सूर्य ग्रहण 2022 - Surya Grahan 2022

लेखक: पुनीत पांडे | Updated Wed, 22 Dec 2021 10:20 AM IST

एस्ट्रोसेज के सूर्य ग्रहण 2022 (Surya Grahan 2022) विशेष इस आर्टिकल में हम बात करेंगे वर्ष 2022 में होने वाले सभी सूर्य ग्रहण के बारे में। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से हम अपने पाठकों को इन सूर्य ग्रहण का प्रकार, समय और इससे संबंधित अन्य जरूरी और महत्वपूर्ण बातें भी प्रदान करने की कोशिश करेंगे। इस विशेष आर्टिकल में आपको सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के बारे में कुछ दिलचस्प बातों की जानकारी प्रदान की जा रही है। साथ ही यहां हम आपको इस बात के बारे में भी अवगत कराएंगे कि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है और ग्रहण से संबंधित प्राचीन इतिहास क्या है और इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या कुछ प्रभाव पड़ सकता है। यह सारी बातें जानने के लिए यह आर्टिकल अंत तक पढ़े।


जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) एक ऐसी खगोलीय घटना को कहा गया है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच कुछ इस प्रकार से आ जाता है कि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ना बंद हो जाता है। सूर्य ग्रहण की यह घटना अमावस्या के चरण के दौरान घटती है, जब चंद्रमा सीधे सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। जिससे इसकी छाया पृथ्वी की सतह पर पड़ती है। सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का संरेखण अलग-अलग तरह के सूर्य ग्रहण की वजह बनता है।

Click Here To Read In Eng: Solar Eclipse 2022

सूर्य ग्रहण 2022: जानें इसका मतलब

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। सूर्य ग्रहण कुछ ऐसी घटनाओं में आता है जो पृथ्वी पर रहने वाले जीवों को हैरान कर देती है। सूर्य ग्रहण की समय अवधि एक ऐसा समय होता है जब प्रकृति अलौकिक प्रतीत होने लगती है। यकीन मानिए सूर्य ग्रहण की यह घटना जितनी तस्वीरों में जितनी नजर आती है उससे कई गुना खूबसूरत होती है। सरल शब्दों में समझाएं तो इतनी खूबसूरत कि लोग इसकी एक झलक पाने के लिए सेफ्टी गियर्स और फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं।

हालाँकि सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2022) को शुभ नहीं माना जाता है क्योंकि इस दौरान दिन भी रात जैसा प्रतीत होने लगता है, जिससे प्रकृति या प्राकृतिक नियम प्रभावित होते हैं। लेकिन वहीं ग्रहण ऐतिहासिक रूप से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और वृद्धि के समय के रूप में देखा और माना जाता है। जहां चंद्रमा व्यक्ति के मन का कारक होता है और व्यक्ति की इच्छा और भावनात्मक जीवन से जोड़कर देखा जाता है वहीं सूर्य व्यक्ति की इच्छा, उनकी उपलब्धियों और बाहरी आत्मा पर मानव एकाग्रता का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा यह आत्म अभिव्यक्ति, व्यक्तित्व और हम दूसरे व्यक्तियों के साथ कैसे बातचीत करते हैं इस बात को भी दर्शाता है।

सूर्य ग्रहण व्यक्ति के जीवन में अंदरूनी तौर पर और बाहरी रूप से भी नए और सकारात्मक परिणाम और अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रेरित करने वाला भी माना जाता है।

आपकी कुंडली में भी है किस्मत चमकाने वाला राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट से

सूर्य ग्रहण 2022: सूर्य ग्रहण के प्रकार

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) कुल चार प्रकार के होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्यग्रहण, और हाइब्रिड (संकर सूर्य ग्रहण) सूर्य ग्रहण।

