केतु गोचर 2025 - प्रभाव, राशिफल एवं उपाय

केतु गोचर 2025 (Ketu Gochar 2025) - केतु को राहु का दूसरा भाग माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह स्वर्भानु दैत्य का धड़ है और राहु उसका शीश है। समुद्र मंथन के दौरान जब स्वर्भानु नामक दैत्य ने देवताओं के बीच बैठकर अमृत पान करने का प्रयत्न किया तो भगवान विष्णु जी ने मोहिनी अवतार धारण कर सूर्य और चंद्र के कहने पर उसे पहचान लिया और अपने सुदर्शन चक्र से उसका शीश काट दिया था लेकिन अमृत की कुछ बूंदें उनके कंठ में जाने के कारण वह अमर हो गया। इस कारण शीश को राहु और धड़ को केतु कहा जाने लगा। सूर्य और चंद्र ने मोहिनी अवतार से स्वर्भानु की शिकायत की इसलिए राहु और केतु क्रमशः सूर्य और चंद्र को ग्रसित करते हैं और इसी कारण सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं, ऐसा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा गया है। वास्तव में राहु और केतु सूर्य और चंद्र के कटान बिंदु हैं, जो खगोलीय दृष्टि से कोई ग्रह नहीं अपितु मात्र कटान बिंदु हैं।

केतु गोचर 2025 राशिफल

वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है लेकिन वर्तमान समय में इन छाया ग्रहों का भी बहुत ज्यादा महत्व है और इसलिए जब भी हम किसी भी कुंडली का विश्लेषण करते हैं तो उसमें नवग्रहों में राहु और केतु को भी स्थान मिला हुआ है।

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केतु ग्रह पिछले लंबे समय से कन्या राशि में गोचर कर रहे थे जिसके स्वामी बुध थे, अब यह 18 मई 2025 को सायंकाल 17:08 बजे यह सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। आमतौर पर राहु और केतु का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 18 महीने के अंतराल पर होता है। ऐसे में इनका प्रभाव जातक के जीवन पर परिलक्षित होता रहता है।

वैदिक ज्योतिष में राहु - केतु को कोई राशि प्रदान नहीं की गई है इसलिए ये किसी राशि के स्वामी नहीं होते अपितु जिस राशि में बैठते हैं, उसके स्वामी और उसके साथ उपस्थित ग्रह के प्रभाव के कारण ही इनका फल होता है। कुछ ज्योतिषी वृश्चिक राशि में और कुछ ज्योतिषी धनु राशि में केतु को उच्च का मानते हैं और इसके विपरीत वृषभ अथवा मिथुन राशि में केतु ग्रह को नीच राशि का माना जाता है।

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केतु एक रहस्यमयी ग्रह है और यह अज्ञात चीजों को खोजने में हमारी मदद करता है। यह ज्योतिष का ज्ञान देने वाला ग्रह भी माना जाता है। यदि बृहस्पति के प्रभाव में हो तो जातक अत्यंत धार्मिक और यदि मंगल के प्रभाव में हो तो अत्यंत क्रूर बन सकता है। यदि यही केतु अच्छी स्थिति में हों और मंगल की अच्छी स्थिति हो तो जातक एक अच्छा शल्य चिकित्सक भी बन सकता है। यह जातक को अज्ञात को खोजने की शक्ति प्रदान करते हैं। केतु ग्रह के प्रभाव से जातक परावैज्ञानिक भी बन सकते हैं।

केतु भी सदैव वक्री गति करते हैं। यही वजह है कि जहां अधिकांश ग्रह गोचर के बाद अगली राशि में प्रवेश करते हैं तो केतु भी राहु की भांति पिछली राशि में प्रवेश करते हैं और कन्या के बाद अब इनका गोचर सिंह राशि में होने जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि केतु जिस राशि में बैठते हैं, उस राशि के स्वामी ग्रह की तरह फल प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त जिन ग्रहों की दृष्टि केतु पर होती है और जो ग्रह केतु के साथ युति करते हैं, उनका प्रभाव भी केतु के फल में देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त केतु को कुजवत् भी माना गया है।

