारण आपका अपने पिता या गुरु के साथ भी टकराव हो। स्वास्थ्य की बात करें तो इस अवधि में आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि कुछ पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं आपको फिर से परेशान कर सकती हैं। यदि आप छुट्टियों पर जाने की या लंबी दूरी की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो कई समस्याएं आपके सामने आने की संभावना हैं या कुछ डॉक्यूमेंट जैसे वीजा या पासपोर्ट में समस्या के कारण आपकी यात्रा रद्द या आगे के लिए टल सकती है। ऐसे में आपको अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उपाय: प्रतिदिन तुलसी के पौधे को पानी दें और उसकी एक पत्ती का सेवन करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके आठवें भाव में होंगे। यह भाव अचानक होने वाली घटना, गोपनीयता, रहस्य विज्ञान को दर्शाता है। सामान्य तौर पर बुध का आठवें भाव में मौजूदगी अच्छा नहीं माना जाता है और ऐसे में, बुध की वक्री अवस्था और भी अधिक नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आपको त्वचा में एलर्जी, संक्रमण, कीड़े के काटने या यूटीआई जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़े।
बुध धनु राशि में वक्री आपके ससुराल पक्ष के साथ कुछ ग़लतफ़हमी भी दे सकता है। जो लोग रिसर्च के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें भी कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इस दौरान आप अपनी वाणी के कारण परेशानी में पड़ सकते हैं इसलिए अपने शब्दों का चयन बहुत ही सोच-समझकर करें। आशंका है कि परिवार के सदस्यों के साथ आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव आ जाए। आर्थिक जीवन के लिए भी वक्री बुध आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि आपके खर्चों में अचानक वृद्धि हो सकती है या धन का नुकसान उठाना पड़ सकता है, जिससे बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है। वृषभ राशि के माता-पिता को भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने का आवश्यकता हो सकती है। साथ ही, आपके बच्चों के व्यवहार में भी नकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। जो लोग रिलेशनशिप में हैं, उनके रिश्ते में ग़लतफ़हमी के कारण परेशानियां उत्पन्न होने की संभावना है।
उपाय: प्रतिदिन महिषासुर मर्दिनी पाठ का पाठ करें ।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले (लग्न) और चौथे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके सातवें भाव में हो रहे हैं। सातवां भाव जीवनसाथी और बिजनेस पार्टनरशिप को दर्शाता है। अतः बुध लग्न के स्वामी के रूप में वक्री हो रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आपको जीवन में कई समस्याओं से रूबरू होना पड़ सकता है। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी दो-चार होना पड़ सकता है। साथ ही, आपके घरेलू जीवन भी अस्त-व्यस्त होने की संभावना है। आपकी माता या मातृतुल्य व्यक्ति के हस्तक्षेप के कारण आपके वैवाहिक जीवन में कुछ कलह या गलतफहमी होने की संभावना है। जिन लोगों की शादी अभी-अभी तय हुई है उनके लिए भी बुध धनु राशि में वक्री कई प्रकार से परेशानियां पैदा कर सकता है और इस बाद की संभावना है कि इस किसी कारणवश आपका ये रिश्ता टूट जाए या आप इस बंधन में बंधने के लिए दोबारा विचार करें। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि कोई भी निर्णय लेते समय बहुत समझदारी से काम लें।
जो जातक पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे हैं, उन्हें भी कुछ गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है। वक्री बुध के कारण आपकी माता का भी स्वास्थ्य खराब होने की संभावना है। इसके अलावा, आपके बिजली के घरेलू उपकरण या संचार से संबंधित गैजेट जैसे वाई-फाई मॉडेम, स्मार्ट टीवी का भी खराब होने की आशंका है या अगर आप घर के लिए कुछ गैजेट्स या उपकरण खरीदने की योजना बना रहे थे, तो इसे आगे के लिए टाल दें क्योंकि यह समय इन चीज़ों की खरीदारी के लिए अनुकूल नहीं हैं।
