Online Astrological Journal – AstroSage Magazine https://horoscope.astrosage.com/hindi/ Wed, 03 Dec 2025 08:10:20 +0000 hi-IN hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.4 https://horoscope.astrosage.com/wp-content/uploads/2025/04/cropped-favicon-32x32.png Online Astrological Journal – AstroSage Magazine https://horoscope.astrosage.com/hindi/ 32 32 मंगल का धनु राशि में गोचर: जानें, किसे मिलेगा प्रेम का वरदान और किसे देनी होगी परीक्षा? https://horoscope.astrosage.com/hindi/mangal-gochar-dhanu-rashifal-prabhav-upay-2025/ Sat, 06 Dec 2025 18:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=115018 मंगल का धनु राशि में गोचर: जानें, किसे मिलेगा प्रेम का वरदान और किसे देनी होगी परीक्षा?

मंगल का धनु राशि में गोचर वैदिक ज्योतिष में एक प्रभावशाली और ऊर्जा-प्रधान खगोलीय परिवर्तन माना जाता है। साहस, उत्साह,

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मंगल का धनु राशि में गोचर: जानें, किसे मिलेगा प्रेम का वरदान और किसे देनी होगी परीक्षा?

मंगल का धनु राशि में गोचर वैदिक ज्योतिष में एक प्रभावशाली और ऊर्जा-प्रधान खगोलीय परिवर्तन माना जाता है। साहस, उत्साह, निर्णय-क्षमता, जोश, संबंधों में आकर्षण और संघर्ष, इन सबका कारक मंगल ग्रह जब राशि बदलते हैं, तो इसका प्रभाव सीधे मन, विचारों और कर्मों पर दिखाई देता है।

यह गोचर कई जातकों के लिए नई शुरुआत, दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रेम-सौभाग्य और करियर में तेजी सा सकता है, वहीं कुछ लोगों के लिए यह धैर्य, संयम और व्यवहार में संतुलन की आवश्यकता भी उत्पन्न कर देता है। 

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इस बार मंगल का धनु राशि में प्रवेश 12 राशियों के जीवन में खास हलचल लेकर आएगा। कहीं रिश्तों में निकटता और जुनून बढ़ेगा, तो कहीं गलतफहमी, उतावलापन और तकरार की स्थिति से सचेत रहना होगा। कुछ राशियों को भाग्य का जोरदार साथ मिलेगा जबकि कुछ को तुरंत निर्णय लेने बचना होगा।

यह गोचर बताएगा कि किसे प्रेम का वरदान मिलेगा और किस पर परीक्षा की घड़ी आएगी। ध्यान देने योग्य है कि मंगल का धनु राशि में गोचर ऊर्जा, विस्तार और नई संभावनाओं का द्वार खोलता है, लेकिन साथ ही समझदारी और सही दिशा में प्रयास की मांग भी करता है। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम जानेंगे कि “मंगल का धनु राशि में गोचर” आपकी राशि को कैसे प्रभावित करेगा, प्रेम, करियर, स्वास्थ्य और धन पर इसका क्या असर पड़ेगा, और कौन से उपाय आपके जीवन में संतुलन और सफलता लाने में सहायक होंगे। 

तो आइए, शुरुआत करते हैं, सबसे पहले जानते हैं इस महत्वपूर्ण गोचर की तिथि और समय।

मंगल का धनु राशि में गोचर : तिथि और समय 

मंगल महाराज 07 दिसंबर 2025 की शाम 07 बजकर 26 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मंगल का धनु राशि में गोचर : ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व

ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस और कर्म का प्रतीक माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति के भीतर मौजूद हिम्मत, आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता को नियंत्रित करता है, जिसकी कुंडली में मंगल मजबूत होता है, वह जीवन में चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है, जल्दी हार नहीं मानता और अपने लक्ष्य की ओर तेजी से कदम बढ़ाता है।

यह ग्रह हमारे कर्मक्षेत्र यानी हम क्या करते हैं और कैसे करते हैं, उस पर सीधा प्रभाव डालता है। मंगल को भूमि, संपत्ति, वाहन और रियल एस्टेट के कारक भी कहा जाता है इसलिए कुंडली में शुभ मंगल होने पर व्यक्ति को जमीन-प्रॉपर्टी का लाभ, अपना घर, वाहन और स्थिर आर्थिक स्थिति मिलती है। वहीं अशुभ मंगल या कमजोर मंगल भूमि-विवाद, दुर्घटना, गुस्सा, झगड़ा या रुकावटें ला सकता है। 

विवाह और दांपत्य जीवन में भी मंगल का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि शादी से पहले मंगल दोष की जांच की जाती है। यदि कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो, तो विवाह में देरी, पार्टनर से असहमति या संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। हालांकि, उचित मिलान, दशा और अनुभवी ज्योतिषीय उपायों से इस दोष को काफी हद तक संतुलित किया जा सकता है।

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सभी 12 भावों पर मंगल ग्रह का प्रभाव

पहला भाव

पहले भाव में मंगल व्यक्ति को साहसी, ऊर्जावान, मेहनती और तेज निर्णय लेने वाला बनाता है। ऐसा व्यक्ति नेतृत्व क्षमता वाला, दृढ़ इच्छाशक्ति का और कई बार गुस्सैल भी हो सकता है। इस भाव में मंगल मजबूत स्वास्थ्य और स्पोर्टी नेचर देता है।

दूसरा भाव

दूसरे भाव में मंगल धन कमाने की क्षमता तो देता है, लेकिन खर्च भी बढ़ा देता है। वाणी तेज हो सकती है और पारिवारिक तनाव की संभावनाएं बढ़ती हैं। यह प्रॉपर्टी और  इन्वेस्टमेंट से लाभ भी दे सकता है।

तीसरा भाव

यह स्थान मंगल के लिए बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा व्यक्ति बहादुर, मेहनती, कम्युनिकेशन में मजबूत और भाइयों के लिए सहायक होता है। कार्यक्षेत्र में तेजी से सफलता मिलती है।

चौथा भाव

यहाँ मंगल घर-गाड़ी-प्रॉपर्टी का सुख देता है, लेकिन मां के स्वास्थ्य या गृह-सुख में उतार-चढ़ाव ला सकता है। घर बदलने या रियल एस्टेट से जुड़े कार्यों की संभावना रहती है।

पांचवां भाव

यह व्यक्ति को तेज दिमाग और प्रतियोगी बनाता है, परंतु गुस्सा या आवेग बढ़ा सकता है। संतान पक्ष में चिंता या देरी हो सकती है। स्पोर्ट्स, टेक, इंजीनियरिंग में सफलता मिलती है।

छठा भाव

यह मंगल कानूनी मामलों, प्रतियोगिताओं और स्पोर्ट्स में विजय दिलाता है। शत्रु पर विजय, बीमारियों पर नियंत्रण और साहस बढ़ता है। यह एक विजेता का मंगल कहलाता है।

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सातवां भाव

सातवें भाव में मंगल विवाह में देरी, विवाद या पार्टनर से अनबन करा सकता है। यही कारण है कि इसे मंगल दोष माना जाता है। सही मेल, दशा और उपाय से रिश्ते सुधरते हैं। पार्टनर ऊर्जावान या आक्रामक हो सकता है।

आठवां भाव

यह मंगल दुर्घटना, चोट, ऑपरेशन या अचानक खर्च बढ़ा सकता है। लेकिन यह व्यक्ति को शोध, गुप्त विद्या, ज्योतिष, मेडिकल या टेक्निकल क्षेत्र में विशेषज्ञ भी बनाता है। जीवन में उतार-चढ़ाव अधिक रहते हैं।

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नौवां भाव

भाग्य भाव में मंगल साहसी स्वभाव, यात्राएं, पिता से विवाद या दूरी, और आध्यात्मिकता के प्रति रुचि देता है। यह व्यक्ति कर्म करके भाग्य बनाता है—भाग्य की मदद बाद में मिलती है।

दसवां भाव

दसवें भाव का मंगल करियर में बड़ी सफलता देता है। यह नेता, पुलिस सेना, इंजीनियर, स्पोर्ट्समैन या बिजनेस में श्रेष्ठ बनाता है। बहुत परिश्रम, संघर्ष और अंत में सम्मान मिलता है।

ग्यारहवां भाव

यहां मंगल बड़ी इनकम, नेटवर्किंग, बड़े सपने और तेज़ी से लक्ष्य प्राप्ति देता है। मित्रों से लाभ और आर्थिक वृद्धि बेहद मजबूत होती है। यह सबसे शुभ स्थानों में से एक माना जाता है।

बारहवां भाव

बारहवां भाव में मंगल खर्च बढ़ाता है, विदेश यात्रा की संभावना देता और कई बार नींद व मानसिक शांति कम करता है। ध्यान, योग उपाय करने पर यह विदेशों में सफलता और रहस्यमयी विद्या में प्रगति देता है।

मंगल का धनु राशि में गोचर : उपाय 

हनुमान जी की उपासना 

मंगल ग्रह का सीधा संबंध हनुमान जी से है। रोज या मंगलवार को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड पढ़ना मंगल को बेहद मजबूत करता है। इससे साहस, आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता बढ़ती है तथा अशुभ मंगल के प्रभाव कम होते हैं। 

लाल रंग का प्रयोग बढ़ाएं

मंगल का रंग लाल है। इसलिए लाल रुमाल रखना, लाल वस्त्र पहनना या मंगलवार को लाल फूल चढ़ाना शुभ फल देता है। इससे मंगल की ऊर्जा सक्रिय होती है और सकारात्मक परिणाम तेजी से मिलते हैं।

कॉपर का उपयोग

तांबे के बर्तन में पानी पीना या तांबे का कड़ा पहनना मंगल की ऊर्जा को संतुलित और मजबूत करता है। यह रक्त मांसपेशियों और मानसिक जोश को बढ़ाता है।

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नियमित व्यायाम या योग

मंगल शरीर की ऊर्जा और एक्शन का ग्रह है। इसलिए प्रतिदिन व्यायाम, दौड़, सूर्य नमस्कार या योग करना मंगल की शक्ति को बढ़ाता है और गुस्सा, तनाव व थकान कम करता है।

मंगलवार को व्रत 

मंगल ग्रह को शांत और मजबूत करने के लिए मंगलवार का व्रत रखना अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है। इस दिन लाल चने की दाल या गुड़ का सेवन करने से मंगल की स्थिति बेहतर होती है।

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मंगल का धनु राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

कामकाज के सिलसिले में लंबी यात्रा या विदेश जाने का मौका मिल सकता है। यह अवसर…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

करियर की बात करें तो, बॉस या सीनियर्स से बात करते समय सावधानी रखें। आपकी कोई…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

करियर की बात करें तो नई जिम्मेदारी मिल सकती हैं और नया जॉब ऑफर या ऑनसाइट मौका…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

करियर की बात करें तो, इस समय आप नई और बेहतर नौकरी की तलाश कर…(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि

अगर आप ट्रेडिंग या शेयर मार्केट जैसे किसी काम से जुड़े हैं तो आपको अच्छा लाभ…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

करियर की बात करें, तो काम का दबाव ज्यादा रहेगा और आप चाहकर भी अपने काम से पूरी…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

यदि आप फैमली बिज़नेस करते हैं तो इसमें अच्छी कमाई होगी और बिज़नेस को आगे…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

यदि आप ट्रेडिंग या शेयर बाजार जैसे कारोबार में हैं, तो इस दौरान अच्छा मुनाफा होगा…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

करियर की बात करें, तो आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है, जो आपके लिए…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

करियर के बारे में चर्चा करें तो इस समय स्थान परिवर्तन या ट्रांसफर के योग बन…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

व्यवसाय में अच्छा मुनाफा होगा। आपके कई सपने और योजनाएं पूरी हो सकती…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

व्यापार करने वाले जातक अपने  प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलेंगे और अच्छा नाम और मुनाफ़ा…(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

मंगल का धनु राशि में गोचर क्या संकेत देता है?

यह गोचर ऊर्जा, साहस, प्रेम, करियर और निर्णय-क्षमता में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है।

क्या इस गोचर से प्रेम जीवन पर असर पड़ेगा?

हाँ, कई राशियों के लिए प्रेम-सौभाग्य बढ़ेगा जबकि कुछ को रिश्तों में धैर्य की आवश्यकता होगी।

क्या करियर में भी परिवर्तन देखने को मिलेंगे?

जी हां, कुछ राशियों को नई नौकरी, प्रमोशन या यात्राओं के अवसर मिलेंगे, जबकि कुछ के लिए दबाव बढ़ सकता है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, जानें किन राशि वालों को मिलेगा बड़ा लाभ! https://horoscope.astrosage.com/hindi/budh-gochar-vrishchik-rashifal-prabhav-upay-2025/ Fri, 05 Dec 2025 18:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=115012 बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, जानें किन राशि वालों को मिलेगा बड़ा लाभ!