केतु गोचर 2025 की बात करें तो 18 मई 2025 से केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे और इस पूरे वर्ष सिंह राशि में ही केतु का गोचर बना रहेगा। केतु ग्रह को मुख्य रूप से तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में अच्छा फल देने वाला ग्रह माना गया है। यदि द्वादश भाव में बृहस्पति की राशियों में केतु की उपस्थिति हो तो यह जातक के लिए मोक्ष प्रदाता ग्रह भी बन जाते हैं। आईए जानते हैं वर्ष 2025 के दौरान केतु गोचर 2025 का आपको क्या प्रभाव मिलेगा यानी कि केतु का सिंह राशि में गोचर 2025 आपकी राशि के अनुसार आपके लिए किस प्रकार के फल प्रदान करेगा, आपको किन क्षेत्रों में संघर्ष करने की स्थिति बनेगी और किन क्षेत्रों में आपके लिए उम्मीद के द्वार खुलेंगे। इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि आपको केतु ग्रह की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए, तो चलिए अब आगे विस्तार से जानते हैं केतु गोचर 2025 (Ketu Gochar 2025) का आपकी राशि के लिए क्या प्रभाव रहेगा।

मेष राशिफल

केतु गोचर 2025 के अनुसार मेष राशि के जातकों के जीवन में केतु का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है। इस भाव को प्रेम का भाव भी कहा जाता है और शिक्षा और संतान का भाव भी। ऐसी स्थिति में केतु का यहां गोचर करना आपके लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस स्थिति में जहां एक तरफ विद्यार्थियों के लिए यह एक अच्छी स्थिति होगी, आपको अज्ञात को जानने की इच्छा होगी। आप अनेक ऐसे विषय पढ़ने की ओर जागरूक होंगे, जो सामान्य विषयों के इतर होंगे जैसे कि पुरातत्व, भौगोलिक स्थितियां, ज्योतिष, अध्यात्म, आदि में आपकी रुचि बढ़ेगी। आप तंत्र-मंत्र की ओर भी रुचि रख सकते हैं। यहां उपस्थित केतु के प्रभाव के कारण आपके प्रेम संबंधों में टकराव आ सकता है। इस दौरान आप और आपके प्रियतम के बीच भावनाओं के आदान-प्रदान में कमी होगी और गलतफहमियों का सिलसिला बढ़ सकता है। आपको धोखा भी मिल सकता है इसलिए आपको सावधान रहना चाहिए। संतान को लेकर कुछ चिंताएं बढ़ सकती हैं इसलिए इस दौरान आपको अपनी संतान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ेगी।

उपाय: आपको मंगलवार के दिन किसी मंदिर में तिकोना झंडा लगाना चाहिए।

वृषभ राशिफल

वृषभ राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ स्थान में होगा। केतु को विरक्ति का कारक ग्रह कहते हैं इसलिए यह जिस भाव में बैठता है, उस भाव से संबंधित फलों में कमी कर देता है। यही कारण है कि जब केतु आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा तो पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं बढ़ेंगी। परिवार के लोगों में अकारण तनाव और गलतफहमी बढ़ने से परिवार का माहौल कलहपूर्ण हो सकता है। आपको परिवार में शांति का अभाव महसूस होगा इसलिए घर में मन कम लगेगा और आप ज्यादा समय बाहर बिताना पसंद करेंगे। आपकी माता जी को भी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस दौरान आपको छाती अथवा फेफड़े का संक्रमण भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको अपने स्वास्थ्य का और अपने आसपास की स्थितियों और पारिवारिक संबंधों का ध्यान रखने की कोशिश करनी चाहिए जिससे कि आप अनुकूलता प्राप्त कर सकें और आपसी रिश्ते को भी संभाल सकें।

उपाय: आपको केतु महाराज के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

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मिथुन राशिफल

मिथुन राशि के लिए केतुका गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। आमतौर पर तीसरे भाव में केतु का गोचर करना अनुकूल माना जाता है। ऐसी स्थिति में आपके साहस और पराक्रम की वृद्धि होगी। आप हर काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ करेंगे। धार्मिक क्रियाकलापों में आपके मन की इच्छाएं जागृत होंगी। आप अपने दोस्तों को, रिश्तेदारों, भाई - बहनों के साथ धार्मिक स्थानों की यात्रा करने पर ज्यादा जोर देंगे और छोटी-छोटी धार्मिक यात्राएं करेंगे। आपका मन एक रमणीय स्थल पर ज्यादा लगने की संभावना है। इस दौरान आपके मन में अनेक अच्छे विचार भी आएंगे। कार्यक्षेत्र में भी आपका मन लगेगा और आपके सहकर्मी आपको सहयोग देंगे। इस दौरान भाई - बहनों को कुछ शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए यदि आवश्यक हो तो आपको इस दौरान उनकी मदद करनी चाहिए। इस गोचर के प्रभाव से आप कोई संपत्ति खरीदने में सफल हो सकते हैं। आप व्यापार से संबंधित जोखिम उठाने के लिए भी तत्पर दिखेंगे।

