जैन त्योहार 2024 के माध्यम से आपको वर्ष 2024 में आने वाले जैन धर्म के प्रमुख पर्वों एवं त्योहारों की जानकारी प्राप्त होगी। एस्ट्रोसेज द्वारा यह विशेष लेख जैन धर्म को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है जिसकी मदद से आप साल 2024 में आने वाली छुट्टियों की योजना बनाकर अपने घर-परिवार और दोस्तों के साथ कुछ सुखद पल एवं सुकून भरे लम्हे बिता सकें। तो आइये बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और सबसे पहले जानते हैं जैन धर्म के बारे में।
Read in English: Jain Calendar 2024
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
2025 के जैन त्योहार को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: जैन त्योहार 2025
भारत को विविधताओं वाला देश कहा जाता है जहां हमें कई तरह के धर्म और संस्कृतियां देखने को मिलती हैं और इन्हीं में से एक हैं जैन धर्म जिसकी गिनती सबसे प्राचीन धर्मों में होती हैं। जैन धर्म को “श्रमणों का धर्म“ भी कहा जाता जाता है और इसके संस्थापक ऋषभ देव को माना गया है। यह जैनियों के 24 तीर्थंकर में से पहले तीर्थंकर हैं और इनका वर्णन वेदों में भी मिलता है। जैन धर्म को शांत धर्म माना जाता है जो आपको अहिंसा, आध्यात्मिक शुद्धता और आत्मज्ञान के मार्ग पर लेकर जाता है। जैन धर्म में पांच महाव्रतों का वर्णन मिलता है और वे इस प्रकार हैं- अहिंसा, यौन संयम, नम्रता, अनासक्ति और सत्य। इस धर्म के अनुयायियों द्वारा भगवान महावीर का पूजन किया जाता है और इन पांच महाव्रतों का ज्ञान महावीर जी ने ही संसार को दिया था जिसका पालन जैन धर्म के लोग बहुत ही आस्था के साथ करते हैं।
जैन धर्म में मुख्यतः दो संप्रदाय देखने को मिलते हैं जिन्हें दिगंबर और श्वेतांबर के नाम से जाना जाता है। ये दो समाज दो विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जैसे दिगंबर अर्थात जो दिशाओं को वस्त्र मानते हैं और श्वेतांबर सफ़ेद (श्वेत) वस्त्र पहनते हैं। यहाँ हमने आपको बताया जैन धर्म के महत्व और इतिहास के बारे में। अब आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं वर्ष 2024 में जैन धर्म के व्रतों एवं पर्वों की तिथियों पर।
अपने जीवन को कैसे बनाएं खास?विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बातकरके जानें जवाब
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
21 जनवरी 2024, रविवार |
रोहिणी व्रत |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
8 फरवरी 2024, बृहस्पतिवार |
मेरु त्रयोदशी |
18 फरवरी 2024, रविवार |
रोहिणी व्रत |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
16 मार्च 2024, शनिवार |
रोहिणी व्रत |
16 मार्च 2024, शनिवार |
फाल्गुन अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ |
24 मार्च 2024, रविवार |
फाल्गुन चौमासी चौदस |
25 मार्च 2024, सोमवार |
फाल्गुन अष्टाह्निका विधान पूर्ण |
शनि रिपोर्ट से जानें अपने जीवन पर शनि का प्रभाव और उपाय
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
02 अप्रैल 2024, मंगलवार |
वर्षी तप आरम्भ |
12 अप्रैल 2024, शुक्रवार |
रोहिणी व्रत |
15 अप्रैल 2024, सोमवार |
चैत्र नवपद ओली प्रारम्भ |
21 अप्रैल 2024, रविवार |
महावीर जयंती |
23 अप्रैल 2024, मंगलवार |
चैत्र नवपद ओली पूर्ण |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
10 मई 2024, शुक्रवार |
रोहिणी व्रत |
10 मई 2024, शुक्रवार |
वर्षी तप पारणा |
18 मई 2024, शनिवार |
महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
6 जून 2024, बृहस्पतिवार |
रोहिणी व्रत |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