सूर्य चंद्रमा से लगभग 400 गुना बड़ा है लेकिन चंद्रमा सूर्य की तुलना में पृथ्वी से तकरीबन 400 गुना ज्यादा निकट या पास में स्थित है और यही वजह है कि, सूर्य ग्रहण की यह खूबसूरत घटना समय-समय पर घटित होती है। जब अमावस्या सूर्य से कुछ दूरी पर होती है जहां वह एक पूर्ण संरेखण में होती है तब ऐसा प्रतीत होता है जैसे चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक रहा है। पूर्ण सूर्यग्रहण कि यह घटना पृथ्वी पर औसतन हर 18 महीने में कहीं न कहीं अवश्य होती है।

छाया दो प्रकार की होती है उम्ब्रा और पैनंब्रा। ग्रहण की छाया के सबसे घने भाग को उम्ब्रा कहते हैं। यह वह हिस्सा होता है जहां पूरी तरह से धूप नहीं पहुंचती है जिसके चलते उम्ब्रा एक काले पतले शंकु का रूप ले लेता है। वहीं दूसरी तरफ होता है पैनंब्रा, पैनंब्रा उम्ब्रा को घेर लेती है। इसकी फेनेल की आकार की छाया आंशिक रूप से सूर्य के प्रकाश को रोकने का काम करती है।

पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी पर अपनी छाया डालता है और यह छाया कुछ ही घंटों में पृथ्वी की सतह को अंधेरा कर सकती है। उम्ब्रा के राह में जो भी स्थान आते हैं वह सूर्य की डिस्क को चंद्रमा की अंधेरी छाया से अवरुद्ध करते हुए देखा जा सकता है।

इस समय के दौरान जब सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा की छाया से ढका होता है तब सूर्य की सबसे नाजुक बाहरी परत जिसे करोना कहा जाता है का अनावरण होता है। या यूं कहिए सूर्य की सबसे नाजुक बाहरी परत नजर आती है। अधिकांश समय में पूर्ण सूर्यग्रहण बेहद ही छोटी अवधि के लिए होते हैं। लेकिन ये ज्यादा से ज्यादा 7 मिनट और 30 सेकंड तक लंबे हो सकते हैं।

आंशिक सूर्यग्रहण के दौरान केवल पेनुम्ब्रा हमारे पास से गुजरती है। जिसके चलते इस ग्रहण के दौरान सूर्य का एक ही हिस्सा नजर आता है। हालांकि आंशिक सूर्य ग्रहण की स्थिति में सूर्य का कितना हिस्सा नजर आएगा यह अलग-अलग परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

चंद्रमा द्वारा सूर्य का कितना हिस्सा ढका जा रहा है या आंशिक सूर्यग्रहण में ढक रहा है यह पृथ्वी की सतह पर आप के स्थान पर निर्भर करता है। हालांकि आंशिक सूर्यग्रहण का हिस्सा हजारों किलोमीटर चौड़ी दूरी से दिखाई दे सकता है।

वलयाकार सूर्यग्रहण को एक बेहद ही दुर्लभ और खूबसूरत दृश्य माना जाता है। यह पूर्ण सूर्यग्रहण से बहुत अलग होता है क्योंकि इसे आंशिक ग्रहण का उपखंड माना जाता है। वलयाकार सूर्यग्रहण और पूर्ण सूर्यग्रहण में एकमात्र यह समानता यह होती है कि इन दोनों ही परिस्थितियों में चंद्रमा सूर्य के मध्य से गुजरता हुआ प्रतीत होता है। सूरज को पूरी तरह से ढकने के लिए चांद बेहद ही छोटा होता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण तकरीबन 12 मिनट 3 सेकंड तक चल सकता है।

वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चाँद सामान्य की तुलना में धरती से दूर हो जाता है। नतीजतन उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले। वलयाकार सूर्यग्रहण में चाँद के बाहरी किनारे पर सूर्य रिंग यानी अंगूठी की तरह काफी चमकदार नजर आता है। इसे लोकप्रिय रूप से "रिंग ऑफ फायर" के रूप में भी जाना जाता है।