उपाय: अपने बेडरूम में एक इनडोर पौधा रखें और उनकी देखभाल करें।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके छठे भाव में होने जा रहे हैं, जो कि रोग, शत्रु, प्रतिस्पर्धा व मामा का भाव माना जाता है इसलिए कर्क राशि वालों के लिए बुध की वक्री अवस्था अनुकूल न रहने की संभावना है। इस दौरान आपको कई समस्याएं झेलनी पड़ सकती है। आप अपने बोलचाल की वजह से किसी झगड़े या विवाद में पड़ सकते हैं और आपका आत्मविश्वास और साहस डगमगा सकता है। जो लोग लेखक, मीडियाकर्मी, सोशल मीडिया या निर्देशक के रूप में काम कर रहे हैं, उन्हें अपने काम में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। संभावना है कि संचार की कमी या ग़लतफ़हमी के कारण आपके छोटे भाई-बहनों या चचेरे भाई के साथ आपके रिश्ते में समस्याएं उत्पन्न हों।
बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपके स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिल सकती है। साथ ही, आपको कानूनी विवादों या अदालती मामलों का सामना करना पड़ सकता है। आपको धन हानि होने की संभावना है या आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। जो जातक इस दौरान विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि ये योजना आप आगे के लिए टाल दें क्योंकि यह अवधि यात्रा के लिए अनुकूल प्रतीत न होने की संभावना है। आपको इस दौरान कागजी कामकाज के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि ज्ञान की कमी के कारण विदेशी भूमि पर कानूनी मामलों में फंसने की आशंका है या धन हानि भी हो सकती है।
उपाय: मंदिर, गुरुद्वारे या किसी अन्य धार्मिक स्थान पर लंगर के लिए अपनी आस्था के अनुसार हरा कद्दू या हरी मूंग की दाल दान करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके पांचवें भाव में हो रहे हैं, जो कि शिक्षा, प्रेम संबंध, सट्टेबाजी और बच्चों का भाव माना जाता है। इसे पूर्व पुण्य भाव भी कहा जाता है। ऐसे में, आर्थिक मामलों में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बुध वह ग्रह है जो आपके वित्त को नियंत्रित करता है। आपको सलाह दी जाती है कि धन के मामलों में सतर्कता बरतें और पिछले वर्ष में लिए गए वित्तीय निर्णयों पर विचार करें और यदि आपको लगता है कि कुछ निर्णय थे जो सही नहीं लिए गए थे तो उसे ठीक करने पर काम करें। साथ ही, इस दौरान कोई भी बड़ा आर्थिक निवेश करने से बचें।
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि पांचवां भाव सट्टेबाजी का भाव है और बुध का इस भाव में वक्री होना आपके लिए अनुकूल न रहने की संभावना है। ऐसे में, किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी या शेयर बाजार में अपना पैसा निवेश करना आपके लिए उचित नहीं होने की आशंका है। बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अपने बोलचाल के कारण समाज में बदनामी झेलना पड़ सकता है इसलिए अपने शब्दों का चयन बहुत सोच-समझकर करें और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। इसके अलावा, सिंह राशि के छात्रों को अपने नोट्स के खो जाने या पढ़ाई से संबंधित कोई सामान के नुकसान हो जाने की वजह से पढ़ाई में समस्या उत्पन्न हो सकती है। वहीं सिंह राशि के प्रेमी जोड़ों को भी अपने रिश्ते में कुछ ग़लतफ़हमी की वजह से समस्या उठानी पड़ सकती है इसलिए आपको किसी भी प्रकार की ग़लतफ़हमी से बचने के लिए अपने साथी के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए और नोंकझोक से बचना चाहिए।
