सार्वजनिक अवकाश 2024

लेखक: रूचि शर्मा | Updated Fri, 18 Nov 2022 11:15 AM IST

सार्वजनिक अवकाश 2024 के माध्यम से हम आपको वर्ष 2024 में पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाश की जानकारी प्रदान करेंगे। एस्ट्रोसेज द्वारा यह विशेष लेख प्रत्येक राज्य व शहर में पड़ने वाले अवकाश को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है जिसकी मदद से आप साल 2024 में आने वाली छुट्टियों की योजना बनाकर अपने घर-परिवार और दोस्तों के साथ कुछ सुखद पल एवं सुकून भरे लम्हे बिता सकें। तो आइये बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की।


Read in English: Public Holidays 2024

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2025 के सार्वजनिक अवकाश को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: सार्वजनिक अवकाश 2025

सार्वजनिक अवकाश 2024 सूची

सार्वजनिक अवकाश 2024 : जनवरी

दिन

तारीख़

अवकाश

सोमवार

1 जनवरी

नव वर्ष

रविवार

14 जनवरी

लोहड़ी

सोमवार

15 जनवरी

मकर संक्रांति/पोंगल

बुधवार

17 जनवरी

गुरु गोविंद सिंह जयंती

गुरुवार

25 जनवरी

हजरत अली जयंती

शुक्रवार

26 जनवरी

गणतंत्र दिवस

सार्वजनिक अवकाश 2024 : फरवरी

दिन

तारीख़

अवकाश

शनिवार

10 फरवरी

चंद्र नववर्ष

बुधवार

14 फरवरी

वसंत पंचमी/ वेलेंटाइन्स डे

सोमवार

19 फरवरी

शिवाजी जयंती

शनिवार

24 फरवरी

गुरु रविदास जयंती

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सार्वजनिक अवकाश 2024 : मार्च

दिन

तारीख़

अवकाश

मंगलवार

5 मार्च

महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती

शुक्रवार

8 मार्च

महा शिवरात्रि/शिवरात्रि

सोमवार

11 मार्च

रमजान

रविवार

24 मार्च

होलिका दहन

सोमवार

25 मार्च

होली/डोल्यात्रा

शुक्रवार

29 मार्च

गुड फ्राइडे

रविवार

31 मार्च

ईस्टर डे

सार्वजनिक अवकाश 2024 : अप्रैल 

दिन

तारीख़

अवकाश

शुक्रवार

5 अप्रैल

जमात-उल-विदा

मंगलवार

9 अप्रैल

चैत्र नवरात्रि/उगड़ी/गुड़ी पड़वा

गुरुवार

11 अप्रैल

रमजान ईद/ईद-उल-फितर

शनिवार

13 अप्रैल

बैसाखी

रविवार

14 अप्रैल

अम्बेडकर जयंती

बुधवार

17 अप्रैल

रामनवमी

रविवार

21 अप्रैल

महावीर जयंती

सार्वजनिक अवकाश 2024 : मई 

दिन

तारीख़

अवकाश

बुधवार 

1 मई

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस

बुधवार

8 मई

रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती

रविवार

12 मई

मदर्स डे

गुरुवार

23 मई

बुद्ध पूर्णिमा

सार्वजनिक अवकाश 2024 : जून 

दिन

तारीख़

अवकाश

रविवार

16 जून

फादर्स डे

सोमवार 

17 जून

बकरीद/ईद उल-अज़हा

शुक्रवार

21 जून

जून संक्रांति

सार्वजनिक अवकाश 2024 : जुलाई 

दिन

तारीख़

अवकाश

रविवार

7 जुलाई

रथ यात्रा

बुधवार

17 जुलाई

मुहर्रम/आशूरा

रविवार

21 जुलाई

गुरु पूर्णिमा

सार्वजनिक अवकाश 2024 : अगस्त 

दिन

तारीख़

अवकाश

रविवार

4 अगस्त

मित्रता दिवस

गुरुवार 

15 अगस्त

स्वतंत्रता दिवस

सोमवार

19 अगस्त

रक्षा बंधन (राखी)

सोमवार

26 अगस्त

जन्माष्टमी

सार्वजनिक अवकाश 2024 : सितंबर

दिन

तारीख़

अवकाश

शनिवार

7 सितंबर

गणेश चतुर्थी/विनायक चतुर्थी

रविवार

15 सितंबर 

ओणम

सोमवार

16 सितंबर

मिलाद उन-नबी/ईद-ए-मिलाद

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सार्वजनिक अवकाश 2024 : अक्टूबर 