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को वलयाकार पूर्ण ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है। यह एक बेहद ही दुर्लभ दृश्य होता है जब चंद्रमा की दूरी पृथ्वी की सतह से टकराने के लिए छाया के लिए अपनी सीमा तक पहुँच रही होती है, तो यह विशेष प्रकार का ग्रहण देखा जाता है। अधिकतर, एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण एक वलयाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है, क्योंकि उम्ब्रा का सिरा पूरी तरह से पृथ्वी से टकराने में असमर्थ होता है। यह तब पूर्ण ग्रहण का रूप लेता है, और अंत में ग्रहण के अंत तक फिर से वलयाकार सूर्य ग्रहण हो जाता है।

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण को "केंद्रीय" ग्रहणों के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इन घटनाओं के दौरान चंद्रमा सीधे सूर्य के सामने चलता प्रतीत होता है।

सभी सूर्य ग्रहणों में से केवल 5% ही हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होते हैं, जबकि पूर्ण सूर्य ग्रहण लगभग 28% होते हैं, आंशिक सूर्य ग्रहण 35% होते हैं और वलयाकार सूर्य ग्रहण 32% है।

स्वास्थ्य रिपोर्ट से पाएं स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का सटीक और विस्तृत समाधान

2022 में सूर्य ग्रहण

साल 2022 में होंगे दो सूर्य ग्रहण (2022 Surya Grahan) होंगे

सूर्य ग्रहण प्रकार तारीख़ दृश्य स्थान
आंशिक सूर्य ग्रहण अप्रैल 30, 2022 दक्षिण/पश्चिम दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका
आंशिक सूर्य ग्रहण अक्टूबर 25, 2022 यूरोप, दक्षिण/पश्चिम एशिया, उत्तर/पूर्वी अफ्रीका, अटलांटिक

2022 में होने वाले दोनों सूर्य ग्रहण में से केवल एक आंशिक सूर्य ग्रहण जो 25 अक्टूबर 2022 को पड़ा है वहीं भारत में नजर आएगा।

इस सूर्य ग्रहण की जानकारी इस प्रकार है-

प्रारंभ समय- 16:49:20

समाप्ति समय: 18:06:00

अधिकतम ग्रहण का समय: 17:42:43

ग्रहण शुरू होने पर सूर्य की ऊंचाई: 17°

सूर्य की अधिकतम ऊंचाई:

सूर्य का प्रतिशत कवर: 36.2%

ग्रहण समाप्त होने पर सूर्य की ऊंचाई:

सूर्य ग्रहण भविष्यवाणियां

प्रत्येक अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) नहीं होता है क्योंकि चंद्रमा की कक्षा सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा में 5 डिग्री से अधिक झुकी होती है। इसका परिणाम यह होता है कि चंद्रमा की छाया ज्यादातर समय तक पृथ्वी की सतह के ऊपर से यह से उसके नीचे से गुजरती है इसलिए सूर्य ग्रहण नहीं लगता है।

लेकिन अमावस्या को वर्ष में कम से कम दो बार सूर्य के साथ संरेखण में आना चाहिए। जिस बिंदु पर सूर्य और चंद्रमा संरेखण में आते हैं उसे नोड कहा जाता है। यह नोड निर्धारित करता है कि ग्रहण आंशिक होगा या फिर केंद्रीय होगा।

कहना गलत नहीं होगा कि यह संरेखण बेहद ही व्यवस्थित होते हैं क्योंकि एक ग्रहण हमेशा खुद को दोहराता है या फिर एक विशेष समय के अंतराल के बाद वापस घटित होता है। इस अंतराल को सरोस साइकिल (Saros Cycle) के नाम से जाना जाता है। सरोस का अर्थ होता है बार बार होने वाला, एक सरोस चक्र 18 साल 11 1/3 दिन के बराबर होता है। इस अंतराल के बाद, एक नोड के सापेक्ष चंद्रमा और सूर्य की सापेक्ष स्थिति लगभग पहले जैसी ही होती है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

