बुध का कर्क राशि में गोचर (22 अगस्त 2024)
बुध का कर्क राशि में गोचर: ज्योतिष में बुद्धि और सीखने की क्षमता के कारक ग्रह बुध वक्री अवस्था में 22 अगस्त 2024 की सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे।
वैदिक ज्योतिष में जब कुंडली में बुध मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो यह जातकों को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्रदान करते हैं। साथ ही, आपको तेज़ बुद्धि और अच्छा स्वास्थ्य का भी आशीर्वाद देते हैं। बुध महाराज के मज़बूत होने पर यह व्यक्ति को उच्च ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं और उन्हें हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम भी देते हैं। इनका यह ज्ञान व्यापर के क्षेत्र में जातक को अच्छे फैसले लेने में मार्गदर्शन करता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध देव की स्थिति शुभ होती है, वह व्यापार और सट्टेबाजी के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल करते हैं। इन जातकों की रुचि गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष, रहस्यवाद आदि में हो सकती है और यह इन क्षेत्रों में अपनी चमक बिखेरते हुए नज़र आ सकते हैं।
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इसके विपरीत, कुंडली में बुध ग्रह जब राहु, केतु या मंगल जैसे अशुभ ग्रहों के साथ स्थित होते हैं, तो जातकों को जीवन के सभी क्षेत्रों में कदम-कदम पर समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि मंगल ग्रह और बुध ग्रह एक साथ युति करते हैं, तो जातकों में बुद्धि की कमी देखने को मिलती है। साथ ही, इनका स्वभाव आवेगी और आक्रामक हो सकता हैं।
जब बुध शुभ बृहस्पति के साथ युति करते हैं, तो व्यक्ति अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकता है और उससे लाभ भी उठा सकता है। यदि बुध मिथुन राशि में स्थित है, तो व्यक्ति को अधिक यात्रा करनी पड़ सकती है और उसी के प्रति रुचि दिखा सकता है और साथ ही वह आत्म विकास के लिए उत्सुक हो सकता है। यदि बुध कन्या राशि में स्थित है, तो व्यक्ति ज्योतिष, गुप्त विज्ञान और जुनून के रूप में व्यवसाय करने में अधिक इच्छुक हो सकता है।
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बुध का कर्क राशि में गोचर 2024: राशिफल के अनुसार भविष्यवाणियाँ
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर में चौथे भाव में होगा। इस गोचर के परिणामस्वरूप, आपको पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और सुख-सुविधाओं में कमी भी देखने को मिल सकती है, जिसके चलते आपका आत्मविश्वास खो सकता है।
जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, वे अधिक लाभ प्राप्त करने में पीछे रह सकते हैं और आशंका है कि अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम न हो। आप अपने लाभ में एक अंतर देख सकते हैं।
आर्थिक जीवन में आपको अपने परिवार की ज़रूरतों के लिए अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है और इस वजह से, संभव है कि आप बचत करने में सफल हो।
रिश्तों के मोर्चे पर, आपको परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इस वजह से आप खुशियाँ बनाए रखने में असफल हो सकते हैं।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको सुख-सुविधाओं की कमी महसूस हो सकती है और आपको बहुत अधिक खांसी हो सकती है, जो आपकी प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ॐ बुधाय नमः” का जाप करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर में तीसरे भाव में वक्री है। उपरोक्त के कारण, आशंका है कि आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त न हो। इसके अलावा, धन प्रवाह में कमी और भविष्य को लेकर चिंताएं सता सकती हैं।
करियर के मोर्चे पर, आशंका है कि आपको अपने काम में अधिक प्रगति देखने को न मिल और लाभ में देरी हो सकती है।
जिन जातकों का अपना व्यापार हैं, उन्हें अपने बिज़नेस में प्रगति मिलने में देरी हो सकती है, जिसके कारण आप लाभ प्राप्त करने में असफल हो सकते हैं।
आर्थिक जीवन में, आपको धन हानि और भाग्य की कमी देखने को मिल सकती है, जिससे आपको असंतुष्टि मिल सकती है।
व्यक्तिगत मोर्चे पर, आपका जीवनसाथी के साथ विवाद हो सकता है और यह अहंकार की भावना की वजह से हो सकता है।
स्वास्थ्य के पहलू पर, आपको फ्लू, एलर्जी और दांत दर्द की समस्या परेशान कर सकती है।
उपाय: बुधवार को बुध ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं तथा वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। इसके कारण, आपको पारिवारिक मामलों में अधिक खर्च और विवादों का सामना करना पड़ सकता है। आप भविष्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं।
करियर के मोर्चे पर आपको लाभ मिल सकता है, लेकिन आप उसका आनंद लेने में असफल हो सकते हैं।
आर्थिक जीवन में पर योजना की कमी और लापरवाही के कारण आपको अधिक खर्च का सामना करना पड़ सकता है।
