बौद्ध त्योहार 2025: एस्ट्रोसेज का यह विशेष लेख आपको वर्ष 2025 में आने वाले बौद्ध धर्म के प्रमुख पर्वों एवं त्योहारों की सूची प्रदान करेगा। इस लेख को बौद्ध धर्म को ध्यान में रखकर विशेष रूप से तैयार किया गया है जिसकी सहायता से आप साल 2025 के अवकाशों की पहले से योजना बना सकें और अपने परिवारजनों तथा दोस्तों के साथ कुछ ख़ुशनुमा लम्हें बिता सकें। तो आइये बिना देर किये शुरुआत करते हैं बौद्ध त्योहार 2025 के इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं बौद्ध धर्म के महत्व के बारे में।
Read in English: Buddhist Holidays 2025
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तारीख़ | दिन | त्योहार |
मंगलवार | 14 जनवरी, 2025 | महायान नव वर्ष |
बुधवार | 29 जनवरी, 2025 | चीनी नव वर्ष |
शनिवार | 15 फरवरी, 2025 | निर्वाण दिवस |
गुरुवार | 13 फरवरी, 2025 | माघ पूजा दिवस |
रविवार | 13 अप्रैल, 2025 | थेरवाद नया साल |
सोमवार | 12 मई, 2025 | बुद्ध पूर्णिमा |
गुरुवार | 10 जुलाई, 2025 | असला - धर्म दिवस |
बुधवार | 13 अगस्त, 2025 | ओबोन |
सोमवार | 08 दिसम्बर, 2025 | बोधि दिवस |
बौद्ध धर्म एक प्राचीन भारतीय और महत्वपूर्ण धर्मों में एक है। जानकारों के अनुसार, 2600 वर्ष पहले इसकी स्थापना भगवान बुद्ध द्वारा की गई थी। यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के महत्वपूर्ण धर्मों में से एक है। बौद्ध धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार, बौद्ध धर्म की उत्पत्ति पांचवीं- छठी शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तरी भारत में हुई थी और यह 2500 वर्ष पुराना धर्म है। इसके अनुयायों की बात करें तो 4 मिलियन से अधिक लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं और इसका पालन करते हैं। आपको यह बात आश्चर्य कर देगी कि बौद्ध धर्म को मानने वालों की तदाद तेज़ी से बढ़ रही है। बौद्ध त्योहार 2025 के अनुसार, बौद्ध धर्म की स्थापना भगवान बुद्ध ने की थी, उन्हें सिद्धार्थ गौतम के नाम से भी जाना जाता है।
बता दें कि बुद्ध शब्द एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "जागा हुआ व्यक्ति’ यानी जागृत व्यक्ति। माना जाता है भगवान बुद्ध का जन्म 623 ईसा पूर्व में दक्षिणी नेपाल के तराई मैदानों में स्थित लुम्बिनी के पवित्र क्षेत्र में एक शाही परिवार में हुआ था। गौतम बुद्ध अपना शाही जीवन, सभी प्रकार के सुख वैभव छोड़कर तपस्या करने चले गए। 33 साल की आयु में गौतम बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीच करीब छह सालों तक तप किया और इस तरह उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। ऐसा कहा जाता है कि एक दिन गौतम बुद्ध की मुलाकात एक वृद्ध व्यक्ति, रोगी व्यक्ति और एक मृत व्यक्ति से हुई, जिसके बाद से इस दिन से उनके जीवन में काफी बड़ा बदलाव आया। मनुष्य के इन दुखों को देखकर वे बहुत अधिक दुखी हो गए, जिसके बाद उन्हें तपस्या करने का प्रण लिया। बौद्ध धर्म के लोग किसी व्यक्तिगत ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं। उनका मानना है कि दुनिया में कुछ भी स्थिर या स्थाई नहीं होता है।
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बौद्ध त्योहार 2025 की सूची बौद्ध धर्म के त्योहारों और व्रत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। बौद्ध त्योहार 2025 केवल बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि हर उन लोगों के लिए भी तैयार किया गया है जिन्हें बौद्ध धर्म के त्योहारों और समारोह में रुचि है। यह सूची मुख्य रूप से कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, और वियतनाम में चीनी लोगों द्वारा धार्मिक त्योहारों का पता लगाने के लिए किया जाता है। बौद्ध त्योहार 2025 के अनुसार, बौद्ध धर्म का कैलेंडर चंद्र कैलेंडर पर आधारित है, जिसमें 29 और 30 दिनों के महीने होते हैं। इसके सभी रूप तीसरी शताब्दी के सूर्य सिद्धांत पर आधारित माने गए हैं।
