Talk To Astrologers

गणपति आरती और उसे पढ़ने के नियम

हिन्दू धर्म में होने वाली प्रत्येक पूजा में सबसे पहले गणेश वंदना की जाती है और उनका ध्यान करते हुए आरती गायन किया जाता है। गणेश जी की आरती, गणेश पूजा के अंत में की जाती है। गणेश आरती में गणपति महाराज के स्वरूप और उनकी महिमा के बारे में बताया गया है।

 गणपति आरती और उसे पढ़ने के नियम

श्रीगणेश आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

आरती शुरू करने से पहले ये मंत्र बोलें -

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।

गणेश जी की आरती का महत्व और अर्थ

भगवान गणेश जी अपने भक्तों के सभी प्रकार के विघ्नों को हरने वाले हैं। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। गणेश जी की आरती में दो चरण हैं। पहले चरण में उनके स्वरूप के बारे में बताया गया है। गणेश जी का मुख हाथी का है और उनके मुख में एक हाथी दांत है। जबकि उनकी चार भुजाएँ हैं।

गणेश जी के माथे पर तिलक लगा हुआ है और उनकी सवारी चूहा है। जब गणेश जी की वंदना की जाती है तो उन्हें पान के पत्ते, फूल एवं मेवा चढ़ाया जाता है। चूँकि लंबोदर महाराज को मोदक (लड्डू) बेहद प्रिय हैं। इसलिए उन्हें लड्डुओं का भोग लगाते हैं। वहीं संत लोग उनकी आराधना करते हैं।

गणेश आरती के दूसरे चरण में, गणेश जी की महिमा का वर्णन करते हुए ये कहा गया है कि गणेश जी कीकृपा से अंधों को आँख मिलती है और कोढ़ से पीड़ित व्यक्ति की काया निरोगी हो जाती है। वहीं जिन शादीशुदा महिलाओं की संतान नहीं होती है उनकी भी गणेश जी की कृपा से सूनी गोद भर जाती है और निर्धन व्यक्ति के भी सच्चे दिल से गणेश जी का ध्यान करने पर उसके जीवन से निर्धनता सदा के लिए दूर हो जाती है। साथ ही आपकी (गणेश जी की) कृपा से भक्तों के सारे काम सफल हो जाते हैं।

गणेश जी की आरती के नियम

गणेश आरती करते समय कुछ बातों का पालन करना आवश्यक है। गणेश आरती से जुड़े नियम इस प्रकार हैं :-

ऐसे करें गणेश जी की आरती

गणेश जी की आरती से जुड़ा हुआ यह लेख आपके ज्ञानवर्धन में सहायक होगा। हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद!

Call NowTalk to Astrologer Chat NowChat with Astrologer