वैदिक ज्योतिष में बुध का वृश्चिक राशि में गोचर एक गहन, सूक्ष्म और रहस्यमयी परिवर्तन माना जाता है। बुद्धि, संवाद,

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, जानें किन राशि वालों को मिलेगा बड़ा लाभ!

वैदिक ज्योतिष में बुध का वृश्चिक राशि में गोचर एक गहन, सूक्ष्म और रहस्यमयी परिवर्तन माना जाता है। बुद्धि, संवाद, विश्लेषण, व्यापार, कूटनीति और निर्णय-क्षमता के कारक बुध जब जल तत्व की इस गूढ़ राशि में प्रवेश करते हैं, तो विचारों की गहराई, बोलचा की तीक्ष्णता और मन की सूक्ष्म समझ और भी प्रबल हो जाती है। यह गोचर कई जातकों के भीतर छिपी हुई प्रतिभाओं, रणनीतिक सोच, संबंधों की सच्चाइयों और आर्थिक निर्णयों पर सीधे प्रकाश डाल सकता है।

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वहीं कुछ लोगों के लिए यह समय मानसिक उलझनों, अधिक सोचने की प्रवृत्ति और संबंधों में स्पष्टता की कमी भी ला सकता है। इस बार बुध का वृश्चिक राशि में प्रवेश 12 राशियों के जीवन में शांत लेकिन प्रभावशाली हलचल लेकर आएगा। कहीं रिश्तों में भावनात्मक गहराई और भरोसे का स्तर बढ़ेगा, तो कहीं अनकहे सवाल, संदेह या बातचीत में कटुता से सावधान रहना होगा। 

कुछ राशियों को तीक्ष्ण बुद्धि और विश्लेषण क्षमता से बड़ा लाभ मिलेगा, जबकि कुछ को निर्णय लेते समय भावनाओं और तर्क का संतुलन साधना होगा। यह गोचर बताएगा कि किसे करियर में रणनीतिक बढ़त मिलेगा, किसी आर्थिक लाभ का अवसर मिलेगा और किसके निजी रिश्तों की परीक्षा हो सकती है। ध्यान देने योग्य है कि वृश्चिक राशि में बुध का यह गोचर परिवर्तन, अंतर्ज्ञान और गहराई का द्वार खोलता है, लेकिन साथ ही सजगता, धैर्य और सटीक संवाद की मांग भी करता है। 

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम जानेंगे कि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपकी राशि को  कैसे प्रभावित करेगा, प्रेम, करियर, स्वास्थ्य, धन और रिश्तों पर इसका क्या असर पड़ेगा, और कौन से उपाय इस अवधि को आपके लिए और अधिक शुभ बना सकते हैं। तो आइए शुरुआत करते हैं, सबसे पहले जानते हैं इस महत्वपूर्ण गोचर की तिथि और समय।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर : तिथि और समय 

06 दिसंबर, 2025 को रात्रि के समय 08 बजकर 34 मिनट पर बुध का वृ‍श्चिक राशि में गोचर होने जा रहा है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर : बुध ग्रह का महत्व

ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संवाद और व्यापार का मूल आधार माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति, बोलचाल, लेखन, तर्कशक्ति और सीखने की क्षमता को नियंत्रित करता है। मजबूत बुध व्यक्ति को चतुर, बुद्धिमान, समझदार, साफ बोलने वाला और व्यापार में सफल बनाता है, जबकि कमजोर बुध भ्रम, गलत निर्णय, घबराहट संवाद, व्यापारिक नुकसान और पाचन तंत्र से जुड़े मुद्दे पैदा कर सकता है।

यह ग्रह रिश्तों में संवाद की गुणवत्ता भाई-बहनों से संबंध और सामाजिक व्यवहार को भी प्रभावित करता है। इसलिए बुध ग्रह को जीवन में स्पष्टता, तर्क और समृद्धि का आधार माना जाता है।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर : वृश्चिक राशि के जातकों का स्वभाव

वृश्चिक राशि के जातक बेहद गहरे, भावुक और रहस्यमयी स्वभाव वाले माने जाते हैं। ये लोग अंदर से बहुत संवेदनशील होते हैं, लेकिन बाहर से खुद को मजबूत और नियंत्रित दिखाते हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत है इनकी तीव्र इच्छाशक्ति और दृढ़ निश्चय, जब ये किसी चीज़ को पाने का मन बना लें, तो उसे पूरा करके ही मानते हैं।

वृश्चिक जातक भरोसा बहुत सोच-समझकर करते हैं, लेकिन एक बार किसी से जुड़ जाएँ तो बेहद वफादार और समर्पित होते हैं। संबंधों में गहराई, ईमानदारी और भावनात्मक सुरक्षा इनके लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। रहस्य रखना, चीज़ों को गहराई से समझना और हर स्थिति का असली सच पकड़ लेना इनकी प्रकृति में होता है। भावनाओं को ये कम ही व्यक्त करते हैं, लेकिन अंदर से बेहद जुनूनी, साहसी और तीखे अंतर्ज्ञान वाले होते हैं।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर : 12 भावों में बुध ग्रह का प्रभाव

पहला भाव

पहले भाव में बुध जातक को तेज दिमाग, अच्छा संवाद कौशल और चतुराई देता है। ऐसे लोग वाक्पटु, समझदार, विश्लेषणात्मक और बहुमुखी होते हैं। सोचने-समझने की क्षमता बहुत तेज होती है।

दूसरा भाव

यहां बुध वाणी को मधुर और प्रभावशाली बनाता है तथा धन कमाने के कई अवसर देता है। जातक को वित्त, एकाउंटिंग, बिज़नेस और संवाद से लाभ मिलता है।

तीसरा भाव

तीसरे भाव में बुध साहस, आत्मविश्वास और संचार कौशल बढ़ाता है। लेखन, पत्रकारिता, यात्रा और मार्केटिंग से लाभ मिलता है। भाई-बहनों से संबंध भी अच्छे रहते हैं।

चौथा भाव

यहां बुध जातक को शिक्षित और ज्ञानवान बनाता है। घर के मामलों में शांति देता है। वाहन, संपत्ति और शिक्षा में सफलता मिलती है। माँ के साथ संबंध सामान्य से अच्छे रहते हैं।

पांचवां भाव

बुध यहां अद्भुत गणितीय और विश्लेषणात्मक क्षमता देता है। संतान भाग्य अच्छा रहता है और शिक्षा में विशेष प्रगति होती है। क्रिएटिविटी और तार्किक सोच दोनों मजबूत बनते हैं।

छठा भाव

छठे भाव का बुध समस्याओं को हल करने की क्षमता देता है। जातक तार्किक होता है और शत्रुओं पर विजय पाता है। स्वास्थ्य बेहतर, लेकिन कभी-कभी नर्वस सिस्टम कमजोर हो सकता है।

सातवां भाव

यहां बुध बुद्धिमान, समझदार और संवाद करने वाले जीवनसाथी देता है। व्यापारिक साझेदारी सफल रहती है। विवाह में मानसिक तालमेल अच्छा रहता है, पर अधिक विश्लेषण टकराव भी ला सकता है।

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आठवां भाव

आठवें भाव में बुध जातक को गहरी सोच, रिसर्च क्षमता और रहस्यमयी ज्ञान देता है। गूढ़ शास्त्र, आयुर्वेद, ज्योतिष, टैक्स, इंश्योरेंस से लाभ मिलता है। मानसिक तनाव के योग भी बनते हैं।

नौवां भाव

यहां बुध भाग्य को मजबूत करता है। विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा, लेखन, अध्यापन, धार्मिक अध्ययन से लाभ मिलता है। जातक सत्यवादी और ज्ञानप्रिय होता है।

दसवां भाव

दसवें भाव का बुध जातक को करियर में बहुत सफलता देता है।  कम्युनिकेशन, सेल्स, मीडिया, बिज़नेस, सरकारी काम, आईटी, शिक्षा में बड़ी प्रगति होती है। नाम-यश बढ़ता है।

ग्यारहवां भाव

यहां बुध आय के कई स्रोत खोलता है। मित्रों से लाभ, सोशल नेटवर्किंग, बिज़नेस ग्रोथ और आर्थिक उन्नति देता है। ऐसे लोग तेजी से पैसा कमाने की क्षमता रखते हैं।

बारहवां भाव

बारहवें भाव में बुध विदेश यात्राओं से लाभ कराता है। कल्पनाशक्ति बढ़ती है और मन आध्यात्मिक हो सकता है। खर्च बढ़ा सकता है, लेकिन बुद्धि से बड़े अवसर भी दिलाता है। 

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: सरल उपाय

हरा रंग अपनाना

बुध को मजबूत करने का सबसे आसान तरीके है अपने जीवन में हरे रंग को शामिल करना। बुधवार के दिन हरे कपड़े पहनें, हरे फल-सब्जियों का सेवन करें और घर में तुलसी या मनी प्लांट जैसे हरे पौधे लगाएं। हरा रंग बुध की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ता है।

बुध का व्रत या हल्का उपवास 

बुध को शांत और शुभ बनाने के लिए बुधवार को हल्का उपवास करें। इस दिन हरी मूंग, धनिया, खीरा या कोई भी हरी सब्जी खाना शुभ माना जाता है। यह उपाय बुद्धि, निर्णय क्षमता और काम में सफलता बढ़ता है।

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गाय को हरी सब्ज़ी या दूर्वा खिलाना

बुध को प्रबल बनाने के लिए बुधवार को गाय को हरी सब्जी, हरी दूब या पालक खिलाएं। यह एक बहुत ही सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय है जिससे बुध से संबंधित समस्याएं जल्दी कम होती हैं।

वाणी को मीठा और व्यवहार को अच्छा रखना

बुध ग्रह वाणी और व्यवहार का प्रतिधित्व करता है। इसलिए प्रयास करें कि दूसरों से मीठी भाषा में बात करें, झगड़े से बचें और किसी को अपमानित न करें। आपका सकारात्मक व्यवहार स्वतः बुध को बलवान बनाता है और आपकी कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होती है।

ॐ बुं बुधाय नमः’ मंत्र का जप

बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए रोज़ाना या कम से कम बुधवार को ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें। यह मंत्र आपके मन को शांत करता है, बुद्धि को तेज करता है और नकारात्मक बुध दोष को दूर करता है।

हरी दाल, हरे कपड़े या लौकी का दान

दान बुध को तुरंत शुभ बनाता है। बुधवार के दिन हरी मूंग दाल, हरा कपड़ा, लौकी या कोई भी हरी वस्तु दान करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है। इससे भाग्य मजबूत होता है और व्यापार-नौकरी में प्रगति होती है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

कामकाज के सिलसिले में लंबी यात्रा या विदेश जाने का मौका मिल सकता है। यह अवसर… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

करियर की बात करें तो, बॉस या सीनियर्स से बात करते समय सावधानी रखें। आपकी कोई… (विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

करियर की बात करें तो नई जिम्मेदारी मिल सकती हैं और नया जॉब ऑफर या… (विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

व्यवसाय में ज्यादा भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। इस दौरान आपको… (विस्तार से पढ़ें) 

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सिंह राशि

करियर की बात करें तो, आप अपनी बुद्धिमत्ता और समझदारी से अपने काम… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

अगर आप व्यापार करते हैं तो इस समय फायदा कम होने की संभावना है और… (विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

यदि आप फैमली बिज़नेस करते हैं तो इसमें अच्छी कमाई होगी और बिज़नेस … (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि

यदि आप ट्रेडिंग या शेयर बाजार जैसे कारोबार में हैं, तो इस दौरान अच्छा मुनाफा होगा… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि

करियर की बात करें, तो आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है, जो… (विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

व्यापार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। आपको योजना… (विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

करियर के लिहाज़ से, इस समय नौकरी में सीनियर्स और सहकर्मियों से सहयोग… (विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

व्यापार करने वाले जातक अपने  प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलेंगे और… (विस्तार से पढ़ें) 

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1- बुध का वृश्चिक राशि में गोचर क्या होता है?

जब बुध ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है, तो विचारों की गहराई, विश्लेषण क्षमता, संवाद शैली और निर्णय लेने की शक्ति पर इसका प्रभाव पड़ता है। यह गोचर व्यक्ति की मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक समझ को गहरा बनाता है।

2- बुध का वृश्चिक राशि में गोचर 2025 में कब हो रहा है?

यह गोचर 06 दिसंबर 2025 रात 08:34 बजे होगा, और इसके प्रभाव तुरंत दिखाई देने लगेंगे।

3-इस गोचर का 12 राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा?