दिन

तारीख़

अवकाश

बुधवार

2 अक्टूबर

महात्मा गांधी जयंती

गुरुवार

3 अक्टूबर

शरद नवरात्रि का पहला दिन

बुधवार

9 अक्टूबर

दुर्गा पूजा उत्सव का पहला दिन

गुरुवार

10 अक्टूबर

महा सप्तमी

शुक्रवार

11 अक्टूबर

महा अष्टमी

शनिवार

12 अक्टूबर

महा नवमी/दशहरा

गुरुवार

17 अक्टूबर

महर्षि वाल्मीकि जयंती

रविवार

20 अक्टूबर

करवा चौथ

गुरुवार

31 अक्टूबर

हेलोवीन/नरक चतुर्थी

सार्वजनिक अवकाश 2024 : नवंबर 

दिन

तारीख़

अवकाश

शुक्रवार

1 नवंबर

दीपावली

शनिवार

2 नवंबर

गोवर्धन पूजा

रविवार

3 नवंबर

भाई दूज

गुरुवार

7 नवंबर

छठ पूजा (प्रतिहार षष्ठी/सूर्य षष्ठी)

शुक्रवार

15 नवंबर

गुरु नानक जयंती

रविवार

24 नवंबर

गुरु तेग बहादुर की शहादत दिवस

सार्वजनिक अवकाश 2024 : दिसंबर 

दिन

तारीख़

अवकाश

मंगलवार

24 दिसंबर

क्रिसमस की पूर्व संध्या 

बुधवार

25 दिसंबर

क्रिसमस

मंगलवार

31 दिसंबर

नव वर्ष की पूर्व संध्या

नोट: इन तिथियों की जांच करते रहें क्योंकि जैसे ही कोई भी औपचारिक परिवर्तन होता है तो इस सूची में बदलाव किया जा सकता है।

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सार्वजनिक अवकाश 2024: भारत में अवकाश के प्रकार

भारत में अवकाश के प्रकार कुछ इस प्रकार है:

राष्ट्रीय अवकाश

भारत के सभी राज्य और क्षेत्र राष्ट्रीय अवकाश मनाते हैं। इन अवकाश का सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बड़ा राजनीतिक महत्व है। भारत में तीन मुख्य राष्ट्रीय अवकाश मनाए जाते हैं। इस दिन सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिस बंद रहते हैं।

बता दें कि गणतंत्र दिवस 1950 में भारत संविधान को अपनाने का प्रतीक है। स्वतंत्रता दिवस ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति पाने और भारत की स्वतंत्रता के जश्न के रूप में मनाया जाता है। जबकि गांधी जयंती मोहनदास करमचंद गांधी के जन्म के रूप में हर साल मनाया जाता है।

अखिल भारतीय सार्वजनिक अवकाश 

भारत में 14 सार्वजनिक अवकाश पड़ते हैं और इसके तहत साल में 14 दिन सभी सरकारी बैंक और कार्यालय बंद रहते हैं। इन 14 सार्वजनिक अवकाशों में तीन राज्य स्तर पर तय किए जाते हैं और बाकि 11 राष्ट्रीय स्तर पर तय होते हैं। इन छुट्टियों में भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख धर्मों के त्योहार शामिल हैं। अधिकांश चंद्रमा पंचांग पर आधारित हैं, जो हर साल अलग-अलग तारीखों पर पड़ते हैं। इन अवकाशों का उल्लेख नीचे किया गया है।

महावीर जयंती: महावीर जयंती हर साल मार्च या अप्रैल के महीने में पड़ती है। यह जैन समुदाय का विशेष पर्व होता है। इस दिन को भगवान महावीर स्वामी के जन्म के रूप में जैन समुदायों द्वारा मनाया जाता है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे।

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ईद-उल-फितर: रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख़ को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज़ पढ़ते हैं और शांति और सुख-समृद्धि के लिए भी दुआएं मांगते हैं। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ।

गुड फ्राइडे: ईसाई धर्म के लोगगुड फ्राइडे ईसा मसीह के बलिदान रूप में मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह मानव कल्याण के लिए सूली पर चढ़े थे और इसलिए ईसाई धर्म में इस दिन को पवित्र माना गया है।

बुद्ध पूर्णिमा: बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन को गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। हिन्दू माह के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा प्रतिवर्ष बैशाख माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी बौद्ध मंदिरों में अपना समय व्यतीत करते हैं।

मुहर्रम: इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कुर्बानी की याद में ही मुहर्रम मनाया जाता है। मुहर्रम शिया और सुन्नी दोनों समुदाय के लोग मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम साल का पहला महीना है, जिसे सबसे पवित्र और बेहद गम से भरा होता है।

