इस्लामिक कैलेंडर 2025: दुनिया भर में एक अरब से भी अधिक मुसलमानों के लिए इस्लामिक कैलेंडर या जिसे हिजरी कैलेंडर भी कहते हैं बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कैलेंडर महत्वपूर्ण इस्लामी धर्म की छुट्टियों के साथ-साथ इस्लाम धर्म से संबन्धित महत्वपूर्ण दिनों का भी जश्न मनाता है। इस्लामिक कैलेंडर की जड़े चंद्र चक्र की मानी जाती है। अब जैसे-जैसे हम 2025 के नजदीक आते जा रहे हैं ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम इस्लामिक कैलेंडर 2025 को और करीब से जानें और समझें।
एस्ट्रोसेज का यह विशेष लेख इस्लामिक कैलेंडर की जटिलताओं को दर्शाता है, इसके ऐतिहासिक संदर्भ, इसकी रचना और महत्वपूर्ण छुट्टियां और घटनाओं के बारे में हमें जानकारी प्रदान करता है। इसके साथ ही हमें यहां कई त्योहारों के आध्यात्मिक महत्व का भी पता चलता है जिसमें रमजान का पवित्र महीना, ईद उल फितर का आनंदमय उत्सव और हज की तीर्थ यात्रा और दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय पर उनके प्रभाव शामिल हैं।
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Read in English: Islamic Calendar 2025
अन्य कैलेंडर की तरह इस्लामिक कैलेंडर हर शताब्दी में खगोलीय मौसमों से मेल खाने के लिए लीप दिन या महीने नहीं जोड़ता है। 100 सौर वर्षों की तुलना में एक इस्लामिक वर्ष लगभग 11 दिन छोटा होता है। इस असमानता के चलते ही इस्लामिक कैलेंडर कृषि या आपके समारोहों या कार्यों को निर्धारित करने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।
इसके परिणाम स्वरुप बहुत से मुस्लिम देश अपने नागरिक मामलों के लिए ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ-साथ हिजरी प्रणाली का उपयोग भी करते हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह इस्लामिक कैलेंडर 2025 में भी 1 साल में 12 महीने होते हैं।
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महीनों के अरबी नाम | अर्थ/महत्व |
मुहर्रम | इस्लामी नव वर्ष |
सफ़र (सफ़र-उल-मुजफ्फर) | कुरैश जनजाति मक्का में मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार कर रही थी, इसलिए वे सुरक्षा और स्वतंत्रता की तलाश में मदीना चले गए। |
रबी-उल-अवाल | पवित्र पैगंबर के जन्म का महीना, मदीना की उनकी तीर्थयात्रा (हिजरा के नाम से जाना जाता है) और उनका निधन। |
रबी-अथ-थानी | साल का चौथा महीना, जिसे वसंत का दूसरा महीना भी कहा जाता है। |
जुमादा-अल-उला | शव्वाल का महीना वह महीना था जब पैगंबर मुहम्मद (अलैहि अस-सलाम) ने सैय्यदा खदीजा (अल्लाह उनसे प्रसन्न हो सकते हैं) से शादी की थी। |
जुमादा-अल-अखिराह | यह वर्षा ऋतु शुरू होने से पहले के आखिरी महीने को दर्शाता है। |
रज्जब | इस महीने में, पैगंबर मुहम्मद (उन पर शांति हो) ने इसरा-मिराज की विशेष यात्रा की। |
शबान | इस्लाम धर्म के में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए शबे बारात एक विशेष रात मानी जाती है जो इस महीने की 15 तारीख को आती है इसको बहुत से लोग माफी की रात के नाम से भी जानते हैं लोग इस दिन प्रार्थना करते हैं और अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हैं क्योंकि ऐसी धारणा है कि जब इस रात में वह क्षमा मांगते हैं तो अल्लाह उनके सभी पापों को माफ कर देते हैं या आत्मिक शुद्ध और आत्म चिंतन करने और अपने भीतर झांकने का सबसे अनुकूल समय माना गया है |
रमजान | इस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान का महीना सबसे पाक महीना में से एक माना जाता है क्योंकि यह पवित्र कुरान के पहले रहस्योद्घाटन के अवसर को दर्शाता है इस दौरान मुसलमान अल्लाह के प्रति अपनी भक्ति दिखाने के लिए 30 दिनों तक कठिन रोज़े करते हैं |
