बुध का तुला राशि में गोचर (26 अक्टूबर 2022)
एस्ट्रोसेज के इस बुध का तुला में गोचर (26 अक्टूबर 2022) लेख में आपको अपने जीवन से जुड़ी सही व सटीक भविष्यवाणियां पढ़ने को मिलेंगी। जो पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं और हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा बुध ग्रह की चाल और स्थिति का विश्लेषण कर प्रदान की गई हैं। तो आइए जानते हैं कि बुध का तुला राशि में गोचर आपकी राशि को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है।
वैदिक ज्योतिष में समस्त ग्रहों में से बुध को बुद्धि, तर्क, वाणी, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना गया है। ऐसे में जिस भी कुंडली में बुध की स्थिति शुभ होती है तो वो जातक बुद्धिमान तो बनता ही है। साथ ही उसका अपनी वाणी पर नियंत्रण भी बहुत अच्छा रहता है। ये जातक सांसरिक ज्ञान के धनी होते हैं। इन्हें अपनी वाणी या बातचीत के जरिए दूसरों को लुभाना व प्रभावित करना आता है। बुध का शुभ प्रभाव व्यक्ति की आयु वास्तविक उम्र से कम दर्शाता है तथा उस जातक की आंखों में भी गजब का नूर होता है। इसलिए ही बुध प्रधान जातक आमतौर पर संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकील, पत्रकारिता, कथा वाचक, प्रवक्ता आदि क्षेत्रों में अधिक निपुणता रखते हैं। इसके अलावा कुंडली में बुध की कमज़ोर स्थिति जातक को बोलने में समस्या, नसों की पीड़ा, बहरापन, मुख, गले तथा नाक से संबंधित कोई रोग, त्वचा रोग, अत्यधिक पसीना आना और तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि से जुड़ी तकलीफ दे सकता है।
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गोचरकाल की समयावधि
बुध का तुला राशि में गोचर 26 अक्टूबर 2022 बुधवार को दोपहर 01 बजकर 38 बजे होगा जब वाणी, बुद्धि और तर्कशक्ति के कारक बुध ग्रह अपनी स्वराशि कन्या से निकलकर अपने मित्र ग्रह शुक्र की तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 13 नवंबर 2022 शनिवार रात्रि 9 बजकर 06 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेंगे व फिर पुनः अपना स्थान परिवर्तन करते हुए वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएंगे। आइए जानते हैं बुध के तुला राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा।
Read in English: Mercury in Libra transit (26 October 2022)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं। अब 26 अक्टूबर को होने वाले अपने इस गोचर के दौरान बुध आपकी राशि से सप्तम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली में इस भाव को विवाह भाव भी कहा जाता है। इस भाव से ही हम जीवनसाथी और आपके व्यापारिक साझेदारों का ज्ञात करते हैं। ऐसे में बुध का यह गोचर आपके लिए सामान्य से अनुकूल रहने वाला है।
इस दौरान कई जातकों को कार्यक्षेत्र से संबंधित किसी यात्रा पर अचानक जाना पड़ सकता है। परंतु ये यात्रा आपका कुछ धन ख़र्च करा सकती है। इसके अलावा बुध का तुला राशि में गोचर कलात्मक रूप से भी आपकी संवाद शैली में विकास करेगा। जिससे आप अपने विचारों व अपने अच्छे संचार कौशल से दूसरों को प्रभावित करते दिखाई देंगे। वो जातक जो नया व्यापार शुरू करना का सोच रहे थे उनके लिए भी अवधि उत्तम रहेगी। खासतौर से पार्टनरशिप में व्यापारियों को अपार सफलता मिलने के योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन में भी भाई-बहनों से आपका रिश्ता बेहतर होगा। साथ ही उनकी शादी या सगाई संभव है।
हालांकि बुध देव आपको कुछ स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं दे सकते हैं। इस कारण कई जातक त्वचा रोग से पीड़ित दिखाई देंगे। परंतु इस गोचर के दौरान बुध की आपके लग्न पर भी दृष्टि होने से आप अपने प्रयास और सतर्कता से अपनी सेहत में सुधार करने में भी सफल हो सकते हैं। इसके लिए केवल आपको मानसिक रूप से खुद को सकारात्मक रखते हुए अच्छा खानपान लेने की ज़रूरत होगी।
