नामकरण मुहूर्त 2023 (Namkaran Muhurat 2023) क्यों ज़रूरी है? इसका क्या महत्व है? नामकरण संस्कार के दौरान किन बातों का ख़्याल रखना चाहिए? तथा नामकरण मुहूर्त की गणना कैसे की जाती है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस विशेष आर्टिकल में मिलने वाले हैं। साथ ही नामकरण संस्कार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण चीज़ों के बारे में भी जानने को मिलेगा। तो आइए सबसे पहले एक सूची के माध्यम से जानते हैं कि वर्ष 2023 में शुभ नामकरण मुहूर्त 2023 (Namkaran Muhurat 2023) कब-कब है।
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तिथि | आरंभ काल | समाप्ति काल |
रविवार, 01 जनवरी | 07:13:55 | 12:49:04 |
बुधवार, 04 जनवरी | 07:14:37 | 24:03:10 |
रविवार, 08 जनवरी | 07:15:10 | 30:06:05 |
गुरुवार, 12 जनवरी | 14:25:17 | 31:15:20 |
शुक्रवार, 13 जनवरी | 07:15:17 | 31:15:17 |
रविवार, 15 जनवरी | 07:15:08 | 19:48:40 |
बुधवार, 18 जनवरी | 07:14:44 | 17:23:14 |
रविवार, 22 जनवरी | 07:13:48 | 27:21:55 |
सोमवार, 23 जनवरी | 24:27:33 | 31:13:30 |
बुधवार, 25 जनवरी | 20:06:15 | 31:12:49 |
गुरुवार, 26 जनवरी | 07:12:26 | 31:12:26 |
शुक्रवार, 27 जनवरी | 07:12:02 | 31:12:02 |
बुधवार, 01 फरवरी | 07:09:40 | 27:23:37 |
रविवार, 05 फरवरी | 07:07:19 | 12:13:36 |
बुधवार, 08 फरवरी | 20:15:38 | 30:26:56 |
शुक्रवार, 10 फरवरी | 08:01:59 | 31:03:55 |
रविवार, 12 फरवरी | 07:02:25 | 26:28:06 |
सोमवार, 13 फरवरी | 26:36:17 | 31:01:38 |
शुक्रवार, 17 फरवरी | 20:29:03 | 30:58:19 |
सोमवार, 20 फरवरी | 12:38:17 | 30:55:41 |
बुधवार, 22 फरवरी | 06:53:49 | 27:27:28 |
शुक्रवार, 24 फरवरी | 06:51:55 | 27:27:18 |
सोमवार, 27 फरवरी | 06:48:57 | 26:24:19 |
शुक्रवार, 03 मार्च | 15:44:10 | 30:44:49 |
बुधवार, 08 मार्च | 06:39:26 | 30:39:26 |
गुरुवार, 09 मार्च | 06:38:20 | 30:38:21 |
शुक्रवार, 10 मार्च | 06:37:14 | 21:45:38 |
सोमवार, 13 मार्च | 08:21:49 | 30:33:51 |
शुक्रवार, 17 मार्च | 06:29:18 | 30:29:19 |
रविवार, 19 मार्च | 22:04:55 | 30:26:59 |
बुधवार, 22 मार्च | 06:23:32 | 30:23:32 |
गुरुवार, 23 मार्च | 06:22:21 | 30:22:21 |
शुक्रवार, 24 मार्च | 06:21:12 | 13:22:49 |
रविवार, 26 मार्च | 14:01:30 | 30:18:53 |
सोमवार, 27 मार्च | 06:17:42 | 30:17:42 |
शुक्रवार, 31 मार्च | 06:13:05 | 25:57:52 |
बुधवार, 05 अप्रैल | 09:21:42 | 30:07:21 |
गुरुवार, 06 अप्रैल | 06:06:13 | 30:06:12 |
शुक्रवार, 07 अप्रैल | 06:05:04 | 30:05:04 |
सोमवार, 10 अप्रैल | 08:39:43 | 13:39:55 |
गुरुवार, 13 अप्रैल | 10:43:45 | 25:36:49 |
रविवार, 16 अप्रैल | 05:55:17 | 28:07:40 |
