नववर्ष 2024 (Happy New Year 2024 Wishes): नए साल की शुरुआत होने वाली है। दिसंबर के अंत के साथ ही वर्ष 2023 बीत जाएगा और नव वर्ष 2024 आ जाएगा। नया वर्ष कई उम्मीदें और आशाएं लेकर आता है। हर कोई यह उम्मीद करता है कि आने वाला साल उनके लिए सबसे अच्छा रहे, उनके सपने व लक्ष्य पूरे हों। इसी आशा के साथ वे नए साल का स्वागत बड़े ही उत्साह के साथ करते हैं। कुछ लोग नए साल के स्वागत में पार्टी करते हैं, कुछ घूमने-फिरने का प्लान करते हैं तो वहीं कुछ लोग नई-नई एक्टिविटी करके नए साल का जश्न मनाते हैं। देश-दुनिया की बात करें तो विश्व भर में नया साल मनाने का तरीका भी अलग-अलग है। सभी धर्मों में नया भिन्न-भिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाता है। भारत में अधिकतर लोग नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद से करते हैं। ऐसे में, वे नए साल पर घर पर पूजा-पाठ करते हैं। साल के पहले दिन मंदिर जाते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं। इसके अलावा लोग नए साल के मौके पर एक-दूसरे को बधाई संदेश मोबाइल से खूब भेजते हैं।
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एस्ट्रोसेज के इस विशेष आर्टिकल में हम आपको नववर्ष 2024 (Happy New Year 2024 Wishes) की विभिन्न परंपराएं, बधाइयां, शुभकामनाएं और नए साल से संबंधित रोचक और प्रासंगिक जानकारियां प्रदान करेंगे। साथ ही इसमें आप भारत के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले दोस्तों को उनकी भाषा में नए साल की शुभकामनाएं देने के कई अलग-अलग तरीकों के बारे में भी जान सकेंगे। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं।
अमेरिका सहित दुनिया भर में ऐसे कई देश हैं जहां 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाया जाता है। नया साल मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। इसकी शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई थी। इस सिलसिले में सबसे पहले रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में आवश्यक बदलाव किए थे और कैलेंडर में जनवरी को साल का पहला महीना माना था। दरअसल इससे पहले मार्च महीने से साल की शुरुआत मानी जाती थी और मार्च को ही साल का पहला महीना माना जाता था। इस कैलेंडर के अनुसार उस समय साल में सिर्फ दस महीने ही होते थे और एक साल में 310 दिन होते थे व एक हफ्ता आठ दिनों का होता था।
माना जाता है कि 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत रोमन शासक जूलियस सीजर ने की थी। दरअसल जूलियस सीजर को खगोल वैज्ञानिक से मुलाकात करने के बाद पता चला कि पृथ्वी 365 दिन और 6 घंटे में सूर्य की परिक्रमा लगाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कैलेंडर में बदलाव किया और 310 दिनों की जगह 365 दिन किए और इसके चलते जूलियस कैलेंडर में साल में 10 महीने की बजाए 12 महीने किए गए।
नए साल में जश्न मनाने के साथ-साथ न्यू ईयर रेजोल्यूशन यानी कि नए साल पर संकल्प लेने का भी चलन काफ़ी पुराना है। कई लोग नए साल पर अपने जीवन में बदलाव लाने और कुछ अच्छा हासिल करने के लिए खुद को प्रोत्साहित करते हुए फैसले लेते हैं और साल भर अपने फैसले पर अडिग रहने के लिए संकल्प लेते हैं। तो आइए अब जानते हैं कि कब हुई न्यू ईयर रेजोल्यूशन की शुरुआत।
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नए साल पर एक नई शुरुआत करने या जीवन में कुछ हासिल करने के लिए अक्सर संकल्प लिए जाते हैं। साल 2024 के स्वागत के लिए दुनिया तैयार है। बीते साल यानी 2023 अपने अधूरे काम को पूरा करने और पुरानी गलतियों से सीख लेते हुए लोग हर साल नए साल पर न्यू ईयर रेजोल्यूशन लेते हैं। बता दें न्यू ईयर पर रेजोल्यूशन का चलन अभी से नहीं बल्कि यह 5000 साल पुरानी परंपरा है। कहा जाता है कि इसकी शुरुआत मेसोपोटामिया के बेबिलोनियाई सभ्यता के दौरान हुई थी, जब इस ख़ास मौके पर बेबीलोन शहर के लोग एक-दूसरे से वादा करते थे। साथ ही, राजा से भी वह वादा करते थे कि वे जल्द ही और समय पर कर्ज चुकाएंगे और अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाने और खेती से जुड़े औजारों को वापस करेंगे। चीन में रेजोल्यूशन को गुड लक माना जाता था।
भारत भिन्न-भिन्न धर्म का देश है जैसे- हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी तथा यहूदी आदि। ऐसे में हर धर्म में नव वर्ष मनाने की परंपरा अलग-अलग है। दुनिया में सबसे अधिक देशों में ईसाई नव वर्ष मनाए जाने की परंपरा है। ईसाई वर्ष 1 जनवरी से शुरू होता है और 31 दिसंबर को समाप्त होता है। हर धर्म में नववर्ष की तिथि अलग मानी गई है। ख़़ास बात यह है कि भले ही दुनिया के सभी धर्मों के रीति-रिवाज़ अलग-अलग हों लेकिन 1 जनवरी को भारत सहित देशों में नए साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
