मकर राशि में वक्री बुध (14 जनवरी 2022) का सभी बारह राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा जानने के लिए यह लेख अंत तक पढ़ें। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध को संचार का स्वामी माना जाता है। सभी नौ ग्रहों के बीच बुध को राजकुमार की संज्ञा प्राप्त है। साथ ही सौरमंडल में सभी ग्रहों के बीच इसका आकार सबसे छोटा है। आम तौर पर यदि बुध की स्थिति किसी जातक की कुंडली में मजबूत होती है तो उसे सकारात्मक फल ही प्राप्त होते हैं। जबकि यदि कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो इसके नकारात्मक फल मिलने की आशंका रहती है।
बुध वह ग्रह है जो बिना किसी संदेह के संचार का इसके असल रूप में प्रतिनिधित्व करता है। यह औपचारिक और आकस्मिक दोनों ही तरह से पढ़ने, लिखने, सुनने, बोलने, वर्तनी, खरीदारी, बातचीत और संचार के अन्य सभी रूपों का प्रतिनिधित्व करता है। जरूरी कागजात, समझौते, अनुबंध, लीज, कोडिंग-डिकोडिंग के साथ-साथ परिवहन और माल ढुलाई जैसे कार्यों पर भी बुध का स्वामित्व है।
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बुध आमतौर पर प्रत्येक साल तीन बार वक्री होता है और इस दौरान यह पृथ्वी से देखने पर सूर्य और पृथ्वी की तुलना में गति में सापेक्ष के अंतर की वजह से उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है। व्यावहारिक तौर पर देखा जाए तो यह महज एक दृष्टि भ्रम है लेकिन वैदिक ज्योतिष में इसका बहुत महत्व है। मकर राशि में बुध का वक्री होना जातकों के निजी व पेशेवर जीवन को असंतुलित करता है। यही वजह है कि इस दौरान जातकों को किसी नयी परियोजना पर कार्य करने के बजाय पहले से चले आ रहे परियोजना पर ही ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी जाती है। साथ ही यह अवधि जातकों द्वारा किसी अनुबंध की समीक्षा, किसी प्रतिबद्धता का नवीनीकरण और पुराने मित्रों से मुलाक़ात के लिए अनुकूल है। इस अवधि में जातक ज्यादा आत्मचिंतन करने लगते हैं और उनकी महत्वाकांक्षा इस दौरान निचले स्तर पर रहती है। इस दौरान संगठन के प्रति ज़िम्मेदारी का भाव बढ़ जाता है। वक्री बुध की अवधि में जातकों के मन और मस्तिष्क के बीच एक प्रकार का द्वंद चलता रहता है।
बुध साल 2022 में 14 जनवरी को 16:42 बजे शुक्रवार के दिन मकर राशि में वक्री हो जाएगा और साल 2022 को 04 फरवरी 2022 को 9:16 तक ऐसी ही स्थिति में रहेगा। आमतौर पर बुध की चाल जब वक्री होती है तब इसके प्रभाव भी मार्गी चाल की तुलना में उल्टे हो जाते हैं। ऐसे में यदि बुध मार्गी रहकर किसी को सकारात्मक नतीजे दे रहा होता है तो वक्री बुध की चाल उसे नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।
आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं कि वक्री बुध किस तरह से सभी बारह राशियों को प्रभावित कर सकता है।
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Read in English: Mercury Retrograde in Capricorn (14 January 2022)
बुध ग्रह मेष राशि के जातकों के तीसरे और छठे भाव का स्वामी है जबकि 2022 वक्री बुध के अनुसार यह आपके दसवें भाव यानी कि करियर, नाम और यश के भाव में वक्री होगा। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप इस अवधि में अपने करियर को लेकर पुरानी नीति पर ही कार्य करना जारी रखें। यदि आपके ऊपर इस दौरान कार्य बोझ बढ़ता है तो इससे जी न चुराएं बल्कि अपने अनुभव और कौशल का प्रदर्शन करते हुए इसे इसकी समयसीमा के अंदर पूरा करने की कोशिश करें। बुध के वक्री अवधि में मेष राशि के जातक अपने निजी व पेशेवर जीवन में गलतफहमी दूर करने की कोशिश करें। साथ ही आपको यह भी सलाह दी जाती है कि इस दौरान आप अपने पेशेवर जीवन के बारे में सामाजिक तौर से या फिर सोशल मीडिया पर कुछ भी बोलने से बचें अन्यथा आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है। आशंका है कि वक्री बुध की इस अवधि में आपके संबंध आपके पिता या उच्च अधिकारियों से बिगड़ सकते हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि उनसे संवाद करते वक़्त सावधानी बरतें और संयम रखें।
उपाय: धार्मिक स्थलों पर दूध और चावल अर्पित करें।