कुछ राशियों को करियर, वित्त और संवाद में लाभ मिलेगा, जबकि कुछ को रिश्तों में गलतफहमी, अधिक सोच और निर्णय में भ्रम का सामना करना पड़ सकता है। हर राशि पर अलग-अलग प्रभाव होंगे।

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मंगल का धनु राशि में गोचर: जानें, देश-दुनिया व राशियों पर प्रभाव! https://horoscope.astrosage.com/hindi/mangal-gochar-dhanu-07-dec-2025-lucky-unlucky-zodiac/ Fri, 05 Dec 2025 06:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=115006 मंगल का धनु राशि में गोचर: जानें, देश-दुनिया व राशियों पर प्रभाव!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का धनु राशि में गोचर के बारे में विस्तार से

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मंगल का धनु राशि में गोचर: जानें, देश-दुनिया व राशियों पर प्रभाव!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का धनु राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि मंगल गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा।

बता दें कुछ राशियों को मंगल के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में मंगल ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

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ज्योतिष में मंगल वो गर्म मिज़ाज वाला ग्रह है जो हमारी ऊर्जा, हिम्मत और काम करने की ताकत दिखाता है यानी हम कैसे मेहनत करते हैं, चुनौतियों से भिड़ते हैं और खुद को साबित करते हैं। मंगल को ग्रहों का योद्धा भी कहा जाता है क्योंकि यह जुनून, महत्वाकांक्षा, ताकत और दृढ़ता के कारक है। अगर इसकी ऊर्जा असंतुलित हो जाए तो यही मंगल गुस्सा, आक्रामकता और विवाद भी पैदा कर सकता है।

बता दें कि मंगल का धनु राशि में गोचर 07 दिसंबर 2025 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

मंगल का धनु राशि में गोचर: समय व तिथि

वैदिक ज्योतिष में मंगल को योद्धा कहा जाता है जो साहस का प्रतीक माने जाते हैं। अब मंगल महाराज 07 दिसंबर 2025 की शाम 07 बजकर 26 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

मंगल का धनु राशि में गोचर: विशेषताएं

धनु राशि धनुष का प्रतीक है और मंगल एक योद्धा का ग्रह माना जाता है। इसलिए जब मंगल धनु में होता है , तो यह बताता है कि आप ऐसे योद्धा हैं, जिसके हाथ में धनुष है यानी आपने अपना लक्ष्य तय कर लिया है और अब उसे पूरा करने के लिए तैयार हैं। आपने अपने लिए कोई महत्वपूर्ण काम चुन लिया है और सफलता मिलने तक मेहनत करना नहीं छोड़ते। अगर आपकी कुंडली में मंगल धनु में है, तो आपको मनाना बेहद मुश्किल होता है। आपका उद्देश्य इतना मजबूत होता है कि विरोधी भी आपको रास्ते से भटका नहीं पाते। 

आप अपने शब्दों के पक्के होते हैं और अक्सर अपनी सोच को बदलते नहीं हैं। जो बात कह देते हैं, उसे करने की कोशिश जरूर करते हैं, चाहे नतीजा अच्छा आए या खराब। धनु में मंगल वैसे ही योद्धाओं की तरह है जैसे पुराने जमाने के सैनिक, जो कई राज्यों को जीतते थे, राजाओं को हराते थे, प्रदेशों पर अधिकार करके अपने नियम- कानून, विचार और धर्म स्थापित कर लेते थे। इसलिए अगर आप चाहें, तो आज की दुनिया में भी यह योग आपको हर प्रतियोगिता या काम में जीत दिला सकता है। 

इस योग से आपका व्यक्तित्व साहसी, तेजस्वी, दबंग और उद्देश्य पूर्ण बनता है। लेकिन एक कमी भी रहती है, आप दूसरों के अनुसार खुद को ढालना नहीं जानते। ना सुनना आपको पसंद नहीं इसलिए रिश्तों में समझौता करने में दिक्कत होती है। स्वास्थ्य की बात करें तो यह योग जांघों, रीढ़ की हड्डी, कमर, लिवर और पाचन से जुड़े समस्याएं दे सकता है। यह योग मणिपुर चक्र को प्रभावित करता है, जिससे शरीर में अम्लता और कभी-कभी पानी की कमी हो सकती है। 

अगर मंगल धनु में होने से परेशानी आ रही है, तो आपको खासकर मंगलवार को दक्षिण दिशा की यात्रा से बचना चाहिए। यह स्थिति पृथ्वी तत्व लग्न वालों (जैसे वृषभ, कन्या, मकर) को परेशानी देती है, लेकिन अग्नि तत्व लग्न वालों (मेष, सिंह, धनु) के लिए यह बहुत अच्छा फल देती है।

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मंगल का धनु राशि में गोचर: इन राशियों पर बुरा असर पड़ेगा

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब जब मंगल धनु राशि में गोचर करेंगे, तो यह आपके आठवें भाव को सक्रिय करेगा, जो परिवर्तन, गुप्त बातें, साझे संसाधन और अचानक होने वाली घटनाओं के भाव माने जाते हैं। यह गोचर शक्तिशाली तो है, लेकिन साथ ही थोड़ी तीव्र भी है। यह आपको आपके अंदर की गहरी भावनाओं और छिपे हुए सच का सामना करने में मजबूर करेगा।

आर्थिक रूप से, इस दौरान साझे धन, विरासत, बीमा या किसी संयुक्त निवेश में उतार-चढ़ाव आ सकता है। किसी भी जोखिम से दूरी बनाए रखना बेहतर होगा।  भावनात्मक रूप से, मंगल दबे हुए गुस्से या पुरानी भावनाओं को उभार सकता है। इससे रिश्तों में अचानक बहस, टकराव या कोई चौंकाने वाली बात सामने आ सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से, तनाव बढ़ सकता है, और जल्दबाजी या आवेश में किए गए काम चोट का कारण बन सकते हैं। इसलिए शांत रहें और अपने मानसिक संतुलन का ध्यान रखें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इनके धनु राशि से गोचर के दौरान आपका सातवां भाव सक्रिय होता है, जो साझेदारी, विवाह और बिज़नेस पार्टनरशिप से जुड़ा होता है। इस समय आपको रिश्तों, चाहे निजी हों या पेशेवर में स्वतंत्रता या नियंत्रण रखने की तीव्र इच्छा महसूस हो सकती है। इसी वजह से या तो रिश्तों में तेज तरक्की होगी या फिर बहस और टकराव बढ़ सकते हैं, यह इस बात निर्भर करेगा कि आप स्थिति को कैसे संभालते हैं।

इस दौरान ईमानदार बातचीत से गलतफहमियां दूर हो सकती हैं, लेकिन जल्दबाज़ी में प्रतिक्रिया देने से झगड़े बढ़ने का खतरा है। बिज़नेस में मंगल आपको साहस देगा कि आप नए कदम उठाएं और बिना डरे बातचीत व बातचीत करें, लेकिन रिश्ता संतुलित रखने के लिए आपको थोड़ी कूटनीति भी रखनी पड़ेगी। कानूनी मामले या कॉन्ट्रैक्ट्स तेज़ी से आगे बढ़ सकते हैं, इसलिए सोच-समझकर कदम उठाएँ और दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें।

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कर्क राशि

कर्क राशि  वालों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और इनके धनु राशि में गोचर के दौरान आपका छठा भाव सक्रिय होता है, जो काम, सेवा, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता और रोजमर्रा की जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है। यह गोचर आपको चुनौतियों पर जीत पाने और अपने काम में अपनी क्षमता साबित करने के लिए मजबूत प्रेरणा देता है।

आप अपने रूटीन को बेहतर संगठित करने, अपने अधिकार को स्थापित करने और लंबित कामों को पूरा करने की ओर ज्यादा ध्यान देंगे। अगर कुछ समय से आप थकान या अनमना महसूस कर रहे थे, तो धनु में स्थित मंगल आपकी ऊर्जा और अनुशासन को दोबारा जागृत करेगा। लेकिन छठा भाव संघर्षों और प्रतिस्पर्धियों से भी जुड़ा होता है।

इस समय कार्यस्थल पर प्रतियोगिता बढ़ सकती है या सहकर्मियों से छोटी-छोटी तनातनी हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि आप इस उग्र ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं और आवेश में आकर प्रतिक्रिया न दें। यहाँ बैठे मंगल आपको बाधाओं को पार करने की शक्ति देते हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब आप ध्यान केंद्रित रखें और बेकार के विवादों से दूरी बनाएं।

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और इनके धनु राशि में गोचर से आपका चौथा भाव सक्रिय होता है, जो घर, परिवार,  भावनात्मक स्थिरता और प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों का प्रतिनिधित्व करता है। यह अग्नि तत्व वाला गोचर आपके अंदर घर-परिवार से जुड़े मामलों में बदलाव लाने की तीव्र इच्छा जगा सकता है। 

घर में तनाव बढ़ सकता है या माता-पिता/बुजुर्गों से मतभेद हो सकते हैं, खासकर यदि भावनाओं को ठीक से नियंत्रित नहीं किया गया। अंदरूनी स्तर पर यह गोचर आपको दबे हुए जज़्बातों या अनकही बेचैनियों का सामना करने के लिए प्रेरित करेगा। आप व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर लक्ष्यों के बीच उलझन महसूस कर सकते हैं, इसलिए संतुलन बनाए रखना बहुत ज़रूरी होगा। 

प्रॉपर्टी या घर से जुड़े निर्णय इस समय तेज़ी से सामने आ सकते हैं, और मंगल आपको बड़े निर्णय लेने का साहस देगा, लेकिन जल्दबाज़ी से बचना होगा। घर को व्यवस्थित करने या किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से आप भीतर की तनाव ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।

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मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए धनु राशि में मंगल का गोचर आपके बारहवें भाव को सक्रिय करता है, जो आध्यात्मिकता, खर्च, विदेश संबंध और छिपी हुई बातों से जुड़ा होता है। यह समय आपकी भीतर झांकने, आत्मचिंतन करने और पर्दे के पीछे चलने वाले कामों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता है। 

आप किसी गुप्त समस्या को सुलझाने, आध्यात्मिक अभ्यास शुरू करने या लंबे समय से अधूरे चल रहे निजी प्रोजेक्ट्स पर काम करने की तीव्र इच्छा महसूस कर सकते हैं। विदेश यात्रा या विदेशी संपर्कों से जुड़े मामलों में भी इस दौरान तेजी आ सकती है। 

बारहवें भाव में मंगल मानसिक बेचैनी, छिपी चिंताएं और अचानक खर्च बढ़ा सकता है, इसलिए खर्चों पर नज़र रखना और किसी भी अनावश्यक जोखिम से बचना जरूरी है। तनाव, नींद या इम्युनिटी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को भी सावधानी से संभालना चाहिए। यदि इस ऊर्जा को सही दिशा में लगाया जाए, तो मंगल आपको छिपे शत्रुओं से निपटने, मन की बाधाओं को तोड़ने और भविष्य की प्रगति के लिए मजबूत आधार तैयार करने की क्षमता देता है।

मंगल का धनु राशि में गोचर: इन राशियों पर होगा अच्छा असर

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल आपके लग्नेश है और इसका धनु राशि में गोचर आपके नौवें भाव को सक्रिय करता है, जो भाग्य, उच्च शिक्षा, ज्ञान और दूर की यात्राओं से जुड़ा होता है। इस समय आप नई सीख, नई सोच या किसी तरह की ऊंची पढ़ाई की ओर आकर्षित हो सकते हैं। विदेश यात्रा या विदेश से जुड़े अवसर भी सामने आ सकते हैं। इस दौरान आपका आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ेगी, जिससे आप अपने लंबे समय के लक्ष्यों की दिशा में साहसिक कदम उठा पाएंगे।

लेकिन चूंकि मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है और धनु भी अग्नि राशि है इसलिए विचारों और मान्यताओं के मामले में आप कभी-कभी जरूरत से ज्यादा मुखर या जल्दबाज हो सकते हैं। ध्यान रखें कि आपकी बातें दूसरों को ज्यादा हावी होने वाली न लगे। गुरु, शिक्षकों या पिता जैसे मार्गदर्शकों के साथ संबंधों में तीव्रता आ सकती है, लेकिन यदि आप खुले मन से संवाद करेंगे तो इससे संबंधों में सुधार और सीख दोनों मिलेंगी।

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सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और धनु राशि में इनका गोचर आपके पांचवें भाव को सक्रिय करता है, जो रचनात्मकता, प्रेम, बुद्धि और आत्मा-अभिव्यक्ति से जुड़ा होता है। इस समय आप किसी शौक, कला,खेल या किसी रचनात्मक प्रोजेक्ट में नई ऊर्जा के साथ जुड़ सकते हैं।

