अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 (Annaprashan Muhurat 2025)

Author: आयुषी चतुर्वेदी | Updated Mon, 15 Jul 2024 01:34 PM IST

अन्नाशनान्यातृगर्भे मलाशालि शद्धयति

अर्थात माता के गर्भ में रहते हुए बच्चे में मलिन भोजन के जो दोष आते हैं उनका नाश हो जाता है।


सनातन धर्म में नवजात शिशु से संबंधित कुल 16 संस्कारों का जिक्र किया गया है। इनमें से एक होता है अन्नप्राशन संस्कार जो सातवें नंबर पर आता है। दरअसल जन्म के बाद से लेकर अगले 6 महीने तक बच्चा पूरी तरह से अपनी मां के दूध पर ही निर्भर करता है। इसके बाद जब शिशु पहली बार खाना खाता है तो इसे पारंपरिक विधि के साथ संपन्न किया जाता है और इसे ही अन्नप्राशन संस्कार कहते हैं।

अपने इस अन्नप्राशन मुहूर्त के विशेष लेख में हम आपको साल 2025 में पड़ने वाली सभी शुभ तिथियों की जानकारी प्रदान करेंगे। ऐसे में इस दौरान अगर आप अपनी संतान या अगर आपके घर में कोई नया जन्म हुआ है तो अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 के अनुसार उसका ये संस्कार संपन्न कर सकते हैं।

Read in English: Annaprashana Muhurat 2025

अन्नप्राशन मुहूर्त 2025: जानें महत्व और विधि

अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 जानने से पहले हम जान लेते हैं कि आखिर अन्नप्राशन संस्कार का क्या महत्व होता है? दरअसल भागवत गीता के अनुसार कहा जाता है कि, अन्न से न केवल व्यक्ति के शरीर का पोषण होता है बल्कि उसके मन, बुद्धि, तेज और आत्मा का भी पोषण होता है। अन्न ही प्राणियों का प्राण या उनके जीवन का आधार होता है। इसके अलावा शास्त्रों में भी कहा गया है कि शुद्ध आहार लेने से व्यक्ति का तन और मन शुद्ध होते हैं और शरीर में तत्व गुणों की वृद्धि होती है। यही वजह है कि सनातन धर्म में अन्नप्राशन संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अन्नप्राशन संस्कार के जरिए बच्चों के शुद्ध, सात्विक और पौष्टिक अन्न ग्रहण की शुरुआत की जाती है जिसका सकारात्मक प्रभाव उनके विचारों और भावनाओं में भी नजर आता है।

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अन्नप्राशन संस्कार कब करें?

अब सवाल उठता है कि अन्नप्राशन संस्कार कब किया जाता है। इसके लिए आप विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श लेकर अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि अगर शास्त्रों के अनुसार बात करें तो जब भी बच्चा छठे या सातवें महीने का हो जाए तब उसका अन्नप्राशन संस्कार करना सबसे ज्यादा अनुकूल होता है क्योंकि अमूमन बच्चों में इस समय तक दांत आ चुके होते हैं और अब वह हल्का भोजन पचाने में सक्षम रहते हैं।

अन्नप्राशन संस्कार की सही विधि

कोई भी संस्कार, पूजा पाठ या व्रत तभी फलित होता है जब उसे सही विधि के साथ पूरा किया जाए। ऐसे में बात करें अन्नप्राशन संस्कार की सबसे सही और सटीक विधि की तो,

अन्नप्राशन संस्कार नियम

अन्नप्राशन एक संस्कृत शब्द है जिसका सामान्य भाषा में अर्थ होता है अन्न का सेवन आरंभ करना। अन्नप्राशन संस्कार के बाद से बच्चा मां के दूध और गाय के दूध के साथ-साथ अन्न, चावल और अन्य खाद्य पदार्थ भी खा सकता है। बात करें समय की तो शास्त्रों के अनुसार बालकों के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 सम महीनों में देखा जाता है अर्थात जब भी बालक शिशु 6, 8, 10, या 12 महीने का हो तब अन्नप्राशन संस्कार कर सकते हैं।

