बुध का कुंभ राशि में उदय
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को वाणी, तर्क और संचार कौशल का ग्रह माना जाता है जो अब 26 फरवरी 2025 की रात 08 बजकर 41 मिनट पर कुंभ राशि में उदित होने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष लेख आपको बुध का कुंभ राशि में उदय से संबंधित जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि और समय आदि। साथ ही, बुध ग्रह की अवस्था में होने वाला यह बदलाव राशि चक्र की 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा? किन उपायों को अपनाकर आप बुध देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं? इससे भी हम आपको अवगत कराएंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस लेख की।

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विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें बुध का कुंभ राशि में उदय का अपने जीवन पर प्रभाव
बुध और चंद्रमा को सर्वाधिक संवेदनशील ग्रह माना जाता है क्योंकि यह जिस ग्रह के साथ युति करते हैं या बैठे होते हैं, उसके अनुसार जातक को परिणाम देते हैं। हालांकि, एक वर्ष में बुध ग्रह कई बार अस्त होते हैं इसलिए अक्सर वह जातकों को अपनी पूरी क्षमता से परिणाम देने में असमर्थ होते हैं। अब यह कुंभ राशि में उदित हो रहे हैं और इसके बाद, बुध मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, बुध की उदित अवस्था विभिन्न राशियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ सकती है।
ज्योतिष में बुध ग्रह और कुंभ राशि
बुध ग्रह को बुद्धि, याददाश्त, तंत्रिका तंत्र और दिमाग का कारक माना जाता है। शरीर की जो भी प्रक्रिया मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी है, उसका सीधा संबंध बुध ग्रह से होता है। हमारी सीखने की क्षमता को भी बुध देव नियंत्रित करते हैं और साथ ही, यह शिक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बुध का कुंभ राशि में उदय होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ-साथ शेयर बाजार में सुधार देखने को मिलेगा। यह समय उन लोगों के लिए शानदार रहेगा जो मीडिया, मास कम्युनिकेशन, अकाउंटिंग, फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं। टेलीकॉम और कम्युनिकेशन मार्केट का विस्तार होगा और ऐसे में, ग्राहक बेहतर तकनीक के गैजेट्स लेते हुए नज़र आएंगे। इस दौरान लोग एक-दूसरे से खुलकर बात करेंगे।
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राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में उदित हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध का कुंभ राशि में उदय होने से भाई-बहनों, संचार कौशल, स्वास्थ्य और सेवाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करेगा। ऐसे में, इन जातकों को अपने विचारों को दूसरों के सामने रखना आसान लगेगा। यदि कोर्ट में आपका कोई केस चल रहा है, तो इस अवधि में आप इस विवाद से छुटकारा पाने में सफल होंगे।
बता दें कि कुंडली के ग्यारहवें भाव का संबंध धन, इच्छाओं, बड़े भाई-बहनों और मामा आदि से होता है। बुध ग्रह के उदित होने से मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। बीते समय में आप आय, प्रमोशन या वेतन वृद्धि से संबंधित जिन भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, अब उनका समाधान हो जाएगा।
इस राशि के छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो लेखन, मास कम्युनिकेशन या कोई भाषा का कोर्स कर रहे हैं। इसके अलावा, प्रेम जीवन में यह जातक नए रिश्ते में प्रवेश करेंगे और आप दोनों साथ में यादगार समय बिताएंगे।
उपाय: छोटी कन्याओं को हर रंग की कोई वस्तु भेंट करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बता दें कि अगर इस राशि के जातक जीवन में कठिन दौर से गुजर रहे हैं और आपको धन की बचत, परिवार में कलह या फिर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में परेशानी का अनुभव हो रहा है, तो बुध की उदित अवस्था इन मामलों में आपके लिए राहत लेकर आएगी। साथ ही, आप धन की बचत कर सकेंगे और परिवार में चल रहे मतभेद भी दूर होंगे। इसके अलावा, आप अपनी भावनाएं भी दूसरों के सामने रख पाएंगे।