प्रेम संबंधों में भी रोमांच और तीव्रता बढ़ सकती है, आकर्षण जल्दी पैदा हो सकता है, लेकिन जल्दबाजी या अधिकार जताने की प्रवृत्ति से अनचाहा ड्रामा भी हो सकता है। इसलिए जुनून के साथ धैर्य रखना जरूरी है। जिन लोगों के बच्चे हैं, उनके लिए यह समय बच्चों से जुड़े किसी सक्रिय या प्रतिस्पर्धात्मक दौर का संकेत देता है। आपको उनकी गतिविधियों में ज़्यादा शामिल होना पड़ सकता है।

करियर की बात करें तो कलाकारों, क्रिएटिव लोगों और उद्यमियों के लिए यह गोचर बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह आत्मविश्वास, प्रेरणा और जोखिम लेने का साहस बढ़ाता है। हालांकि, सट्टेबाज़ी या जोखिम भरे निवेश करते समय सावधानी ज़रूर बरतें। इस समय अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, आपका आकर्षण और नेतृत्व क्षमता अपनी ऊंचाई पर होगी।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए धनु राशि में मंगल का गोचर आपके तीसरे भाव को सक्रिय करता है, जो संवाद, साहस, पहल और छोटी यात्राओं से जुड़ा होता है। यह एक ऊर्जावान और प्रेरणादायक समय है, जो आपके आत्मविश्वास और खुद को खुलकर व्यक्त करने की क्षमता को बढ़ाता है। आपकी बातचीत तेज, प्रभावशाली और  काम को आगे बढ़ाने वाली होगी, यह समय लेखकों, मार्केटिंग वालों, शिक्षकों और उद्यमियों के लिए खासतौर पर लाभदायक है।

यह गोचर आपके अंदर जोखिम लेने की हिम्मत भी बढ़ाता है। काम से जुड़ी यात्राएं बढ़ सकती हैं या आप किसी नए प्रोजेक्ट में कदम रख सकते हैं, जहां तेज़ फैसलों और रणनीतिक सोच की ज़रूरत होगी। 

भाई-बहनों, पड़ोसियों या सहकर्मियों के साथ रिश्तों में सक्रियता और उतार-चढ़ाव दोनों दिख सकते हैं, बस ध्यान रखें कि जल्दबाज़ी या गुस्से में बोले गए शब्द तनाव पैदा न करें। यह समय आपको साहसिक कदमों से तरक्की दिला सकता है, बशर्ते आप अपने स्वभाव में संयम और समय का सही उपयोग रखें। आपकी प्राकृतिक कूटनीति इस अवधि में आपके विचारों को वास्तविक उपलब्धियों में बदलने में मदद करेगी।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपका लग्नेश है और धनु राशि में इसका गोचर आपके दूसरे भाव को सक्रिय करता है, जो वित्त, वाणी, परिवार और मूल्यों से जुड़ा होता है। यह समय आपकी ऊर्जा को आर्थिक स्थिरता मजबूत करने और अपनी कीमत साबित करने की ओर मोड़ता है।

आप आय बढ़ाने, नए कमाई के अवसरों को तलाशने या आर्थिक प्रगति के लिए ठोस कदम उठाने की प्रेरणा महसूस कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, जल्दबाजी में किए गए आर्थिक फैसले या जोखिम भरे निवेश नुकसान दे सकते हैं। मंगल सही इस्तेमाल पर लाभ देता है और गलत दिशा में अचानक खर्च भी करा सकता है। आपकी बोलने की शैली इस समय अधिक सीधी और प्रभावशाली हो सकती है। ईमानदारी अच्छी बात है, लेकिन कठोर या टकरावपूर्ण लहज़ा रिश्तों में तनाव ला सकता है, खासकर परिवार और कार्यस्थल पर। 

यह समय आपकी वाणी का उपयोग प्रेरणा और नेतृत्व दिखाने में करने के लिए अच्छा है, न कि आलोचना में। परिवार से जुड़े मामलों में भी तीव्रता बढ़ सकती है, आप ज़िम्मेदारियां उठाने या अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर अधिक सजग हो सकते हैं। भावनात्मक रूप से भी यह अवधि आपको अपने मूल्यों और आत्म-सम्मान पर गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे आप अपने कार्यों को उसी दिशा में ढाल सकें जो वास्तव में आपके लिए महत्वपूर्ण है।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए धनु राशि में मंगल का गोचर आपके दसवें भाव को सक्रिय करता है, जो करियर, प्रतिष्ठा और उपब्धियों से जुड़ा होता है। यह समय आपके पेशेवर जीवन में तेजी, महत्वाकांक्षा और उन्नति लाने वाला है। आप अपने काम में खुद को साबित करने, नए प्रोजेक्ट शुरू करने या नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए बेहद प्रेरित महसूस करेंगे।

आत्मविश्वास और मेहनत बढ़ने से आपकी पहचान मजबूत होगी और आगे बढ़ने के नए मौके भी मिल सकते हैं। यह गोचर अनुशासन, लक्ष्य निर्धारण और प्रतिस्पर्धा का समर्थन करता है। सही फोकस के साथ मंगल आपको बाधाओं को पार करने, अपनी क्षमता दिखाने और बड़े करियर माइलस्टोन हासिल करने की शक्ति देता है। बस ध्यान रखें, महत्वाकांक्षा के साथ धैर्य और कूटनीति बनाए रखने से यह अवधि आपके लिए और भी ज़्यादा फलदायी साबित होगी।

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मंगल का धनु राशि में गोचर: उपाय

  • “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” लाल मूंगा या रुद्राक्ष की माला से श्रद्धा से 108 बार जाप करें।
  • भगवान हनुमान जी की पूजा करें, क्योंकि वे मंगल की शक्ति और साहस के प्रतीक हैं।
  • मंगल को शांत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
  • नवग्रह शांति पूजा कराएं या उसमें हिस्सा लें, खासकर मंगल ग्रह को संतुलित करने के लिए।
  • लाल मूंगा सोने या तांबे की अंगूठी में दाएँ हाथ की अनामिका में मंगलवार को, मंगल की होरा में पहनें।
  • आदर्श वजन 5–7 कैरेट (पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें)।  रत्ती पहनने से पहले इसे गंगाजल और शहद से शुद्ध करें और मंत्र जपें“ॐ भौमाय नमः”।

मंगल का धनु राशि में गोचर: देश-दुनिया पर प्रभाव

मंगल, जो ऊर्जा, साहस और कार्रवाई का ग्रह है, जब धनु राशि में प्रवेश करता है, जो विस्तार, सोच-विचार और खोज का प्रतीक है, तो इसका तेज प्रभाव दिखाई देता है। व्यक्तिगत कुंडली में इसका असर अलग-अलग होता है, लेकिन दुनिया भर में यह गोचर आमतौर पर राजनीति, विदेश संबंध, खेल, तकनीक और सामूहिक गतिविधियों पर प्रभाव डालता है। आइए देखें कि यह गोचर किन-किन तरीकों से अपना असर दिखा सकता है।

राजनीति, सरकार और विचारात्मक बहस

  • मंगल के इस गोचर के दौरान देशों और समाजों में बड़े फैसले, नए साहसिक कदमों और विचारों की बहसों में बढ़ोतरी दिख सकती है।
  • सरकारें बड़े और महत्वाकांक्षी सुधार या नीतियां ला सकती हैं, लेकिन अगर फैसले जल्दी में लिए गए तो विवाद या टकराव भी बढ़ सकते हैं।
  • जिन देशों की कुंडली में धनु या अग्नि तत्व वाली राशियां मजबूत होती हैं, वे इस समय वैश्विक स्तर पर नेतृत्व कर सकते हैं और विस्तार, इनोवेशन या सांस्कृतिक आदान-प्रदान को आगे बढ़ा सकते हैं।

यात्रा, मीडिया और शिक्षा से जुड़ी गतिविधियां

  • धनु राशि में मंगल का गोचर अंतरराष्ट्रीय सहयोग, यात्रा और शिक्षा से जुड़े कामों को बढ़ावा देता है। यह समय विदेशी प्रोजेक्ट्स, वैज्ञानिक शोध और नई तकनीक में बड़ी प्रगति के लिए अच्छा माना जाता है।
  • साथ ही, धर्म, मान्यताओं या राजनीतिक विचारधाराओं को लेकर गरमागरम बहसें और टकराव भी बढ़ सकते हैं।
  • मीडिया और जनचर्चा अधिक खुलकर बोलने वाली हो सकती है और जो घटनाएं साहस, हिम्मत या राजनीतिक कदमों की मांग करती हैं, वे खबरों में छाई रह सकती हैं।

सामाजिक बदलाव, बड़े निवेश और जोखिम लेने की प्रवृत्ति

  • इस गोचर के दौरान समाज में लोगों में एक्टिविज्म बढ़ेगा, नए काम करने और जोखिम उठाने का साहस मिलेगा। 
  • लोग अपने आरामदायक दायरे से बाहर निकलकर नए अनुभव लेने की कोशिश करेंगे। लेकिन सावधानी जरूरी है, जल्दबाजी में लिए गए फैसले या जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास लड़ाई-झगड़े या आर्थिक परेशानी का कारण बन सकते हैं।
  • अगर मंगल की ऊर्जा को सही दिशा में लगाया जाए तो अंतरराष्ट्रीय सहयोग, बड़े प्रोजेक्ट, शिक्षा में सुधार और मानवता से जुड़े काम इस समय खूब आगे बढ़ सकते हैं।

कुल मिलाकर धनु राशि में मंगल दो तरीके से प्रभाव डाल सकते हैं या तो तेज प्रगति लाएंगे या फिर विवाद बढ़ा सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसकी तेज ऊर्जा को कैसे इस्तेमाल किया जाता है. देशों नेताओं और पूरी दुनिया को सलाह है कि इस शक्तिशाली ग्रह ऊर्जा का समझदारी से उपयोग करें, हिम्मत से कमद उठाएं, लेकिन साथ ही दूर की सोच भी रखें।

मंगल का धनु राशि में गोचर: शेयर बाजार पर असर

  • मंगल एक ऐसा ग्रह है, जो ऊर्जा, एक्शन, गुस्सा और अचानक होने वाले बदलावों का प्रतीक है। जब यह किसी राशि से गुजरता है, तो इसका असर शेयर बाजार पर तुरंत दिखाता है। धनु राशि खुद विस्तार, जोखिम लेने, उम्मीद और विदेशी संपर्कों से जुड़ी होती है, इसलिए इस गोचर का शेयर बाजार पर असर तेज़ और अस्थिर दोनों हो सकता है।
  • मंगल की अग्नि जैसी ऊर्जा शेयर बाजार में तेज हलचल ला सकती है, जिससे मार्केट में अचानक ऊपर नीचे होने वाले उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं।
  • ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स में हिम्मत बढ़ सकती है, वे नए निवेश, हाई-रिस्क सेक्टर्स या सट्टेबाज़ी वाले ट्रेड्स करने की कोशिश कर सकते हैं। 
  • ये मौके कमाई भी दे सकते हैं, लेकिन जल्दबाजी के लिए गए फैसले या ज्यादा आत्मविश्वास नुकसान भी करा सकता है। जिन सेक्टर्स में ज्यादा उतार-चढ़ाव दिखेगा,  वे हो सकते हैं: टेक्नोलॉजी एविएशन इंटरनेशनल ट्रेड क्रिप्टोकरेंसी जैसे सट्टा बाज़ार।
  • धनु राशि की ऊर्जा लंबे समय के विकास और विस्तार में विश्वास बढ़ाती है इसलिए जो कंपनियां विदेशी बाजारों, एक्सपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय पार्टनरशिप, शिक्षा या ट्रैवल से जुड़ी हैं, उन्हें इस समय फायदा मिल सकता है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. धनु राशि पर किस ग्रह का राज है?

बृहस्पति

2. बृहस्पति किन दो राशियों पर राज करता है?

धनु और मीन

3. मंगल किस राशि में नीच का हो जाता है?

कर्क

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पौष माह 2025 में आएंगे शुभ त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय, होगी हर मनोकामना पूरी! https://horoscope.astrosage.com/hindi/paush-month-2025-mahatva-upay-date-festival/ Thu, 04 Dec 2025 18:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=114986 पौष माह 2025 में आएंगे शुभ त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय, होगी हर मनोकामना पूरी!

पौष माह 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का दसवां महीना पौष मास कहलाता है, जिसकी शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के

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पौष माह 2025 में आएंगे शुभ त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय, होगी हर मनोकामना पूरी!