गुरुवार, 20 अप्रैल | 09:44:13 | 23:11:07 |
सोमवार, 24 अप्रैल | 08:26:46 | 26:07:30 |
गुरुवार, 27 अप्रैल | 06:59:45 | 29:44:24 |
शुक्रवार, 28 अप्रैल | 05:43:29 | 09:52:57 |
सोमवार, 01 मई | 17:51:47 | 29:40:51 |
बुधवार, 03 मई | 05:39:10 | 23:51:31 |
शुक्रवार, 05 मई | 05:37:35 | 21:39:56 |
रविवार, 07 मई | 05:36:01 | 20:21:57 |
बुधवार, 10 मई | 16:12:57 | 29:33:51 |
गुरुवार, 11 मई | 05:33:11 | 29:33:11 |
शुक्रवार, 12 मई | 05:32:31 | 13:03:48 |
रविवार, 14 मई | 05:31:14 | 10:16:22 |
सोमवार, 15 मई | 09:08:39 | 29:30:37 |
बुधवार, 17 मई | 05:29:28 | 22:30:08 |
रविवार, 21 मई | 05:27:26 | 29:27:26 |
सोमवार, 22 मई | 05:26:58 | 10:36:59 |
बुधवार, 24 मई | 15:06:35 | 29:26:08 |
गुरुवार, 25 मई | 05:25:45 | 17:53:53 |
सोमवार, 29 मई | 11:50:43 | 29:24:25 |
बुधवार, 31 मई | 05:23:52 | 29:23:52 |
गुरुवार, 01 जून | 05:23:39 | 29:23:39 |
गुरुवार, 08 जून | 05:22:39 | 18:59:40 |
शुक्रवार, 09 जून | 17:10:05 | 29:22:35 |
सोमवार, 12 जून | 10:36:26 | 29:22:35 |
बुधवार, 14 जून | 05:22:39 | 13:40:15 |
रविवार, 18 जून | 10:08:06 | 18:06:42 |
बुधवार, 21 जून | 05:23:36 | 15:10:56 |
रविवार, 25 जून | 10:12:14 | 29:24:34 |
सोमवार, 26 जून | 05:24:52 | 26:06:21 |
बुधवार, 28 जून | 05:25:28 | 29:25:28 |
गुरुवार, 29 जून | 05:25:47 | 16:30:27 |
शुक्रवार, 30 जून | 16:10:29 | 29:26:09 |
बुधवार, 05 जुलाई | 05:28:04 | 29:28:04 |
शुक्रवार, 07 जुलाई | 05:28:57 | 22:16:49 |
रविवार, 09 जुलाई | 05:29:50 | 29:29:50 |
सोमवार, 10 जुलाई | 05:30:18 | 18:45:56 |
गुरुवार, 13 जुलाई | 20:52:21 | 29:31:45 |
शुक्रवार, 14 जुलाई | 05:32:15 | 29:32:15 |
शुक्रवार, 18 अगस्त | 22:57:47 | 29:51:31 |
सोमवार, 21 अगस्त | 05:53:07 | 29:53:07 |
गुरुवार, 24 अगस्त | 09:04:11 | 27:11:56 |
सोमवार 28 अगस्त | 05:56:46 | 29:56:46 |
बुधवार, 30 अगस्त | 20:47:31 | 29:57:47 |
गुरुवार, 31 अगस्त | 05:58:16 | 17:45:54 |
शुक्रवार, 01 सितंबर | 14:57:00 | 29:58:46 |
रविवार, 03 सितंबर | 18:26:16 | 29:59:46 |
बुधवार, 06 सितंबर | 09:20:20 | 30:01:17 |
गुरुवार, 07 सितंबर | 06:01:46 | 16:16:33 |
रविवार, 10 सितंबर | 17:07:01 | 30:03:15 |
सोमवार, 11 सितंबर | 06:03:43 | 20:01:37 |
शुक्रवार, 15 सितंबर | 07:12:03 | 30:05:41 |
रविवार, 17 सितंबर | 06:06:39 | 30:06:39 |
सोमवार, 18 सितंबर | 06:07:10 | 12:41:35 |
बुधवार, 20 सितंबर | 14:59:20 | 30:08:09 |
गुरुवार, 21 सितंबर | 06:08:38 | 15:35:32 |
रविवार, 24 सितंबर | 13:41:58 | 30:10:07 |
सोमवार, 25 सितंबर | 06:10:39 | 30:10:39 |
बुधवार, 27 सितंबर | 07:10:45 | 22:20:46 |