वहीं इसके विपरीत कन्याओं का अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 विषम महीनों में देखा जाता है अर्थात जब कन्या शिशु 5, 7, 9 या 11 महीने की हो जाए तब हम अन्नप्राशन कर सकते हैं। अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 की गणना करना भी बेहद आवश्यक होता है। शुभ मुहूर्त में ही जब शुभ काम किए जाते हैं तो इससे व्यक्ति के जीवन में अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

बहुत सी जगह पर अन्नप्राशन संस्कार के बाद एक बेहद ही अनोखी रस्म भी निभाई जाती है। इसमें बच्चों के सामने कलम, पुस्तक, सोने का सामान, भोजन और मिट्टी का एक बर्तन रख दिया जाता है। कहा जाता है बच्चा इनमें से जो चीज भी चुनता है उसी का प्रभाव उसके जीवन पर हमेशा देखने को मिलता है। जैसे अगर बच्चा सोना चुनता है तो इसका मतलब होता है कि उसके जीवन में अपार धन संपदा बनी रहेगी। अगर संतान कलम चुनता है तो इसका अर्थ है कि वह पढ़ाई लिखाई में तेज रहेगा। मिट्टी चुनता है तो उसके जीवन में खूब सारी संपत्ति रहने वाली है और अगर वह किताब चुनता है तो उसके जीवन में बहुत कुछ सीखने वाला होगा।

अन्नप्राशन संस्कार के लिए ज़रूरी सामग्री

अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 के अनुसार ये संस्कार को बिना किसी रूकावट और परेशानी के सही ढंग से संपन्न करने के लिए कुछ सामग्री का होना विशेष रूप से आवश्यक होता है जैसे यज्ञ पूजा की सामग्री, देव पूजन सामग्री, चांदी की कटोरी, चांदी का चम्मच, तुलसी दल और गंगाजल।

इसके अलावा इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि जिस भी बर्तन से संतान का अन्नप्राशन करवाया जाता है उस पात्र का शुद्ध होना बेहद जरूरी है क्योंकि किसी गलत या गंदे बर्तन से अगर यह संस्कार संपन्न किया जाए तो उसके शुभ परिणाम नहीं मिलते हैं। विशेष तौर पर अन्नप्राशन के लिए चांदी की चम्मच और कटोरी का उपयोग किया जाता है क्योंकि चांदी को शुद्धता का प्रतीक माना गया है इसलिए चांदी के पात्र में ही अन्नप्राशन संस्कार किया जाता है और अन्नप्राशन संस्कार से पहले पात्र का शुद्धिकरण किया जाता है।

पात्र को शुद्ध करने के लिए सबसे पहले चांदी की कटोरी पर चंदन या फिर रोली से स्वास्तिक बनाएं और फिर इस पर अक्षत और पुष्प अर्पित करें। साथ ही देवी देवताओं से प्रार्थना करें कि इन पात्रों में दिव्यता दें और इस मंत्र का उच्चारण करें।

ॐ हिरण्मयेन पात्रेण, सत्यस्यापिहितं मुखम |

तत्वं पूषन्नपावृणु, सत्यधर्माय दृष्टये ||

जीवन में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए प्रश्न पूछें

अन्नप्राशन मुहूर्त 2025

अन्नप्राशन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद लिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 की जानकारी।

जनवरी 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
1 जनवरी 2025

07:45-10:22

11:50-16:46

19:00-23:38

2 जनवरी 2025

07:45-10:18

11:46-16:42

18:56-23:34

6 जनवरी 2025

08:20-12:55

14:30-21:01

8 जनवरी 2025 16:18-18:33
13 जनवरी 2025 20:33-22:51
15 जनवरी 2025 07:46-12:20
30 जनवरी 2025 17:06-22:34
31 जनवरी 2025