इस राशि के जो छात्र शिक्षा में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, अब वह इनसे बाहर निकलने में सक्षम होंगे। जो जातक किसी रिश्ते में हैं, वह साथी के साथ अपने प्रेम का इज़हार कर सकेंगे। वहीं, वृषभ राशि के माता-पिता अपने बच्चों के साथ कुछ सुखद लम्हों को बिताते हुए नज़र आएंगे। बुध ग्रह की दसवें भाव में मौजूदगी को अच्छा कहा जाएगा। ऐसे में, यह अवधि आपके करियर के लिए शानदार रहेगी क्योंकि इस दौरान आपको मान-सम्मान और प्रसिद्धि की प्राप्ति होगी। आप जिस कंपनी में कार्यरत होंगे, उसकी ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी। वहीं, जो जातक फैमिली बिज़नेस करते हैं, वह कोई नया निवेश कर सकते हैं। साथ ही, बुध का कुंभ राशि में उदय के दौरान आप किसी नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं।
ऐसे जातक जो हाल-फिलहाल में ग्रेजुएट हुए हैं और इंटर्नशिप की तलाश कर रहे हैं, अब उनकी खोज खत्म हो सकती हैं क्योंकि आपका कहीं चयन हो सकता है। संभव है कि यह लोग कार्यक्षेत्र में किसी के साथ प्रेम में पड़ जाएं। कुंडली के दसवें भाव में बैठे बुध की दृष्टि आपके चौथे भाव पर होगी और ऐसे में, अगर आपका मन किसी लक्ज़री वस्तु को खरीदने का था, लेकिन आपने टाल दिया था, तो यह समय इस काम को करने के लिए एकदम उपयुक्त होगा।
उपाय: कार्यस्थल पर मनी प्लांट रखें।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में बुध देव आपके पहले और चौथे भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके नौवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। कुंडली में नौवां भाव पिता, राजनीति, लंबी दूरी की यात्राओं, तीर्थस्थल, भाग्य और धर्म का होता है। ऐसे में, बुध का कुंभ राशि में उदय होने से आपके और आपकी माता की सेहत में सुधार नज़र आएगा। साथ ही, पारिवारिक जीवन में जो अशांति का माहौल बना हुआ था, उसका भी अंत हो जाएगा।
बुध देव आपकी राशि के नौवें भाव में उदित हो रहे हैं और ऐसे में, आप अपनी किसी मनपसंद जगह पर जाने की योजना बना सकते हैं जिसके लिए आपको लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है। मिथुन राशि के जो लोग राजनीति से जुड़े हैं या फिर राजनेता हैं, वह बीते समय में गलत बयान देने की वजह से विवाद में फंस गए थे, तो अब वह इससे बाहर निकलने में सफल रहेंगे।
गुरु, इंस्ट्रक्टर या मेंटर के रूप में अगर आपको अपना ज्ञान छात्रों को देने में समस्या का अनुभव हो रहा था, तो आप अब एक नई ऊर्जा के साथ पुनः अपने काम को शुरू करेंगे। अगर आपका पिता के साथ कोई विवाद या मतभेद चल रहा है, तो बुध उदित होने के साथ ही उसका अंत हो जाएगा और ऐसे में, आपको हर कदम पर पिता का साथ मिल सकेगा। हालांकि, कुंडली के तीसरे भाव पर बुध ग्रह की दृष्टि पड़ रही होगी और ऐसे में, आपको अपने छोटे भाई-बहनों और दोस्तों के साथ छोटी दूरी की यात्रा का आनंद लेने का मौका मिलेगा।
उपाय: प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट आध्यात्मिक किताब पढ़ें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके आठवें भाव में उदित हो रहे हैं। बता दें कि कुंडली का तीसरा भाव भाई-बहन, रुचि, छोटी दूरी की यात्रा और बात करने की क्षमता का होता है। ऐसे में, बुध का कुंभ राशि में उदय होने से इन जातकों के जीवन में चल रही संचार कौशल से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ भाई-बहनों से चल रहे मतभेदों का समाधान हो जाएगा। लेकिन, बारहवें भाव के स्वामी का आपके आठवें भाव में उदित होना आपके खर्चों को बढ़ाने का काम कर सकता है।
हालांकि, बुध के उदित होने के बाद भी आठवें भाव में इनकी स्थिति को ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, इस अवधि में आपको धन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलेगी। लेकिन, आपको सावधान रहना होगा क्योंकि आपको धन हानि हो सकती है इसलिए आपको अपनी बचत को लेकर किसी भी तरह का जोख़िम उठाने या सट्टेबाजी से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही, इन जातकों को अपनी सेहत के साथ-साथ शारीरिक साफ़-सफाई का भी ध्यान रखना होगा। अगर ससुराल पक्ष के साथ कोई समस्या चल रही है, तो बुध उदित के दौरान उनका भी समाधान हो जाएगा।