उपायः बुधवार के दिन विधि-विधान अनुसार व्रत का पालन करें।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी होते हैं। अब वर्तमान में अपने इस गोचर के दौरान बुध देव का संचरण आपकी राशि से षष्ठम भाव में होगा। कुंडली में षष्ठम भाव से हम रोग, शत्रु और ऋण का पता लगाते हैं। ऐसे में बुध का ये गोचर आपके लिए सामान्य से अधिक शुभ फल लेकर आने के संकेत देगा।
इस अवधि में आपको धन पक्ष के लिहाज़ से लाभ प्राप्ति के कई अवसर मिलेंगे। जिससे आप अपने किसी पुराने ऋण से काफी हद तक निजात पाने में भी सफल रहने वाले हैं। हालांकि बुध इस समय आपके खर्चा, नुकसान, मोक्ष आदि के द्वादश भाव पर दृष्टि भी डालेंगे। इसके परिणामस्वरूप घरेलू वस्तुओं की ख़रीदारी आपके खर्चों में वृद्धि कर आपका बजट बिगाड़ देगी। इसलिए शुरुआत से ही ख़र्चों पर नियंत्रण रखना आपके लिए बेहतर रहेगा।
इस राशि के छात्रों की बात करें तो वे भी गोचरकाल के दौरान अपना प्रदर्शन बेहतर देते हुए शिक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे। साथ ही इस समय आपकी वाणी में एक अलग प्रखरता भी देखी जाएगी। इसके चलते आप सामाजिक रूप से और कार्यस्थल पर दूसरों को अपनी बातों व सुझावों से प्रभावित करते दिखाई देंगे। कार्यक्षेत्र पर भी आपको अपने अधिकारियों से जमकर सराहना मिलेगी। आप अपने विरोधियों पर भी विजय प्राप्त करते हुए उन्हें अपना मित्र बनाने में सफल रहने वाले हैं।
प्रेम संबंधों के लिहाज़ से बुध का तुला राशि में गोचर आपकी राशि के लिए बेहतर ही रहने वाला है। क्योंकि जहाँ प्रेमी जातक अपने प्रियतम के साथ किसी सुन्दर स्थल की यात्रा पर जाने का प्लान करेंगे। वहीं यदि आप शादीशुदा हैं तो आपका जीवनसाथी आपका हर कदम पर सहयोग देगा और इससे आप दोनों का रिश्ता और अधिक मजबूत बनने में मदद मिलेगी।
उपायः बुधवार के दिन मां दुर्गा को हरी चूड़ियां अर्पित करना आपके लिए शुभफलदायी रहेगा।
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मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध का हर गोचर विशेष महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि बुध आपके लग्न व चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपना गोचर आपकी राशि से संतान, बुद्धि, विद्या और ज्ञान आदि के पंचम भाव में करेंगे। ऐसे में बुध का आपके पंचम भाव में गोचर करना आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ आपके पारिवारिक जीवन में भी अपार ख़ुशियाँ लेकर आने के योग बनाएगा।
इस समय आपका अपनी मां के साथ रिश्ता भी पहले से अधिक बेहतर होगा और उन्हें अपनी किसी पुरानी समस्या से भी काफी हद तक निजात मिल सकेगी। आप अपना ज्यादातर समय घर पर सदस्यों के साथ व्यतीत करना पसंद करेंगे। कुछ जातक घरवालों के साथ किसी छोटी दूरी की यात्रा पर जाने की कोई योजना भी बना सकते हैं। इससे घर-परिवार में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और घर के लोग आपसे सलाह-मशवरा भी लेते दिखाई देंगे।
छात्रों के लिए भी बुध का तुला राशि में गोचर अनुकूल साबित होगा। उनमें नई चीजों को सीखने व जानने की अभिलाषा उनका ध्यान शिक्षा की ओर केंद्रित करेगी। कई जातक धर्म-कर्म के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। वहीं इस समय बुध देव आपके एकादश भाव पर दृष्टि भी डालेंगे जो लाभ और अभिलाषा पूर्ति आदि का भाव होता है। ऐसे में कार्यक्षेत्र पर आपको कई अनुकूल अवसर मिलने से आपकी आमदनी में वृद्धि संभव है। परंतु इसके लिए आपको खुद इधर-उधर की बातों में अपना समय बर्बाद न करते हुए उसे केवल अपने काम और कार्यस्थल की जिम्मेदारियों के निर्वाह की ओर ही केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। कुल-मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि बुध का यह गोचर आपके लिए सामान्य से अनुकूल ही रहने वाला है।
