एस्ट्रोसेज के इसहिन्दू त्योहार 2025 के लेख में हम आपको वर्ष 2025 में आने वाले प्रमुख हिन्दू अवकाशों और त्योहारों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। हिन्दू धर्म में सभी व्रत-त्योहार का विशेष महत्व होता है और यह बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। ऐसे में, हम आपको साल 2025 में आने वाले सभी हिन्दू त्योहारों की तिथियों की सही जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप अपनी छुट्टियों व त्योहारों की पहले से तैयारी करके रख लें।आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन प्रमुखहिन्दू त्योहारों के बारे में जो हिन्दूत्योहार 2025की सूची में शामिल हैं।
Read in English: Hindu Holidays 2025
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
जनवरी 2025 | त्योहार |
10 शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
11 शनिवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
13 सोमवार | पौष पूर्णिमा व्रत |
14 मंगलवार | पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति |
17 शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी |
25 शनिवार | षटतिला एकादशी |
27 सोमवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि |
29 बुधवार | माघ अमावस्या |
फरवरी 2025 | त्यौहार |
2 रविवार | बसंत पंचमी,सरस्वती पूजा |
8 शनिवार | जया एकादशी |
9 रविवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
12 बुधवार | कुम्भ संक्रांति,माघ पूर्णिमा व्रत |
16 रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
24 सोमवार | विजया एकादशी |
25 मंगलवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
26 बुधवार | महाशिवरात्रि,मासिक शिवरात्रि |
27 गुरुवार | फाल्गुन अमावस्या |
मार्च 2025 | त्योहार |
10 सोमवार | आमलकी एकादशी |
11 मंगलवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
13 गुरुवार | होलिका दहन |
14 शुक्रवार | होली,मीन संक्रांति,फाल्गुन पूर्णिमा व्रत |
17 सोमवार | संकष्टी चतुर्थी |
25 मंगलवार | पापमोचिनी एकादशी |
27 गुरुवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण),मासिक शिवरात्रि |
29 शनिवार | चैत्र अमावस्या |
30 रविवार | चैत्र नवरात्रि,उगाडी,घटस्थापना,गुड़ी पड़वा |
31 सोमवार | चेटी चंड |
अप्रैल 2025 | त्योहार |
6 रविवार | राम नवमी |
7 सोमवार | चैत्र नवरात्रि पारणा |
8 मंगलवार | कामदा एकादशी |
10 गुरुवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
12 शनिवार | हनुमान जयंती,चैत्र पूर्णिमा व्रत |
14 सोमवार | मेष संक्रांति |
16 बुधवार | संकष्टी चतुर्थी |
24 गुरुवार | वरुथिनी एकादशी |
25 शुक्रवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
26 शनिवार | मासिक शिवरात्रि |
27 रविवार | वैशाख अमावस्या |
30 बुधवार | अक्षय तृतीया |
मई 2025 | त्योहार |
8 गुरुवार | मोहिनी एकादशी |
9 शुक्रवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
12 सोमवार | वैशाख पूर्णिमा व्रत |
15 गुरुवार | वृष संक्रांति |
16 शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी |
23 शुक्रवार | अपरा एकादशी |
24 शनिवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
25 रविवार | मासिक शिवरात्रि |
27 मंगलवार | ज्येष्ठ अमावस्या |
जून 2025 | त्योहार |
6 शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
8 रविवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
11 बुधवार | ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत |
14 शनिवार | संकष्टी चतुर्थी |
15 रविवार | मिथुन संक्रांति |
21 शनिवार | योगिनी एकादशी |
23 सोमवार | मासिक शिवरात्रि,प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
25 बुधवार | आषाढ़ अमावस्या |
27 शुक्रवार | जगन्नाथ रथ यात्रा |
जुलाई 2025 | त्योहार |
6 रविवार | देवशयनी एकादशी,अषाढ़ी एकादशी |
8 मंगलवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
10 गुरुवार | गुरु-पूर्णिमा,आषाढ़ पूर्णिमा व्रत |
14 सोमवार | संकष्टी चतुर्थी |
16 बुधवार | कर्क संक्रांति |
21 सोमवार | कामिका एकादशी |
22 मंगलवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
23 बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
24 गुरुवार | श्रावण अमावस्या |
27 रविवार | हरियाली तीज |
29 मंगलवार | नाग पंचमी |
अगस्त 2025 | त्योहार |
5 मंगलवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
6 बुधवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
9 शनिवार | रक्षा बंधन,श्रावण पूर्णिमा व्रत |
12 मंगलवार | संकष्टी चतुर्थी,कजरी तीज |
16 शनिवार | जन्माष्टमी |
17 रविवार | सिंह संक्रांति |
19 मंगलवार | अजा एकादशी |
20 बुधवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