ईद-उल जुहा: ईद-उल-जुहा जिसे कुर्बानी ईद के नाम से भी जाना जाता है। ये रमज़ान या ईद उल फितर या मीठी ईद के 70दिनों के बाद मनाई जाती है। ईद की तारीख चाँद दिखाने के बाद तय की जाती है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुस्लिम समुदाय का यह सबसे प्रमुख पर्व है। ईद उल जुहा के दिन बकरा, भेड़ या ऊट इनमें से किसी की भी कुर्बानी देनी पड़ती है।

महा शिवरात्रि: महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक पर्व है। ये पावन पर्व हर साल फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन शिव भक्त मंदिरों में जातक भगवान शिव का अभिषेक करते हैं और व्रत रखते हैं। वैसे तो भगवान शिव की पूजा करने के लिए हर दिन शुभ माना जाता लेकिन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का अपना विशेष महत्व है।

होली: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है। यह तिथि हर साल मार्च के महीने में आती है। होली के मौके पर रंगों की धूम होती है। पूरे भारत में लोग होलिका दहन के अगले दिन होली खेलते हैं और एक दूसरे से गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है।

राम नवमी: चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। यह पावन पर्व भगवान राम के जन्मदिन को मनाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन हिंदू समुदाय के लोग विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं और उपवास रखते हैं व भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी: भारत में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। हिन्दू पांचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा रात 12 बजे की जाती है। माना जाता है कि इस समय भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था।

दशहरा: दशहरा एक प्रमुख धार्मिक और साथ ही सार्वजनिक अवकाश है। इसे विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। दशहरे का पर्व असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने रावण का अंत करके लंका पर विजय प्राप्त की थी और साथ ही, मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी किया था। हिंदू पंचांग के अनुसार दशहरा प्रतिवर्ष आश्विन माह के शुक्‍ल पक्ष की दशमी तिथि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

दिवाली: दीपों का उत्सव यानी दीपावली या दिवाली अधर्म पर धर्म के विजय के उल्लास में मनाई जाती है। इस दिन को 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता के साथ भगवान राम की वापसी का जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मोमबत्तियाँ और दीये से हर एक कोना जगमगा जाता है। इस दिन भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह में अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

गुरु नानक जयंती: हर साल कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि को सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है। बता दें कि गुरु नानक सिखों के पहले गुरु थे और भारत में सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।

क्रिसमस: प्रभु ईसा मसीह के जन्म की खुशी में ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस डे मनाते हैं। यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र त्योहार माना जाता है। यह पर्व हर साल 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है। लोग महीनों पहले से क्रिमसम पार्टी की तैयारी में जुट जाते हैं और अपने दोस्तों व परिवार के साथ चर्च की विशेष सेवाओं में शामिल होने के लिए चर्च जाते हैं। शाम को, जश्न मनाते हैं।

राज्य स्तरीय सार्वजनिक अवकाश

भारत के सभी 28 राज्यों में कुछ राज्यों में 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। वहीं पारसी नववर्ष में महाराष्ट्र में छुट्टी मनाई जाती है। पंजाब में सिख धर्म से संबंधित त्योहारों में छुट्टियां होती हैं। वहीं तमिलनाडु में साल में 24 सार्वजनिक अवकाशपड़ते हैं।

तदर्थ अवकाश

तदर्थ अवकाश की श्रेणी में वे अवकाश आते हैं जो किसी सम्मानित राष्ट्रीय हस्ती के गुजरने या चुनाव के दिन पड़ने वाले अवकाश होते हैं। इसके अलावा हड़ताल, भारत बंद जैसी छुट्टियां भी इसमें शामिल होती हैं।

प्रतिबंधित अवकाश

प्रतिबंधित अवकाश का अर्थ है एक अवकाश जो वैकल्पिक है। इस अवकाश के अंतर्गत वे छुट्टियां आती है जिनके लिए कर्मचारियों के पास छुट्टी लेने या न लेने का विकल्प होता है। उदाहरण के लिए यदि कोई कंपनी ईद के लिए छुट्टियां प्रदान नहीं करती है। ऐसे में उनका एक कर्मचारी मुस्लिम है और उसे ईद पर छुट्टी लेनी है। ऐसी परिस्थितियों में, कर्मचारी प्रतिबंधित अवकाश के लिए आवेदन कर सकता है।

अनिवार्य अवकाश

अनिवार्य अवकाश को राजपत्रित अवकाश भी कहा जाता है, जिन्हें लेना ही होता है। यदि एक बार यह छुट्टी तय की जाती है तो यह अनिवार्य रूप से लागू भी की जाती है। 

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इसी आशा के साथ कि आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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