उपाय: हरे रंग के कपड़े धारण करें और किन्नरों का सम्मान करें। साथ ही, उन्हें चूड़ियाँ भेंट करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके कोषाध्यक्ष होने के साथ-साथ आपके धन भावों यानी कि दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके साझेदारी के भाव अर्थात सातवें भाव में उदित हो रहे हैं। ऐसे में, बुध का कुंभ राशि में उदय होने से यह जातक जीवन में उत्पन्न आर्थिक समस्याओं से बाहर आने में सक्षम होंगे। साथ ही, आपके द्वारा किया गया कोई निवेश आपको अच्छा खासा लाभ दे सकता है। वहीं दूसरी तरफ, दूसरे भाव के स्वामी के रूप में बुध महाराज के उदित होने से आपके घर-परिवार में चल रही समस्याओं का अंत होगा और आप अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने रखने में सक्षम होंगे।
लेकिन, अगर आप बातचीत की कमी की वजह से पार्टनरशिप में किसी तरह की गलतफहमी का सामना कर रहे हैं, तो बुध उदित की अवधि इस तरह की समस्याओं का समाधान करने के लिए अनुकूल रहेगी। आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति इस बात की तरफ संकेत करती है कि इस समय सिंह राशि के जातक बिज़नेस पार्टनरशिप या शादी-विवाह करने में या फिर अपने साथी पर काफ़ी पैसा खर्च कर सकते हैं। हालांकि, आपको किसी भी तरह की जल्दबाज़ी से बचते हुए अपने निर्णय बहुत सोच-विचारकर लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा अनुकूल नहीं होने पर अधिक निवेश करने से बचना होगा।
उपाय: अपने बेडरूम में एक हाउसप्लांट रखें।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके पहले/लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में उदित होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध का कुंभ राशि में उदय होने से आप पहले से अधिक ऊर्जावान और तरोताज़ा महसूस करेंगे। लेकिन, फिर भी आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने से बचना होगा, अन्यथा आप रोगों का शिकार हो सकते हैं। जो लोग करियर में चल रही समस्याओं से परेशान हैं, अब वह राहत की सांस लेते हुए पेशेवर जीवन में आगे बढ़ सकेंगे।
बुध ग्रह के अस्त अवस्था से बाहर आने के कारण इस समय को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों के लिए अच्छा कहा जाएगा। अगर आप किसी कानूनी विवाद में फंसे हैं या किसी मामले का समाधान नहीं हो रहा है, तो अब आप इससे मुक्ति पाने में सक्षम होंगे। जो जातक सर्विस सेक्टर में कार्यरत हैं, उनके लिए समय शानदार रहेगा, लेकिन आपको कर्ज़ लेने से बचना होगा।
उपाय: बुधवार के दिन 5-6 कैरेट का पन्ना पंचधातु या सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें। अगर ऐसा करना संभव न हो, तो अपने पास हरे रंग का रूमाल रखें।
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तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध देव आपके नौवें भाव और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पांचवें भाव में उदित हो रहे हैं। कुंडली में पांचवें भाव का संबंध पूर्व पुण्य भाव से होता है और यह शिक्षा, प्रेम संबंध, संतान और सट्टेबाजी का होता है। ऐसे में, बुध का कुंभ राशि में उदय के दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा जो कि बुध अस्त के दौरान आपका साथ नहीं दे रहा था। इस अवधि में आपको पिता, मेंटर या गुरु का आशीर्वाद मिलेगा। इनके साथ आपकी कोई समस्या चल रही है, तो अब उसका अंत हो जाएगा। अगर आपकी सेहत खराब रही है, अब आपके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा।
हालांकि, बारहवें भाव के स्वामी के रूप में बुध ग्रह आपके खर्चों को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। साथ ही, ट्रेडिंग या सट्टेबाजी में किसी भी तरह का निवेश न करने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको हानि झेलनी पड़ सकती है। आपके पांचवें भाव में बुध का उदित होना उन छात्रों के लिए अच्छा कहा जाएगा जो शिक्षा के क्षेत्र में समस्याओं का सामना कर रहे थे। दूसरी तरफ, तुला राशि के प्रेमी जातक अपने प्रेम और भावनाओं का पार्टनर के सामने खुलकर इज़हार कर सकेंगे। इस राशि के माता-पिता अपनी संतान के साथ ख़ुशी के पल बिताते हुए दिखाई देंगे।