शुक्रवार, 29 सितंबर | 06:12:41 | 30:12:41 |
रविवार, 01 अक्टूबर | 06:13:44 | 19:28:03 |
बुधवार, 04 अक्टूबर | 06:15:18 | 30:15:18 |
गुरुवार, 05 अक्टूबर | 06:15:52 | 19:40:24 |
रविवार, 08 अक्टूबर | 10:15:21 | 26:45:33 |
गुरुवार, 12 अक्टूबर | 11:36:57 | 19:56:22 |
रविवार, 15 अक्टूबर | 06:21:33 | 30:21:33 |
सोमवार, 16 अक्टूबर | 06:22:08 | 19:35:56 |
रविवार, 22 अक्टूबर | 06:25:53 | 20:00:57 |
बुधवार, 25 अक्टूबर | 06:27:51 | 13:30:49 |
गुरुवार, 26 अक्टूबर | 11:27:32 | 30:28:33 |
बुधवार, 08 नवंबर | 19:20:00 | 30:37:53 |
गुरुवार, 09 नवंबर | 06:38:38 | 30:38:37 |
शुक्रवार, 10 नवंबर | 06:39:23 | 30:39:23 |
रविवार, 19 नवंबर | 06:46:28 | 22:49:01 |
सोमवार, 20 नवंबर | 21:26:33 | 27:18:23 |
बुधवार, 22 नवंबर | 18:37:59 | 30:48:51 |
गुरुवार, 23 नवंबर | 06:49:39 | 30:49:39 |
शुक्रवार, 24 नवंबर | 06:50:28 | 30:50:28 |
सोमवार, 27 नवंबर | 13:35:47 | 30:52:51 |
बुधवार, 29 नवंबर | 06:54:25 | 13:59:00 |
शुक्रवार, 01 दिसंबर | 16:40:46 | 30:55:58 |
गुरुवार, 07 दिसंबर | 07:00:29 | 31:00:29 |
शुक्रवार, 08 दिसंबर | 07:01:13 | 31:01:13 |
रविवार, 10 दिसंबर | 07:02:36 | 11:50:16 |
शुक्रवार, 15 दिसंबर | 08:10:49 | 22:32:07 |
रविवार, 17 दिसंबर | 26:54:43 | 31:07:08 |
सोमवार, 18 दिसंबर | 07:07:42 | 25:22:10 |
बुधवार, 20 दिसंबर | 07:08:49 | 11:16:22 |
गुरुवार, 21 दिसंबर | 09:39:34 | 31:09:21 |
शुक्रवार, 22 दिसंबर | 07:09:52 | 21:36:31 |
रविवार, 24 दिसंबर | 21:19:51 | 29:57:06 |
गुरुवार, 28 दिसंबर | 25:05:21 | 31:12:29 |
शुक्रवार, 29 दिसंबर | 07:12:50 | 27:10:28 |
जीवन में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए प्रश्न पूछें
हिन्दू धर्म में मुहूर्त के अनुसार बच्चे का नामकरण करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, जिसे आज तक निभाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाता है, वह सफल होता है और उस कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है इसलिए नामकरण जैसे शुभ कार्य को करने के लिए नामकरण मुहूर्त 2023 (Namkaran Muhurat 2023) का चयन करना बेहद आवश्यक होता है।
हिन्दू धर्म के सभी 16 संस्कारों में नामकरण संस्कार को बेहद अहम माना जाता है। वैसे तो आजकल आधुनिक युग में माँ-बाप अपने बच्चों का नाम यूं ही किसी भी दिन रख देते हैं। लेकिन हमारी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर किसी भी नवजात शिशु का नाम नामकरण संस्कार के दौरान सभी बड़े-बुजुर्गों की निगरानी में रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके नाम का बड़ा महत्व होता है क्योंकि नाम से ही उसकी पहचान होती है। इसलिए बच्चे का नामकरण