एस्ट्रोसेज के इस जैन अवकाश 2025 विशेष आर्टिकल में हम आपको साल 2025 में आने वाले या मनाए जाने वाले सभी प्रमुख जैन अवकाशों की जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। उससे पहले बात करें जैन धर्म की तो दुनिया के प्राचीन धर्म में से एक जैन धर्म को माना गया है। इसके संस्थापक ऋषभदेव कहे जाते हैं। हमारे इस खास आर्टिकल में हम आपको जैन अवकाश 2025 के बारे में विस्तार पूर्वक और कुछ बेहद ही रोचक बातों की जानकारी देने वाले हैं। लेकिन चलिए सबसे पहले नजर डाल लेते हैं वर्ष 2025 में आने वाले जैन धर्म के प्रमुख अवकाशों की तिथियां पर।
Read in English: Jain Holidays 2025
जैन अवकाश 2025 में ढेरों व्रत और त्योहार और इनके अवकाश शामिल होते हैं । इनमें से अधिकांश जैन धर्म के प्रमुख आध्यात्मिक शिक्षकों या तीर्थंकरों में से एक कल्याणक की पांच मुख्य जीवन घटनाओं के इर्द-गत घूमते हैं। यह पांच महत्वपूर्ण घटनाएं अपनी मां की गर्भावस्था के दौरान आगमन, उनका जन्म त्याग, सर्वज्ञता प्राप्त करना और उनकी अंतिम मुक्ति शामिल है।
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दिन | अवकाश |
11 जनवरी 2025 | रोहिणी व्रत |
27 जनवरी 2025 | मेरु त्रयोदशी |
दिन | अवकाश |
7 फरवरी 2025 | रोहिणी व्रत |
दिन | अवकाश |
6 मार्च 2025 | रोहिणी व्रत |
6 मार्च 2025 | अष्टान्हिका (3/3) प्रारम्भ |
13 मार्च 2025 | फाल्गुन चौमासी चौदस |
14 मार्च 2025 | अष्टान्हिका (3/3) समाप्त |
दिन | अवकाश |
3 अप्रैल 2025 | रोहिणी व्रत |
4 अप्रैल 2025 | चैत्र नवपद ओली प्रारंभ |
10 अप्रैल 2025 | महावीर स्वामी जयंती |
12 अप्रैल 2025 | चैत्र नवपद ओली पूर्ण |
30 अप्रैल 2025 | रोहिणी व्रत |
30 अप्रैल 2025 | वर्षी तप पारण |
दिन | अवकाश |
7 मई 2025 | श्री महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान दिवस |
27 मई 2025 | रोहिणी व्रत |
दिन | अवकाश |
24 जून 2025 | रोहिणी व्रत |
दिन | अवकाश |
2 जुलाई 2025 | आषाढ़ अष्टान्हिका (1/3) प्रारम्भ |
9 जुलाई 2025 | आषाढ़ चौमासी चोदस |
10 जुलाई 2025 | आषाढ़ अष्टान्हिका (1/3) पूर्ण |
21 जुलाई 2025 | रोहिणी व्रत |
दिन | अवकाश |
17 जुलाई 2025 | रोहिणी व्रत |
21 जुलाई 2025 | पर्यूषण पर्व आरंभ |
28 जुलाई 2025 | संवत्सरी पर्व |
दिन | अवकाश |
6 सितंबर 2025 | अनन्त चतुर्दशी |
14 सितंबर 2025 | रोहिणी व्रत |
29 सितंबर 2025 | आश्विन नवपद ओली प्रारंभ |
दिन | अवकाश |
7 अक्टूबर 2025 | आश्विन नवपद ओली समाप्त |
11 अक्टूबर 2025 | रोहिणी व्रत |
20 अक्टूबर 2025 | लक्ष्मी पूजा |
22 अक्टूबर 2025 | गुजराती नववर्ष |
26 अक्टूबर 2025 | लाभ पंचमी |
29 अक्टूबर 2025 | कार्तिक अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ |
दिन | अवकाश |
4 नवंबर 2025 | कार्तिक चौमासी चौदस |
5 नवंबर 2025 | कार्तिक अष्टाह्निका विधान समाप्त |
5 नवंबर 2025 | कार्तिक रथ यात्रा |
7 नवंबर 2025 | रोहिणी व्रत |
दिन | अवकाश |
5 दिसंबर 2025 | रोहिणी व्रत |
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महावीर जयंती: जैसा कि नाम से ही साफ है यह पवन दिन जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह उगते चंद्रमा के महीने में पड़ता है। इस दौरान मंदिर में केसरिया रंग का झंडा फहराया जाता है और झाँकियाँ आदि निकाली जाती है।
ज्ञान पंचमी: जैन अवकाश 2025 में ज्ञान पंचमी का त्यौहार भी विशेष महत्व रखता है। यह त्यौहार जैन धर्म के आध्यात्मिक पूर्ववर्तियों और अनुयायियों दोनों के लिए अधिक ज्ञान प्राप्त करने के जश्न के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार इस उत्सव को मानने वालों और जैन धर्म के अनुयायियों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