बुध ग्रह वृषभ राशि के जातकों के दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है जबकि यह आपके नौवें भाव यानी कि अध्यात्म, भाग्य और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के भाव में वक्री होगा। ऐसे में इस बात की संभावना है कि इस अवधि में वृषभ राशि के जातकों का झुकाव अध्यात्म की तरफ रह सकता है और आप इस दौरान अपने अंदर मौजूद किसी सवाल का जवाब ढूँढने की कोशिश करते नजर आ सकते हैं। पूर्व में विदेशी स्रोत से मिले किसी अवसर पर पुनर्विचार करने के लिए यह अवधि वृषभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल रह सकती है। वहीं वे जातक जो विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि इस अवधि में आपको किसी नई संस्कृति के साथ किसी प्रकार का प्रयोग करने से बचना चाहिए और साथ ही आपको ये भी सलाह दी जाती है कि इस दौरान आप हर प्रकार के सांस्कृतिक अंतर का सम्मान करें अन्यथा किसी विवाद का सामना करना पड़ सकता है। वक्री बुध 2022 की भविष्यवाणियों के अनुसार ऐसी आशंका है कि वक्री बुध की इस समय अवधि में आपका भाग्य आपका उतना साथ नहीं देगा, ऐसे में आपको इस अवधि में कोई भी कार्य भाग्य के भरोसे करने से बचने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य में गिरावट आने की आशंका है जिसकी वजह से खर्चों में इजाफा हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आइये अब आपको वक्री बुध 2022 के उपाय बता देते हैं।
उपाय: बुधवार के दिन मंदिर में हरे रंग के वस्त्र अथवा मिठाई का दान करें।
बुध ग्रह मिथुन राशि के जातकों के पहले और चौथे भाव का स्वामी है जबकि वक्री बुध 2022 राशिफल के अनुसार यह आपके आठवें भाव यानी कि गूढ रहस्य, अप्रत्याशित लाभ/नुकसान और पैतृक संपत्ति के लाभ के भाव में वक्री होगा। इस अवधि में मिथुन राशि के जातकों के शारीरिक सुख में वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि वहीं दूसरी तरफ इस अवधि में आपको योजना बनाने में परेशानी का सामना कर सकते हैं जिसकी वजह से आप इस दौरान मानसिक दबाव महसूस कर सकते हैं या फिर आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 2022 वक्री बुध राशिफल के अनुसार स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह अवधि आपके लिए अनुकूल रह सकती है। साथ ही संभावना है कि वक्री बुध की इस अवधि में आप अपने किसी पुराने रोग से छुटकारा पा सकते हैं। कागजात संबंधी कार्य करते वक़्त सावधानी बरतें। खास कर किसी कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे अच्छी तरह पढ़ लेना आपके लिए फायदेमंद रह सकता है अन्यथा लापरवाही बरतने पर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। अप्रत्याशित व सशर्त प्रस्ताव इस अवधि में आपको परेशान कर सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान किसी भी प्रस्ताव या लीज यानी कि पट्टे पर हस्ताक्षर करने से बचें।
उपाय: एक मिट्टी के घड़े में शहद भर कर उसे किसी निर्जन स्थान पर जमीन के नीचे दफना दें।
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बुध ग्रह कर्क राशि के तीसरे और द्वादश भाव का स्वामी है जबकि वक्री बुध 2022 भविष्यफल के अनुसार यह आपके सप्तम भाव यानी कि विवाह और साझेदारी के भाव में वक्री होगा। ऐसे में आशंका है कि इस दौरान आपको अपने कार्यस्थल पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही जीवनसाथी या साझेदार के साथ भी आपके संबंधों में खटास आने की आशंका है। इस अवधि में अपने रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश करें और अपने संवाद को संयमित रखें। रिश्ते में किसी प्रकार का विवाद या समस्या चली आ रही हो तो उसे सुलझाने का प्रयत्न करें। 2022 वक्री बुध भविष्यफल के अनुसार यह अवधि कर्क राशि के जातकों के लिए किसी भी रिश्ते में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए बेहद अनुकूल साबित हो सकती है। बुध वक्री की इस अवधि में कर्क राशि के जातक किसी नए साझेदार के साथ व्यावसायिक रिश्ते या फिर नया व्यवसाय शुरू करने से परहेज करें अन्यथा उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उपाय: बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।