उपाय: अपने पर्स में हरा रुमाल या हरी इलायची रखें और इसे नियमित रूप से बदलें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके चौथे भाव में होने जा रहा है, जो कि माता, पारिवारिक जीवन, घर, गाड़ी और प्रॉपर्टी जैसी चीजों को दर्शाता है। लग्न भाव के स्वामी होने के परिणामस्वरूप आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं से दो-चार होना पड़ सकता है और समाज में आपकी छवि भी खराब हो सकती है। साथ ही, कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव के कारण आपके पेशेवर जीवन में भी परेशानियां पैदा हो सकती है। संभावना है कि कार्यस्थल पर बार-बार छोटी-मोटी गलतियों की वजह से आपको एक ही कार्य कई बार करना पड़े। हो सकता है कि आपको अपने सहकर्मियों व वरिष्ठों के साथ भी ग़लतफ़हमी का सामना करना पड़े।
बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको घर और पेशेवर जीवन में काफी दबाव का सामना करना पड़ सकता है। आपको घर के काम और पेशेवर काम को एक साथ संभालना मुश्किल लग सकता है। जिन जातकों का खुद का व्यापार है उन्हें अपने बिज़नेस में किसी प्रकार की समस्या या नुकसान उठाना पड़ सकता है। चौथे भाव में बुध के वक्री होने के परिणामस्वरूप आपके घरेलू जीवन में कई परेशानियां आ सकती है। आपकी माता के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं या उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, आपके घरेलू उपकरण बार-बार खराब हो सकते हैं या नुकसान हो सकता है। आखिर में आपको यही सलाह दी जाती है कि इस अवधि में आप अपनी माता के स्वास्थ्य और अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान दें। किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरतें।
उपाय: बुधवार के दिन सोने या फिर पंचधातु की अंगूठी में 5-6 कैरेट का पन्ना धारण करें। आपको इससे कई सारे लाभ होंगे।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके तीसरे भाव में हो रहे हैं। तीसरा भाव आपको छोटे भाई-बहन, रुचि, छोटी दूरी की यात्रा, संवाद कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। इसके परिणामस्वरूप आप अपने बातचीत के कारण किसी झगड़े व विवाद में पड़ सकते हैं और आपका आत्मविश्वास व साहस भी कमज़ोर पड़ सकता है। आपके बोलने के तरीके व झूठे कमिटमेंट के कारण आपको अचानक खर्च या नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपका अपने पिता या गुरु के साथ असामंजस्य के कारण वाद-विवाद होने की आशंका है।
बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं या अलग-अलग स्थानों के दौरे करने पड़ सकते हैं। इस बात की भी संभावना है कि आप किसी लंबी दूरी की यात्रा की योजना बना रहे हों और वह यात्रा अचानक से आपको रद्द या स्थगित करनी पड़े। इस अवधि में अपने छोटे भाई-बहनों के साथ किसी प्रकार के विवाद में न पड़े क्योंकि यह किसी बड़े झगड़े का रूप ले सकती है। यदि आप लेखन के क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप से काम कर रहे हैं, तो आपको अपने काम में ध्यान केंद्रित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं आपके लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और कैमरा जैसे उपकरणों के खराब होने की भी प्रबल संभावना है इसलिए आपको अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता हो सकती है।
उपाय: बुधवार के दिन अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं और प्रतिदिन उसकी पूजा करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके दूसरे भाव में होने जा रहा है। दूसरा भाव परिवार, बचत और संवाद को दर्शाता है। आर्थिक दृष्टिकोण से दूसरे भाव में बुध का वक्री आपके लिए अधिक अनुकूल प्रतीत होता नहीं दिख रहा है। निवेश के मामले में आपके द्वारा लिया गया गलत फैसला आपको परेशानी में डाल सकता है और आशंका है कि आपकी बचत योजना बिगड़ जाए इसलिए आपको इस अवधि किसी भी प्रकार के बड़े निवेश करने और रिस्क लेने से बचने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपको भारी नुकसान होने के संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा, यदि आप कार्यक्षेत्र में पदोन्नति या वेतन वृद्धि का इंतजार कर रहे हैं तो हो सकता है कि आपको आपके उम्मीद के मुताबिक