उपायः नियमित रूप से हर बुधवार के दिन श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
कर्क
कर्क राशि वालों के लिए बुध उनके द्वादश भाव के स्वामी होने के साथ-साथ उनके तृतीय भाव के स्वामी भी होते हैं। अब वे वर्तमान में अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से माता, सुख, वाहन, प्रापर्टी, घर, आदि के चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे। ऐसे में बुध का आपके चतुर्थ भाव में गोचर करना कर्क जातकों के लिए विशेष शुभ फलदायी सिद्ध होगा। क्योंकि बुध देव आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेंगे और इसके कारण आपको अपने ख़र्चों पर लगाम लगाते हुए धन को संचय करने में मदद मिलेगी।
बुध का तुला राशि में गोचर आपके पारिवारिक जीवन में भी शांतिपूर्ण वातावरण उत्पन्न करेगा। घर के सदस्य आपस में मिल-जुलकर एक दूसरे का सहयोग करते दिखाई देंगे। वो जातक जो कार्यक्षेत्र या शिक्षा के कारण अपने घर से दूर रहते हैं वे अपने घर पर कुछ समय के लिए रहने आ सकते हैं। आपकी मां आपको लाड़ करेंगी और आपको स्वादिष्ट भोजन खाने का अवसर भी मिलेगा।
कार्यक्षेत्र पर भी आपको ये गोचर अपार धन लाभ के प्रबल योग बनाएगा। क्योंकि इस दौरान बुध आपके कर्म यानी दशम भाव पर अपनी दृष्टि डालेंगे। इसके परिणामस्वरूप जहाँ नौकरीपेशा जातकों की आमदनी में वृद्धि होने की संभावना बनेगी। वहीं व्यापारी जातक भी एक से अधिक माध्यमों से कई अच्छे सौदे अपने हक़ में करने में सफल रहने वाले हैं। हालांकि बावजूद इसके किसी भी कारणवश उधारी पर धन लेने या किसी को उधार धन देने से बचें। इसके अतिरिक्त छात्रों को भी बुध देव की कृपा से अपनी शिक्षा में आ रही हर बाधाओं से निजात मिल सकेगी।
उपायः मां दुर्गा की उपासना करें और विशेषरूप से हर बुधवार के दिन किसी मंदिर में जाकर उनके समक्ष एक घी का दीपक ज़रूर जलाएं।
सिंह
सिंह राशि के लिए बुध ग्रह उनके एकादश व दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपना ये गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में करेंगे। कुंडली में इस भाव को पराक्रम भाव भी कहा जाता है। जिससे हम जातक के साहस, छोटे भाई-बहन, मानसिक संतुलन आदि का विचार करते हैं। ऐसे में अब बुध का आपके इसी भाव में होने वाला गोचर जातकों की वाणी में प्रखरता लाएगा। जिससे उन्हें अपनी बातों व सुझावों को दूसरों के सक्षम खुलकर रखने में जो समस्या आ रही थी वो अब दूर होगी।
पारिवारिक जीवन में भी आपके संबंध अपने छोटे भाई-बहनों से बेहतर होंगे। सदस्य के बीच भी आपसी भाईचारे की वृद्धि होगी। आपकी बातों को घर पर महत्व दिया जाएगा। कार्यक्षेत्र पर भी ये अवधि आपको अच्छा लाभ होने के योग बनाएगी। इससे आपको अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सफलता मिल सकेगी। हालांकि इस समय बुध आपके नवम यानी भाग्य, पिता, गुरु, धर्म आदि के भाव पर दृष्टि भी डालेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपके भाग्य में वृद्धि संभव है। पिता या पिता तुल्य किसी व्यक्ति से भी आपको उचित सहयोग मिलेगा। कई जातक धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर रूचि लेते भी दिखाई देंगे। इससे उनका सामाजिक स्तर बेहतर होगा। साथ ही समाज के कई महत्वपूर्ण लोगों से उन्हें बातचीत के अवसर मिलेंगे।
परंतु बावजूद इसके आपको धन पक्ष के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इसलिए अभी किसी भी तरह के निवेश से बचें। साथ ही खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए योग व व्यायाम का सहारा लेना भी आपके लिए अनुकूल सिद्ध होगा।
उपायः “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’’ इस मंत्र का जाप करें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध उनके कर्म यानी दशम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ उनके लग्न भाव के स्वामी भी होते हैं। अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से द्वितीय भाव में विराजमान होंगे। कुंडली में इस भाव से हम धन, नेत्र, मुख, वाणी, परिवार आदि के बारे में विचार करते हैं। ऐसे में द्वितीय भाव में बुध का ये गोचर आपके लिए सामान्य से अनुकूल ही रहने वाला है।