उपाय: केतु के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको कुत्ते को भोजन देना चाहिए।

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कर्क राशिफल

कर्क राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 की बात करें तो यह आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। दूसरा भाव आपके धन, वाणी और कुटुंब का भाव होता है। ऐसे में केतु का इस भाव में गोचर करना उतार-चढ़ाव से भरा जीवन देने वाला है। आप कई ऐसी बातें करेंगे जिनमें एक साथ दो अर्थ हो सकते हैं। अब यह सामने वाले पर निर्भर करेगा कि उसके अच्छे अर्थ को ले या बुरे को। ऐसे में कुछ लोग आपकी बातों का बुरा मान सकते हैं। इस दौरान आपको धन संचय करने में कुछ समस्याएं हो सकती हैं और आप कुटुंब से अलग हटने की कोशिश करेंगे। आपको लगेगा कि यहां चारों और आपके अनुकूल स्थितियां नहीं हैं इसलिए आप सबसे दूर भागने की कोशिश करेंगे जिससे पारिवारिक संबंध बिगड़ सकते हैं अथवा लोग आपको कम पसंद करेंगे लेकिन आप दिल से खराब नहीं होंगे। आपको अपनी परिस्थितियों को संभालने पर ध्यान देना होगा। इस गोचर के दौरान आपके मुंह में छाले, दांतों में दर्द, जैसी समस्याएं परेशानी दे सकती हैं। इस दौरान आपके जीवनसाथी को भी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए उनका भी ध्यान रखें।

उपाय: आपको भगवान श्रीगणेश जी को दुर्वांकुर अर्पित करना चाहिए।

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सिंह राशिफल

सिंह राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 आपकी राशि के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि यह आपकी राशि में ही यानी आपके प्रथम भाव में होने जा रहा है इसलिए इसका आपके जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। प्रथम भाव में केतु का गोचर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है इसलिए आपको इस गोचर के दौरान अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। छोटी से छोटी समस्या या संक्रमण के प्रति आपको चिकित्सीय परामर्श की ओर बढ़ना चाहिए। इस दौरान आपके मन में विरक्ति का भाव जागेगा। आप अपने आसपास के जीवन से थोड़ा परेशान हो सकते हैं। वैवाहिक संबंधों में भी परेशानियां बढ़ सकती हैं क्योंकि आपके विचार अलग होंगे और जीवनसाथी को वह समझ में नहीं आएंगे। उन्हें लगेगा कि आप उनसे कुछ बातें छुपा रहे हैं जिसका असर आपके वैवाहिक जीवन को तनाव दे सकता है। इसके अतिरिक्त व्यावसायिक संबंधों के लिए भी यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। आपको अपने व्यावसायिक कार्यों के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह अथवा मश्विरा लेना चाहिए क्योंकि इससे आपको लाभ होगा। आपके निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। मन में धार्मिक विचार बढ़ेंगे।

उपाय: आपको मंगलवार के दिन छोटे बालकों को गुड़ और चने का प्रसाद बांटना चाहिए।

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कन्या राशिफल

कन्या राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 आपकी राशि से द्वादश भाव में होने जा रहा है। यह गोचर आपके लिए अधिक अनुकूल रहने की संभावना नहीं है इसलिए आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता पड़ेगी। सर्वप्रथम आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी। अचानक से आपके पास खर्च आएंगे। वह खर्च ऐसी प्रकृति के होंगे जो आवश्यक होंगे और आपको मजबूरी में करने ही होंगे लेकिन अचानक से आने से आपकी आर्थिक स्थिति पर बोझ पड़ेगा और आपको यह समझ नहीं आएगा कि इनको नियंत्रण में कैसे लाएं। इस दौरान आपकी स्वास्थ्य समस्याएं भी आपको परेशान कर सकती हैं। बुखार, तेज सिर दर्द, किसी प्रकार का संक्रमण आपको परेशानी दे सकता है इसलिए अपने स्वास्थ्य को लेकर बिल्कुल भी लापरवाही बरतने से बचें। केतु ग्रह के इस गोचर के कारण आपके मन में आध्यात्मिक विचारों की बढ़ोतरी हो सकती है और आप ध्यान, साधना, आदि में अधिक समय लगा सकते हैं। कार्यक्षेत्र को लेकर कुछ उदासीनता महसूस कर सकते हैं। तीर्थ यात्रा करने का मौका मिल सकता है।