दिवाली: दिवाली का त्यौहार भी जैन अवकाश 2025 का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक भी है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए यह अवकाश प्रचुरता के लिए धन्यवाद देने और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने के समय को दर्शाता है। इसके अलावा यह समय जैन महावीर के निर्वाण का जश्न भी मानते हैं। दिवाली के बाद जैन धर्म के लोगों का आधिकारिक नया साल शुरू होता है। यह वही दिन है जब महावीर के प्राथमिक शिष्य गौतम स्वामी को परम ज्ञान और सर्वज्ञता की प्राप्ति हुई थी।
नवपद ओली: 1 वर्ष में दो बार मार्च से अप्रैल और फिर सितंबर से अक्टूबर के दौरान आस्थावान जैन धर्म के लोग 9 दिन के उपवास में शामिल होते हैं। इसे सिद्ध चक्र के रूप में भी जाना जाता है। जब जैन धर्म के लोग सूर्यास्त से पहले प्रार्थना और ध्यान करते हैं और केवल एक बार भोजन करते हैं।
रोहिणी व्रत: इसके अलावा जैन छुट्टियों 2025 में रोहिणी व्रत को भी महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है। यह एक बेहद ही पवन फलदाई और शुभ उपवास होता है जो रोहिणी नक्षत्र के दौरान नियमित अंतराल पर किया जाता है।
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मेरु त्रयोदशी: रोहिणी व्रत के बाद मेरु त्रयोदशी का त्यौहार भी जैन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक होता है। यह त्यौहार प्रसिद्ध जैन साधु संत ऋषभदेव की याद में मनाया जाता है। कहा जाता है यह वही दिन है जब ऋषभदेव को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
इसके अलावा भी कई प्रमुख अवकाश जैन धर्म की खूबसूरती को दर्शाते हैं जैसेफाल्गुन चौमासी चौदस यह दिन जैन धर्म के अहिंसा का प्रमुख आदर्श सिद्धांत को दर्शाता है।वर्षीतप प्रारम्भयह चैत्र महीने के दौरान शुरू होता है और अक्षय तृतीया के पारण पर समाप्त होता है।महावीर स्वामी केवल ज्ञान यह दिन विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है यह वही दिन है जब महावीर ने मोक्ष या फिर सर्वोच्च ज्ञान की प्राप्ति की थी।कार्तिक रथ यात्रा कार्तिक रथ यात्रा का त्यौहार भी जैन छुट्टियों 2025 में महत्वपूर्ण माना गया है जो कार्तिक के महीने में मनाया जाता है।
मेरु त्रयोदशी: मेरु त्रयोदशी जैन धर्म में एक प्रमुख त्योहार माना जाता है और पिंगल कुमार की याद में मनाया जाता है। यह त्यौहार हर साल पौष माह और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आते हैं।
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उत्तर भारत के आधुनिक भारतीय भाषा में जैसे हिंदी और गुजराती आदि में 12 महीना के अंग्रेजी नाम ज्यादा उपयोग में आते हैं लेकिन धार्मिक संदर्भ में एकमात्र प्रासंगिक कैलेंडर चंद्र कैलेंडर ही होता है। चंद्र कैलेंडर के मूल घटक चंद्रमा, चंद्र पखवाड़े और चंद्र दिवस होते हैं। यह कैलेंडर जैन धर्म के लोगों और हिंदुओं के धार्मिक त्योहार या किसी भी अन्य धार्मिक अवसर की तिथियां की गणना करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
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हम उम्मीद करते हैं जैन छुट्टियों पर विशेष हमारा यह खास लेख आपके लिए सहायक साबित हुआ होगा और आपको इससे उपयुक्त जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर ऐसा है तो इस लेख को अपने शुभचिंतकों, दोस्तों आदि के साथ शेयर करना ना भूलें। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
उत्तर: वर्ष 2025 में लक्ष्मी पूजा 20 अक्टूबर 2025 के दिन की जाएगी।
उत्तर: इस साल 4 नवंबर 2025 को कार्तिक चौमासी चौदस है।
उत्तर: वर्ष 2025 में 11 जनवरी 2025 को रोहिणी व्रत किया जाएगा।
उत्तर: इस साल पर्यूषण पर्व का आरंभ 21 जुलाई 2025 से होगा।
उत्तर: जैन धर्म में आदिनाथ जयंती, सोलहकरण पर्व, मौन एकादशी आदि पर्वों को मनाया जाता है।