हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश प्रथम पूजनीय माने जाते हैं। किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य को शुरू करने से पहले विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की आराधना और उनके प्रतीक चिन्हों की पूजा करने विधान है, जिससे सारे कार्य सूख पूर्वक संपन्न हो जाये और उसमें सफलता मिल सके। गणेश जी को सबसे पहले पूजने का वरदान भगवान शिव द्वारा प्राप्त है। माना जाता है कि सच्चे मन से श्री गणेश की आराधना करने से घर में खुशहाली, व्यापार में बरकत और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। भगवान गणेश मंगलकारी और बुद्धि दाता हैं, जिनकी सवारी मूषक यानि चूहा और प्रिय भोग मोदक (लड्डू) है। भगवान गणेश का हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहा जाता है। गणेश जी के कई अन्य नाम भी हैं, जैसे शिवपुत्र, गौरी नंदन आदि। आमतौर पर ये देखा गया है कि ज्यादातर लोग कभी भी श्री गणेश चालीसा का पाठ कर लेते हैं, लेकिन शायद वो ये नहीं जानते कि इसके भी कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख के जरिये बताने जा रहे हैं। आईये जानते हैं श्री गणेश चालीसा का महत्व, इसे पढ़ने की सही विधि और इसे पढ़ने से होने वाले लाभों के बारे में, ताकि आप भी प्रतिदिन पूजा में गणेश चालीसा का पाठ करके जीवन में सुख-संपन्नता ला सके।
लोग अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए उनके पसंद की वस्तुओं का प्रयोग पूजा में करते हैं, ताकि भगवान जल्द खुश हो कर उनकी मुराद पूरी करें। हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश को घी, मोदक, दूर्वा आदि बेहद पसंद है। इन सबके अलावा एक और भी चीज़ है जिससे आप गणपति को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं, और वो है श्री गणेश चालीसा। किसी भी पूजा में सबसे पहले गणपति का आवाहृन करना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो पूजा अधूरी मानी जाती है। गणपति का आवाहृन करने का सबसे सही माध्यम श्री गणेश चालीसा को माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से गणेश चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से दुःख दूर होता है, और उसकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। गणेश जी की पूजा करने से घर-परिवार पर आ रही सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। भगवान श्री गणेश रिद्धि और सिद्धि के दाता है, इनकी कृपा से भक्तों के जीवन में शुभ समय का आगमन होता है। नियमित रूप से 'गणेश चालिसा' का पाठ करने वाले भक्तों को जीवन भर किसी भी चीज़ की कमी नहीं होती है, और घर-परिवार में सदैव सुख-शांति बनी रहती है।
प्रतिदिन नित-नियम से गणपति की पूजा करने वाले भक्तों के जीवन से दुख की छाया दूर हो जाती है। श्री गणेश चालीसा का पाठ सही विधि से करने से गणपति जल्द प्रसन्न होते हैं, और व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं, श्री गणेश चालीसा का पाठ करने की सही विधि
हममे से अधिकांश लोग किसी भी कार्य का शुभारंभ करते समय सबसे पहले “श्रीगणेशाय नम:” लिखते हैं, या फिर किसी भी नए कार्य की शुरुआत गणपति के पूजा के साथ ही करते है। लेकिन ऐसा क्यों है, इसके पीछे आखिर कारण क्या है? इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को ही होगी। क्यों गणपति सर्वप्रथम पूजनीय हैं, इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है।
एक बार सभी देवताओं में इस बात पर विवाद हुआ कि धरती पर किस देवता की पूजा सभी देवताओं से पहले की जाएगी। हर एक देवता स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे और अपनी शक्तियों को गिनवाने लगे। इस स्थिति को देखते हुए नारद जी ने सभी देवताओं को भगवान शिव की शरण में जाने और उनसे इस सवाल का जवाब जानने की सलाह दी। जब सभी देवताओं ने भगवान शिव से इस समस्या का हल ढूंढने का आग्रह किया तो भगवान शिव ने एक योजना सोची। उन्होंने एक प्रतियोगिता आयोजित की और सभी देवताओं को कहा कि वे अपने वाहनों पर बैठकर पूरे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर आएं, जो भी सबसे पहले ब्रह्माण्ड की परिक्रमा कर उनके पास पहुँचेगा, वही सर्वप्रथम पूजनीय माना जाएगा।
सभी देवता अपने-अपने वाहन पर सवार होकर परिक्रमा के लिए निकल पड़े। गणेश जी ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन बाकी देवताओं की तरह ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाने की जगह वे अपने माता-पिता यानि शिव-पार्वती की सात परिक्रमा पूरी की और उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए। जब सभी देवता अपनी-अपनी परिक्रमा पूरी कर लौटे, तब भगवान शिव ने श्री गणेश को प्रतियोगिता का विजेता घोषित कर दिया। शिव का यह निर्णय सुन सभी देवता अचंभित हो गए और इसका कारण पूछने लगे। तब भगवान शिव ने उन्हें बताया कि माता-पिता को पूरे ब्रह्माण्ड और समस्त लोक में सबसे ऊँचा स्थान दिया गया है, जो सभी देवताओं और समस्त सृष्टि से भी उच्च माने गए हैं। यह सुनकर शिव के इस निर्णय से सभी देवता सहमत हुए।
तभी से भगवान गणेश सर्वश्रेष्ठ माने जाने लगा और अपने तेज़ बुद्धि बल के प्रयोग के कारण देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाने लगे। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य या उत्सव से पहले गणेश वन्दन या श्री गणेश चालीसा को शुभ माना जाता है।
हम आशा करते हैं की श्री गणेश चालीसा पर आधारित हमारा ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा !