Personalized
Horoscope
  • Talk To Astrologers
  • Talk To Astrologers
  • Personalized Horoscope 2025
  • Product Banner 2025
  • Brihat Horoscope
  • Ask A Question
  • Live Astrologers

अहोई अष्टमी पूजा के नियम व व्रत विधि

अहोई अष्टमी का पर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है। इस अवसर पर माताएँ अपने पुत्रों की दीर्घायु और उनके ख़ुशहाल जीवन के लिए व्रत का पालन करती है। अहोई अष्टमी व्रत, एक माँ का अपने पुत्र के प्रति समर्पण और प्रेम तथा मोह को दर्शाता है। इस दिन माताएँ अपने पुत्र की रक्षा के लिए निर्जला व्रत का पालन करती हैं। जबकि निःसंतान महिलाएँ भी पुत्र कामना के लिए यह व्रत रखती हैं।

इस दिन अहोई माता के साथ-साथ स्याही माता की भी पूजा का विधान है। विशेष रुप से उत्तर भारत में मनाया जाने वाले इस पर्व पर माताएँ अपने पुत्र के जीवन में होने वाली किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचाने के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। यह व्रत कार्तिक माह में करवा चौथ के चौथे दिन और दीपावली से आठ दिन पहले किया जाता है।

अहोई अष्टमी पूजा के नियम व व्रत विधि

अहोई अष्टमी की पूजा के नियम

अहोई की पूजा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन प्रदोषकाल मे की जाती है। इस दिन महिलाएँ अन्न और जल का परित्याग कर अहोई भगवती की पूजा करती हैं और अपनी संतान की दीर्घायु और निरोगी काया की कामना ठीक उसी प्रकार करती हैं। इस दिन सभी माताएँ सूर्योदय से पहले जगती हैं और उसके बाद स्नान करके माता अहोई की पूजा करती हैं। पूजा के लिए अहोई देवी माँ की आठ कोने वाली तस्वीर पूजा स्थल पर रखें।

माँ अहोई के तस्वीर के साथ वहाँ साही की भी तस्वीर होनी चाहिए। साही कांटेदार स्तनपाई जीव होता है जो माँ अहोई के नज़दीक बैठता है। पूजा की प्रक्रिया शाम को प्रारंभ होती है। पूजा की छोटी टेबल को गंगा जल से स्वच्छ करें। फिर इसमें आँटे की चौकोर रंगोली बनाएँ। माँ की तस्वीर के पास एक कलश भी रखें।

कलश का किनारा हल्दी से रंगा होना चाहिए और यह ध्रुव घास से भरा हो, अच्छा होगा कि वह सरई सींक हो। उसके बाद किसी बुजुर्ग महिला के मुख से अहोई माता की कथा श्रवण करें और माता को खीर एवं पैसा चढ़ाएँ। चंद्रोदय के पश्चात महिलाएँ उसे (चंद्रमा को) जल का समर्पण करें और अपना उपवास खोलें। यदि अहोई अष्टमी के दिन ज़रूरतमंद, अनाथ और बुज़ुर्ग लोगों को भोजन कराया जाए तो माता अहोई बहुत प्रसन्न होती हैं।

अहोई अष्टमी की व्रत विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • पूजा के समय पुत्र की लंबी आयु और उसके सुखमय जीवन की कामना करें।
  • इसके पश्चात् अहोई अष्टमी व्रत का संकल्प लिया जाता है।
  • माँ पार्वती की आराधना करें।
  • अहोई माता की पूजा के लिए गेरू से दीवार पर उनके चित्र के साथ ही साही और उसके सात पुत्रों की तस्वीर बनाएँ।
  • माता जी के सामने चावल की कटोरी, मूली, सिंघाड़ा आदि रखकर अष्टोई अष्टमी की व्रत कथा सुनें या सुनाएँ।
  • सुबह पूजा करते समय लोटे में पानी और उसके ऊपर करवे में पानी रखते हैं। इसमें उपयोग किया जाने वाला करवा भी वही होना चाहिए, जिसे करवा चौथ में इस्तेमाल किया गया हो।
  • शाम में इन चित्रों की पूजा करें।
  • लोटे के पानी से शाम को चावल के साथ तारों को अर्घ्य दें।
  • अहोई पूजा में चाँदी की अहोई बनाने का विधान है, जिसे स्याहु (साही) कहते हैं।
  • स्याहु की पूजा रोली, अक्षत, दूध व भात से करें।