21 गुरुवार | मासिक शिवरात्रि |
23 शनिवार | भाद्रपद अमावस्या |
26 मंगलवार | हरतालिका तीज |
27 बुधवार | गणेश चतुर्थी |
सितंबर 2025 | त्योहार |
3 बुधवार | परिवर्तिनी एकादशी |
5 शुक्रवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल),ओणम/थिरुवोणम |
6 शनिवार | अनंत चतुर्दशी |
7 रविवार | भाद्रपद पूर्णिमा व्रत |
10 बुधवार | संकष्टी चतुर्थी |
17 बुधवार | इन्दिरा एकादशी,कन्या संक्रांति |
19 शुक्रवार | मासिक शिवरात्रि,प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
21 रविवार | अश्विन अमावस्या |
22 सोमवार | शरद नवरात्रि,घटस्थापना |
28 रविवार | कल्परम्भ |
29 सोमवार | नवपत्रिका पूजा |
30 मंगलवार | दुर्गा महा अष्टमी पूजा |
अक्टूबर 2025 | त्योहार |
1 बुधवार | दुर्गा महा नवमी पूजा |
2 गुरुवार | दुर्गा विसर्जन,दशहरा,शरद नवरात्रि पारणा |
3 शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
4 शनिवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
7 मंगलवार | अश्विन पूर्णिमा व्रत |
10 शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी,करवा चौथ |
17 शुक्रवार | रमा एकादशी,तुला संक्रांति |
18 शनिवार | धनतेरस,प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
19 रविवार | मासिक शिवरात्रि |
20 सोमवार | नरक चतुर्दशी |
21 मंगलवार | दिवाली,कार्तिक अमावस्या |
22 बुधवार | गोवर्धन पूजा |
23 गुरुवार | भाई दूज |
28 मंगलवार | छठ पूजा |
नवंबर 2025 | त्योहार |
2 रविवार | देवुत्थान एकादशी |
3 सोमवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
5 बुधवार | कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
8 शनिवार | संकष्टी चतुर्थी |
15 शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
16 रविवार | वृश्चिक संक्रांति |
17 सोमवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
18 मंगलवार | मासिक शिवरात्रि |
20 गुरुवार | मार्गशीर्ष अमावस्या |
दिसंबर 2025 | त्योहार |
1 सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
2 मंगलवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
4 गुरुवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत |
7 रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
15 सोमवार | सफला एकादशी |
16 मंगलवार | धनु संक्रांति |
17 बुधवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
18 गुरुवार | मासिक शिवरात्रि |
19 शुक्रवार | पौष अमावस्या |
30 मंगलवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
हिन्दू त्योहार 2025 के अनुसार, ऊपर दिए गए त्योहारों और अवकाशों की सूची में कई ऐसे त्योहार हैं, जो भारत में बहुत उत्साह और प्रमुखता से मनाए जाते हैं। ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरह से मनाए जाते हैं। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं लेकिन इससे पहले जान लेते हैं हिन्दू धर्म का महत्व व इतिहास।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सनातन धर्म के सभी व्रत व त्योहारों का विशेष महत्व है, उत्सव और व्रत ब्रह्मांड की खगोलीय घटना, धरती के वातावरण परिवर्तन, मनुष्य के मनोविज्ञान तथा सामाजिक कर्तव्य और मोक्ष प्राप्ति के उचित समय को ध्यान में रखकर निर्मित किए गए हैं। हिन्दू त्योहार 2025 कहता है कि इन व्रत व त्योहारों को उचित नियम से किए जाने से जीवन के सभी संकट से मुक्त हुआ जा सकता है। अनुचित तरीके और मनमाने नियम से करने से जीवन कष्टमय हो सकता है। इसके अलावा, यदि इन व्रत व त्योहारों को विधि पूर्वक नहीं रखा तो इनका आध्यात्मिक महत्व भी खत्म हो जाता है।
पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट
पृथ्वी को पांच कल्पों में विभाजित किया गया है, वह है हिरण्य, ब्रह्म, पद्म और वराह। आपको बता दें कि अभी तक चार कल्प निकल चुके है। शास्त्रों के अनुसार, यह आखिरी वराह चल रहा है, जिस तरह रुपए की गिनती हजार, लाख, करोड़ आदि में की जाती है, वैसे ही कल्प अंतिम से पहले की गणना होती है। शास्त्रों के अनुसार, हिन्दू धर्म के रचयिता ऋषियों द्वारा की गई थी। दुनियाभर में अनुयायियों की संख्या के अनुसार, हिंदू धर्म तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और इस धर्म को मानने वाले 100 करोड़ों से भी अधिक लोग है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इस धर्म को सनातन धर्म या शाश्वत धर्म कहते हैं।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