पौष माह 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का दसवां महीना पौष मास कहलाता है, जिसकी शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद होती है। कई क्षेत्रों में इसे पूस माह के नाम से भी जाना जाता है। परंपराओं के अनुसार, इस पवित्र समय में पितरों और भगवान सूर्यदेव की विशेष पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष मास में सूर्यदेव की उपासना करने से साधक को शुभ फल, ऊर्जा और सकारात्मकता की प्राप्ति होती है।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

इस पूरे महीने में सफला एकादशी, संकष्टी चतुर्थी, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत और पौष अमावस्या जैसे अनेक महत्वपूर्ण व्रत व त्योहार पड़ते हैं, जो आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस ब्लॉग में आगे हम पौष मास में आने वाले व्रत-त्योहारों की तिथियों, इस महीने में किए जाने वाले उपायों, धार्मिक महत्व और इस दौरान किन बातों का पालन करना चाहिए या किन चीज़ों से बचना चाहिए, इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। 

एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग पौष मास से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी से भरपूर है, इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

पौष माह 2025: तिथि

पौष माह का आरंभ 05 दिसंबर 2025 शुक्रवार को होगा जिसकी समाप्ति 03 जनवरी 2026 शनिवार को हो जाएगी। इस माह में सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है और उनकी आराधना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

पौष माह 2025 का महत्व

पौष मास का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत आध्यात्मिक और धार्मिक माना गया है। यह महीना भगवान सूर्यदेव की उपासना, पितरों के स्मरण और तप-साधना के लिए विशेष माना जाता है।  मान्यता है कि पौष मास में सूर्य की आराधना करने से जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य, तेज और सफलता बढ़ती है, क्योंकि इस दौरान सूर्य की प्रबलता साधक को विशेष फल प्रदान करती है।

इस महीने की सुबह की आरती, सूर्य को अर्घ्य देना, जप-तप, दान-पुण्य और व्रत करने से पापों का क्षय होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि पौष मास को आत्मअनुशासन, साधना, शांति और आध्यात्मिक उन्नति का महीना कहा जाता है।

पौष माह 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

तिथिवारपर्व व त्योहार
07 दिसंबर, 2025रविवारसंकष्टी चतुर्थी
15 दिसंबर, 2025सोमवारसफला एकादशी
16 दिसंबर, 2025मंगलवारधनु संक्रांति
17 दिसंबर, 2025बुधवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
18 दिसंबर, 2025गुरुवारमासिक शिवरात्रि
19 दिसंबर, 2025शुक्रवारपौष अमावस्या
30 दिसंबर, 2025मंगलवारपौष पुत्रदा एकादशी
01 जनवरी, 2026गुरुवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
03 जनवरी, 2026शनिवारपौष पूर्णिमा व्रत

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पौष माह में जन्में लोगों का व्यक्तित्व

पौष माह 2026 में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव शांत, धैर्यवान और गंभीर माना जाता है। इनमें जिम्मेदारी का भाव बहुत प्रबल होता है, इसलिए बचपन से ही ये परिवार और काम दोनों को संतुलित तरीके से संभाल पाते हैं। ऐसे लोग गहरी सोच वाले, अंतर्मुखी और भावनात्मक रूप से संवेदनशील होते हैं, लेकिन उनकी संवेदनशीलता बाहरी रूप से कम दिखाई देती है क्योंकि वे अपने भावों को भीतर ही रखते हैं। 

मेहनत और अनुशासन इनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी ताकत होती है, जब ये कोई लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं और बीच में हार नहीं मानते। वित्तीय मामलों में भी इनकी समझ बहुत अच्छी होती है, ये अनावश्यक खर्च से बचते हैं और भविष्य की योजना सोच-समझकर बनाते हैं। रिश्तों के मामले में ये बेहद वफादार और भरोसेमंद होते हैं, अपने प्रियजनों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार। 

आध्यात्मिकता की ओर स्वाभाविक झुकाव होने से ये ध्यान, पूजा और आत्मचिंतन से गहरा संबंध रखते हैं। कुल मिलाकर पौष मास में जन्मे लोग शांतचित्त, परिश्रमी, आत्मनियंत्रित और मजबूत व्यक्तित्व वाले होते हैं, जो जीवन में धीरे-धीरे लेकिन स्थायी सफलता प्राप्त करते हैं।

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पौष माह 2025 में सूर्य देव की पूजा की विधि 

  • पौष मास में प्रातःकाल सूर्योदय के समय स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • अर्घ्य के लिए तांबे के लोटे में स्वच्छ जल भरें और उसमें लाल फूल, अक्षत, लाल चंदन और थोड़ा गुड़ या रोली मिलाएं।
  • अर्घ्य देते समय जल को धीरे-धीरे सूर्य की किरणों की ओर अर्पित करें और मन से  ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का 11 या 108 बार जाप करें। 
  • इसके बाद सूर्य देव की तस्वीर या प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर धूप-अगरबत्ती अर्पित करें और लाल रंग के पुष्प चढ़ाएं।
  • चाहें तो तांबे की थाली में गुड़, गेहूं या लाल वस्त्र भी अर्पित किए जा सकते हैं।
  • पूजा के बाद कुछ समय ध्यान या सूर्य नमस्कार करना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह आध्यात्मिक शक्ति के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी ऊर्जा देता है। 
  • अंत में सूर्य देव का आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत करें, मान्यतानुसार पौष मास में की गई सूर्य साधना मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास, रोगों से मुक्ति और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्रदान करती है।

सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए पौष माह 2025 में करें इन मंत्रों का जाप

आदित्य हृदय स्तोत्र के श्लोक

पौष माह में यह स्तोत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। अगर समय न हो तो प्रतिदिन इसके 3–5 श्लोक भी पढ़ सकते हैं।

सूर्य बीज मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। जाप संख्या: रोज़ 108 बार। मन को तेज, ऊर्जा और आत्मविश्वास देने वाला मंत्र। 

सूर्य गायत्री मंत्र

“ॐ आदित्याय विद्महे भास्कराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।” जाप संख्या: 11, 21 या 108 बार। स्वास्थ्य, बुद्धि और तेज प्रदान करने वाला।

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सूर्य उपासना मंत्र

“ॐ घृणि सूर्याय नमः”। जाप संख्या: रोज़ 11–108 बार। अर्घ्य देते समय इसका जाप करना सबसे शुभ माना गया है।

सूर्य नमस्कार मंत्र 

यदि सूर्य नमस्कार करते हैं तो प्रत्येक आसन के साथ मंत्र भी बोल सकते हैं, जैसे – “ॐ मित्राय नमः”, “ॐ रवये नमः”, “ॐ सूर्याय नमः” आदि।

रवि बीज मंत्र 

“ॐ रं रवये नमः” यह मंत्र सूर्य देव की कृपा से पद, प्रतिष्ठा और करियर वृद्धि में सहायक माना जाता है।

पौष माह 2025 में राशि अनुसार करें ये ख़ास उपाय

मेष राशि

सूर्य देव को रोज अर्घ्य दें और तांबे के लोटे का प्रयोग करें। लाल फल या गुड़ दान करें, इससे करियर में रुकावटें कम होंगी।

वृषभ राशि

शुक्र को मजबूत करने के लिए सफेद मिठाई या चावल का दान करें। सुबह 5 मिनट सूर्य नमस्कार करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होगा।

मिथुन राशि

रोज 11 बार  “ॐ घृणि सूर्याय नमः” जाप करें। हाथों से हरी सब्जियों का दान करें, ऐसा करने से मानसिक शांति बढ़ेगी।

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कर्क राशि

चंद्रमा के लिए दूध में केसर डालकर अर्घ्य दें। घर में मोती या चांदी की वस्तु साफ रखें। ऐसा करने से मन स्थिर रहेगा।

सिंह राशि

सूर्य की विशेष कृपा के लिए रोज़ लाल फूल अर्पित करें। गाय या पक्षियों को गुड़-चने खिलाएं। ऐसा करने से मान-सम्मान बढ़ेगा।

कन्या राशि

हर गुरुवार हल्दी या चने की दाल दान करें। सूर्य मंत्र 108 बार जाप करें। ऐसा करने से काम में सफलता मिलने लगेगी।

तुला राशि

शुक्र के लिए सफेद कपड़े या सुगंध दान करें। रोज़ 10 मिनट सुबह धूप में बैठें। ऐसा करने से रिश्तों में गर्माहट आएगी।

वृश्चिक राशि

गुड़ और तिल का दान करें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा कम होगी।

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धनु राशि

पीले फल खाएं और गरीबों को अर्पित भी करें। सूर्य देव को जल में रोली मिलाकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से भाग्य खुलने लगेगा।

मकर राशि

शनिवार को तिल का दीपक जलाएं। सूर्य मंत्र  “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः” 21 बार जाप करें। ऐसा करने से कर्ज व बाधाएं कम होंगी।

कुंभ राशि

जल में लाल चंदन मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। काले तिल दान करें। ऐसा करने से मानसिक तनाव कम होती है।

मीन राशि

गुरुवार के दिन मीठा पीला प्रसाद बांटें। सुबह सूर्य की ओर देखते हुए ध्यान करें। ऐसा करने से मनोकामना सिद्धि के योग बढ़ेंगे।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1- पौष माह 2025 में सूर्य देव की पूजा क्यों विशेष मानी जाती है?

इस माह सूर्य की ऊर्जा धरती पर गहरी और स्थिर मानी जाती है। इसलिए पौष मास में की गई सूर्य उपासना स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, करियर और धन–समृद्धि बढ़ाने में अत्यंत लाभकारी होती है।

2- पौष मास में कौन-सा मंत्र जाप सबसे प्रभावी है?

“ॐ घृणि सूर्याय नमः”, सूर्य गायत्री मंत्र और सूर्य बीज मंत्र इस माह में अत्यंत शुभ माने जाते हैं। रोज़ 11 या 108 बार जाप लाभ देता है।

3- पौष मास में कौन-सा रंग पहनना शुभ होता है?

लाल, पीला, केसरिया और सफेद रंग शुभ माने जाते हैं। ये सूर्य और गुरु की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राजनीति, व्यापार और रिश्तों में आएगा बड़ा उलटफेर! https://horoscope.astrosage.com/hindi/budh-gochar-vrishchik-6-dec-2025-lucky-unlucky-zodiac/ Thu, 04 Dec 2025 06:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=114980 बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राजनीति, व्यापार और रिश्तों में आएगा बड़ा उलटफेर!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में विस्तार से

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राजनीति, व्यापार और रिश्तों में आएगा बड़ा उलटफेर!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि बुध गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा।

बता दें कुछ राशियों को बुध के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

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बता दें कि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर 06 दिसंबर 2025 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर करेगा, जिससे आपकी सोच और बातचीत का तरीके बदलेगा। इस बदलाव से मन ज्यादा साफ होगा और लोगों से तालमेल भी बेहतर होगा। कुछ चीज़ों पर इसका अच्छा असर पड़ेगा, जबकि कुछ क्षेत्रों में थोड़ी चुनौतियां आ सकती है। यह समय अपनी अंदर की आवाज पर भरोसा करने और बदलाव को अपनाने की सलाह देता है, ताकि आप व्यक्तिगत तौर पर आगे बढ़ सकें, ठीक हो सकें और नई शुरुआत कर सकें। 

अगर कुंडली में बुध की स्थिति सही हो, तो यह इलाज और उपचार से जुड़े लाभ भी देता है। साथ ही यह अध्यापन, पब्लिक स्पीकिंग, ज्योतिष, आयुर्वेद, चिकित्सा और आध्यात्मिकता जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। चूंकि बुध व्यापार का ग्रह है और वृश्चिक राशि (चंद्रमा का घर) भी व्यापारिक प्रवृत्ति वाली मानी जाती है, इसलिए इस स्थिति से कई बार बेहद इनोवेटिव और सफल उद्यमी पैदा होते हैं।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: समय

बुध ग्रह 06 दिसंबर 2025 की रात 08 बजकर 34 मिनट में प्रवेश करेगा। यह एक सामान्य लेकिन खास खगोलीय घटना है। इस दौरान बुध ग्रह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के फल दे सकता है। हर राशि पर इसका क्या असर होगा और दुनिया में कौन-कौन से परिवर्तन दिखाई दे सकते हैं, इसकी जानकारी आगे इस ब्लॉग में दी गई है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में, जो इसकी शत्रु राशि है, गोचर कर रहा है। यह अधिकांश मेष राशि वालों के लिए अच्छा गोचर नहीं माना जाता है। इस दौरान आपके काम की मेहनत ऑफिस में उतनी दिखाई नहीं देगी और करियर की प्रगति कुछ समय के लिए रुक सकती है। कामों में बाधाएं आ सकती हैं। आठवें भाव में बुध की स्थिति के कारण प्रतियोगी मामलों में भी कुछ कठिनाइयाँ महसूस हो सकती हैं।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध वर्तमान में आपके सातवें भाव में गोचर करेगा, वृषभ राशि वालों के लिए आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। इस समय आपको बहुत अधिक सकारात्मकता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि सप्तम भाव से बुध का गोचर बहुत अनुकूल परिणाम नहीं लाएगा। हालांकि, जो लोग रिश्तों को लेकर गंभीर हैं, उन्हें अभी भी कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं क्योंकि पंचम भाव का स्वामी सप्तम भाव में प्रवेश कर रहा है। 