संस्कार शुभ नामकरण मुहूर्त 2023 (Namkaran Muhurat 2023) पर होना ख़ासा मायने रखता है। जिस प्रकार से अन्य अहम कार्यों और प्रयोजनों के लिए मुहूर्त देखा जाता है, ठीक उसी प्रकार से शिशु का नाम भी शुभ मुहूर्त में ही रखना चाहिए। धार्मिक आधार पर ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय आधार पर भी नामकरण मुहूर्त 2023 (Namkaran Muhurat 2023) को अहम माना गया है।
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आमतौर पर नामकरण संस्कार के लिए किसी ज्योतिषाचार्य या कुशल पंडित जी से नामकरण मुहूर्त 2023 (Namkaran Muhurat 2023) निकलवाया जाता है। इस दौरान ज्योतिषी पंचांग की मदद से शुभ तिथि और मुहूर्त की गणना करते हैं। आधुनिक युग की बात करें तो मुहूर्त निकालने के लिए आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं।
आजकल बहुत से ऐसे वेबसाइट और ऐप आ चुके हैं, जिनकी मदद से आप ख़ुद ही किसी भी प्रयोजन के लिए शुभ मुहूर्त निकाल सकते हैं। हालाँकि नामकरण संस्कार के लिए आपको अनुभवी पंडितों की आवश्यकता होगी क्योंकि किसी अच्छे ज्योतिषी के मार्गदर्शन में बच्चे का नामकरण करना ज़्यादा बेहतर माना जाता है।
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हिन्दू धर्म के पवित्र 16 संस्कारों में से नामकरण एक महत्वपूर्ण संस्कार है। जैसा कि आप इस बात को भली-भांति समझते होंगे कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में नाम की क्या अहमियत होती है। समाज में व्यक्ति को पहचान उसके नाम से ही मिलती है, इसलिए नामकरण संस्कार का महत्व अपने आप ही बढ़ जाता है। हालांकि जन्म के बाद बच्चे को माँ-बाप या रिश्तेदार स्वयं ही किसी ना किसी नाम से पुकारने लगते हैं। लेकिन हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जन्म के ग्यारहवें या बारहवें दिन ही सम्पूर्ण विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त में नामकरण संस्कार का समापन होना चाहिए। इस संस्कार के दौरान पंडित या पुरोहित शिशु की जन्मकुंडली के आधार पर ग्रह-नक्षत्रों की गणना करने के बाद उसका नाम रखते हैं। इस संस्कार से शिशु को न केवल बाहरी बल्कि आंतरिक लाभ भी मिलता है। साथ ही शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास में भी मदद मिलती है। इसके अलावा इस संस्कार को करवाने का एक लाभ यह भी है कि इससे शिशु की आयु और बुद्धि में वृद्धि होती है। विशेष रूप से नामकरण संस्कार के द्वारा शिशु को एक नयी पहचान मिलती है, जो उसके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होती है।
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हम आशा करते हैं कि वर्ष 2023 आपके लिए शुभ और मंगलमय हो। एस्ट्रोसेज की ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!