दत्तात्रेय मंत्र: जानें इसकी उत्पत्ति, महत्व और इसके लाभ के बारे में
दत्तात्रेय भगवान् को हिन्दू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का एक रूप माना गया है। हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दत्तात्रेय भगवान में त्रिदेव की शक्तियां विद्यमान रहती है इसलिए उनकी पूजा अर्चना से जल्द लाभ मिलता है। भगवान् दत्ता के मंत्रों को बेहद प्रभावशाली और जल्द ही फल देने वाला माना गया है। श्रद्धापूर्वक उनके मंत्रों का जाप और पूजा अर्चना करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से निजात पाया जा सकता है। भगवान् दत्तात्रेय की पूजा विशेष रूप से भारत के महाराष्ट्र में की जाती है। दत्तात्रेय जयंती को खासतौर से महाराष्ट्र में बहुत धूम धाम के साथ मनाया जाता है। जहाँ तक दत्तात्रेय के मंत्रों का सवाल है तो उनके मंत्रों के प्रयोग से शत्रुओं के नाश के साथ-साथ जीवन में आने वाली अन्य बाधाओं को भी दूर किया जा सकता है। आईये जानते हैं दत्तात्रेय मंत्र के महत्व और उससे मिलने वाले लाभों के बारे में।
कैसे हुई दत्तात्रेय भगवान् और उनके मंत्रों की उत्पत्ति?
दत्तात्रेय के मंत्रों की उत्पत्ति के बारे में जानने से पहले ये जानना आवश्यक है कि दत्तात्रेय भगवान् की उत्पत्ति कैसे हुई। हिन्दू धर्मशास्त्रों में मिले उल्लेख के अनुसार भगवान् दत्ता का जन्म ब्रह्मा जी के मानसपुत्र ऋषि अत्रि और माता अनसूया के घर हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार देवी अनसूया पुत्र प्राप्ति के लिए तीनों देवों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही थीं। उनके तप से प्रसन्न होकर तीनों देव पृथ्वी लोक आये और माता अनसूया को वरदान मांगने को कहा। तब उन्होनें एक ऐसे पुत्र का वरदान माँगा जिसके भीतर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों के अंश समाहित हों। इस प्रकार से माता अनसूया को त्रिदेव की शक्तियों से परिपूर्ण पुत्र दत्तात्रेय की प्राप्ति हुई। त्रिदेव अवतार होने की वजह से उनके तीन मुख और छह हाथ पैर हैं। हिन्दू धर्म में दो ग्रंथों में भगवान् दत्ता का विशेष उल्लेख मिलता है। ये ग्रंथ हैं “अवतार चरित्र” और “गुरुचरित्र” इन ग्रंथों की रचना किसने की इसकी जानकारी तो उपलब्ध नहीं है लेकिन इन ग्रंथों में ही भगवान् दत्ता का संपूर्ण वर्णन एवं उनके मंत्रों का उल्लेख है। इनके मंत्रों को बेहद प्रभावशाली माना जाता है और किसी भी क्षेत्र में जल्द परिणाम प्राप्त करने के लिए भी इन मन्त्रों का जाप महत्वपूर्ण माना जाता है।
भगवान् दत्तात्रेय के विभिन्न मंत्र एवं उससे मिलने वाले लाभ निम्नलिखित है
दत्तात्रेय के इन तीन मंत्रों का जाप करने से मिलता है विशेष लाभ
लाभ: भगवान् दत्ता के उपरोक्त तीन मन्त्रों का जाप करने से मुख्य रूप से जीवन में आने वाली विभिन्न कष्टों से तो छुटकारा मिलता ही है साथ ही साथ इन मंत्रों के नियमित जाप से पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है। यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो आप इन प्रमुख मंत्रों का जाप कर उससे निजात पा सकते हैं। इन मंत्रों का जाप नियमित रूप से 108 बार स्फटिक की माला से की जानी चाहिए।
लाभ: दत्तात्रेय के इस मंत्र का जाप नियमित रूप से 108 बार स्फटिक की माला से करने पर व्यक्ति मानसिक परेशानियों से निजात पा सकता है। विशेष रूप से गुरु पूर्णिमा और दत्तात्रेय जयंती के दिन यदि उपरोक्त मंत्र का जाप किया जाए तो ये काफी लाभदायक साबित होता है।