शावाल | ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर में एक विशेष महीने के पहले दिन होता है। |
धुल-क़ादा | इस्लाम धर्म के लोगों के लिए ज़िल क़द्दाह विशेष महीना में से एक माना जाता है ज़िल क़द्दाह इस्लामिक कैलेंडर के चार पवित्र महीना में से एक माना गया है इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए यह महीना महत्वपूर्ण होता है और इस महीने के दौरान कुछ विशेष काम और व्यवहार अपने जाते हैं |
धुल-हिजजाह | हज महीने के दौरान लोग विशेष तीर्थयात्रा पर जाते हैं। उस महीने के 10वें दिन, ईद-उल-अधा या बकरा-ईद नामक उत्सव मनाया जाता है। |
अधिक जानकारी: इस्लाम धर्म के चार पवित्र महीने रजब, ज़ुल-क़ादा, ज़ुल-हिज्जा और मुहर्रम माने गए हैं मुसलमान इन मीना को पवित्र और बेहद ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
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इस्लाम में धर्म के उत्सव और अनुष्ठान कब होंगे यह तय करने में चंद्र चरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चंद्रमा के चक्र के आधार पर इस्लामिक कैलेंडर जिसे हिजरी या चंद्र कैलेंडर भी कहते हैं हर महीने नए चंद्रमा के दर्शन के साथ शुरू हो जाता है। दुनिया भर के मुसलमान चंद्रमा की कलाओं से आध्यात्मिक और व्यावहारिक सिद्धांतों का पता लगते हैं। इस्लामिक महीने की शुरुआत अमावस्या के दर्शन के साथ शुरू होती है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि यह महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों की शुरुआत को भी दर्शाता है। ईद उल फितर का उत्सव जो रमजान के अंत में मनाया जाता है और रमजान का पवित्र महीना जब मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं इसमें शामिल है।
हज मक्का की यात्रा सहित अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों को निर्धारित करने (जो इस्लामी महीने धू अल-हिज्जा में होते हैं) इन्हें भी चंद्रमा के चरणों द्वारा ही निर्धारित किया जाता है। इस्लामिक परंपरा में प्राकृतिक चक्र और खगोलीय प्रेक्षणों का महत्व चंद्र कैलेंडर की चंद्रमा के चरणों पर निर्भरता से पता चलता है।
दुनिया भर के मुसलमान अपने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्र और संस्कृतियों के बावजूद चंद्रमा के चरणों के अनुसार इन महत्वपूर्ण दिनों का जश्न मनाते हैं।
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वर्ष 2025 की प्रमुख इस्लामिक छुट्टियों के बारे में जानने के लिए इस्लामिक कैलेंडर 2025 का हमारा यह खास लेख अंत तक पढ़ें। यह हज यात्रा माह और पवित्र मुस्लिम अवकाश रमजान सहित अन्य महत्वपूर्ण अवसरों की जानकारी प्रदान करेगा। चलिए 2025 के इस्लामिक कैलेंडर में पड़ने वाले महत्वपूर्ण दिनों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
त्योहार | हिजरी तारीख | दिन | ग्रेगोरियन तिथि |
पवित्र महीने की शुरुआत (रजब) | 1 रज्जब 1446 हिजरी | बुधवार | 1 जनवरी 2025 |
इसरा मिराज | 27 रज्जब 1446 हिजरी | सोमवार | 27 जनवरी 2025 |
शाबान की शुरुआत | 1 शाबान 1446 हिजरी | शुक्रवार | 31 जनवरी 2025 |
आधा शाबान | 15 शाबान 1446 हिजरी | शुक्रवार | 14 फरवरी 2025 |
रमज़ान और रोज़े का महीना शुरू | 1 रमज़ान 1446 हिजरी | शनिवार | 1 मार्च 2025 |
नुज़ूल-उल-कुरान | 17 रमज़ान 1446 हिजरी | सोमवार | 17 मार्च 2025 |
ललयात-उल-कद्र | 27 रमज़ान 1446 हिजरी | गुरुवार | 27 मार्च 2025 |
शव्वाल की शुरुआतl | 1 शव्वाल 1446 हिजरी | सोमवार | 31 मार्च 2025 |
ईद-उल-फ़ितर | 1 शव्वाल 1446 AH | सोमवार | 31 मार्च 2025 |
ज़िल-क़ादा की शुरुआत | 1 धुल-क़ादा 1446 हिजरी | मंगलवार | 29 अप्रैल 2025 |
ज़िलहिज्जा की शुरुआत | 1 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | बुधवार | 28 मई 2025 |