बुध ग्रह सिंह राशि के जातकों के दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी माना जाता है और वक्री बुध राशिफल 2022 के अनुसार यह आपके छठे भाव यानी कि कर्ज, कानूनी मामले और बीमारियों के भाव में वक्री होगा। वक्री बुध की वजह से इस अवधि में आपके और आपके परिवार के सदस्यों के बीच किसी प्रकार की गलतफहमी पैदा हो सकती है। आशंका है कि इस दौरान आपका व्यवहार उग्र हो सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि किसी से भी संवाद करते वक़्त भाषा पर संयम रखें। कानूनी मामलों से जुड़ा कोई भी कार्य वक्री बुध की इस अवधि के बाद करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस दौरान आपको छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं जरूर परेशान कर सकती हैं लेकिन कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या इस अवधि में आपको समस्या दे, इस बात की आशंका बेहद कम है।
उपाय: किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले घर की छोटी बच्चियों या बेटी को साथ में रखें या उन्हें फूल दें। इससे उस कार्य के सफल होने की संभावना में वृद्धि होगी।
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बुध ग्रह कन्या राशि के लग्न भाव और दसवें भाव का स्वामी है और वक्री बुध भविष्यफल 2022 के अनुसार यह आपके पंचम भाव यानी कि प्रेम, संतान और दीक्षा के भाव में वक्री होगा। आशंका है कि इस अवधि में आपके और आपके जीवनसाथी या साझेदार के बीच किसी प्रकार की गलतफहमी पैदा हो सकती है या फिर संबंध को स्थिर रखने में किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि में आप अपने रिश्ते को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करें। कन्या राशि के छात्रों को, खास कर वे छात्र जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या आ सकती है। कन्या राशि के वे जातक जिनकी संतान है, वे अपने बच्चों के प्रति चिंतित रह सकते हैं। कन्या राशि के जातकों के लिए यह अवधि अपने पेशेवर कौशल को निखारने के लिए अनुकूल रहने की संभावना है। आपको सलाह दी जाती है कि आप इस दौरान अपनी संतान के साथ किसी अभिभावक के बजाय मित्र की तरह व्यवहार करें और उनकी बात ध्यान से सुनें। सट्टा गतिविधियों से दूर रहें और जल्दबाज़ी में कोई भी फैसला लेने से बचें।
उपाय: सौभाग्य और सुख की प्राप्ति के लिए गाय की सेवा करें। इससे वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव कम होंगे।
बुध ग्रह तुला राशि के जातकों के नवम और द्वादश भाव का स्वामी है और इस अवधि में यह आपके चतुर्थ भाव यानी कि सुख, आराम और माता के भाव में वक्री होगा। वक्री बुध की इस अवधि में आप घरेलू कार्यों में व्यस्त नजर आ सकते हैं। संभावना है कि इस दौरान आप घर पर किसी प्रकार का निर्माण या मरम्मत का कार्य शुरू करें। अपने घर के निर्माण को अंतिम रूप देने से पहले उचित शोध करने की सलाह दी जाती है। इस बात की भी आशंका है कि इस अवधि में आप घरेलू समान की ख़रीदारी में फिजूलखर्ची करते नजर आ सकते हैं। तुला राशि के जातकों को यह भी महसूस हो सकता है कि उनके निजी रिश्ते में किसी प्रकार की समस्या चल रही है। माता-पिता के खराब स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ सकती है।
उपाय: मानसिक शांति के लिए गले में चांदी की चेन और धन व संपत्ति से जुड़े लाभ के लिए तुला राशि के जातकों को सोने की चेन धारण करने की सलाह दी जाती है।
बुध ग्रह वृश्चिक राशि के जातकों के आठवें और एकादश भाव का स्वामी है और इस अवधि में यह आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहन और यात्रा के भाव में वक्री होगा। बुध का मकर राशि में वक्री होना इस अवधि में आपकी यात्रा और संचार को अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकता है और इसकी वजह से आपको अपनी यात्रा को स्थगित भी करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि में अपने जरूरी कागजातों की एक और प्रति तैयार कर लें या फिर उसका एक बैकअप तैयार कर लें क्योंकि आशंका है कि किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से आप अपना जरूरी डेटा खो देंगे। वक्री बुध की अवधि के दौरान किसी भी यात्रा या छुट्टी पर आपको ना जाने की सलाह भी दी जाती है। आपके भाई-बहन आपसे किसी प्रकार की सहायता मांग सकते हैं।
उपाय: चिड़ियों को दाना डालें। मुमकिन हो तो बकरी का दान दें या फिर अस्थमा की दवाई का दान भी आपके ऊपर बुध के नकारात्मक प्रभावों को कम सकता है।
बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
