बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023): एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बौद्ध धर्म के प्रमुख त्योहारों, समारोहों और अवकाशों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही आप यह भी जानेंगे कि कौन सा त्यौहार इस साल 2023 में किस दिन व तिथि पर पड़ रहा है और इसे मनाने के पीछे क्या मान्यता है। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि बौद्ध कैलेंडर 2023 के बारे में।
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बौद्ध कैलेंडर 2023 (Buddhist Calendar 2023) बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा (श्रमण शब्द 'श्रम' धातु से बना है। जिसका अर्थ होता है परिश्रम व मेहनत करना) से निकला धर्म और दर्शन है। इसके संस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे। माना जाता है कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। वे 563 ईसवी से 483 ईसवी तक जीवित रहे। बता दें कि ईसाई और इस्लाम धर्म से पहले बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी। इन दो धर्मों के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म माना गया। बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत ख़ास महत्व रखते हैं। बौद्ध कैलेंडर 2023 को मानने वाले मुख्य रूप से चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, लाओस, म्यांमार, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं। मलेशिया और सिंगापुर में बसे चीनी मूल के लोग भी इस पंचांग का उपयोग करते हैं। ये पंचांग तीसरी शताब्दी में रचित ज्योतिष ग्रंथ सूर्य सिद्धांत पर आधारित चन्द्र-सौर पंचांग है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये हिन्दू पंचांग के एक पुराने संस्करण पर आधारित है, जो नक्षत्र वर्ष का इस्तेमाल करता है। नक्षत्र वर्ष में 365.25636 एसआई दिन होते हैं।
पिछले 2500 वर्षों में बौद्ध धर्म एशिया भर की विभिन्न संस्कृतियों में आगे बढ़ रहा है और पिछली सदी में इसका प्रसार पश्चिम में भी हुआ है। जैसे-जैसे एशिया के विभिन्न देशों और संस्कृतियों में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ, वहाँ के लोगों ने इसकी शिक्षाओं के उन तत्वों को अपना लिया, जो उनकी स्थानीय मान्यताओं के अनुरूप दिखाई देते थे। इस तरह बौद्ध धर्म के कई रूप विकसित हुए और इन रूपों में हर किसी का अपना अलग दृष्टिकोण और अलग शैली रही। लेकिन इन सभी में एक चीज सामान्य थी वह यह कि सभी ने भगवान बुद्ध की शिक्षा और ज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण बातों को संभालकर रखा।
1. सम्यक दृष्टि : इसका अर्थ है कि व्यक्ति को हमेशा दूसरों के प्रति सही दृष्टिकोण रखना चाहिए। चार आर्य सत्य को समझते हुए सुख और दुःख में एक समान भाव रखना चाहिए।
2. सम्यक संकल्प: इसके अंतर्गत जीवन में आर्य मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। तभी दुःखों से मुक्ति मिल पाएगी।
3. सम्यक वाक: हर किसी से मीठी वाणी और सत्य बोलें। ऐसा नहीं करने पर दुःख आपको घेर लेगा।
4. सम्यक कर्मांत: दूसरों के प्रति अच्छे कर्म करें। हिंसा, झूठ, चोरी व डकैती कार्यों से दूर रहें।
5. सम्यक आजीविका: धर्म पूर्वक कार्यों से आजीविका प्राप्त करें। दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाली चीजें, जैसे- शस्त्र, पशु मांस, नशा और विष जैसे व्यापार से दूर रहें।
6. सम्यक व्यायाम: प्रतिदिन ऐसी क्रियाएं करें, जिनसे पापमय विचारों की समाप्ति हो और मन में अच्छे विचार जाग्रत हों।
7. सम्यक स्मृति: राग- विवेक और सावधानी तरीके से हर कार्य को करने की स्मृति रखें। स्मृति के चार रूप- कायानु पश्यना यानी शरीर के कार्य व चेतना के प्रति जागरूक रहना, वेदानुपश्यना यानी सुख व दुःख के प्रति सचेत रहना, चितानुपश्यना यानी चित्त के राग-द्वेष को पहचानना और धर्मानुपश्यना यानी शरीर, मन और वचन की चेष्टा को समझना।
8. सम्यक समाधि: ध्यान और चेतना के माध्यम से निर्वाण की प्राप्ति करें।
बौद्ध नववर्ष हर साल अप्रैल माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। नववर्ष की तिथि हर साल बदलती रहती है। इस साल यह 06 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा। थेरवाद पंथ का पालन करने वाले देशों में लगातार तीन दिनों तक बौद्ध नववर्ष मनाया जाता है। थाईलैंड, बर्मा, श्रीलंका, कंबोडिया और लाओस जैसे देश नए साल को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं।
बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) धर्म के महत्व को दर्शाते हैं।
तारीख | दिन | त्यौहार |