परिणाम प्राप्त न हो और आपको आर्थिक वृद्धि पाने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अपनी बातचीत पर भी नजर रखने की आवश्यकता हो सकती है। बोलते वक्त आप शब्दों के चयन सोच-समझकर करें, विशेष रूप से करीबी रिश्तेदारों के साथ क्योंकि वाद-विवाद व झगड़ा होने की संभावना है। आशंका है कि इस अवधि आपको मुंह से संबंधित कोई बीमारी हो सकती है। कुछ ग़लतफ़हमी की वजह से ससुराल पक्ष से भी आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं इसलिए सतर्क रहें। इस दौरान अपने पार्टनर के साथ किसी भी तरह के संयुक्त निवेश करने से बचें। वही जो जातक रिसर्च के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें शोध से जुड़े पेपर जमा करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: बुध के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके पहले यानी लग्न भाव में होंगे। इसके परिणामस्वरूप इस दौरान आपकी प्रतिष्ठा खराब होने की संभावना है, जो लोग राजनीतिक, प्रेरणादायक वक्ता, सट्टा फाइनेंसर या मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें इस अवधि अपने काम में प्रगति न मिलने के संकेत मिल रहे हैं। आपको सलाह दी जाती है कि बुध धनु राशि में वक्री के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है क्योंकि यह अवधि आपके लिए अधिक अनुकूल न रहने की संभावना है। स्वास्थ्य की बात करें तो आशंका है कि आपको इस दौरान तंत्रिका तंत्र, त्वचा में एलर्जी से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है।
वहीं सातवें और दसवें भाव के स्वामी का लग्न भाव में वक्री होना आपके वैवाहिक जीवन के साथ-साथ आपके व्यावसायिक जीवन के लिए भी अनुकूल प्रतीत न होने की आशंका है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने वैवाहिक जीवन और पेशेवर जीवन के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहें। दोनों के प्रति जिम्मेदारियां समान रूप से निभाएं क्योंकि इसी में आपकी भलाई है। यदि आपको अपने पार्टनर से कोई शिकायत है या उनसे किसी प्रकार की समस्या आपको मिल रही है तो, नजरअंदाज न करें और खुलकर एक-दूसरे से बातचीत करें क्योंकि समस्या को नजरअंदाज करने से स्थिति और भी अधिक खराब हो सकती है। साथ ही, अपने पार्टनर के स्वास्थ्य और सेहत का भी पूरा ख्याल रखें। वहीं पार्टनरशिप में बिज़नेस करने वाले जातकों को भी समस्याओं का समाधान करना चाहिए न कि समस्या से भागना चाहिए क्योंकि यदि आप किसी भी बात को नज़रअंदाज करेंगे तो समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
उपाय: रोजाना भगवान गणेश की पूजा करें और बुधवार के दिन उन्हें दूर्वा (घास) चढ़ाएं।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके बारहवें भाव में हो रहे हैं। यह भाव विदेशी जमीन, पृथक्करण, व्यय, अस्पताल और विदेशी कंपनी जैसी एमएनसी को दर्शाता है। इस राशि के जो जातक ट्रैवलिंग के क्षेत्र जैसे- पायलट, केबिन क्रू या अन्य ऐसे क्षेत्र जो यात्रा से जुड़े हैं, उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में अत्यधिक मेहनत करनी पड़ सकती है और साथ ही, कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। विशेष रूप से वे जातक जो विदेश में रह कर काम कर रहे हैं या किसी दूर स्थानों में अकेले रह रहे हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो, बुध धनु राशि में वक्री आपके लिए अनुकूल प्रतीत न होने की संभावना है। इस दौरान आपको अपनी सेहत का अच्छी तरह से ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि किसी पुरानी बीमारी दोबारा चपेट में आने की पूरी आशंका है और हो सकता है कि इसके कारण आपको कई बार अस्पताल के चक्कर भी लगाने पड़े।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, इस अवधि आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और साथ ही, आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। संभावना है कि अतीत के कानूनी विवाद या अदालती मामलों का आपको एक बार फिर से सामना करना पड़े। इसके अलावा, आपका अपने पिता या गुरु के साथ नोकझोंक भी हो सकता है और हो सकता है कि गलतफहमी की वजह से विवाद बढ़ जाए।