बौद्ध धर्म के सिद्धांत की बात करें तो यह दुख, निरोध पाने का रास्ता, चौथे आर्य सत्य का आर्य अष्टांग मार्ग माना जाता है। गौतम बुद्ध मानते हैं थे कि, सत्य की सत्यता का निश्चय करने के लिए इसी मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। गौतम बुद्ध के अनुसार अष्टांगिक मार्ग पर ध्यान लगाकर और नैतिक रूप से जीवन जीकर व्यक्ति निर्वाण प्राप्त कर सकता है। बुद्ध द्वारा बताए गए यह 8 अष्टांगिक मार्ग का अपना अलग-अलग अर्थ हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
सम्यक दृष्टि : गलत कार्य जैसे- चोरी, डकैती, गलत शब्दों का प्रयोग, किसी को अपमान करना आदि करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, लालच नहीं करना, द्वेष नहीं करना, सम्यक दृष्टि रखना ये मन के सदाचरण है। साथ ही, हमें दूसरों के प्रति हमेशा सही दृष्टिकोण रखना चाहिए। साथ ही हमें सुख और दुख में एक समान भाव रखना चाहिए।
सम्यक संकल्प: बौद्ध त्योहार 2025 के अनुसार, इसका अर्थ है कि दुखों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए जीवन में आर्य मार्ग पर चलने का और सदाचरण करने का व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए।
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सम्यक वाणी: जिसका अर्थ है कि अपने जीवन में दुखों से बचने के लिए हर किसी से मधुर वाणी का प्रयोग करना चाहिए और सत्य बोलना चाहिए। धम्म चर्चा करने का अभ्यास करना। बौद्ध धर्म इंसान को मुधर वाणी सिखाता है।
सम्यक कर्मांत: यानी व्यक्ति को दूसरों की मदद करना चाहिए और उनके प्रति हमेशा अच्छा कार्य करना चाहिए। साथ ही, हिंसा, झूठ, चोरी, डकैती जैसे अनैतिक कार्यों से दूरी बना कर रखना चाहिए।
सम्यक आजीविका: यानी व्यक्ति को मेहनत से आजीविका अर्जन करना चाहिए। पांच प्रकार के व्यापार से दूरी बनाए रखना चाहिए जिनमें आते हैं, शस्त्रों का व्यापार, जानवरों का व्यापार, मांस का व्यापार, मद्य का व्यापार, विष का व्यापार क्योंकि इनके व्यापार से नुकसान होने की संभावना होती है और धर्म नष्ट होता है।
सम्यक व्यायाम: अर्थात व्यक्ति को प्रतिदिन ऐसे काम करने चाहिए जिनमें पापमय विचारों की समाप्ति हो और व्यक्ति के मन में अच्छे विचार उत्पन्न हो।
सम्यक स्मृति: बौद्ध त्योहार 2025 के अनुसार, इसका अर्थ है व्यक्ति को हर कार्य राग, विवेक और सावधानी के साथ करना चाहिए। स्मृति के चार रूप- कायानु पश्यना यानी शरीर के कार्य व चेतना के प्रति जागरूक रहना, वेदानुपश्यना यानी सुख व दुःख के प्रति सचेत रहना, चितानुपश्यना यानी चित्त के राग-द्वेष को पहचानना और धर्मानुपश्यना यानी शरीर, मन और वचन की चेष्टा को समझना।
सम्यक समाधि: अर्थात् निर्वाण प्राप्ति के लिए ध्यान और चेतना का मार्ग चुनना चाहिए।
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बोधि दिवस बौद्ध धर्म का बड़ा त्योहार है, जिसका बहुत अधिक महत्व है। यह पर्व हर साल 08 दिसंबर को मनाया जाता है। माना जाता है कि बोधि दिवस के दिन भगवान बुद्ध ने बोधगया में 593 ईसा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया था। बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग इस दिन धर्म के बारे में अध्ययन करते हैं और ज्ञान अर्जित करते हैं तथा गौतम बुद्ध के दिखाए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं। इस दिन केक बनाने की परंपरा है।