07 जनवरी 2023 | शनिवार | महायान नववर्ष |
22 जनवरी 2023 | रविवार | चीनी नववर्ष |
15 फरवरी 2023 | बुधवार | निर्वाण दिवस |
06 मार्च 2023 | सोमवार | माघ पूजा दिवस |
06 अप्रैल 2023 | गुरुवार | थेरवाद नया साल |
19 मई 2023 | शुक्रवार | वेसाक- बुद्ध दिवस |
03 जुलाई 2023 | सोमवार | असला- धर्म दिवस |
13 अगस्त 2023 | रविवार | ओबोनी |
08 दिसंबर 2023 | शुक्रवार | बोधि दिवस |
महायान नव वर्ष उन देशों के लिए नव वर्ष का प्रतीक है, जो महायान बौद्ध धर्म की मान्यताओं का पालन करते हैं। कुछ महायान बौद्ध नववर्ष 31 दिसंबर या 1 जनवरी को मनाते हैं, जबकि कुछ लोग जनवरी में पड़ने वाली पहली पूर्णिमा का इंतजार करते हैं।
बौद्ध धर्म की सबसे बड़ी श्रेणी महायान है। महायान बौद्ध मानते हैं कि कोई भी व्यक्ति अपने वर्तमान जीवन काल में ज्ञान प्राप्त कर सकता है। उनका ऐसा मानना है कि ज्ञान केवल भिक्षुओं द्वारा ही नहीं बल्कि सामान्य बौद्धों द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। धर्म का पहला लक्ष्य लोगों की मदद करना, अच्छे कर्म करना और बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करना है।
चीनी नववर्ष, जिसे आमतौर पर वसंत महोत्सव के रूप में जाना जाता है। यह पारंपरिक चंद्र-सौर चीनी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। इस महोत्सव को पूरे चीन में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है और नए साल की शाम को हर कोई अपने परिवार वालों के साथ मिलकर अच्छे-अच्छे पकवान बनाकर खाता है।
निर्वाण दिवस पूर्व एशिया, वियतनाम और फिलीपींस देशों में मनाया जाने वाला एक महायान बौद्ध अवकाश है। कुछ लोग इसे 8 फरवरी को मनाते हैं, लेकिन अधिकतर लोग इसे 15 फरवरी को मानते हैं। भूटान में, यह भूटानी कैलेंडर के चौथे महीने के पंद्रहवें दिन मनाया जाता है। इसे परिनिर्वाण दिवस भी कहा जाता है। इसी दिन बुद्ध का निधन हुआ था। यह बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) उनकी याद में ही मनाया जाता है।
मार्च में तीसरे चंद्र महीने की पूर्णिमा के दिन माघ पूजा मनाई जाती है। माघ पूजा पर्व बौद्ध धर्म में सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) माना जाता है। इसे चौगुनी सभा या संघ दिवस के रूप में भी जाना जाता है। माघ पूजा दिवस के दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी एक साथ इकट्ठा होते हैं और बुद्ध की शिक्षाओं पर चर्चा करते हैं और ध्यान लगाते हैं। माघ पूजा के दिन लोग तेल के दीपक भी जलाते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
थेरवाद नया साल 'थेरवाद' शब्द का अर्थ है 'श्रेष्ठ जनों की बात'। थेरवाद नववर्ष एक महत्वपूर्ण बौद्ध त्यौहार है। यह बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) तीन दिनों तक मनाया जाता है और उत्सव अप्रैल की पहली पूर्णिमा से शुरू होता है। इसके बारे में हम ऊपर जानकारी दे चुके हैं। बता दें कि इस दिन बौद्ध नववर्ष मनाया जाता है।यह बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) बुद्ध पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिस दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसे बुद्ध दिवस या वेसाक के नाम से भी जाना जाता है। इसकी तिथि हर साल बदलती रहती है, लेकिन यह पर्व ज्यादातर मई या जून की शुरुआत में पड़ता है।
असला-धर्म दिवस बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण और बेहद पवित्र दिन होता है। यह बुद्ध की पहली शिक्षाओं का जश्न मनाने के लिए है। असला पूजा की शुरुआत 2,500 साल पहले बुद्ध के एक महान शिक्षक के रूप में अपना समय शुरू करने से हुई थी। इस दिन पहली बार सिद्धार्थ गौतम ने बुद्ध बनने की अपनी शिक्षा प्राप्त की थी।
जापानी बौद्ध समुदाय द्वारा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ओबोनी मनाया जाता है। इस बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) पर लोग अपने परिवार के साथ इकट्ठा होते हैं। अपने पूर्वजों की कब्रों में जाते हैं, उसकी साफ-सफाई करते हैं। साथ ही कई तरह के पकवान उनकी कब्र के पास रखते हैं। ओबोन 3 दिनों तक चलता है।
बोधि दिवस के दिन गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। इस दिन को बौद्ध धर्म के बाद के देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन ध्यान और मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। यह बौद्ध त्यौहार 2023 (Buddhist Holidays 2023) हर साल 08 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का ऐसा मानना है कि इसी दिन गौतम बुद्ध 596 ईसा पूर्व में प्रबुद्ध हुए थे।