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ईसाई धर्म में 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है। इस तारीख़ से नए साल मनाने की परंपरा 15 अक्टूबर 1582 से शुरू हुई थी। यह धर्म ग्रिगोरियन कैलेंडर के आधार पर नववर्ष मनाता है।
पारसी समुदाय के लोग नया वर्ष नवरोज उत्सव के रूप में मनाते हैं। नवरोज का अर्थ नया दिन है। पारसी धर्म का नया वर्ष नवरोज उत्सव के रूप में मनाया जाता है। नवरोज का त्योहार जुलाई और अगस्त के बीच पड़ता है।
पंजाब में नया साल बैसाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार 13 व 14 अप्रैल में आता है। सिख धर्म के लोग नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होली के दूसरे दिन नए साल के रूप में मनाते हैं।
हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से होती है। इसे हिंदू नव संवत्सर या नया संवत भी कहते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव के कहने पर इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन से विक्रम संवत के नए साल की शुरुआत होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि मार्च व अप्रैल के महीने में आती है।
जैन नववर्ष की शुरुआत दिवाली के त्योहार के अगले दिन से होती है। इसे वीर निर्वाण संवत भी कहते हैं। इसी दिन से जैन धर्म के लोग अपना नया साल मनाते हैं।
कई देशों में नए साल पर अजीबो-ग़रीब परंपराएं फॉलो की जाती हैं, जिन्हें सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं इन परंपराओं के बारे में।
स्पेन में नए साल पर एक साथ 12 अंगूर खाने की परंपरा है। इसे नए साल का गुड लक माना जाता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति बेल्स के साथ-साथ 12 अंगूर नहीं खा पाता उसके लिए नया साल बेड लक माना जाता है। दरअसल रात को 12 बजे जब न्यू ईयर की बेल्स बजती हैं तो लोग हर घंटी के साथ 1 अंगूर खाते हैं और इस तरह ठीक 12 बजे तक सारे 12 अंगूर खा कर खत्म करने होते हैं। इस परंपरा की शुरुआत साल 1909 से हुई थी।
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ब्राज़ील में न्यू ईयर का स्वागत बड़ी अजीबोगरीब तरीके से किया जाता है। ब्राज़ील में लोग नए साल का स्वागत समुद्र की लहरों में सफ़ेद फूल फेंककर करते हैं। यही नहीं इसके अलावा लोग समुद्र में परफ्यूम, ज्वेलरी, मेकअप का सामान भी फेंकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से हर इच्छाएं पूरी होती है।
डेनमार्क में लोग नए साल पर पुराने बर्तन जैसे- प्लेट, चम्मच, थाली आदि को घर के बाहर फेंक देते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से भाग्योदय होता है इसलिए यहां लोग पहले से ही पुराने बर्तन इकट्ठा करना शुरू कर देते हैं और साल की शुरुआत होते ही इसे बाहर फेंक देते हैं।
स्कॉटलैंड में न्यू ईयर के मौके पर लोग अपने घरों में हैंडसम, टॉल व डार्क आदमियों का मेहमानों के रूप में इंतज़ार करते हैं। भले ही आपको यह सुनने में अजीब लग रहा हो पर स्कॉटलैंड में यह परंपरा काफ़ी पहले से चली आ रही है। माना जाता है कि नए साल पर आपके घर में क़दम रखने वाले आदमी के अंदर ये सभी ख़ूबियां हैं, तो यह आपके लिए बेहद लकी होता है।
साउथ अमेरिका के देशों में नए साल पर रंग बिरंगी अंडरवियर पहनने का रिवाज़ है। माना जाता है कि यदि किसी को हमसफर की तलाश है तो वह लाल रंग की अंडरवियर पहनता है। वहीं अगर किसी को शांति चाहिए तो वह सफ़ेद रंग की अंडरवियर पहनता है। ऐसे ही हर चीज़ के लिए अलग-अलग रंग तय किए गए है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की वह इच्छाएं पूरी हो जाती है।
जापान में नए साल के मौके पर मंदिर में 108 बार घंटियां बजाई जाती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति 108 प्रकार की चिंताओं से मुक्त हो जाता है और अपने उज्जवल भविष्य की कामना करता है।
हमारे देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कई अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं और लोग अपनी-अपनी भाषा में एक-दूसरे को नए साल की बधाइयां देते हैं। आइए जानते हैं नववर्ष 2024 (Happy New Year 2024 Wishes)परभिन्न-भिन्न भाषाओं में कैसे दें नए वर्ष की बधाई।
हिन्दी- नया साल मुबारक हो/नव वर्ष की शुभकामनाएं!