3 जुलाई 2024, बुधवार |
रोहिणी व्रत |
13 जुलाई 2024, शनिवार |
आषाढ़ अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ |
20 जुलाई 2024, शनिवार |
आषाढ़ चौमासी चौदस |
21 जुलाई 2024, रविवार |
आषाढ़ अष्टाह्निका विधान पूर्ण |
31 जुलाई 2024, बुधवार |
रोहिणी व्रत |
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्तजन्म कुंडली प्राप्त करें
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
27 अगस्त 2024, मंगलवार |
रोहिणी व्रत |
31 अगस्त 2024, शनिवार |
पर्युषण पर्व आरंभ |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
08 सितंबर 2024, रविवार |
संवत्सरी पर्व |
23 सितंबर 2024, सोमवार |
रोहिणी व्रत |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
10 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार |
आश्विन नवपद ओली प्रारम्भ |
17 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार |
आश्विन नवपद ओली पूर्ण |
21 अक्टूबर 2024, सोमवार |
रोहिणी व्रत |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
01 नवंबर 2024, शुक्रवार |
लक्ष्मी पूजा |
02 नवंबर 2024, शनिवार |
गुजराती नया साल |
06 नवंबर 2024, बुधवार |
लाभ पञ्चमी |
08 नवंबर 2024, शुक्रवार |
कार्तिक अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ |
14 नवंबर 2024, बृहस्पतिवार |
कार्तिक चौमासी चौदस |
15 नवंबर 2024, शुक्रवार |
कार्तिक अष्टाह्निका विधान पूर्ण |
15 नवंबर 2024, शुक्रवार |
कार्तिक रथ यात्रा |
17 नवंबर 2024, रविवार |
रोहिणी व्रत |
तिथि |
व्रत एवं पर्व |
14 दिसंबर 2024, शनिवार |
रोहिणी व्रत |
आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट
रोहिणी व्रत: जैन धर्म में रोहिणी व्रत को हर महीने किया जाता है और इस व्रत को करने से व्रती को अच्छा स्वास्थ्य, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्रत आर्थिक समस्याओं को दूर करने में भी प्रभावी साबित होता है।
मेरु त्रयोदशी: मेरु त्रयोदशी को जैन धर्म का एक प्रमुख त्योहार माना गया है जो कि पिंगल कुमार की याद में मनाया जाता है। जैन कैलेंडर के अनुसार, मेरु त्रयोदशी हर साल पौष माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है।
संवत्सरी पर्व: जैन धर्म केश्वेतांबर और दिगंबर समाज के त्योहारों को भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है। श्वेतांबर में आस्था रखने वालों का पर्युषण पर्व आठ दिनों तक चलता है जबकि दिगंबर समाज के लोग इस पर्व को 10 दिन तक मनाते हैं जो कि “दसलक्षण पर्व” कहलाता है। श्वेतांबर समाज के लोगों द्वारा पर्युषण पर्व के अंतिम दिन “संवत्सरी पर्व” मनाया जाता है।
महावीर जयंती: महावीर जयंती जैन धर्म के सबसे बड़े पर्वों में से हैं जिसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को समर्पित है क्योंकि इस दिन महावीर जी का जन्म हुआ था। जैन कैलेंडर और हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान महावीर का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था।
लक्ष्मी पूजा: जैन धर्म में लक्ष्मी पूजा को उस दिन या तिथि पर करने का विधान है जब भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इस पावन अवसर पर भगवान महावीर की पूजा-अर्चना बेहद आस्था एवं भक्ति से की जाती है। साथ ही, लोग पुराने लेन-देन को समाप्त करके नए कार्यों का आरंभ करते हैं।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें:एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
इसी आशा के साथ कि आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।