बुध ग्रह धनु राशि के जातकों के सातवें और दसवें भाव का स्वामी माना जाता है और इस अवधि में यह आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार, धन और वाणी के भाव में वक्री होगा। बुध धनु राशि के जातकों के व्यावसायिक साझेदारी के भाव का स्वामी है। 2022 वक्री बुध भविष्यफल के अनुसार आप इस अवधि में अपने आर्थिक बजट से जुड़े प्रबंधन पर समय बिताते नजर आ सकते हैं और साथ ही इस दौरान आप यह भी कोशिश करते नजर आ सकते हैं कि आप अपने पैसों का किस जगह निवेश करें ताकि आपका व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से विकास हो सके। आपका ध्यान समय सीमा के अंदर कर अदा करने पर केंद्रित रह सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि बुध वक्री की इस अवधि में आप जल्दबाज़ी में कोई भी फैसला लेने से बचें और स्वयं को किसी विवाद से दूर रखने की कोशिश करें।
उपाय: मांस, शराब और अंडे से परहेज करें।
बुध ग्रह मकर राशि के जातकों के छठे और नौवें भाव का स्वामी माना जाता है और इस अवधि में यह आपके लग्न भाव यानी कि चरित्र और व्यक्तित्व के भाव में वक्री होगा। इस अवधि में आपके जीवन में महत्वपूर्ण घटनाएं घट सकती हैं और आप इस दौरान पूर्ण रूप से स्वयं के ऊपर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में किसी वजह से विलंब होने की आशंका है जिसकी वजह से आप चिड़चिड़े या क्रोधित हो सकते हैं। ऐसे में वक्री बुध 2022 राशिफल के अनुसार आपको सलाह दी जाती है कि आप इस अवधि में शांत रहें और धैर्य रखें। साथ ही किसी भी नई योजना पर कार्य शुरू करने से पहले पर्याप्त समय लें। यह समय आपको अपने अंदर की क्षमता को पहचानने और आपके व्यक्तित्व में निखार लाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। इसके साथ ही आपको यह भी सलाह दी जाती है कि वक्री बुध के इस अवधि में अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजग रहें। आइये अब 2022 मकर राशि में वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए जरूरी ज्योतिषीय उपाय जान लेते हैं।
उपाय: बुधवार के दिन हरे रंग का वस्त्र धारण करें।
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह उनके पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और इस अवधि में यह आपके द्वादश भाव यानी कि मोक्ष और खर्च के भाव में वक्री होगा। 2022 वक्री बुध राशिफल की भविष्यवाणियों के अनुसार इस अवधि में यात्राएं और विशेषकर कार्य या व्यवसाय संबंधी यात्राएं आपके लिए लाभदायक रह सकती हैं। आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान आप नयी योजनाओं को लेकर सहज रहें और किसी भी चीज पर आँख बंद कर के भरोसा न करें। वक्री बुध की इस अवधि में आपका किसी लंबी यात्रा पर जाने का मन हो सकता है। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान आप ऐसी किसी भी योजना को अंजाम देने से बचें और अपनी यात्रा की योजना को बुध के मार्गी होने तक स्थगित कर दें। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखा जाए तो आपको इस दौरान सजग रहने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या होने पर लापरवाही ना बरतें और तुरंत ही चिकित्सीय परामर्श लें। हालांकि किसी गंभीर स्वास्थ्य संकट की आशंका कम है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। इस अवधि में कुंभ राशि के जातकों का अध्यात्म की तरफ झुकाव रहने की संभावना है और आप इस दौरान इसे समझने की कोशिश करते नजर आ सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन "ॐ बुद्धाय नमः" का 108 बार जाप करें।
मीन राशि के जातकों के लिए बुध उनके चौथे और सातवें भाव का स्वामी है जबकि इस अवधि में यह मीन राशि के ग्यारहवें भाव यानी कि आय और इच्छा के भाव में वक्री हो जाएगा। आशंका है कि इस अवधि में आपकी आय में गिरावट आएगी और आपके गलत फैसलों की वजह से आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। मीन राशि के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में किसी प्रकार की बाधा का सामना करना पड़ सकता है। मीन राशि के जातकों को यह सलाह दी जाती है कि इस अवधि में आप स्वयं के ऊपर काम कर सकते हैं और समाज व लोगों के प्रति आपकी सोच में सकारात्मक बदलाव आ सके। इससे आपके अंदर धैर्य और स्वीकार्यता की भावना में वृद्धि हो सकती है जो आपके लिए लाभदायक रहेगा।
उपाय: ध्यान की मदद से आप अपने अंदर पनप रहे नकारात्मक सोच को दूर कर सकते हैं जो आपको बुरे फैसले लेने के लिए प्रेरित करता है।
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