रिश्तों के लिहाज़ से, आप अपने रिश्ते में अधिक खुशी व संतुष्टि पा सकते हैं, जिससे आपके साथी के साथ आपका संबंध और अधिक मजबूत होगा।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, इस दौरान आप ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे और इस वजह से बेहतर सेहत बनाए रखने में सक्षम होंगे।
उपाय: शनिवार को शनि ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर में आपके पहले भाव में होगा।
इसके फलस्वरूप, आपको अनचाही यात्रा का सामना करना पड़ सकता है, जिससे आपको नुकसान हो सकता है इसलिए यात्रा के दौरान आपको सावधान रहने की आवश्यकता होगी।
करियर के लिहाज़ से, आपको अपने कार्यक्षेत्र में संतुष्टि प्राप्त न हो, जिसके चलते आप नौकरी बदलने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
व्यवसाय के मोर्चे पर, आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण, आपको लाभ में कमी देखने को मिल सकती है।
रिश्तों के मोर्चे पर, आपको अपने जीवन साथी के साथ संचार समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इसके कारण आपके रिश्ते में अशांति पैदा हो सकती है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको छाती से संबंधित समस्या हो सकती है और इसके कारण, आपको अपने स्वास्थ्य पर अधिक से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ चंद्राय नमः” का जाप करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर में बारहवें भाव में होगा।
उपरोक्त कारणों से, आप अपने प्रयासों में देरी और बाधाओं का सामना कर सकते हैं। आपको असुरक्षा की भावना महसूस हो हैं।
करियर के मोर्चे पर, काम में असंतुष्टि की वजह से उच्च प्रगति देखने में पीछे रह सकते हैं।
व्यवसाय के मोर्चे पर, आप अधिक लाभ कमाने की अपनी उम्मीदों के बावजूद नुकसान उठाना पड़ सकता है, जिस वजह से आप परेशान हो सकते हैं।
रिश्तों के मोर्चे पर, आपको संचार में कमी के कारण अपने जीवन साथी के साथ अहंकार से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको पैरों में दर्द हो सकता है और यह तनाव के कारण उत्पन्न हो सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ भास्कराय नमः” का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं तथा वक्री बुध का कर्क राशि मे गोचर में आपके ग्यारहवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले अपनी परिस्थितियों और पेशे में भविष्य में होने वाले बदलावों के बारे में विचार करें।
करियर के मोर्चे पर, आप अपनी नौकरी में बदलाव कर सकते हैं, जिससे आपकी रुचियों को बढ़ावा मिल सकता है।
यदि आपका खुद का व्यवसाय हैं तो संभव है कि आय की कमी के कारण आप अपेक्षित लाभ नहीं कमा पा रहे हों। आर्थिक रूप से, आपको औसत लाभ मिल सकता है और इसके लिए आपको प्रतिबंधों का सामना भी करना पड़ सकता है।
रिश्ते के मोर्चे पर, आप अपने जीवन साथी के साथ तनाव और अहंकार से संबंधित समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको गले में गंभीर संक्रमण और फ्लू से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ऊँ नमो नारायण” का जाप करें।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा।
करियर के मोर्चे पर, आपको नए अवसर मिल सकते हैं। हालांकि, तुला राशि के कुछ जातकों को अपनी नौकरी में अशांति का सामना करना पड़ सकता है।
व्यवसाय के मोर्चे पर, आपको व्यवसाय में उच्च लाभ और अधिक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कई अच्छे अवसर मिल सकते हैं।
व्यक्तिगत मोर्चे पर, पारिवारिक मुद्दों और समझ की कमी के कारण आपको अपने रिश्ते में अशांति का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको खांसी होने का खतरा हो सकता है जो एलर्जी के कारण हो सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ शुक्राय नमः” का जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होगा।
उपरोक्त के कारण, आपको भाग्य में कमी और लाभ मिलने में देरी देखने को मिल सकती है।
करियर के लिहाज़ से, आपको वरिष्ठों और कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
व्यवसाय के मोर्चे पर, आपको या तो लाभ हो सकता है या भारी नुकसान हो सकता है और इस स्थिति से आप परेशान रह सकते हैं। आर्थिक रूप से, आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस अवधि अधिक नुकसान होने की संभावना है और इस वजह से आप नकारात्मक विचार बना सकते हैं।
प्रेम जीवन को देखें तो, आपको भावनात्मक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और यह संवेदनशील मुद्दों के कारण हो सकती हैं।
आपके स्वास्थ्य की बात करें, तो इस अवधि आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा लेकिन, आपको अपने पिता के स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ भौमाय नमः” का जाप करें।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर में आठवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप, आप जो प्रयास कर रहे हैं, उनमें बाधाएं आ सकती हैं और जिस वजह से आप चिंतित हो सकते हैं।