उपाय: बुधवार के दिन गाय को हरा चारा या हरी सब्जियां खिलाएं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव में हो रहे हैं। ग्यारहवां भाव आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहनों, पेशेवर नेटवर्क और चाचा के भाव को दर्शाता है। बुध के ग्यारहवें भाव में वक्री होने के परिणामस्वरूप आपको अपने सामाजिक दायरे और पेशेवर नेटवर्क में गलतफहमी की वजह से कई चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको आर्थिक जीवन में भी भ्रम का सामना करना पड़ सकता है इसलिए निवेश करने के लिए यह अवधि अनुकूल साबित नहीं हो सकती है और इस दौरान यदि आप निवेश करने का विचार बना रहे हैं तो उसे आगे के लिए टाल दें।
बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान यदि आप अपने पार्टनर के साथ संयुक्त संपत्ति में निवेश करते हैं तो आपके लिए लाभदायक होगा लेकिन संभावना है कि यह लाभ आपकी उम्मीद के मुताबिक न हो। कुंभ राशि के माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पड़ सकती है। शिक्षा के क्षेत्र की बात करें तो, इस राशि के जातकों को पढ़ाई के लिए नोट्स या इससे संबंधित अन्य सामग्री की कमी के कारण शिक्षा में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं जो लोग किसी रिलेशनशिप में हैं तो इस अवधि में आपको अपने प्रेम जीवन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी क्योंकि बातचीत की कमी और अपने रिश्ते को अधिक महत्व न देने की वजह से एक-दूसरे से मनमुटाव हो सकता है। साथ ही, गलतफहमियां भी पैदा हो सकती है।
उपाय: किन्नरों (ट्रांसजेंडर) का सम्मान करें और हो सके तो उन्हें हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां उपहार में दें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके प्रोफेशन और कार्यस्थल के भाव यानी दसवें भाव में हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपके घरेलू और वैवाहिक जीवन में सुख की कमी देखने को मिल सकती है, खासकर आपकी माता और जीवन साथी के बीच खींचतान होने की संभावना है, जिसके चलते आप परेशान रह सकते हैं या यह भी संभव है कि आपकी माता और पार्टनर का स्वास्थ्य खराब हो जाए और उनकी कोई पुरानी स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं फिर से परेशान करने लग जाए। इसके अलावा, घरेलू उपकरण भी बार-बार खराब या नुकसान हो सकते हैं।
अब बात करें आपके पेशेवर जीवन की तो, बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अपने काम को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि संकेत मिल रहे हैं कि आपको अपने काम में बार-बार रुकावटों का सामना करना पड़े। यदि आपका पार्टनरशिप में बिज़नेस हैं तो ग़लतफ़हमी होने की संभावना है। ऑफिस कार्यों में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इन समस्याओं से बचने के लिए, आपको पहले से ही योजना बनाकर चलने और जागरूक रहने की सलाह दी जाती है ताकि आप अपने सभी कार्यों को सही से निपटा सके। मीन राशि के जो जातक वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं उन्हें इस अवधि अपने घर के काम और ऑफिस के काम को संभालने में मुश्लिक आ सकती है। आप पर एकदम से काम का दबाव बढ़ सकता है। जो जातक पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है यदि साझेदारी में कोई भी परेशानी आ रही है तो उसे नज़रअंदाज न करें बल्कि उसका सामना करें और समाधान निकाले क्योंकि आगे चलकर ये समस्या बड़ी हो सकती है।
उपाय: अपने घर और कार्यस्थल पर बुध यंत्र स्थापित करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें।
उपाय: रविवार के दिन किसी मंदिर में अनार का फल दान करें।
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