सबसे अधिक इस समय आपके पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही आप अपनी मधुर वाणी से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे। इसका सबसे अधिक सकारात्मक प्रभाव आपके घर-परिवार पर दिखाई देगा। क्योंकि आप उनके साथ अपने संबंधों में मधुरता लाते हुए उनसे उचित मान-सम्मान प्राप्त कर सकेंगे।
बुध का तुला राशि में गोचर कार्यक्षेत्र पर भी आपको सफलता दिलाएगा। इससे आप अपनी आमदनी में वृद्धि करते हुए अपने कार्यो को पूरा कर सकेंगे। यदि आप व्यापार से जुड़े हैं तो आपको अपने किसी पुराने निवेश से अच्छा मुनाफ़ा मिलने की संभावना है। वहीं छात्रों को भी ये समय प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने के योग बनाएगा। इसलिए शुरुआत से ही खुद को अपनी शिक्षा की ओर केंद्रित रखना आपके लिए अनुकूल रहने वाला है।
हालांकि इस समय बुध आपके आयु, खतरा, दुर्घटना, आदि के अष्टम भाव को भी दृष्टि करेंगे। ऐसे में आपको इस अवधि में अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की ज़रूरत होगी। खासतौर से वाहन चलाते समय या सड़क पर चलते समय अधिक सावधान रहना आपके लिए बेहतर होगा।
उपायः भगवान विष्णु जी की पूजा करें और उन्हें कपूर चढ़ाएं।
तुला
तुला राशि के लिए बुध उनके नवम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं जो अब अपना गोचर करते हुए आपकी ही राशि अर्थात आपके लग्न में विराजमान होंगे। इसलिए ये गोचर विशेष रूप से आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। काल पुरुष की कुंडली में प्रथम भाव जातकों के स्वभाव, स्वास्थ्य और आत्मज्ञान के बारे में जानकारी देता है। ऐसे में अब बुध का आपके इसी भाव में होने वाला गोचर तुला जातकों को मिश्रित फल मिलने के योग बनाएगा। क्योंकि जहाँ नवम भाव भाग्य भाव होता हैं तो वहीं द्वादश भाव व्यय भाव माना गया है। इसलिए इस अवधि में आपको धन अर्जित करने में सफलता तो मिल सकेगी। परंतु आपके खर्चों में भी वृद्धि होने से आप अपने धन को संचय करने में असफल सिद्ध होंगे।
खासतौर से व्यापारी जातकों को अभी कुछ भी नया शुरू करने या निवेश करने से बचने की सलाह दी जाती है अन्यथा उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। वहीं पारिवारिक जीवन में भी किसी सदस्य की सेहत में गिरावट आपके खर्चों में वृद्धि का कारण बनेगी। इस दौरान आपको अपने क्रोध पर भी नियंत्रण रखना होगा।
हालांकि नौकरीपेशा जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगी और वे अपने करियर में बेहतर करते दिखाई देंगे। बावजूद इसके उन्हें अपने सहकर्मियों के साथ अपने व्यवहार के प्रति भी विशेष सावधानी बरतने की ज़रूरत रहने वाली है। इस राशि के छात्रों को इस गोचरकाल के दौरान कई बड़े निर्णय लेने पड़ सकते है। इसके लिए ज़रूरत पड़ने पर किसी बड़े की मदद लेना आपके लिए अनुकूल रहेगा।
इसके अलावा इस समय बुध आपके विवाह के सप्तम भाव पर भी अपनी दृष्टि डालेंगे, जिसके परिणामस्वरूप यूँ तो आपका दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। लेकिन बावजूद इसके आपको साथी से बातचीत करते समय अपनी भाषा का चयन सोच-समझ कर करने व उनके साथ अच्छा व्यवहार करने की सलाह दी जाती है।
उपायः मां दुर्गा से संबंधित मंत्रों का जाप करना आपके लिए अनुकूल रहेगा।
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वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध उनके अष्टम व एकादश भाव के स्वामी हैं। अब उनका गोचर आपकी राशि से व्यय यानी खर्चा, नुकसान, मोक्ष आदि के द्वादश भाव में होने जा रहा है। ऐसे में बुध का ये गोचर आपके लिए थोड़ा प्रतिकूल रहने वाला है।
