एस्ट्रोसेज के इस हिन्दू त्योहार 2024 के लेख में हम आपको वर्ष 2024 में आने वाले प्रमुख हिन्दू अवकाशों और त्योहारों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। हिन्दू धर्म में सभी व्रत-त्योहार बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। हर त्योहार का अपना एक अलग महत्व होता है। ऐसे में हम आपको साल 2024 में आने वाले सभी हिन्दू त्योहारों की तिथियों की सही जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप अपनी छुट्टियों व त्योहारों की पहले से तैयारी करके रख लें। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन प्रमुख हिन्दू त्योहारों के बारे में जो हिन्दू त्योहार 2024 की सूची में शामिल हैं।
Read in English: Hindu Holidays 2024
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2025 के हिन्दू त्योहार को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: हिन्दू त्योहार 2025
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
7 जनवरी, रविवार |
सफला एकादशी |
9 जनवरी, मंगलवार |
मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
11 जनवरी, गुरुवार |
पौष अमावस्या |
15 जनवरी, सोमवार |
पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति |
21 जनवरी, रविवार |
पौष पुत्रदा एकादशी |
23 जनवरी, मंगलवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
25 जनवरी, गुरुवार |
पौष पूर्णिमा व्रत |
29 जनवरी, सोमवार |
संकष्टी चतुर्थी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
6 फरवरी, मंगलवार |
षटतिला एकादशी |
7 फरवरी, बुधवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
8 फरवरी, गुरुवार |
मासिक शिवरात्रि |
9 फरवरी, शुक्रवार |
माघ अमावस्या |
13 फरवरी, मंगलवार |
कुंभ संक्रांति |
14 फरवरी, बुधवार |
बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा |
20 फरवरी, मंगलवार |
जया एकादशी |
21 फरवरी, बुधवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
24 फरवरी, शनिवार |
माघ पूर्णिमा व्रत |
28 फरवरी, बुधवार |
संकष्टी चतुर्थी |
शनि रिपोर्ट से जानें अपने जीवन पर शनि का प्रभाव और उपाय
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
6 मार्च, बुधवार |
विजया एकादशी |
8 मार्च, शुक्रवार |
महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि |
10 मार्च, रविवार |
फाल्गुन अमावस्या |
14 मार्च, गुरुवार |
मीन संक्रांति |
20 मार्च, बुधवार |
आमलकी एकादशी |
22 मार्च, शुक्रवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
24 मार्च, रविवार |
होलिका दहन |
25 मार्च, सोमवार |
होली, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत |
28 मार्च, गुरुवार |
संकष्टी चतुर्थी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
5 अप्रैल, शुक्रवार |
पापमोचिनी एकादशी |
6 अप्रैल, शनिवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
7 अप्रैल, रविवार |
मासिक शिवरात्रि |
8 अप्रैल, सोमवार |
चैत्र अमावस्या |
9 अप्रैल, मंगलवार |
चैत्र नवरात्रि, उगाडी, घटस्थापना, गुड़ी पड़वा |
10 अप्रैल, बुधवार |
चेटी चंड |
13 अप्रैल, शनिवार |
मेष संक्रांति |
17 अप्रैल, बुधवार |
रामनवमी |
19 अप्रैल, शुक्रवार |
कामदा एकादशी |
21 अप्रैल, रविवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
23 अप्रैल, मंगलवार |
हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत |
27 अप्रैल, शनिवार |
संकष्टी चतुर्थी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
4 मई, शनिवार |
वरुथिनी एकादशी |
5 मई, रविवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
6 मई, सोमवार |
मासिक शिवरात्रि |
8 मई, बुधवार |
वैशाख अमावस्या |
10 मई, शुक्रवार |
अक्षय तृतीया |
14 मई, मंगलवार |
वृषभ संक्रांति |
19 मई, रविवार |
मोहिनी एकादशी |
20 मई, सोमवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
23 मई, गुरुवार |
वैशाख पूर्णिमा व्रत |
26 मई, रविवार |
संकष्टी चतुर्थी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
2 जून, रविवार |
अपरा एकादशी |
4 जून, मंगलवार |
मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
6 जून, गुरुवार |
ज्येष्ठ अमावस्या |
15 जून, शनिवार |
मिथुन संक्रांति |
18 जून, मंगलवार |
निर्जला एकादशी |
19 जून, बुधवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
22 जून, शनिवार |
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत |
25 जून, मंगलवार |
संकष्टी चतुर्थी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
2 जुलाई, मंगलवार |
योगिनी एकादशी |
3 जुलाई, बुधवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
4 जुलाई, गुरुवार |
मासिक शिवरात्रि |
5 जुलाई, शुक्रवार |
आषाढ़ अमावस्या |
7 जुलाई, रविवार |
जगन्नाथ रथ यात्रा |
16 जुलाई, मंगलवार |
कर्क संक्रांति |
17 जुलाई, बुधवार |
देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी |
18 जुलाई, गुरुवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
21 जुलाई, रविवार |
गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत |
24 जुलाई, बुधवार |
संकष्टी चतुर्थी |
31 जुलाई, बुधवार |
कामिका एकादशी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
1 अगस्त, गुरुवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
2 अगस्त, शुक्रवार |
मासिक शिवरात्रि |
4 अगस्त, रविवार |
श्रावण अमावस्या |
7 अगस्त, बुधवार |
हरियाली तीज |
9 अगस्त, शुक्रवार |
नाग पंचमी |
16 अगस्त, शुक्रवार |
श्रावण पुत्रदा एकादशी, सिंह संक्रांति |
17 अगस्त, शनिवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
19 अगस्त, सोमवार |
रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत |
22 अगस्त, गुरुवार |
संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज |
26 अगस्त, सोमवार |
जन्माष्टमी |
29 अगस्त, गुरुवार |
अजा एकादशी |
31 अगस्त, शनिवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
1 सितंबर, रविवार |
मासिक शिवरात्रि |
2 सितंबर, सोमवार |
भाद्रपद अमावस्या |
6 सितंबर, शुक्रवार |
हरतालिका तीज |
7 सितंबर, शनिवार |
गणेश चतुर्थी |
14 सितंबर, शनिवार |
परिवर्तिनी एकादशी |
15 सितंबर, रविवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरुवोणम |
16 सितंबर, सोमवार |
कन्या संक्रांति |
17 सितंबर, मंगलवार |
अनंत चतुर्थी |
18 सितंबर, बुधवार |
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत |
21 सितंबर, शनिवार |
संकष्टी चतुर्थी |
28 सितंबर, शनिवार |
इन्दिरा एकादशी |
29 सितंबर, रविवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
30 सितंबर, सोमवार |
मासिक शिवरात्रि |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
2 अक्टूबर, बुधवार |
अश्विन अमावस्या |
3 अक्टूबर, गुरुवार |
शरद नवरात्रि, घटस्थापना |
9 अक्टूबर, बुधवार |
कल्परम्भ |
10 अक्टूबर, गुरुवार |
नवपत्रिका पूजा |
11 अक्टूबर, शुक्रवार |
दुर्गा महा नवमी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा |
12 अक्टूबर, शनिवार |
दशहरा, शरद नवरात्रि पारण |
13 अक्टूबर, रविवार |
दुर्गा विसर्जन |
14 अक्टूबर, सोमवार |
पापांकुशा एकादशी |
15 अक्टूबर, मंगलवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
17 अक्टूबर, गुरुवार |
अश्विन पूर्णिमा व्रत, तुला संक्रांति |
20 अक्टूबर, रविवार |
संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ |
28 अक्टूबर, सोमवार |
रमा एकादशी |
29 अक्टूबर, मंगलवार |
धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
30 अक्टूबर, बुधवार |
मासिक शिवरात्रि |
31 अक्टूबर, गुरुवार |
नरक चतुर्दशी |
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
1 नवंबर, शुक्रवार |
दिवाली, कार्तिक अमावस्या |
2 नवंबर, शनिवार |
गोवर्धन पूजा |
3 नवंबर, रविवार |
भाई दूज |
7 नवंबर, गुरुवार |
छठ पूजा |
12 नवंबर, मंगलवार |
देवुत्थान एकादशी |
13 नवंबर, बुधवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
15 नवंबर, शुक्रवार |
कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
16 नवंबर, शनिवार |
वृश्चिक संक्रांति |
18 नवंबर, सोमवार |
संकष्टी चतुर्थी |
26 नवंबर, मंगलवार |
उत्पन्ना एकादशी |
28 नवंबर, गुरुवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
29 नवंबर, शुक्रवार |
मासिक शिवरात्रि |
आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट
तिथि और दिन |
हिन्दू त्योहार/अवकाश |
1 दिसंबर, रविवार |
मार्गशीर्ष अमावस्या |
11 दिसंबर, बुधवार |
मोक्षदा एकादशी |
13 दिसंबर, शुक्रवार |
प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
15 दिसंबर, रविवार |
धनु संक्रांति, मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत |
18 दिसंबर, बुधवार |
संकष्टी चतुर्थी |
26 दिसंबर, गुरुवार |
सफला एकादशी |
28 दिसंबर, शनिवार |
प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
29 दिसंबर, रविवार |
मासिक शिवरात्रि |
30 दिसंबर, सोमवार |
पौष अमावस्या |
ऊपर दिए गए त्योहारों और अवकाशों की सूची में कई ऐसे त्योहार हैं, जो भारत में बहुत उत्साह और प्रमुखता से मनाए जाते हैं। ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरह से मनाए जाते हैं। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं लेकिन इससे पहले जान लेते हैं हिन्दू धर्म का महत्व व इतिहास।