लाभ: विधिपूर्वक भगवान् दत्तात्रेय के उपरोक्त मंत्र का जाप करने से घर परिवार में होने वाले क्लेश से छुटकारा पाया जा सकता है। इस मंत्र का जाप चंदन की माला पर करने से परिवार में खुशियां आती हैं और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम का भाव बढ़ता है।
लाभ: भगवान् दत्ता के इन मंत्रों का जाप करने से आप विशेष रूप से अपने शत्रुओं से मुक्ति पा सकते हैं। इस मंत्र का जाप विशेष रूप से रुद्राक्ष की माला से की जाती है और इसे कम से कम आठ बार जपने से शत्रुओं से मिलने वाली लगातार हार से आप मुक्ति पा सकते हैं।
लाभ: इस मंत्र का जाप खासतौर से छात्रों के लिए फलदायी माना जाता है। परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से यदि तुलसी की माला से पांच बार इस मंत्र का जाप किया जाय तो परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।
लाभ: भगवान् दत्तात्रेय के इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से आपको आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है। ऐसा माना जाता है की इस मंत्र के नियमित जाप से गरीब से गरीब व्यक्ति भी अमीर बन सकता है। रोजाना रुद्राक्ष की माला से एक सौ आठ बार इस मंत्र का जाप करें आपको धन लाभ अवश्य होगा।
लाभ: इस मंत्र का श्रद्धा भाव से जाप करने से आप जीवन में दुर्घटनाओं से स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं। इस मंत्र का जाप खासतौर से रुद्राक्ष की माला से नियमित तौर पर आठ बार अवश्य करें। ऐसा करने से ना केवल आप स्वयं को बल्कि अपने परिवार के सदस्यों की रक्षा भी कर सकते हैं।
लाभ: भगवान् दत्तात्रेय के इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप कर आप अपने सच्चे प्यार को पा सकते हैं। इस मंत्र का जाप नियमित रूप से नौ बार स्फटिक की माला से करने पर आपको लाभ मिल सकता है।
दत्तात्रेय के इन सभी मंत्रों को बेहद प्रभावी माना जाता है और जीवन के विभिन्न कष्टों का जल्द निवारण करने वाला माना जाता है।
दत्तात्रेय मंत्र जाप करने की सम्पूर्ण विधि
- सबसे पहले घर के मंदिर में एक पूजा की चौकी लगाकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान् दत्तात्रेय की मूर्ती स्थापित करें।
- अब एक मिट्टी का घड़ा लेकर उसके अंदर सूखे आम की पत्तियां रखें और एक सूखा नारियल रखें।
- सबसे पहले दत्तात्रेय भगवान् की पूजा अर्चना करें, इसके लिए विशेष रूप से गेंदे के फूल का इस्तेमाल करें। पाँच दीया जलाएँ और ध्यान रखें की वो दीया मंत्र साधना पूरी होने तक जलती रहे।
- मंत्र जाप के लिए बैठते समय केवल लाल या पीले रंग के आसान का ही प्रयोग करें।
- अब हाथों में फूल और चावल लेकर दत्तात्रेय भगवान् की मूर्ती पर अर्पित करें और भावपूर्ण रूप से मंत्र साधना शुरू करें।
- इसके बाद जिस मंत्र का आप जाप करने जा रहे हैं उस मंत्र से संबंधित माला का प्रयोग करें।
हम आशा करते हैं कि दत्तात्रेय मंत्र से संबंधित हमारा ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा !
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Horoscope 2026
- राशिफल 2026
- Calendar 2026
- Holidays 2026
- Shubh Muhurat 2026
- Saturn Transit 2026
- Ketu Transit 2026
- Jupiter Transit In Cancer
- Education Horoscope 2026
- Rahu Transit 2026
- ராசி பலன் 2026
- राशि भविष्य 2026
- રાશિફળ 2026
- রাশিফল 2026 (Rashifol 2026)
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2026
- రాశిఫలాలు 2026
- രാശിഫലം 2026
- Astrology 2026