अहोई अष्टमी की व्रत कथा

एक समय की बात है किसी गाँव में एक साहूकार रहता था। उसके सात बेटे थे। दीपावली से पहले साहूकार की पत्नी घर की पुताई करने के लिए मिट्टी लेने खदान गई। वहां वह कुदाल से मिट्टी खोदने लगी। दैवयोग से साहूकार की पत्नी को उसी स्थान पर एक “साही” की मांद थी, जहाँ वह अपने बच्चों के साथ रहती थी। अचानक कुदाल साहूकार की पत्नी के हाथों “साही” के बच्चे को लग गई, जिससे उस बच्चे की मृत्यु हो गई। “साही” के बच्चे की मौत का साहूकारनी को बहुत दुख हुआ। परंतु वह अब कर भी क्या सकती थी, वह पश्चाताप करती हुई अपने घर लौट आई।

कुछ समय बाद साहूकारनी के एक बेटे की मृत्यु हो गई। इसके बाद लगातार उसके सातों बेटों की मौत हो गई। इससे वह बहुत दुखी रहने लगी। एक दिन उसने अपनी एक पड़ोसी को “साही” के बच्चे की मौत की घटना सुनाई और बताया कि उसने जानबूझ कर कभी कोई पाप नहीं किया। यह हत्या उससे गलती से हुई थी जिसके परिणाम स्वरूप उसके सातों बेटों की मौत हो गई। यह बात जब सबको पता चली तो गांव की वृद्ध औरतों ने साहूकार की पत्नी को दिलासा दिया।

वृद्ध औरतों ने साहूकार की पत्नी को चुप करवाया और कहने लगी आज जो बात तुमने सबको बताई है, इससे तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है। इसके साथ ही, उन्होंने साहूकारनी को अष्टमी के दिन अहोई माता तथा “साही” और “साही” के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी आराधना करने को कहा। इस प्रकार क्षमा याचना करने से तुम्हारे सारे पाप धुल जाएंगे और कष्ट दूर हो जाएंगे।

साहूकार की पत्नी उनकी बात मानते हुए कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को व्रत रखा व विधि पूर्वक पूजा कर क्षमा याचना की। इसी प्रकार उसने प्रतिवर्ष नियमित रूप से इस व्रत का पालन किया। जिसके बाद उसे सात पुत्र रत्नों की फिर से प्राप्ति हुई। तभी से अहोई व्रत की परंपरा चली आ रही है।

अहोई माँ की आरती

जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राहमणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।। जय।।

हम आशा करते हैं कि माता अहोई आपकी संतान को लंबी उम्र और निरोगी काया प्रदान करें। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आप सभी को एस्ट्रोसेज की ओर से अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Astrological services for accurate answers and better feature

33% off

Dhruv Astro Software - 1 Year

'Dhruv Astro Software' brings you the most advanced astrology software features, delivered from Cloud.

Brihat Horoscope
What will you get in 250+ pages Colored Brihat Horoscope.
Finance
Are money matters a reason for the dark-circles under your eyes?
Ask A Question
Is there any question or problem lingering.
Career / Job
Worried about your career? don't know what is.
AstroSage Year Book
AstroSage Yearbook is a channel to fulfill your dreams and destiny.
Career Counselling
The CogniAstro Career Counselling Report is the most comprehensive report available on this topic.

Astrological remedies to get rid of your problems

Red Coral / Moonga
(3 Carat)

Ward off evil spirits and strengthen Mars.

Gemstones
Buy Genuine Gemstones at Best Prices.
Yantras
Energised Yantras for You.
Rudraksha
Original Rudraksha to Bless Your Way.
Feng Shui
Bring Good Luck to your Place with Feng Shui.
Mala
Praise the Lord with Divine Energies of Mala.
Jadi (Tree Roots)
Keep Your Place Holy with Jadi.

Buy Brihat Horoscope

250+ pages @ Rs. 399/-

Brihat Horoscope

AstroSage on MobileAll Mobile Apps

AstroSage TVSubscribe

Buy Gemstones

Best quality gemstones with assurance of AstroSage.com

Buy Yantras

Take advantage of Yantra with assurance of AstroSage.com

Buy Feng Shui

Bring Good Luck to your Place with Feng Shui.from AstroSage.com

Buy Rudraksh

Best quality Rudraksh with assurance of AstroSage.com

Reports

Live Astrologers