इस दौरान सबसे अधिक आपको अपनी आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने की ज़रूरत होगी। अन्यथा खर्चों में वृद्धि आपको धन संबंधी समस्या दे सकती है। अत: आपको एक अच्छा बजट प्लान बनाकर ही कुछ भी खरीदारी करनी चाहिए और अभी किसी भी प्रकार का धन लेन-देन से भी बचना आपके लिए बेहतर रहेगा।
हालांकि वो जातक जो पिछले काफी समय से शिक्षा के लिए या कार्यक्षेत्र से संबंधित किसी विदेशी यात्रा पर जाने के इच्छुक थे, उन्हें बुध देव की कृपा से शुभ समाचार मिलेगा। व्यापारी जातकों को भी कुछ अनचाही यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इससे उन्हें तनाव के साथ-साथ धन हानि संभव है।
वहीं इस समय बुध आपके छठे भाव पर अपनी दृष्टि डालेंगे। इसलिए यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको सबसे अधिक अपने विरोधियों के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। क्योंकि आशंका है कि आपके द्वारा की गई छोटी सी गलती का फायदा आपके शत्रु उठाते हुए, आपके खिलाफ षडयंत्र करें। स्वास्थ्य जीवन के लिहाज़ से भी आपको पहले से अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत होगी। इसके लिए किसी भी तकलीफ को नज़रअंदाज़ न करते हुए तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें।
उपायः किन्नरों में हरे वस्त्रों का दान करें।
धनु
धनु राशि के लिए बुध सप्तम और दशम भाव के स्वामी होते हैं। अब 26 अक्टूबर को उनका गोचर आपकी राशि से लाभ और अभिलाषा पूर्ति आदि के एकादश भाव में होने जा रहा है। ऐसे में बुध का तुला राशि में गोचर आपकी राशि के लिए सामान्य से लाभदायक परिणाम लेकर आ रहा है। करियर के प्रति आपकी सक्रियता कार्यक्षेत्र पर आपको अपना प्रदर्शन बेहतर देने के लिए प्रेरित करेगी। इस कारण आपके सहकर्मी या अधिकारी आपसे अधिक प्रभावित दिखाई देंगे।
निजी जीवन में भी अपने कुछ पुराने मित्रों के साथ समय व्यतीत करने का आपका मन कर सकता है। आर्थिक जीवन में भी आपको अच्छा धन प्राप्त करने के कई अवसर मिलेंगे और इससे आपको अपनी पुरानी हर प्रकार की धन संबंधी समस्याओं से निजात मिलने की संभावना रहने वाली है। कुछ जातक अपना कोई रुका या कहीं अटका हुआ धन पुनः वापस हासिल करेंगे। इससे आपको अपनी लंबित पड़ी कई योजनाओं पर अमल करने में सफलता मिलेगी। पारिवारिक जीवन भी शांत और समृद्ध रहने वाला है।
वहीं इस अवधि में बुध की आपके पंचम भाव पर दृष्टि भी पड़ने वाली है। इस कारण वो नव-विवाहित जातक जो परिवार विस्तार का सोच रहे थे उन्हें बुध देव कोई शुभ समाचार देने वाले हैं। छात्रों का मन भी अपनी शिक्षा के प्रति केंद्रित रहेगा और वे कम मेहनत के बाद भी अच्छा प्रदर्शन देने में सक्षम रहेंगे।
उपायः श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का जाप करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए बुध उनके षष्ठम और नवम भाव के स्वामी होते हैं। अब इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से दशम भाव में प्रस्थान करेंगे। कुंडली में इस भाव को कर्म भाव कहा जाता है। इससे हम जातक के कार्यक्षेत्र, व्यवसाय, पद, ख्याति, आदि की जानकारी प्राप्त करते हैं। ऐसे में भाग्य भाव के स्वामी बुध का कर्म भाव में गोचर करना मकर जातकों के लिए शुभ फलदायी सिद्ध होने वाला है। ये गोचर आपको कार्यक्षेत्र पर अधिक सक्रिय बनाएगा और इसके चलते जहाँ नौकरी पेशा जातक अपनी पूर्व की मेहनत का उत्तम फल प्राप्त करते हुए करियर में आगे बढ़ते दिखाई देंगे। वहीं व्यापारी जातकों को भी अपनी आय में वृद्धि करने के कई अवसर मिलने वाले हैं।
हालांकि कुछ व्यापारी जातक अपनी किसी योजना पर कार्य करते हुए या अपने व्यापार के विस्तार के लिए किसी सस्थान या बैंक से लोन लेने का फैसला भी कर सकते हैं। परंतु किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले घर के बड़ों या विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा ज़रूर लें। सामाजिक रूप से भी आपकी छवि बेहतर होती दिखाई देगी। इसका सकारात्मक प्रभाव आपके घर-परिवार के सदस्यों के बीच आपके मान-सम्मान में वृद्धि लाएगा।