उपाय: शुक्रवार के दिन देवी सरस्वती की पूजा करें और उन्हें लाल रंग के पांच फूल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिएबुध महाराज आपके आठवें औरग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में उदित होने जा रहे हैं। हालांकि, बुध देव आपके लग्न भाव के स्वामी मंगल ग्रह से शत्रुता के भाव रखते हैं और ऐसे में, ग्रहों की इस स्थिति को आपके लिए पूर्ण रूप से अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।
आठवें भाव के स्वामी के रूप में बुध के चौथे भाव में उदित होने से आपके जीवन में अनिश्चितता जन्म ले सकती है। ऐसे में, आपके इन अप्रत्याशित घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा। इसके अलावा, इन लोगों को अपनी माता की सेहत का ख्याल रखना होगा। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में बुध आपको बीते समय में किए गए निवेश के माध्यम से अच्छा खासा लाभ प्रदान करेंगे। साथ ही, इस दौरान अब आप घर-परिवार में कोई पार्टी आयोजित कर सकते हैं जो पहले किसी कारण से हो नहीं पाई थी।
बुध का कुंभ राशि में उदय की अवधि में आप नया घर या नई कार खरीदने की योजना को आगे बढ़ा सकते हैं जिसे आपने बुध के अस्त एवं वक्री होने के कारण टाल दिया था। इसके अलावा, चौथे भाव में बैठे बुध महाराज की दृष्टि आपके दसवें भाव पर होगी और इसके परिणामस्वरूप, आपको करियर में सुनहरे अवसर मिलेंगे जिससे आप पेशेवर जीवन में तरक्की हासिल कर सकेंगे।
उपाय: बुधवार के दिन अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं और इसकी देखभाल के साथ-साथ पूजा करें।
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धनु राशि
धनु राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह आपके सातवें और दसवें भाव के अधिपति देव हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके तीसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं। आपके पेशेवर जीवन में बुध महाराज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनके अस्त होने से आपको व्यापार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, बुध के उदित होने से आपके व्यापार में सुधार देखने को मिलेगा।
जो लोग करियर के क्षेत्र में समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो अब उनकी परेशानियां दूर होंगी। इसके अलावा, आपके वैवाहिक जीवन में उत्पन्न समस्या या साथी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान हो जाएगा। कुंडली के तीसरे भाव का संबंध भाई-बहनों, रुचि, छोटी दूरी की यात्रा और संचार कौशल से होता है। इसके फलस्वरूप, बुध का कुंभ राशि में उदय होने से भाई-बहनों के साथ चल रहे मतभेद और संचार कौशल से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
अगर आप करियर में बदलाव करने के इच्छुक हैं, तो यह समय आपको मिलने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए श्रेष्ठ रहेगा। साथ ही, आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। बुध ग्रह की दृष्टि नौवें भाव पर होने से आपको अपने पिता और मेंटर का हर कदम पर साथ मिलेगा और ऐसे में, आपको तरक्की एवं प्रगति के मौके मिलेंगे।
उपाय: बुध के बीज मंत्र का जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं। ग्रहों की विशेष स्थिति की वजह से इस समय को आपके लिए शानदार कहा जाएगा और ऐसे में, अब आपको भाग्य का साथ मिलेगा जो अस्त होने के दौरान आपको नहीं मिल रहा था।
बुध के उदित होने से आपको पिता, गुरु और मेंटर के आशीर्वाद के साथ-साथ उनका सहयोग मिलेगा जिससे आपको जीवन में चल रहे मतभेदों या जिन स्वास्थ्य समस्याओं का आप सामना कर रहे हैं, उनसे बाहर आने में सहायता मिलेगी। इस अवधि को मकर राशि के छात्रों के लिए फलदायी कहा जाएगा जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि छठे भाव के स्वामी के रूप में उदित बुध आपको जीवन में सफलता प्रदान करेंगे।