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जब हम धरती के इतिहास की बात करते हैं, तो इसे पांच कल्पों में वर्णित किया गया है जो कि इस प्रकार हैं: हिरण्य, ब्रह्म, पद्म और वराह। आपको बता दें कि वर्तमान समय तक चार कल्प बीत चुके हैं और सबसे अंतिम वराह चल रहा है। हो सकता है कि कल्प के बारे में न जानते हो, तो जानकारी के लिए बता दें कि कल्प समय को अंतिम इकाई के पहले की गणना माना गया है जिस तरह रुपए की गिनती हजार, लाख, करोड़ आदि में की जाती है, वैसे ही कल्प अंतिम से पहले की गणना होती है। कई लोग मानते हैं कि हिन्दू धर्म को ऋषियों ने रचा था। दुनिया भर में अनुयायियों की संख्या के लिहाज से हिन्दू धर्म तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और इस धर्म को मानने वालों की संख्या 100 करोड़ से भी ज्यादा बताई गई है। समर्थकों द्वारा इस धर्म को सनातन धर्म या शाश्वत धर्म कहा जाता है और यह दुनिया का सबसे पुराना धर्म माना जाता है।
ज्योतिष में सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो इस घटना को संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष अनुसार मकर संक्रांति पर खरमास का भी समापन हो जाता है और शादी-विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट जाती है। इस अवसर को देश के अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग त्योहार के रूप में मनाते हैं। मकर संक्रांति का त्योहार उत्तर भारत में हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन स्वर्ग का दरवाजा खुल जाता है इसलिए इस दिन दान पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन गरीबों को शुद्ध घी और कंबल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिन्दू धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन शिवभक्त मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि जो भक्त महाशिवरात्रि पर व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। वह भक्त पूरे साल भगवान शिव की पूजा का फल उस एक दिन में पा लेता है। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। यह त्योहार उनकी वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में हर साल मनाया जाता है। शिवभक्त देवी पार्वती और शिवजी के मिलन के इस उत्सव को पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। खासतौर पर अविवाहित लोगों के लिए। माना जाता है कि जो भी अविवाहित लड़कियां शिवरात्रि का व्रत करती हैं उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
सनातन धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिन्दू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन माह में मनाया जाता है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है फिर उसके बाद रंगों से होली खेली जाती है जिसमें सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। इस दिन फगुआ गीत गाने की परंपरा है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस त्योहार को अलग-अलग नामों जैसे- डोल पूर्णिमा, रंगवाली होली,धुलंडी, धुलेटी, मंजल कुली, उकुली, फगवा, शिगमो आदि से जाना जाता है।
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। वैसे तो हर महीने में गणेश चतुर्थी आती है लेकिन भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और पूरे 10 दिन तक उनकी विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं और दसवें दिन यानी चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। यह त्योहार महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी और दक्षिणी भारत के अन्य भागों सहित बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में इस पावन पर्व को दशहरा तो वहीं पश्चिम बंगाल में इसे विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इसके अलावा दशहरा के बारे में दूसरी कथा यह है कि दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस दिन जगह-जगह भव्य रामलीला का आयोजन होता है और रावण के पुतले को जलाया जाता है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर साल दशहरा पर्व मनाया जाता है। साल 2024 में यह पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा और इस दिन देश भर में जगह-जगह पर रावण के पुतले जलाए जाएंगे।
भारत में दिवाली के पर्व को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार का लोग हर साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। दीपावली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इसके अलावा लोग अपने घर और मंदिरों में दीपक जलाते हैं। इस को पर्व भगवान श्रीराम के लंकापति रावण पर विजय हासिल करने और 14 वर्ष बाद वनवास पूरा कर घर लौटने की खुशी में मनाया जाता है। माना जाता है कि जब भगवान राम देवी सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए हर साल इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं। भारत के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में भी दिवाली का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में ये उत्सव 15 दिन पहले से ही शुरू हो जाता है जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब हरियाणा व बिहार आदि जगहों पर लोग इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।
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