सूर्य ग्रहण 2022: प्राचीन इतिहास

कहा जाता है पहला सूर्यग्रहण तकरीबन चार सदियों पहले घटित हुआ था। इससे संबंधित एक चीनी मिथ्या के अनुसार कहा जाता है कि, एक बार सूर्य को ड्रैगन में खाने की कोशिश की थी जिससे सूर्य की रोशनी अवरुद्ध हो गई थी। इस स्थिति में ड्रैगन को सूर्य से दूर करने के लिए ढोल पीटने, तीर चलाने, और डरावनी और भयावह आवाज़ करने जैसे अलग-अलग साधनों को अपनाया गया। जिससे ड्रैगन को सूर्य से दूर भगाने में मदद हासिल हुई।

एक चीनी किताब में दो खगोलविदों ह्सी और हो (Hsi and Ho) का जिक्र किया गया है। बताया जाता है उन्होंने एक बार अनजाने में सूर्य ग्रहण की घटना प्रारंभ होने से पहले शराब का सेवन कर लिया था। जिसके बाद उन्हें उनके इस काम की वजह से ज़िया राजवंश के चौथे सम्राट, झोंग कांग द्वारा सिर काटकर उनके गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए उन्हें दंडित किया गया था। बताया जाता है यह घटना 22 अक्टूबर 2134 ई.पू. के सूर्य ग्रहण के दिन हुई थी।

बाइबिल के विद्वान यह भी मानते हैं कि, आमोस 8:9 की पुस्तक में,लिखी एक पंक्ति, "मैं दोपहर के समय सूर्य को अस्त कर दूंगा, और दिन के समय में पृथ्वी को काला कर दूंगा" 15 जून, 763 ई.पू. को देखे गए ग्रहण के संदर्भ में ही लिखी गयी थी।

वहीं प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) का विशेष महत्व माना गया है। इससे संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है, जब समुद्र मंथन से निकले अमृत को पीने के लिए दैत्य स्वर्भानु ने रूप बदलकर देवताओं की पंक्ति में बैठकर भगवान विष्णु से अमृत लेकर उसका पान कर लिया। जब इस बात की भनक भगवान विष्णु को लगी तो उन्होंने क्रोध में आकर अपने सुदर्शन चक्र से दैत्य स्वर्भानु का सिर और धड़ अलग कर दिया।

कहा जाता है तभी से राहु और केतु ने अपने साथ हुए इस तिरस्कार का बदला लेने के लिए सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाना प्रारंभ किया। कहते हैं सूर्य पर पर जो छाया पड़ती है वह असल में आकाश में उड़ते हुए राहु के सिर की वजह से है जिसके चलते ग्रहण के दौरान सूर्य काले रंग का प्रतीत होने लगता है। इसी से जोड़कर कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि, राहुल\ ने सफलतापूर्वक अमृत का घूँट चुरा लिया था लेकिन इससे पहले कि वह अमृत को अपने गले से होकर शरीर तक पहुंचा पाता तब तक उसका सिर काट दिया गया। ऐसे में ग्रहण के दौरान राहु सूर्य को खाने की कोशिश करता है लेकिन सूर्य दोबारा से प्रकट हो जाता है क्योंकि राहु के पास धड नहीं है।

सूर्य ग्रहण 2022 और स्वास्थ्य

ज्योतिष में सूर्य के प्रकाश को ऊर्जा और जीवन का कारक माना जाता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण से जुड़े अलग-अलग तथ्य और मिथक मौजूद हैं। यूं तो इन सभी कथनों और तथ्यों का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन ग्रहण की गंभीरता और उसकी शक्ति के बारे में हर व्यक्ति को अवश्य ही जानना चाहिए।

ऐसे में नीचे हम आपको पांच ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2022) आपके शरीर और स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।

कई आध्यात्मिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सूर्य ग्रहण के दौरान व्यक्ति थका हुआ और बीमार महसूस कर सकता है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि ग्रहण के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें। क्योंकि इस दौरान मूड पर प्रभाव पड़ने की आशंका प्रबल होती है।