उर्दू- नया साल मुबारक हो!
पंजाबी- नवे साल दी मुबारक!
गुजराती- नूतन वर्षाभिनंदन!
बंगाली- शुवो नाबो बरशो!
तमिल- एनिया पुथांडु नलवाज़्थुक्कल!
तेलुगु- नूथाना संवत्सर शुभकांक्षलु!
उड़िया- सुभा नबा बरशा!
असमिया- नरबर्षरा शुभकामना!
मराठी- नवीन वर्षाच्य शुभेच्छा!
संस्कृत- शुभ: नववर्षम्:
कन्नड़- होसा वरद शुभाय:
मलयालम- पुथुवत्सरा आशाशकली
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पुराना साल कह रहा।
मुझे छोड़ के जो तुम जाओगे।
बड़ा पछताओगे, बड़ा पछताओगे।
नए साल में इतनी सर्दी पड़ेगी।
कि तीन महीने तक नहीं नहाओगे।
सो नया भी बासी ही मनाओगे।
बासी ही मनाओगे।
हे आते हुए नए साल खोल देना।
फूटी किस्मत तु प्यारे हमारी।
वरना कसम से हमें आती है।
हर नए को पुराना बनाने की कलाकारी।
2024 में मिली ये नई जिम्मेदारी भुला कैसे पाऊंगा।
2023 में जो बोझ मिला 2024 में भी उठाऊंगा।
कितना भी तुम कर लो झगड़ा या दे दो गुस्से में नाम।
बोझ उठाने बना हूँ लायक तो गधा ही कहलाऊंगा।
तुम हो प्राणों से प्यारी, प्राण हमारी।
जिंदगी में बनके आयी मेहमान हमारी।
और धीरे धीरे जिंदगी हो गई गुलाम तुम्हारी।
नए साल में भी मिलेगी सेवा शुभकामना हमारी।
नए साल में धन की कमी ना आये।
आप खूब सारा कमाएं।
पॉकेट में भरे तो पॉकेट फट जाये।
लूट के भिखारी हमको दे जाए।
ग्रीटिंग कार्ड: नववर्ष 2024 (Happy New Year 2024 Wishes) नए साल के मौके पर आप अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और अपने करीबियों को ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाइयां दे सकते हैं। बाज़ार में कई तरह के कार्ड्स मिल जाएंगे और वो भी आपके बजट में। आप चाहें तो इसे घर पर भी खुद बनाकर गिफ्ट कर सकते हैं।
पौधा: अगर आप नए साल पर किसी ख़ास व्यक्ति को गिफ्ट करना चाहते हैं तो आप छोटा सा पौधा भी तोहफे के रूप में दे सकते हैं। पौधे पर्यावरण को स्वच्छ रखता है। साथ ही, स्वच्छ वायु, अच्छी सेहत और मजबूत रिश्ता प्रदान करता है। इसके अलावा गमले के साथ एक नोट भी दे सकते हैं।
चॉकलेट: इसके अलावा आप नववर्ष 2024 (Happy New Year 2024 Wishes)के ख़ास मौके पर आप अपने दोस्तों व प्रियजनों को चॉकलेट भी गिफ्ट कर सकते हैं। यह सबसे सस्ता और पसंद आने वाला तोहफा होता है जिसे हर कोई पसंद करता है।
लाफिंग बुद्धा: नए साल में तोहफे के रूप में आप अपने करीबियों को लाफिंग बुद्धा दे सकते हैं। बाजारों में यह 100 रुपये की कीमत से लेकर दो हजार व उससे अधिक की कीमत तक में मिल जाएगा। ऐसे में, नए साल पर अपने बजट के मुताबिक लाफिंग बुद्धा तोहफे में दे सकते हैं।
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