हालांकि, शुक्र की प्रारंभिक कमज़ोरी और बाद में मंगल का सीधा प्रभाव बुध के वास्तविक परिणामों को प्रभावित कर सकता है। ऐसी परिस्थितियों में रिश्तों और प्रेम के मामले में जोखिम उठाना उचित नहीं है। व्यावसायिक दृष्टि से, बुध के वृश्चिक राशि में रहते हुए किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना बुद्धिमानी नहीं है।

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कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली के पांचवें भाव में गोचर कर रहे हैं। कर्क राशि वालों के लिए बुध  तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है। पांचवें भाव में बुध का गोचर बहुत शुभ नहीं माना जाता, इसलिए इस समय आपको थोड़ा सावधान रहना होगा। हालांकि, शुरुआत में कुछ बेचैनी रहेगी, लेकिन भाग्येश बृहस्पति (जो आपकी कुंडली के पहले भाव में अपने ही घर में बैठा है) बुध पर अपनी दृष्टि डाल रहा है, इसलिए धीरे-धीरे स्थिति संभलती जाएगी और आप राहत महसूस करेंगे। 

इस दौरान बच्चों से जुड़ी हल्की-फुल्की परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन आप उन्हें आसानी से संभाल लेंगे। यानी समस्याएं आएंगी, लेकिन उनके हल भी मिल जाएंगे। लंबी अवधि की योजनाओं पर भी इस गोचर का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए बेहतर है कि इस समय कोई बड़ा फैसला या बड़ी योजना न बनाएं। बुध के इस गोचर से पैसों को लेकर चिंता भी हो सकती है। इसलिए सलाह है कि इस समय फिजूलखर्ची से बचें और अनावश्यक चीजों पर पैसा न खर्च करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए इस समय बुध ग्रह आपकी कुंडली के पहले भाव में आ रहा है। आपकी कुंडली में बुध आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष के अनुसार, पहले भाव में बुध का यह गोचर बहुत शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना जरूरी है, क्योंकि आठवें भाव के स्वामी पहले भाव में आ रहे हैं। गाड़ी धीरे चलाएं, फोन पर बात करते हुए ड्राइव ना करें और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें। 

इस समय किसी की बुराई करने से बचें, और ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें जो दूसरों की आलोचना करते हैं। सभी के साथ सम्मान से पेश आएं, इससे आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। पैसों को लेकर भी सोच-समझकर कदम उठाएं। हालांकि, क्योंकि ग्यारहवें भाव (लाभ) का स्वामी पहले भाव में आ रहा है, इसलिए कुछ क्षेत्रों में आपको लाभ भी मिल सकता है। फिर भी, इस पूरे समय सतर्क रहना सबसे जरूरी है।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। इस समय बुध वृश्चिक राशि में होकर आपके बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बारहवें भाव में बुध का गोचर शुभ नहीं माना जाता है। इस वजह से इस दौरान बुध से जुड़े मामलों में और इन भावों से जुड़े विषयों में सावधानी बरतनी जरूरी है। करियर में किसी भी तरह का बड़ा जोखिम बिल्कुल न लें, क्योंकि दसवें भाव (करियर) का स्वामी बारहवें भाव में जा रहा है। बॉस और सहकर्मियों के साथ संबंध अच्छे रखें। 

विदेश से जुड़े मामलों में कुछ फायदे मिल सकते हैं, लेकिन फिर भी नौकरी से जुड़े जोखिमों से बचें। क्योंकि सातवें भाव (पति/पत्नी और साझेदारी) का स्वामी बारहवें भाव में जा रहा है, इसलिए रिश्तों में दूरी या गलतफहमी बढ़ सकती है। बेवजह की यात्राओं से बचें। अपनी और अपने साथी की सेहत का खास ध्यान रखें। तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। अगर आप स्टूडेंट हैं, तो पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देना होगा। प्रतियोगी परीक्षा वाले लोग सतर्क रहें। इन सब बातों का ध्यान रखकर आप बुध गोचर के नकारात्मक प्रभावों से काफी हद तक बच सकते हैं।

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मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके नौवें भाव में जाने वाला है। आमतौर पर नौवें भाव में बुध का गोचर बहुत शुभ फल नहीं देता है। इसलिए इस समय केवल किस्मत के भरोसे रहना ठीक नहीं है। लेकिन अच्छा यह है कि गुरु ग्रह जो आपके लग्न के स्वामी हैं बहुत मजबूत और उच्च अवस्था में रहेंगे और बुध पर शुभ दृष्टि डालेंगे।  इससे बुध के कुछ नकारात्मक प्रभाव कम हो जाएंगे और अच्छे परिणाम बढ़ सकते हैं।

फिर भी इस समय मिले-जुले या थोड़े कमज़ोर परिणाम मिलने की संभावना है। अपने काम पर ज्यादा मेहनत करें। आपके प्रयासों में रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन धैर्य और प्रयास से आप सफल हो सकते हैं। अपनी इज़्ज़त और प्रतिष्ठा का ध्यान रखें, कोई भी लापरवाही न करें। कुल मिलाकर, सावधानी और सोच-समझकर उठाया गया कदम ही आपको इस अवधि में अच्छे परिणाम दिलाएगा।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध ग्रह छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। ग्यारहवें भाव में बुध का आना बुध शुभ माना जाता है। इस बुध गोचर के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं या प्रतिस्पर्धा से जुड़े मामलों में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। स्वास्थ्य भी सामान्य रूप से ठीक रहेगा। अगर आप किसी लोग को लेने या चुकाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उसमें भी सफलता मिलने की संभावना है। 

धार्मिक या आध्यात्मिक कामों में भी सकारात्मक अनुभव मिल सकते हैं। जायदाद से जुड़े मामलों में अच्छी खबर, बिज़नेस या करियर में फायदा और आय में वृद्धि की संभावना है। इस समय दोस्तों और बच्चों से जुड़े मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। बुध का यह गोचर कुल मिलाकर आपके लिए फायदे और प्रगति देने वाला रहेगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और इस समय वह आपके दसवें भाव में प्रवेश कर रहे हैं। दसवें भाव में बुध का होना आमतौर पर बहुत शुभ माना जाता है। इस गोचर से आपको काम में सफलता, पहचान और सम्मान मिलने की संभावना बढ़ती है। आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं और बिज़नेस में कमाई बढ़ सकती है। बुध आपकी प्रतिष्ठा को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है। 

वृश्चिक राशि में बुध का यह गोचर आपके करियर में सकारात्मक परिणाम दे सकता है। पढ़ाई, बुद्धि या रचनात्मक कामों से जुड़े लोगों के लिए तो यह समय विशेष रूप से अच्छा रहेगा, क्योंकि पांचवें भाव का स्वामी दसवें भाव में जा रहा है। साथ ही, आठवें भाव का स्वामी दसवें भाव में होने से कुछ काम अचानक और अप्रत्याशित रूप से सफल भी हो सकते हैं। कुल मिलाकर, यह बुध गोचर आपके लिए सकारात्मक और लाभदायक परिणाम लेकर आ सकता है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: सरल व आसान उपाय

  • बुधवार के दिन गणेश जी के मंदिर जाएं और उन्हें मूंग दाल के लड्डू अर्पित करें।
  • पन्ना रत्न पहनने पर विचार करें, लेकिन कोई भी रत्न पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह ज़रूर लें।
  • बुधवार को हरी चीज़ें दान करें, जैसे हरी सब्जियां, हरे फल आदि।
  • गाय को ताज़ा हरा चारा खिलाएं।
  • किसी ज़रूरतमंद ब्राह्मण को हरी सब्जियां, फल या हरे रंग के कपड़े दान करें।
  • बुधवार के दिन पूजा के समय बुध मंत्र साफ़ उच्चारण के साथ बोलें।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

आर्थिक विकास, बिज़नेस और व्यापार

  • भारत में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आ सकता है। कुछ छुपी हुई बातें घोटाले या जानकारियां सामने आ सकती हैं, जिनके कारण ट्रेडिंग में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
  • साइबर सुरक्षा एजेंसियां, रिसर्च कंपनियां और माइनिंग सेक्टर इस समय अच्छा विकास कर सकते हैं क्योंकि दुनिया का ध्यान इन क्षेत्रों पर ज्यादा रहेगा।
  • इस दौरान बड़ी कंपनियों के आपस में मिलने (मर्जर) टैक्स में बदलाव (टैक्स रिफॉर्म) और मल्टीनेशनल कंपनियों के बीच नए जॉइंट वेंचर देखने को मिल सकते हैं।

भूराजनीतिक स्थिति और कूटनीति

  • इस अवधि में जब बुध वृश्चिक राशि में रहेगा, देशों का ध्यान अपने गुप्त एजेंडों और बड़े देशों के बीच होने वाली छुपी बातचीत पर ज्यादा रहेगा।
  • पर्दे के पीछे होने वाले समझौते, गुप्त योजनाएं और संवेदनशील जानकारी के लीक होने से देशों में अफरा-तफरी मच सकती है।
  • एक छोटी से गलती भारत सहित कई देशों को भारी पड़ सकती है।
  • सुरक्षा, वित्त और ज़रूरी संसाधनों को लेकर देशों के बीच शक्ति संघर्ष और तीखी बयानबाज़ी भी देखने को मिल सकती है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

  • इस दौरान कुछ सकारात्मक चीजें भी देखने को मिलेंगी। मेडिकल साइंस, साइबर सुरक्षा और बायोटेक्नोलॉजी में होने वाला गहरा शोथ दुनिया भर के लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा।
  • विभिन्न देशों की सरकारों के बीच छिपे संबंध छुपे सच और घोटाले सामने आ सकते हैं, जिनमें मीडिया और कुछ प्रसिद्ध मीडिया हस्तियां भी शामिल हो सकती हैं।
  • पृथ्वी के भीतर मौजूद संसाधनों, वायु और जल प्रदूषण, और पर्यावरण में मौजूद जहरीले कचरे से निपटने से जुड़ी रिसर्च और इनोवेशन बुध के वृश्चिक राशि में होने पर और तेज़ हो सकते हैं।

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाजार पर प्रभाव

  • बुध के वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार अस्थिर और अप्रत्याशित हो सकता है क्योंकि इस समय छुपी हुई खबरें, राज और अचानक खुलासे तेजी से सामने आते हैं।
  • निवेशक ज्यादा सावधान रहेंगे और कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल करेंगे।
  • अफवाहें, अंदरूनी खबरें और अप्रत्याशित घोषणाएं बाज़ार के रुझान को काफी प्रभावित कर सकती हैं।
  • फार्मा और बायोटेक सेक्टर के लिए यह समय अच्छा रहेगा, क्योंकि वृश्चिक का संबंध उपचार, शोध और परिवर्तन से है।
  • माइनिंग, तेल और प्राकृतिक संसाधन उद्योग भी लाभ में रह सकते हैं, क्योंकि वृश्चिक भूमिगत संसाधनों को दर्शाता है।
  • साइबर सुरक्षा और डेटा एनालिटिक्स भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि बुध संचार का ग्रह है और वृश्चिक गोपनीयता से जुड़ा होता है, ऐसे में डेटा सुरक्षा की मांग बढ़ेगी।
  • बीमा और बैंकिंग क्षेत्र, खासकर छुपी संपत्तियों, टैक्सेशन और संयुक्त निवेश से जुड़े मामलों में गहरी जांच और वित्तीय पुनर्गठन नई संभावनाएं पैदा कर सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. वृश्चिक राशि का सह-स्वामी कौन सा अन्य ग्रह है?

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2. वृश्चिक राशि में कौन सा ग्रह नीच का माना जाता है?

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बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर: किस पर बरसेगा प्रेम-सौभाग्य, किसे रहना होगा सतर्क?

बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति देव को ज्ञान, बुद्धि, धन, सौभाग्य, अध्यात्म विवाह और संतानों का कारक माना गया है। जब-जब बृहस्पति का गोचर होता है, तब इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर गहरा और दूरगामी रूप से पड़ता है। यह गोचर कई जातकों के लिए नई संभावनाएं, करियर उन्नति, वैवाहिक सुख और आर्थिक विस्तार लेकर आता है, जबकि कुछ के लिए यह आत्मचिंतन, धैर्य और सावधानी की मांग भी कर सकता है।

इस बार वक्री बृहस्पति का मिथुन में गोचर कई राशियों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन और अवसरों के द्वार खोलेगा। कहीं बुद्धि और संवाद कौशल चमकेगा, तो कहीं संबंधों में स्पष्टता और संतुलन की आवश्यकता महसूस होगी। जानिए, यह गोचर आपकी राशि को कैसे प्रभावित करेगा, कौन होगा भाग्यशाली और किसे रहेगा संयम रखना। 

बता दें कि वक्री बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर 04 दिसंबर को हो रहा है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको “बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर” के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं वक्री बृहस्पति के गोचर की तिथि और समय।

बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर : तिथि और समय 

वक्री बृहस्पति 04 दिसंबर, 2025 की रात 08 बजकर 39 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। गुरु स्वभाव से अत्यंत शुभ ग्रह माने जाते हैं, लेकिन मिथुन राशि इनके लिए तटस्थ रहती है। ऐसे में बृहस्पति का वक्री होकर मिथुन में प्रवेश करना पूरी तरह अनुकूल परिणाम नहीं देता। यह स्थिति कई बार मिश्रित फल, मानसिक द्वंद्व और निर्णयों में देरी ला सकती है। आगे जानिए कि बृहस्पति के मिथुन राशि में स्थित होने पर कौन–कौन सी विशेषताएं और प्रभाव देखने को मिलते हैं।

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ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को देवगुरु की उपाधि प्राप्त है और यह ज्ञान, बुद्धि, धर्म, अध्यात्म, सौभाग्य, धन, नैतिकता और विवाह का मुख्य कारक है। कुंडली में बृहस्पति की स्थिति व्यक्ति के जीवन में आशावाद, नैतिकता, निर्णय क्षमता और जीवन दृष्टि को प्रभावित करती है। यह ग्रह संतान प्राप्ति, वैवाहिक सुख, करियर में स्थिरता और सामाजिक सम्मान प्रदान करने वाला माना जाता है। 

बृहस्पति शुभ ग्रहों में अग्रणी है और इसकी शुभ दृष्टि जिस भाव पर पड़ती है, वहां वृद्धि संरक्षण और विस्तार का योग बनता है इसलिए ज्योतिष में बृहस्पति की अनुकूल स्थिति जीवन को सकारात्मक दिशा देने वाली मानी जाती है।

मिथुन राशि वालों का स्वभाव व गुण

मिथुन राशि के लोग स्वभाव से चंचल, बुद्धिमान और बहुत ही मिलनसार होते हैं। इनका मन हमेशा नए अनुभवों और नई जानकारी की ओर आकर्षित रहता है। ये बातचीत में बहुत निपुण होते हैं और किसी भी विषय को आसानी से समझ कर दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। इनके भीतर दोहरी प्रकृति होती है, जिसके कारण ये एक ही समय में कई काम करने की क्षमता रखते हैं। किसी भी माहौल में जल्दी घुल-मिल जाना और लोगों को सहज महसूस कराना इनकी विशेषता है।

रिश्तों में मिथुन राशि वाले मानसिक जुड़ाव को सबसे अधिक महत्व देते हैं। इन्हें ऐसे साथी की आवश्यकता होती है जो इनके विचारों, सपनों और गति को समझ सके। कभी-कभी इनका मन जल्दी बदल जाता है, परंतु सच्चा प्रेम मिलने पर ये बहुत निष्ठावान और समर्पित बने रहते हैं। इनके साथ रिश्ता तभी सफल होता है जब बातचीत खुलकर हो और कोई दबाव न हो।

कार्य-क्षेत्र में इनकी समझ, कल्पनाशीलता और संवाद-कौशल इन्हें सफल बनाता है। लेखन, शिक्षण, पत्रकारिता, विपणन, सार्वजनिक संवाद, यात्रा और रचनात्मक क्षेत्रों में ये शानदार प्रदर्शन करते हैं। हालांकि, एक ही काम को लंबे समय तक करने पर इनका मन उचट सकता है, इसलिए विविधता इनके लिए आवश्यक है।

बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रभाव

मिथुन राशि में बृहस्पति का प्रभाव व्यक्ति के विचार, ज्ञान और अभिव्यक्ति शक्ति को अत्यंत प्रबल बनाता है। यहां बृहस्पति, बुध की राशि में स्थित होकर बुद्धि को विस्तार देता है, जिसके कारण व्यक्ति बहुत जानकार, जिज्ञासु और समझदार बनता है। ऐसे जातक नई-नई बातें सीखने, लोगों से बातचीत करने और ज्ञान को फैलाने में आनंद महसूस करते हैं। तर्क, विवेक और समझ को मिलाकर वे किसी भी विषय को सरल भाषा में दूसरों तक पहुंचा देते हैं। 

यह योग अक्सर अच्छे शिक्षक, लेखक, सलाहकार, वक्ता, मीडिया और ज्ञान आधारित कार्यों में सफलता देता है। इस स्थिति में बृहस्पति व्यक्ति के विचारों को उदार बनाता है, परंतु कभी-कभी अत्यधिक सोच, ऊंचे आदर्श और अनावश्यक विस्तार का भी कारण बन सकता है। कई बार निर्णयों में दुविधा या बातों में अधिक फैलाव दिख सकता है। रिश्तों में यह स्थिति संवाद को मजबूत बनाती है, परंतु स्थिरता लाने के लिए मानसिक संतुलन आवश्यक होता है। 

बृहस्पति यहां भाग्य में धीरे-धीरे सुधार लाता है और व्यक्ति को अच्छे अवसरों, सही मार्गदर्शन और विकास की दिशा देता है। कुल मिलाकर, मिथुन राशि में बृहस्पति का प्रभाव ज्ञान, तर्क, अभिव्यक्ति और सीखने की क्षमता को बहुत ऊंचा उठाता है, लेकिन मन को स्थिर रखने और निर्णयों में स्पष्टता बनाए रखने की आवश्यकता रहती है।

बृहस्पति का सभी 12 भावों पर प्रभाव

पहला भाव: व्यक्ति बुद्धिमान, तेजस्वी और भाग्यशाली होता है। व्यक्तित्व आकर्षक और स्वभाव शांत।

दूसरा भाव: धन, वाणी और परिवार का सुख बढ़ता है। मधुर बोलने वाला और संस्कारी स्वभाव।

तीसरा भाव: साहस, बोलने की क्षमता और यात्राओं से लाभ। भाई-बहनों का सहयोग मिलता है।

चौथा भाव: घर, माता, वाहन और संपत्ति का सुख बढ़ता है। मन को शांति।

पांचवां भाव: बुद्धि, शिक्षा, संतान और प्रेम में शुभ फल। रचनात्मकता और ज्ञान बढ़ता है।

छठा भाव: रोग, शत्रु और ऋण में बढ़ोतरी। मेहनत से धीरे-धीरे सफलता।

सातवां भाव: विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी में लाभ। रिश्ता स्थिर और सहयोगी।

आठवां भाव : रहस्य, शोध, आयु और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव। उतार-चढ़ाव संभव।

नौवां भाव : भाग्य प्रबल, धर्म, शिक्षा और यात्राओं से लाभ। पिता का सहयोग।

दसवां भाव : करियर, मान-सम्मान और पद में उन्नति। नेतृत्व क्षमता मजबूत।

ग्यारहवां भाव : धन-लाभ, मित्र और इच्छाओं की पूर्ति। आय निरंतर बढ़ती है।

बारहवां भाव : आध्यात्मिकता, विदेश और दान का योग। खर्च बढ़ता है, पर शुभ कार्यों पर।

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बृहस्पति को मजबूत करने के सरल व आसान उपाय

गुरुवार को व्रत रखें 

गुरुवार को व्रत रखना या कम से कम नमक रहित भोजन करना बृहस्पति को तुरंत बल देता है। यह ग्रह को शांत भी करता है और जीवन में स्थिरता और तरक्की के योग बढ़ाता है।

पीला रंग अपनाना

बृहस्पति पीले रंग का कारक है इसलिए गुरुवार के दिन पीले कपड़े पहनना, घर में केसर या हल्दी का उपयोग करना तथा पीले फूल चढ़ाना गुरु को अत्यंत शुभ बनाता है।

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गुरु मंत्र का नियमित जाप

रोज सुबह  “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से बृहस्पति शक्ति बढ़ती है। यह ज्ञान, आत्मविश्वास, विवाह योग और भाग्य को मजबूत करता है।

शिक्षकों और बड़ों का सम्मान 

गुरु ज्ञान, नीति और बुजुर्गों का प्रतीक है। इसलिए माता-पिता, शिक्षकों और वरिष्ठों का सम्मान करने से बृहस्पति प्राकृतिक रूप से मजबूत होता है और जीवन में शुभ अवसर बढ़ते हैं।

पीले पदार्थों का दान

गुरुवार को पीली दाल, पीले चने, हल्दी, केसर, गुड़ या केले का दान करना बहुत शुभ माना गया है। यह उपाय ग्रहों की नकारात्मकता कम करके धन व भाग्य योग बढ़ाता है।

तुलसी की पूजा

तुलसी को बृहस्पति का प्रतिनिधि माना गया है। रोज सुबह तुलसी में जल चढ़ाना, दीपक जलाना और उसे स्पर्श न करके सम्मान देना गुरु के प्रभाव को मजबूत करता है।

केसर या हल्दी का तिलक

गुरुवार को हल्दी, चंदन या केसर का तिलक लगाने से बृहस्पति की ऊर्जा शरीर और मन में सक्रिय होती है। इससे आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और निर्णय क्षमता बढ़ती है।

पुखराज धारण करना

अगर कुंडली में बृहस्पति वास्तव में कमजोर है, तब ज्योतिषीय सलाह के बाद पुखराज धारण किया जा सकता है। लेकिन इसे कभी बिना सही कुंडली विश्लेषण के न पहनें।

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बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

आप जो भी प्रयास कर रहे हैं, उनमें देरी हो सकती है, जिससे आपका(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

आपको कार्यस्थल पर दबाव महसूस हो सकता है। ऐसे में, थोड़ा धैर्य रखना(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

इसके परिणामस्वरूप आपको अपने मित्रों से सतर्क रहना चाहिए और नौकरी के(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

आपको अपने काम के लिए मध्यम स्तर के परिणाम मिल सकते हैं। यदि आप(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि

व्यवसाय में, यदि आप स्पेकुलेशन, ट्रेडिंग या शेयर मार्केट जैसे क्षेत्रों से जुड़े(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

 आपको अपने प्रयासों पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि आप सफलता के अच्छे स्तर को(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

करियर के क्षेत्र में, आपको प्रयासों में रुकावटें आ सकती हैं और सफलता पाने में विलंब हो(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

करियर के क्षेत्र में, इस दौरान काम का दबाव अधिक रह सकता है, जिससे आप नौकरी(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

करियर के क्षेत्र में आपको विदेश से जुड़े अवसर मिल सकते हैं, जो आपके लिए बेहद लाभदायक(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

आर्थिक रूप से , आपके खर्चे अधिक हो सकते हैं, लेकिन आप उन्हें लोन आदि के माध्यम से पूरा(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

वरिष्ठ अधिकारियों के व्यवहार से रुकावटें आ सकती हैं, जिससे आप तनाव में आ सकते हैं(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मिथुन राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। इसके प्रभावस्वरूप आपको घर या संपत्ति से जुड़े कुछ(विस्तार से पढ़ें)

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर कब होगा?

यह गोचर 04 दिसंबर 2025, रात 08:39 बजे होगा।

2. क्या बृहस्पति का मिथुन में गोचर शुभ माना जाता है?

यह गोचर मिश्रित फल देता है—कुछ क्षेत्रों में लाभ, कुछ में सावधानी।

3. इस गोचर से किन राशियों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा?

जिनकी बुद्धि, संचार, शिक्षा, करियर या विदेश से जुड़े योग मज़बूत हैं, उन्हें अच्छा लाभ मिलेगा।

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इस मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 पर बनेगा दुर्लभ शुभ योग, ये उपाय बदल देंगे किस्मत! https://horoscope.astrosage.com/hindi/margashirsha-purnima-2025-date-time-upay/ Tue, 02 Dec 2025 18:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=114973 इस मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 पर बनेगा दुर्लभ शुभ योग, ये उपाय बदल देंगे किस्मत!

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: यह कोई साधारण तिथि नहीं है, बल्कि वह पवित्र दिन है, जब चंद्रमा अपनी पूर्ण शक्ति के

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इस मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 पर बनेगा दुर्लभ शुभ योग, ये उपाय बदल देंगे किस्मत!