हिन्दू त्योहार 2025 के मुताबिक, ज्योतिष में सूर्य ग्रह जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इस पूरी घटना को संक्रांति के नाम जाना जाता है और यह जिस राशि में विराजमान होते हैं उसे उस राशि की संक्रांति कहा जाता है। इसी क्रम में जब सूर्य मकर राशि में मौजूद होते हैं तो इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष में मकर संक्रांति का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है और खरमास समाप्त होता है। मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग कोने में अलग-अलग नाम से जानते हैं और भिन्न-भिन्न रूप से मनाते हैं। मकर संक्रांति का त्योहार उत्तर भारत में हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन स्वर्ग का रास्ता खुल जाता है इसलिए इस दिन दान-पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज और कंबल का दान करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सनातन धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व है और यह सबसे बड़ा त्योहार होता है। हिन्दू त्योहार 2025 के अनुसार, यह त्योहार माघ फागुन फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा करके भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। शिवपुराण के अनुसार, जो भक्त महाशिवरात्रि पर व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। वह पूरे वर्ष भगवान शिव की पूजा का फल उस एक दिन में प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यह त्योहार उनकी वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में प्रत्येक वर्ष धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शिवभक्त देवी पार्वती और शिवजी के मिलन के इस उत्सव को पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। खासतौर पर अविवाहित लोगों के लिए। माना जाता है कि जो भी कुंवारी कन्या शिवरात्रि का व्रत रखती हैं और विधि पूर्वक शिवजी की पूजा करती है, उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
होली एक प्रमुख सनातन धार्मिक पर्व है, जो बहुत अधिक धूमधाम के साथ हर साल मनाया जाता है। हिन्दू त्योहार 2025 के अनुसार, होली का त्योहार फाल्गुन माह में मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है फिर उसके बाद रंगों से होली खेली जाती है और इस दौरान हर कोई एक-दूसरे को रंग लगाता है। हिंदू धर्म में इस दिन फगुआ गीत गाने की परंपरा रही है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं और एक दूसरे को गले से लगा लेते हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में होली के त्योहार को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है।
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म के रूप में हर साल मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। वैसे तो हर महीने में गणेश चतुर्थी आती है लेकिन भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का बहुत अधिक महत्व है। गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति को स्थापित करते हैं और पूरे दस दिनों तक विधिपूर्वक से पूजा करते हैं और फिर दसवें दिन यानी चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को विदाई देते हैं और पवित्र नदी उनका विसर्जन करते हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी और दक्षिणी भारत के अन्य राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। दशहरा या विजयादशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में इस पावन पर्व को दशहरा तो वहीं पश्चिम बंगाल में इसे विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इसके अलावादशहरा के बारे में दूसरी कथा यह है कि दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस दिन जगह-जगह भव्य रामलीला का आयोजन होता है और रावण के पुतले को जलाया जाता है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर साल दशहरा पर्व मनाया जाता है।
दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन सारा शहर दीपों की रोशनी से जगमगा जाता है। सनातन धर्म में इस त्योहार का बहुत अधिक महत्व है और लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। हिन्दू त्योहार 2025 के अनुसार, दीपावली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा, लोग अपने घर और मंदिरों में दीपक जलाते हैं। इस को पर्व भगवान श्री राम के लंकापति रावण पर विजय हासिल करने और 14 वर्ष बाद वनवास पूरा कर घर लौटने की खुशी में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान राम देवी सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए हर साल इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं। भारत के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में भी दिवाली का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
उत्तर 1. हिंदू नव वर्ष का आरंभ साल 2025 में 30 मार्च से होगा।
उत्तर 2. इस माह मोहिनी एकादशी, वैशाख पूर्णिमा व ज्येष्ठ अमावस्या जैसे त्योहारों को मनाया जाएगा।
उत्तर 3. 2025 में बसंत पंचमी 02 फरवरी, रविवार के दिन है।
उत्तर 4. महाशिवरात्रि व्रत को वर्ष 2025 में 26 फरवरी को किया जाएगा।