अराफात में वक्फ (हज) | 9 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | गुरुवार | 5 जून 2025 |
ईद-उल-अज़हा | 10 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | शुक्रवार | 6 जून 2025 |
तश्रीक़ के दिन | 11, 12, 13 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | शनिवार | 7 जून 2025 |
मुहर्रम (इस्लामिक नव वर्ष) की शुरुआत | 1 मुहर्रम 1447 हिजरी | गुरुवार | 26 जून 2025 |
आशूरा व्रत | 10 मुहर्रम 1447 हिजरी | शनिवार | 5 जुलाई 2025 |
सफर की शुरुआत | 1 सफ़र 1447 हिजरी | शनिवार | 26 जुलाई 2025 |
रबी-उल-अव्वल की शुरुआत | 1 रबी-उल-अव्वल 1447 हिजरी | सोमवार | 25 अगस्त 2025 |
पैगंबर (मावलिद) का जन्मदिन | 12 रबी-उल-अव्वल 1447 हिजरी | शुक्रवार | 15 सितंबर 2025 |
रबी-उल-थानी की शुरुआत | 1 रबी-उल-थानी 1447 हिजरी | मंगलवार | 23 सितंबर 2025 |
जमादा-उल-उला की शुरुआत | 1 जमादा-उल-उला | गुरुवार | 23 अक्टूबर 2025 |
जमादा-उल-अखिरा की शुरुआत |
1 जुमादा-अल-अखिरा 1447 हिजरी |
शनिवार | 22 नवंबर 2025 |
इस्लाम धर्म पृथ्वी और पर्यावरण की देखभाल के लिए मनुष्यों के कर्तव्यों पर जोर देता है और पर्यावरण का संरक्षण और स्थिरता इसकी शिक्षाओं में गहराई से निहित मूल्य है। वातावरण में मौजूद सभी जीवित चीज आपस में जुड़ी हुई है और पारिस्थितिक संतुलन बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस्लामी शिक्षाएं पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के इसी पहलू को दर्शाती है।
हज जैसे धार्मिक उत्सवों में तीर्थ यात्रियों को बर्बादी रोकने, पानी का संयमित प्रयोग करने और पर्यावरण का ध्यान पूर्वक उपयोग करने की सलाह देकर पर्यावरण से संबंधित जिम्मेदारियां की पहल को शामिल किया जाता है। इसी तरह मुसलमान को यह भी सलाह दी जाती है कि वह संयम बरतें, उपभोग में कटौती करें और इस बात पर सही ढंग से विचार करें कि रमजान के दौरान उनके काम का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है।
स्वच्छता संसाधन, संरक्षण और पर्यावरणीय रूप से हानिकारक गतिविधियों को रोकने की यह मुहिम साल भर चलने वाली कुछ ऐसी प्रथाएं हैं जो व्यक्ति को अपने जिम्मेदारियां के प्रति प्रोत्साहित करती हैं। इसके अलावा इस्लामी शिक्षाएं वन्य जीव अवसान के संरक्षण, टिकाऊ कृषि और पर्यावरण के विवेकपूर्ण प्रबंधन को भी बढ़ावा देती है।
सिर्फ इतना ही नहीं इसके अलावा स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा करने के प्रयास में इस्लामी समुदाय और संगठन अक्सर अपशिष्ट प्रबंधन अभियान, वृक्षारोपण अभियान और पर्यावरण अनुकूल विकास परियोजनाओं जैसे पर्यावरणीय कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते हैं। इस्लाम प्राकृतिक दुनिया के साथ संतुलन में रहने और पर्यावरण के प्रति अपने सिद्धांतों और को अपने धार्मिक सिद्धांत और अनुष्ठान में शामिल करके पृथ्वी को संरक्षित और पोषित करने की हमारे जिम्मेदारी को बनाए रखने के महत्व को दर्शाता है।
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हम उम्मीद करते हैं इस्लामिक कैलेंडर पर विशेष हमारा यह खास लेख आपके लिए सहायक साबित हुआ होगा और आपको इससे उपयुक्त जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर ऐसा है तो इस लेख को अपने शुभचिंतकों, दोस्तों आदि के साथ शेयर करना ना भूलें। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
1. इस्लामिक कैलेंडर में कितने महीने होते हैं?
इस्लामिक कैलेंडर 2025 के अनुसार, इस्लाम धर्म के एक वर्ष में 12 महीने होते हैं।
2. 2025 में मुहर्रम का महीना कब है?
वर्ष 2025 में मुहर्रम 26 जून 2025 से शुरू होगा।
3. रमज़ान साल 2025 में कब से शुरू होंगे?
वर्ष 2025 में रमज़ान की शुरुआत 01 मार्च 2025 से होगी।