महायान नववर्ष के दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। भगवान बुद्ध पर विश्वास करने वाले लोग इस दिन गौतम बुद्ध की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराते हैं और विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं, मंदिर जाते हैं और धार्मिक गीत गाते हैं। कुछ लोग इस दिन मोमबत्ती जलाते हैं और अच्छे जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। बहुत से लोग इस दिन ध्यान और आत्मनिरीक्षण भी करते हैं। महायान नववर्ष को अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन पर मनाते हैं। जैसे कुछ लोग 31 दिसंबर को मनाते हैं, तो वही कुछ लोग इस पर्व को 1 जनवरी को मनाते हैं। इसके अलावा, बहुत से देशों में यह त्योहार साल की पहली पूर्णिमा के दिन मनाते हैं।
बौद्ध त्योहार 2025 के अनुसार, चीनी नववर्ष इस साल 29 दिसंबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन परंपरागत चंद्र और चीनी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की सफाई करते हैं और फिर स्नान आदि करने के बाद बौद्ध मंदिर जाते हैं और वहां अपने परिवार व खुद के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन घर पर मिठाई बनाने की परंपरा है और लोग एक-दूसरे को उपहार भी देते हैं।
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निर्वाण दिवस को परिनिर्वाण दिवस भी कहा जाता है। यह दिन भगवान बुद्ध मृत्यु की याद दिलाता है। यह दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन लोग बौद्ध मंदिरों में जाते हैं और सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। साथ ही, गरीब व जरूरतमंदों को लोग इस दिन अन्न, वस्त्र और अन्य जरूरी वस्तुएं दान में देते हैं।
बहुत सी जगहों पर इसे संघ दिवस या चतुर्भुज सभा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पूजा करते हैं और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। साथ ही, भगवान बुद्ध को अधिक जानने के लिए और ध्यान व तपस्या करते हैं। इसके अलावा, इस दिन घरों के आगे लोग तेल के दीए जलाते हैं।
इस वर्ष यह त्योहार 12 मई 2025 मनाया जाएगा। बहुत सी जगहों पर इससे वेसाक या बुद्ध दिवस भी कहते हैं। यह दिन को बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले लोग भगवान बुद्ध के जन्म के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन वैशाख महीने के पहले दिन पर मनाया जाता है। ऐसे में हर साल यह तारीख बदलती है। हालांकि अक्सर यह मई अंत या जून की शुरुआत में ही मनाया जाता है।
थेरवाद नव वर्ष इस साल 13 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन बौद्ध धर्म में पवित्र दिनों में से एक है जो अप्रैल महीने की पहली पूर्णिमा के दिन शुरू होता है। यह पर्व 3 दिनों तक बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग तरह-तरह के पकवान बनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ मिलकर खाते हैं।
ओबोन पर्व हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता। यह मूल रूप से जापानी बौद्ध समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह पूर्वजों की आत्माओं के सम्मान में मनाया जाता है। अनुयायी उनकी कब्रों पर जाते हैं, उन्हें साफ करते हैं और फूल और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं। यह पर्व 3 दिनों तक मनाया जाता है।
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इस साल निर्वाण दिवस 15 फरवरी 2025, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
बौद्ध त्योहार 2025 के अनुसार, वर्ष 2025 में बुद्ध पूर्णिमा 12 मई 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।
हर साल की तरह 2025 में भी बोधि दिवस 08 दिसंबर के दिन है।
साल 2025 में माघ पूजा दिवस को 13 फरवरी 2025, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।