इसके अलावा इस समय बुध आपके पंचम भाव पर भी दृष्टि डालेंगे जो आपकी माता, सुख, वाहन, प्रापर्टी, घर आदि का भाव होता है। ऐसे में यदि आपकी मां को सेहत से जुड़ी कोई समस्या थी तो बुध देव उसे दूर करते हुए उन्हें अपनी समस्या से निजात दिलाने का कार्य करेंगे। कुछ जातक कोई वाहन या प्रॉपर्टी की खरीद या बिक्री से जुड़ा कोई फैसला भी लेते दिखाई देंगे।
उपायः हर बुधवार के दिन श्री गणेश जी की आराधना कर उन्हें हरी दुर्वा अर्पित करें।
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कुंभ
कुंभ राशि वालों के लिए बुध का ये गोचर उनके नवम भाव में होने वाला है। इसके अलावा बुध आपके लिए पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में अब दुर्घटना के अष्टम भाव के स्वामी का आपके भाग्य भाव में गोचर करना आपके जीवन में कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों को जन्म दे सकता है। इसके परिणामस्वरूप सबसे अधिक दांपत्य जातकों को अपनी संतान से जुड़ी कुछ चुनौतियों से दो-चार होना पड़ेगा। क्योंकि आशंका है कि बुध देव के प्रभाव से आपकी संतान के साथ कोई दुर्घटना हो इसलिए उनका ध्यान रखें।
इसके अलावा कार्यक्षेत्र में भी आपको हर कार्य को पूरा करने में सामान्य से अधिक मेहनत और समय लग सकता है। परंतू बावजूद इसके आप उसके परिणाम से संतुष्ट नज़र नहीं आएंगे। धन संबंधित लाभ तो होता दिखाई देगा लेकिन आपके बढ़ते खर्चे आपको तनाव दे सकते हैं।
इसके अलावा इस समय बुध देव आपके साहस, छोटे भाई-बहन, मानसिक संतुलन आदि के तृतीय भाव पर भी अपनी पूर्ण दृष्टि डालेंगे। इसके चलते परिवार में छोटे-भाई-बहनों के साथ आपके संबंध प्रभावित हो सकते हैं। आशंका अधिक है कि उनके साथ किसी मुद्दों को लेकर आपकी बहस हो और इससे आपको मानसिक बेचैनी से भी दो-चार होना पड़ेगा।
उपायः बुध की होरा में बुध ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जाप करना आपके लिए उत्तम रहेगा।
मीन
बुध मीन राशि के जातकों के लिए उनके चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। अब इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से अष्टम भाव में संचरण करेंगे। कुंडली में अष्टम भाव से हम आयु, खतरा, दुर्घटना, मनोविज्ञान आदि का पता लगाते हैं। ऐसे में इस भाव में बुध की उपस्थिति आपकी मां के स्वास्थ्य जीवन को प्रभावित करेगी। इसलिए उनकी सेहत का ध्यान रखें और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना आपके लिए अच्छा रहेगा।
हालांकि इस दौरान आपका रुझान ज्योतिष जैसे जटिल विषयों की ओर बढ़ सकता है और इसके लिए आप उनसे जुड़ी कुछ किताबें या लेख पड़ते दिखाई देंगे। साथ ही बुध देव आपके करियर में इजाफा करते हुए आपको सफलता मिलने के योग भी बनाएंगे। परंतु इसके लिए कुछ समय आपको प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। धन पक्ष के लिहाज़ से भी आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और आप वो सभी निर्णयों को लेने में अब सक्षम होंगे जिन्हें धन के अभाव में आप लेने में अभी तक असमर्थ थे।
इसके अलावा आपको इस समय अपने स्वास्थ्य के प्रति भी पहले से अधिक सतर्कता बरतने की ख़ास सलाह दी जाती है। क्योंकि इस समय बुध की पूर्ण दृष्टि आपके द्वितीय भाव पर होगी। इसलिए खासतौर से नेत्र संबंधित आपको कोई परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसके लिए धूल वाली व अधिक प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से परहेज करें और बार-बार ठंडे पाने से अपनी आंख साफ़ करते रहें।
उपायः गरीब व ज़रूरतमंद विधार्थियों में शिक्षा की सामग्री दान करना आपके लिए शुभ रहेगा।
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