07:41-09:52

11:17-17:02

19:23-23:56

फरवरी 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
7 फरवरी 2025

07:37-07:57

09:24-14:20

16:35-23:29

10 फरवरी 2025

07:38-09:13

10:38-18:43

17 फरवरी 2025

08:45-13:41

15:55-22:49

26 फरवरी 2025 08:10-13:05
मार्च 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
3 मार्च 2025 21:54-24:10
6 मार्च 2025 07:38-12:34
24 मार्च 2025

06:51-09:28

13:38-18:15

27 मार्च 2025

07:41-13:26

15:46-22:39

31 मार्च 2025

07:25-09:00

10:56-15:31

अप्रैल 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
2 अप्रैल 2025 13:02-19:56
10 अप्रैल 2025

14:51-17:09

19:25-25:30

14 अप्रैल 2025

10:01-12:15

14:36-21:29

25 अप्रैल 2025 16:10-22:39
30 अप्रैल 2025

07:02-08:58

11:12-15:50

मई 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
1 मई 2025 13:29-15:46
9 मई 2025 19:50-22:09
14 मई 2025 07:03-12:38
19 मई 2025 19:11-23:34
28 मई 2025

09:22-18:36

20:54-22:58

जून 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
5 जून 2025

08:51-15:45

18:04-22:27

16 जून 2025 08:08-17:21
20 जून 2025 12:29-19:24
23 जून 2025 16:53-22:39
26 जून 2025

14:22-16:42

19:00-22:46

27 जून 2025

07:24-09:45

12:02-18:56

21:00-22:43

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जुलाई 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
2 जुलाई 2025 07:05-13:59
4 जुलाई 2025 18:29-22:15
17 जुलाई 2025 10:43-17:38
31 जुलाई 2025

07:31-14:24

16:43-21:56

अगस्त 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
4 अगस्त 2025 09:33-11:49
11 अगस्त 2025 06:48-13:41
13 अगस्त 2025

08:57-15:52

17:56-22:30

20 अगस्त 2025 15:24-22:03
21 अगस्त 2025 08:26-15:20
25 अगस्त 2025

06:26-08:10

12:46-18:51

20:18-23:18

27 अगस्त 2025

17:00-18:43

21:35-23:10

28 अगस्त 2025

06:28-12:34

14:53-18:39

सितंबर 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
5 सितंबर 2025

07:27-09:43

12:03-18:07

19:35-22:35

24 सितंबर 2025

06:41-10:48

13:06-18:20

19:45-23:16

अक्टूबर 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
1 अक्टूबर 2025 20:53-22:48
2 अक्टूबर 2025

07:42-07:57

10:16-16:21

17:49-20:49

8 अक्टूबर 2025

07:33-14:15

15:58-20:25

10 अक्टूबर 2025 20:17-22:13
22 अक्टूबर 2025 21:26-23:40
24 अक्टूबर 2025

07:10-11:08

13:12-17:47

19:22-23:33

29 अक्टूबर 2025 08:30-10:49
31 अक्टूबर 2025

10:41-15:55

17:20-22:14

नवंबर 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तारीख समय
3 नवंबर 2025

07:06-10:29

12:33-17:08

18:43-22:53

7 नवंबर 2025

07:55-14:00

15:27-20:23

17 नवंबर 2025

07:16-13:20

14:48-21:58

27 नवंबर 2025

07:24-12:41

14:08-21:19

दिसंबर 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
4 दिसंबर 2025 20:51-23:12
8 दिसंबर 2025 18:21-22:56
17 दिसंबर 2025 17:46-22:21
22 दिसंबर 2025

07:41-09:20

12:30-17:26

19:41-24:05

24 दिसंबर 2025

13:47-17:18

19:33-24:06

25 दिसंबर 2025

07:43-12:18

13:43-15:19

29 दिसंबर 2025

12:03-15:03

16:58-23:51

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अन्नप्राशन संस्कार और शास्त्र