ग्रहण से जुड़े मिथकों के अनुसार कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चों पर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चे बीमारियों या फिर मनोरोगों के साथ पैदा हो सकते हैं और यही वजह है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान ज्यादा सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है। यूं तो इस सिद्धांत का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन फिर भी लोग इस बात पर बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं।

ग्रहण हो या फिर न हो लेकिन सूर्य को सीधे नग्न आँखों से देखना आंखों के लिए बेहद ही खतरनाक हो सकता है। हालांकि सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं तो आपको कुछ विशेष तरीकों का पालन अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि, यह कोई मिथ्या नहीं है इस बात को वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणित किया है। ऐसे में बहुत मुश्किल होता है कि लोग सूर्यग्रहण जैसी खूबसूरत घटना को ना देखें। हालांकि सूर्य का अपनी आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जान कर भी यह गलती करना बेवकूफी साबित हो सकती है। ऐसे में यदि आप को ग्रहण देखना है तो इसके लिए आप फिल्टर का उपयोग करें या ग्रहण देखने वाले स्पेशल चश्मों का प्रयोग करें। ऐसा करने से आपकी आंखों पर सूरज की हानिकारक किरणों नहीं पहुंचेंगे जिसे आपका रेटिना सुरक्षित रहेगा। हालांकि यदि किसी ने ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की गलती की तो इससे रेटिना को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है और कई मामलों में लोग अंधे भी हो जाते हैं।

ग्रहण से जुड़ी कई बातों की तरह एक बात ही भी मानी जाती है कि सूर्य ग्रहण के दौरान पाचन तंत्र में परेशानियां हो सकती हैं। यही वजह है कि बहुत से लोग ग्रहण से पहले और उसके दौरान हल्का भोजन करने या फिर पूर्ण रूप से उपवास करने की सलाह देते हैं।

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के बारे में बहुत से जानकारों का ऐसा भी मत है कि सूर्य ग्रहण का मनुष्य पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। इससे संबंधित अध्ययनों से पता चलता है कि, कई मामलों में सूर्य ग्रहण के दौरान लोगों को अजीबोगरीब सपने दिखाई देते हैं, कई लोग किस तरह उत्तेजित महसूस करते हैं, और कई परिस्थितियों में लोगों को अपने रिश्तों में उतार-चढ़ाव या फिर कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है।

2022 सूर्य ग्रहण: गर्भवती महिलाओं के लिए दिशा निर्देश

ग्रहण संबंधित पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, सूर्य ग्रहण विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए विशेष तौर पर अशुभ होता है क्योंकि, इस दौरान बुरी शक्तियां काफी ज्यादा सक्रिय होती हैं। ऐसे में यदि आप गर्भवती हैं तो आपको सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

सूर्य ग्रहण: 2022 बच्चों के लिए दिशा निर्देश

सूर्य ग्रहण 2022: प्रकृति पर प्रभाव

प्रकृति पर भी सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ता है। ग्रहण के दौरान बहुत से लोगों ने ग्रहण के प्रकार और अपने स्थान के अनुसार अजीबोगरीब चीजों का अनुभव किया है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो

सूर्य ग्रहण का भविष्य

नासा के अनुसार भविष्य में एक समय ऐसा भी आएगा जब पूर्ण सूर्य ग्रहण घटित होगा ही नहीं। यह आज से लगभग 600 मिलियन वर्षों बाद होगा। चंद्रमा अपनी बढ़ती हुई कक्षा के कारण धीरे-धीरे पृथ्वी से बहुत दूर होता जा रहा है। इस बात का परिणाम यह होगा कि यह सूर्य को पूरी तरह से अपने अंदर सीधा करने में असमर्थ होगा इसलिए पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति होगी ही नहीं। हाँ लेकिन 60 करोड़ साल बाद भी आंशिक सूर्य ग्रहण घटित होते रहेंगे।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि सूर्य ग्रहण 2022 पर यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। आपका आने वाला वर्ष मंगलमय और मंगलमय हो!

Talk to Astrologer Chat with Astrologer