करियर के मोर्चे पर, आपको कार्यक्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और आपको मिलने वाले लाभों में देरी हो सकती है।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो आपको भारी खर्च देखने को मिल सकता है, जिसका प्रबंधन करना आपके लिए शायद मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, आपको नुकसान भी हो सकता है।
व्यापार की बात करें, तो आपको बिज़नेस पार्टनरशिप से समस्या का सामना करना पड़ सकता है और कड़ी अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। जिसके चलते आपको निराशा हो सकती है।
व्यक्तिगत मोर्चे पर, आपको सामंजस्य की कमी के कारण वाद-विवाद देखने को मिल सकता है, जिससे आपको निराशा हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, आपको गंभीर खांसी हो सकती है, जो प्रतिरक्षा स्तर की कमी के कारण हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ गुरवे नमः” का जाप करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा।
उपरोक्त के कारण, इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलता नज़र नहीं आ रहा है और इससे आपको संतुष्टि की कमी महसूस हो सकती है।
करियर के लिहाज़ से, आपको वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ सामंजस्य की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप काम में गलतियां होने की संभावना है।
व्यावसायिक मोर्चे पर, आपको लाभ और हानि दोनों हो सकती है, जिसके चलते आशंका है कि आपके उद्देश्यों की पूर्ति न हो।
आर्थिक जीवन में देखें तो, आप अपनी लापरवाही और चीज़ों को नज़रअंदाज करने के कारण धन की हानि झेल सकते हैं।
रिश्ते की बात करें तो, तालमेल की कमी के कारण आपको रिश्ते में मधुर संबंध बनाए रखने में समस्या हो सकती है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको सीने की समस्या हो सकती है, जो चिंता का विषय हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ शिव ॐ शिव ॐ” का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपके छठे भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप, आप भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं और वहीं दूसरी ओर आपको विरासत के माध्यम से भी लाभ हो सकता है।
करियर के लिहाज़ से, आशंका है कि आपको अपनी नौकरी में सफलता न मिले और यह आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है।
व्यापार के लिहाज़ से, आपको लाभ प्राप्त करने के लिए बिज़नेस में अपने तरीकों को बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
आर्थिक जीवन में, इस दौरान आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है और इस वजह से आपको कर्ज या लोन लेना पड़ सकता है।
रिश्तों के लिहाज़ से, आपका जीवनसाथी के साथ झगड़ा या किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है और यह आपको चिंता में डाल सकता है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आपको त्वचा में खुजली और दर्द की समस्या हो सकती है, जो आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर आपके पांचवें भाव में होगा।
इसके परिणामस्वरूप, आपको जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी महसूस हो सकती है और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
करियर के लिहाज़ से, आप अधिक तनाव महसूस कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप काम में नुकसान हो सकता है।
जिन जातकों का अपना व्यापार हैं, उन्हें अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बिज़नेस में गिरावट देखने को मिल सकती है।
आपके आर्थिक जीवन को देखें, तो आप इस दौरान यात्रा के माध्यम से धन हानि या धन की चोरी हो सकती है इसलिए आपको अपने पैसे पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
व्यक्तिगत मोर्चे पर, आपको जीवन साथी के साथ अहंकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और यह खुशी के लिए गिरावट हो सकती है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, आपको इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य पर खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुध का कर्क राशि में गोचर कब हो रहा है?
बुध वक्री अवस्था में 22 अगस्त 2024 की सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे।
2. बुद्ध कौन सी राशि में उच्च का होता है?
बुध मिथुन एवं कन्या राशियों के स्वामी हैं तथा कन्या राशि में उच्च भाव में स्थित रहते हैं तथा मीन राशि में नीच भाव में रहते हैं।
3. बुध का गोचर कितने दिन का होता है?
बुध का गोचर 15-20 दिन में होता है।
4. बुध नीच का कब होता है?
कुंडली में बुध दुर्बल तब होता है जब बुध अपनी नीच राशि मीन हो या तो छठे, आठवें भाव में नीच ग्रह के साथ विराजमान हो।
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