उपाय: आपको केतु महाराज के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

तुला राशिफल

केतु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर वर्ष 2025 में आपके एकादश भाव में होगा। एकादश भाव में होने वाला केतु का गोचर आमतौर पर शुभ फलदायक माना जाता है इसलिए ऐसी संभावना है कि यह आपके लिए लाभदायक रहेगा। इससे आपकी आमदनी में बढ़ोतरी के योग बनेंगे। आप अपनी इच्छाओं को सीमित दायरे में रखते हुए उन्हें पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उसमें आपको सफलता भी मिलेगी। प्रेम संबंधों के लिए यह गोचर अनुकूल रहने की संभावना नहीं है इसलिए आपको बहुत सावधान रहना होगा क्योंकि जरा जरा सी बात पर आप और आपके प्रियतम के बीच कहा सुनी और झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो आपके रिश्ते के लिए अच्छी बात नहीं होगी। आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। कार्यक्षेत्र में आपका दबदबा बढ़ेगा। आप अपने बड़े भाई - बहनों से कुछ असहज महसूस कर सकते हैं। उनकी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकते हैं लेकिन आपको कुछ नया करने का मौका मिलेगा।

उपाय: आपको लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।

वृश्चिक राशिफल <2h3>

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से दशम स्थान में होगा। यह गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। जहां एक तरफ आपके पारिवारिक जीवन में तनाव और टकराव की स्थिति बनेगी। आपसी सामंजस्य की कमी होगी। लोगों के बीच आपसी प्रेम का हर्ष होगा और संतुलन बढ़ेगा। वहीं आपके पिताजी को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं जिससे आपको भी चिंता लगी रहेगी। आपको उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। नौकरी करने वाले जातकों के लिए केतु की स्थिति बहुत संतुलित रहेगी। आप अपने काम से काम रखेंगे तो सब ठीक रहेगा लेकिन कई बार ऐसा होगा कि आपको अपना मनपसंद काम न मिलने के कारण कार्यक्षेत्र से आपका मोह भंग हो सकता है और इसी कारण से कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति बिगड़ सकती है और नौकरी में स्थिति तनावपूर्ण होने के योग बन सकते हैं इसलिए आपको बहुत ज्यादा चतुराई और समझदारी से अपना कार्य करना होगा ताकि आप किसी तरह की परेशानी में ना आएं।

उपाय: आपको कुत्ते को भोजन देना चाहिए।

धनु राशिफल

धनु राशि के जातकों के लिए केतु महाराज नवम भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि भाग्य और धर्म का भाव होता है और काल पुरुष की कुंडली में बृहस्पति इस भाव के स्वामी होते हैं। यह स्थिति और केतु का इस प्रकार का गोचर आपके जीवन में धार्मिक स्थलों की यात्रा का योग लेकर आएगा। आप लंबी-लंबी तीर्थ यात्राएं करेंगे। आपका मन धार्मिक स्थानों पर अधिक लगेगा। आप साधना, ध्यान, मेडिटेशन और प्राणायाम जैसी गतिविधियों को अपनाने की कोशिश करेंगे। आप धार्मिक स्थलों के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन की ओर भी अग्रसर हो सकते हैं। आपको पूजा पाठ पसंद आएगी‌ इसके अतिरिक्त आप कई बार अकेला रहना पसंद करेंगे। हालांकि यह अवस्था अच्छी नहीं है। अकेले रहने से आपको कुछ उदासीनता महसूस हो सकती है जिसे दूर करने के लिए आपके परिजनों का साथ प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्षेत्र में उतार चढ़ाव की स्थितियां बन सकती हैं और इस दौरान आपका कार्यक्षेत्र से तबादला होने के योग भी बन सकते हैं।

उपाय: आपको केतु के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए श्री गणेश जी भगवान जी की उपासना करनी चाहिए।

मकर राशिफल

मकर राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। अष्टम भाव अज्ञात भाव होता है। ऐसे में रहस्यमय केतु ग्रह का अष्टम भाव में जाना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरे परिणाम लेकर आ सकता है। इस दौरान आपको अप्रत्याशित धन लाभ भी हो सकता है और शारीरिक समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। केतु के इस गोचर के दौरान आपको पित्त जनित समस्याएं और गुप्त समस्याएं परेशान कर सकती हैं। शरीर में पित्त तत्वों की प्रकृति बढ़ने से भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। केतु ग्रह के इस गोचर के प्रभाव से आपका मन धर्म, साधना, अध्यात्म में अधिक लगेगा। आपका ज्ञान ज्योतिष जैसी गतिविधियों में अधिक लग सकता है और आप ज्योतिष सीखने के लिए भी प्रयासरत रह सकते हैं। यह समय आत्म चिंतन के लिए उपयुक्त रहेगा लेकिन भौतिक सुख सुविधाओं में कमी होगी। इस दौरान आपके साथ-साथ आपके जीवनसाथी को भी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए और पारिवारिक गतिविधियों में नियंत्रित रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए। ऐसा भी संभव है कि इस दौरान ससुराल पक्ष के लोगों को आपकी मदद की आवश्यकता पड़े।