गीता के अनुसार कहा जाता है कि, 'अन्न ही प्राणियों के जीवन का आधार होता है। अन्न से ही व्यक्ति का मन बनता है। केवल मन ही नहीं बल्कि अन्न से व्यक्ति की बुद्धि, तेज और आत्मा का भी पोषण होता है। शास्त्रों में उल्लेखित है कि अन्न से व्यक्ति के शरीर में शुद्धता और सत्व गुण की वृद्धि होती है।'

महाभारत के अनुसार कहा जाता है कि, जब भीष्म पितामह बाणों की शैय्या पर लेटे थे तो वह पांडवों को उपदेश दे रहे थे जिससे द्रौपदी को हंसी आ गई। द्रोपदी के इस व्यवहार से भीष्म पितामह को बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने द्रौपदी से पूछा कि तुम हंस क्यों रही हो? तब द्रौपदी ने विनम्रता पूर्वक उनसे कहा कि आपके ज्ञान में धर्म का मर्म छुपा है। पितामह आप हमें कितनी अच्छी-अच्छी ज्ञान की बातें बता रहे हैं। यह सुनकर मुझे कौरवों की उसे सभा की याद आ गई जहां पर मेरा वस्त्र हरण किया जा रहे थे। मैं चीख चीखकर न्याय की भीख मांग रही थी लेकिन आप सब वहां थे फिर भी मौन रहकर उन अधर्मियों को बल दे रहे थे। आप जैसे धर्मात्मा उस समय क्यों चुप थे? दुर्योधन को क्यों नहीं समझाया और यही सोचकर मुझे हंसी आ गई।

तब भीष्म पितामह गंभीर होकर जवाब देते हैं कि, 'बेटी उस समय मैं दुर्योधन का अन्न खाता था। उसी से मेरा रक्त बनता था। जिस तरह का स्वभाव दुर्योधन का था वही असर उसके दिए अन्न खाने से मेरे मन और बुद्धि पर पड़ रहा था लेकिन जब अर्जुन के बाणों ने मेरे पाप के अन्न से बने रक्त को मेरे तन से बाहर निकाल दिया तो मेरी भावनाएं शुद्ध हो गई और इसीलिए अब मुझे धर्म की ज्यादा समझ हो रही है और मैं वही कर रहा हूं जो धर्म के अनुसार अनुकूल है।'

निष्कर्ष: अन्नप्राशन संस्कार एक बेहद ही महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो आपको अपने शिशु का अवश्य करना चाहिए। इसके लिए आप किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेकर अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 निकलवा सकते हैं। इससे आपका शिशु अच्छे व्यक्तित्व वाला, बलवान और अच्छा इंसान बनता है। इसके लिए बेहद आवश्यक है कि अन्नप्राशन संस्कार आप पूरे विधि विधान से ही करवाएँ।

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हम उम्मीद करते हैं अन्नप्राशन मुहूर्त पर विशेष हमारा यह खास लेख आपके लिए सहायक साबित हुआ होगा और आपको इससे उपयुक्त जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर ऐसा है तो इस लेख को अपने शुभचिंतकों, दोस्तों आदि के साथ शेयर करना ना भूलें। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1: अन्नप्राशन संस्कार में क्या होता है?

इस संस्कार के अंतर्गत शिशु को पहली बार दूध के अलावा ठोस आहार दिया जाता है।

2: 2025 में अन्नप्राशन कर सकते हैं?

हाँ, वर्ष 2025 में अन्नप्राशन संस्कार के कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं।

3: शिशु का अन्नप्राशन कब करें?

बालकों का अन्नप्राशन 6, 8, 10, या 12 महीने और कन्याओं का 5, 7, 9 या 11 महीने की आयु में किया जाता है।

4: क्या जुलाई 2025 में अन्नप्राशन संस्कार का शुभ मुहूर्त है?

2025 के जुलाई माह में अन्नप्राशन के लिए चार मुहूर्त उपलब्ध हैं।

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