आपकी कुंडली के दूसरे भाव में बुध उदित होने से आपको आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप लाभ प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, धन की बचत करते हुए जीवनसाथी के साथ संयुक्त संपत्ति में वृद्धि भी कर सकेंगे। आपके आइडिया और राय को महत्व दिया जाएगा और आपकी वाणी दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होगी। यह अवधि पारिवारिक जीवन में आपके रिश्तों को मज़बूत करने का काम करेगी। कुल मिलाकर, बुध की उदित अवस्था आपके जीवन में अनेक तरह से लाभ लेकर आएगी और ऐसे में, आप सकारात्मक रूप से जीवन में तरक्की प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: प्रतिदिन तुलसी के पौधे को पानी दें और एक पत्ती का सेवन करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न/पहले भाव में उदित होने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध का कुंभ राशि में उदय शिक्षा, प्रेम जीवन और परिवार आदि से जुड़े क्षेत्रों के लिए बेहद फलदायी साबित होगा। बीते समय में जो छात्र पढ़ाई में समस्याओं का सामना कर रहे थे, तो इस अवधि में आपको अनुभव होगा कि यह समस्याएं दूर हो चुकी हैं। प्रेम जीवन पहले की तुलना में अधिक मधुर और प्रेमपूर्ण बनेगा। वहीं, इस राशि के माता-पिता अपनी संतान के साथ कुछ यादगार लम्हें बिताते हुए दिखाई देंगे।
हालांकि, आठवें भाव के स्वामी का उदित होना आपके जीवन में अनिश्चितता लेकर आ सकता है। लेकिन, बुध देव का दयालु स्वभाव आपके जीवन से किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने का काम करेगा। साथ ही, इस अवधि में आप अच्छा खासा लाभ प्राप्ति की उम्मीद कर सकते हैं। कुंभ राशि वालों के लग्न भाव में बुध देव के उदित होने से यह आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे। जिन जातकों का संबंध डेटा साइंटिस्ट, निर्यात-आयात, वार्ताकारों, बैंकर और व्यापार आदि से है, उनके लिए यह समय शानदार रहेगा क्योंकि बुध महाराज आपके संचार कौशल को मज़बूत बनाएंगे और आपको अच्छे अवसर प्रदान करेंगे।
लग्न भाव में बुध ग्रह के उदित होने के दौरान आप बिज़नेस पार्टनर से सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं। साथ ही, इस राशि के शादीशुदा जातकों का वैवाहिक जीवन सुख-शनि से पूर्ण रहेगा और प्रेम में भी वृद्धि होगी।
उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा (घास) अर्पित करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली मेंबुध देव आपके चौथे और सातवें भाव के अधिपति देव हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके बारहवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। ऐसे में, जिस समय बुध अस्त अवस्था में थे, तब अगर आपका पारिवारिक जीवन कलह या विवाद से भरा रहा था, तो अब बुध का कुंभ राशि में उदय होने से आप राहत की सांस ले सकेंगे। पिछले दिनों आपकी माता या जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्या परेशान कर रहे थी, तो इस अवधि में उनकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा। लेकिन, फिर भी आपको उनकी सेहत के प्रति सतर्क रहना होगा और उनका ध्यान रखना होगा क्योंकि बुध उदित आपके बारहवें भाव में हो रहे हैं।
कुंडली का बारहवां भाव विदेश, मल्टीनेशनल कंपनी, अस्पताल, अलगाव और खर्चों का होता है। इसके परिणामस्वरूप, बुध का कुंभ राशि में उदय के दौरान मीन राशि के सिंगल जातक विदेश में रहने वाले किसी व्यक्ति के साथ एक नए रिश्ते में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि, इन जातकों को सावधान रहना होगा क्योंकि आपके खर्चे इस अवधि में बढ़ सकते है, विशेष रूप से मेडिकल पर होने वाले खर्चे। ऐसे में, आपको सावधानीपूर्वक धन का प्रबंधन करना होगा ताकि आप किसी भी तरह की समस्या से बच सकें।
उपाय: प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में बुध का कुंभ राशि में उदय कब होगा?
बुध ग्रह 26 फरवरी 2025 की रात 08 बजकर 41 मिनट पर कुंभ राशि में उदित हो जाएंगे। इसके बाद, 27 फरवरी 2025 को बुध मीन राशि में गोचर करेंगे।
2. वैदिक ज्योतिष में बुध क्या दर्शाता है?
बुध ग्रह बुद्धि, संचार कौशल, वाणी, ट्रेड, तर्क और विश्लेषणात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही, शिक्षा, व्यापार, लेखन, ह्यूमर, गणित और सीखने की क्षमता को भी दर्शाते हैं।
3. वैदिक ज्योतिष में कुंभ राशि के स्वामी कौन हैं?
शनि देव को कुंभ राशि पर आधिपत्य प्राप्त हैं।
4. बुध की अनुकूल स्थिति कौन सी है?
बुध की मिथुन राशि या कन्या राशि में स्थिति को अच्छा माना जाता है। साथ ही, जब इन पर शुभ ग्रह जैसे कि गुरु या शुक्र की दृष्टि होती है, इसे भी लाभकारी कहा जाता है।
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