उपाय: आपको केतु के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए लहसुनिया रत्न का दान करना चाहिए।

कुंभ राशिफल

कुम्भ राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर सप्तम भाव में होने जा रहा है जो कि लंबी साझेदारियों और विवाह का भाव भी है। इस स्थिति में केतु का यह गोचर आपके दांपत्य जीवन के लिए अनुकूल रहने की संभावना नहीं है। आपको बहुत सावधानियां बरतनी होंगी क्योंकि इस गोचर के दौरान आप और आपके जीवनसाथी के मध्य कई बार कहासुनी, तनाव, टकराव और आपसी अहम भाव का टकराव हो सकता है। आपके जीवनसाथी के ऊपर आपको कुछ संदेह हो सकता है क्योंकि आपको लगेगा कि वे कई बातें आपसे छिपा रहे हैं और उन्हें लगेगा कि आप उनको समझना नहीं चाहते। यह विरोधाभास आपके बीच दूरियां बढ़ा सकता है इसलिए आपको संतुलित रूप से जीवनचर्या का पालन करना चाहिए और अपने जीवन साथी को भी समझना चाहिए। व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए भी यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं है। ऐसे में अपनी गतिविधियों को नियंत्रित रूप से रखते हुए अपने कार्य व्यवसाय को आगे बढ़ाएं और किसी विशेष अनुभवी व्यक्ति की सलाह लेकर काम करने से आपको लाभ मिल सकता है। इस गोचर के दौरान आपके जीवनसाथी ज्यादा पूजा पाठ करने वाले बन सकते हैं।

उपाय: आपको मंगलवार के दिन काले - सफेद तिलों का दान करना चाहिए।

मीन राशिफल

केतु गोचर 2025 आपके लिए छठे भाव में होने जा रहा है। आमतौर पर छठे भाव में केतु का गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला होता है, फिर भी आपको कुछ बातों का तो ध्यान रखना ही पड़ेगा। एक तरफ तो केतु के इस गोचर के प्रभाव से शारीरिक समस्याएं आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं और उनको ढूंढ पाना भी आसान नहीं होगा इसलिए एक से ज्यादा डॉक्टरों की राय की आवश्यकता पड़ सकती है क्योंकि शुरुआत में रोग पकड़ में नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में आपको कुछ सावधान रहना चाहिए। केतु के इस गोचर के प्रभाव से आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी होगी। आप कई ऐसे खर्च करेंगे जो आपकी आमदनी से ज्यादा हो सकते हैं इसलिए आपको संतुलित रहना होगा। नौकरी करने वाले जातकों के लिए यह गोचर अच्छा रहेगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और व्यापार करने वाले जातकों को कुछ नवीन स्रोत मिलने की संभावना बनेगी। जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको अपने रिश्तों को संभालना होगा। केतु का यह गोचर आपके कार्यों में संघर्ष और रुकावट के बाद सफलता दिलाएगा।

उपाय: केतु महाराज की कृपा प्राप्त करने के लिए आपको चितकबरे कंबल का दान करना चाहिए।

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हम आशा करते हैंं कि केतु गोचर 2025 आपके जीवन में खुशहाली और तरक्की लेकर आए और आप जीवन में कभी भी हताश न हों। हमारी वेबसाइट पर विजिट करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में केतु गोचर कब होगा?

केतु गोचर 2025 की बात करें तो 18 मई 2025 से केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे और इस पूरे वर्ष सिंह राशि में ही केतु का गोचर बना रहेगा।

2. केतु का वर्ष 2025 में गोचर किस राशि में होगा?

केतु वर्ष 2025 में सिंह राशि में ही रहने वाले हैं।

3. केतु जनित समस्याएँ कौन सी हैं?

केतु के कमजोर होने से व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित बीमारियां,पैरों में दर्द,नसों की कमजोरी,पेशाब से जुड़ी बीमारी, आकस्मिक रोग ,परेशानी,कुत्ते का काटना,रीढ़ संबंधित समस्या,जोड़ों का दर्द,शुगर,कान,स्वप्नदोष, हर्निया और गुप्तांग संबंधी रोग हो सकते हैं।

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