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: यह कोई साधारण तिथि नहीं है, बल्कि वह पवित्र दिन है, जब चंद्रमा अपनी पूर्ण शक्ति के साथ शुभता और समृद्धि का आशीर्वाद देता है। हर वर्ष यह पूर्णिमा अगहन/मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पर पड़ती है, जो सामान्यतः नवंबर–दिसंबर के बीच आती है। 

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए व्रत, पूजन और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है और विशेष रूप से उस वर्ष के ग्रह-नक्षत्र यदि शुभ बना दें तो इच्छापूर्ति की संभावना और भी प्रबल हो जाती है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ योग में पड़ रही है, जिसके कारण यह दिन आध्यात्मिक साधना, धन समृद्धि, मनोकामना पूर्ति और परिवार की उन्नति के लिए अत्यंत फलदायी माना जा रहा है। 

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माना जाता है कि इस तिथि पर विधिपूर्वक व्रत रखने, भगवान विष्णु-लक्ष्मी की आराधना करने और निश्चित उपाय करने से रुके काम पूरे होते हैं और जीवन में सौभाग्य का प्रवाह बढ़ता है। इस प्रकार, हर वर्ष आने वाली यह मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभता, साधना और इच्छापूर्ति का एक अद्भुत अवसर लेकर आती है और इस बार इसका प्रभाव और भी विशेष रहने वाला है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 04 दिसंबर 2025 की शाम 08 बजकर 39 मिनट पर

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 05 दिसंबर 2025 की शाम 04 बजकर 45 मिनट तक।

उदया तिथि के अनुसार, साल 2025 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 04 दिसंबर को मनाई जाएगी।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 पर बन रहा है शुभ योग

4 दिसंबर को पड़ने वाली मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर विशेष ‘रवि योग’ बन रहा है। यह शुभ योग सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक रहने वाला है। ज्योतिष के अनुसार रवि योग में किए गए सारे कार्य सफल होते हैं और समस्त प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं। ऐसे में इस पावन अवधि में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का स्नान, दान और पूजा करने से अत्यंत कल्याणकारी फल और अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू पंचांग की अत्यंत पवित्र और फलदायी तिथि मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु की विशेष उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है, क्योंकि मार्गशीर्ष मास स्वयं श्रीकृष्ण द्वारा प्रिय बताया गया है। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी पूर्ण चमक के साथ शुभ ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे साधना, दान और व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। 

मान्यता है कि इस तिथि पर किया गया स्नान, जप, ध्यान और दान न केवल पापों का नाश करता है बल्कि जीवन में सौभाग्य, धन-समृद्धि और मानसिक शांति भी लाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को घर की नकारात्मकता दूर करने, रुके हुए कार्यों को गति देने और मनोकामना पूर्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए यह तिथि हर वर्ष आध्यात्मिक साधना का विशिष्ट अवसर लेकर आती है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 की पूजा विधि

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा अत्यंत सरल, पवित्र और अत्यधिक फलदायी मानी जाती है। परंपराओं में बताया गया है कि इस दिन की गई पूजा, व्रत और दान का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि के बारे में:
  • सूर्योदय से पहले या सूर्य के उदय के समय पवित्र नदी, तालाब या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के नाम से संकल्प लें मैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत और पूजा विधिपूर्वक कर रहा/रही हूं।
  • पीले आसन पर बैठकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें रोली, चावल, पीले फूल, तुलसी की पत्तियां और पीला वस्त्र अर्पित करें। तुलसी पत्र अर्पित करना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इसके बाद घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर भगवान को अर्पित करें।
  • इस दिन दूध से बनी खीर, गुड़ या चावल का भोग चढ़ाना बहुत शुभ रहता है। भोग लगाने के बाद परिवार के सदस्यों में प्रसाद बांटें।
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तुलसी पूजा विशेष रूप से उत्तम मानी जाती है। तुलसी पर जल, रोली, दीप और फूल अर्पित करें।
  • स्नान और पूजा के बाद दान अवश्य करें। तिल, चावल, गुड़, कंबल, कपड़े या भोजन का दान पुण्य बढ़ाता है और मनोकामनाएं पूरी करता है।
  • दिनभर सात्विक आचरण रखते हुए व्रत करें और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत सम्पन्न करें।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा की कथा 

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक निर्धन ब्राह्मण था, जो अत्यंत धर्मपरायण था लेकिन गरीबी के कारण हमेशा चिंतित रहता था। एक दिन वह अपने भाग्य से निराश होकर जंगल की ओर चल पड़ा। रास्ते में उसे एक दिव्य ऋषि मिले, जिन्होंने उसकी व्याकुलता का कारण पूछा। ब्राह्मण ने अपनी दरिद्रता और कष्टों की बात बताई। ऋषि मुस्कुराए और बोले, “मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को भगवान नारायण का विशेष आविर्भाव होता है। इस दिन स्नान, दान, दीपदान और उपवास करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट होते हैं और धन-धान्य की वृद्धि होती है। 

यदि तुम श्रद्धा से इस व्रत को करो, तो तुम्हारे जीवन के सभी अभाव दूर हो जाएंगे। ब्राह्मण ने ऋषि के निर्देश का पालन किया। पूर्णिमा के दिन उसने पवित्र नदी में स्नान किया, दीपदान किया, ब्राह्मणों को अन्न और वस्त्र दान किए और रात्रि जागरण किया। उसकी सच्ची भक्ति और निष्ठा देखकर भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उसे वरदान दिया, ‘अब तुम्हारे जीवन में कभी धन की कमी नहीं होगी। सद्गुण और समृद्धि सदा तुम्हारे घर में निवास करेगी।’ कुछ ही दिनों में उसका जीवन बदल गया और वह अत्यंत समृद्ध हो गया। तब से मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत मनोकामना-पूर्ति और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 में इन चीज़ों का करें दान

  • काले तिल का दान करना चाहिए, इससे पितृ दोष में राहत और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • चावल और गेहूं का दान करना चाहिए, इससे घर में समृद्धि और धन का प्रवाह बढ़ता है।
  • कंबल या गरम वस्त्र का दान करना चाहिए, इससे ग्रहजनित कष्ट कम होते हैं और शांति प्राप्त होती है।
  • घी या तेल का दीप दान करना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन शांत रहता है।
  • हल्द, चना दाल या पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए, इससे भाग्य मजबूत होता है और गुरु की कृपा बढ़ती है।
  • गुड़ और खीर का दान करना चाहिए, इससे लक्ष्मी कृपा मिलती है और परिवार में खुशियां बढ़ती है।
  • सफेद तिल या चावल का दान करना चाहिए, इससे चंद्र दोष शांत होता है और मानसिक शांति मिलती है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 के दिन जरूर करें उपाय

स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए

यदि लंबे समय से स्वास्थ्य बिगड़ा रहता है तो सुबह स्नान के बाद भगवान शिव को सफेद फूल चढ़ाएं। इसके बाद तांबे के लोटे से जल व थोड़ा शहद मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें। इस दौरान ॐ त्र्यम्बकं यजामहे मंत्र का 21 बार जाप करें। यह उपाय शरीर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है और धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार लाता है।

नजर और नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिए

शाम के समय एक छोटी कटोरी में कपूर, लौंग और गुग्गल जलाएं। इस धूप को पूरे घर में दक्षिणावर्त घुमाएं। अंत में धूप को मुख्य द्वार के पास थोड़ा समय रख दें। इससे घर की नकारात्मक शक्ति शांत होती है और वातावरण में तुरंत सकारात्मकता आती है।

आर्थिक तंगी और धन की कमी दूर करने के उपाय

लक्ष्मी नारायण की तस्वीर के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं। कमल गट्टों से ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा के बाद 5 कमलगट्टे अपनी तिजोरी या पर्स में रखें। यह उपाय धन वृद्धि, नए आय स्रोत और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।

विवाह में रुकावटें समाप्त करने के उपाय

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर शिव-पार्वती का संयुक्त पूजन करें। शिवलिंग पर हल्दी, केसर और गुलाबजल मिश्रित जल अर्पित करें। इसके बाद ॐ शिवायै नमः और ॐ पार्वत्यै नमः मंत्र का 51 बार जाप करें। यह उपाय विवाह योग को मजबूत करता है और शादी में आ रही सभी बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

घर में सुख-शांति बढ़ाने के उपाय

पीतल के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी के दाने डालें। इसे घर के ईशान कोण (उत्तर पूर्व दिशा) में रखें। पास में देसी घी का दीपक जलाएं। यह उपाय की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय करता है और परिवार में शांति व सौहार्द बढ़ाता है।

मानसिक अशांति और तनाव दूर करने के उपाय

सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और पीले कपड़े पहनें। शांत स्थान पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के बाद कुछ मिनटों तक गहरी सांस लेकर ध्यान करें। इससे मन शांत होता है, निर्णय क्षमता बढ़ती है और चिंता कम होती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 कब मनाई जाएगी?

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 4 दिसंबर को मनाई जाएगी, क्योंकि उदया तिथि इसी दिन पड़ती है।

2. इस पूर्णिमा पर कौन-सा विशेष योग बन रहा है?

इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर रवि योग बन रहा है।

3. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किसकी पूजा सबसे शुभ मानी जाती है?

भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा, तुलसी पूजा, दीपदान, जप और दान सबसे शुभ माने जाते हैं।

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गुरु का मिथुन राशि में गोचर: एस्‍ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं गुरु का मिथुन राशि में गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग।

बता दें कि 04 दिसंबर, 2025 को बृहस्‍पति मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसका सभी राशियों समेत देश-दुनिया पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिलेगा। इस ब्‍लॉग में आगे विस्‍तार से यही बताया गया है कि गुरु के मिथुन राशि में वक्री होने पर किन राशियों के लोगों को लाभ होगा और देश-दुनिया पर इसका किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार बृहस्‍पति विस्‍तार, बुद्धि और समृद्धि का कारक हैं। अक्‍सर शुभ ग्रह कहे जाने वाले बृहस्‍पति को विकास, आशावाद, विश्‍वास और सौभाग्‍य का प्रतीक माना जाता है। 

गुरु ग्रह उच्‍च शिक्षा, फिलॉस्‍फी, अध्‍यात्‍म और सत्‍य की खोज को दर्शाता है। इसके साथ ही यह ज्ञान और अनुभव के ज़रिए लोगों को विकास एवं विस्‍तार करने के लिए भी प्रोत्‍साहित करता है। बृहस्‍पति हमारी आस्‍था और आदर्शों का प्रतिनिधित्‍व करता है। शुभ स्‍थान में होने पर गुरु ग्रह भाग्‍य, दयालुता और सफलता लेकर आता है।

वहीं अगर यह अशुभ स्‍थान में बैठा हो, तो इसकी वजह से यह अति आत्‍मविश्‍वास या अवास्‍तविक अपेक्षाओं की ओर लेकर जा सकता है। कुल मिलाकर, बृहस्‍पति विकास के सिद्धांत को दर्शाता है। यह हमें जीवन की संभावनाओं पर भरोसा करने के लिए प्रेरित करता है। यह ग्रह हमें ज्ञान को प्राप्‍त करने, रोमांच को अपनाने एवं गहरी समझ को विकसित करने के लिए उत्‍साहित करता है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

गुरु का मिथुन राशि में गोचर: समय

04 दिसंबर, 2025 को रात 08 बजकर 39 मिनट पर बृहस्‍पति ग्रह मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। गुर एक शुभ ग्रह हैं जबकि इस ग्रह के लिए मिथुन तटस्‍थ राशि है और इस बार गुरु का वक्री होकर मिथुन राशि में प्रवेश करना ज्‍यादा सकारात्‍मक स्थिति नहीं है। आगे जानिए कि बृहस्‍पति के मिथुन राशि में होने की क्‍या विशेषताएं होती हैं।

गुरु का मिथुन राशि में गोचर: विशेषताएं

बृहस्‍पति ग्रह के मिथुन राशि में होने का मतलब है मिथुन राशि की जिज्ञासा, बुद्धिमत्ता और संचार कौशल का गुरु ग्रह की शानदार और उत्‍साह से भरपूर ऊर्जा के साथ मिलना। इस स्थिति में व्‍यक्‍ति के अंदर पढ़ने, दूसरों को शिक्षित करने, लिखने और अपने विचारों को साझा करने का जुनून देखा जा सकता है।

जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह मिथुन राशि में होता है, वे जातक अक्‍सर चतुर, स्‍पष्‍ट बोलने वाले और बदलाव को आसानी से स्‍वीकार करने वाले होते हैं। इनके अंदर चीज़ों या परस्थिति को अलग-अलग नज़रिए से देखने की क्षमता होती है।

जिनकी कुंडली में मिथुन राशि में बृहस्‍पति होता है, वे नई-नई चीज़ें सीखने, बातचीत करने और आतमनिरीक्षण से अपना विकास करते हैं। इन्‍हें नेटवर्किंग और लचीलेपन की वजह से अवसर प्राप्‍त होते हैं।

इनकी सबसे बड़ी चुनौती ध्‍यान बनाए रखना होता है। ये लोग अक्‍सर बहुत से कामों या रुचियों को एकसाथ कोशिश करते हैं जिससे उनकी ऊर्जा बंट जाती है या ये खुद को बहुत जगहों पर बांट देते हैं।

बृहस्‍पति का मिथुन राशि में होना संचार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्‍योंकि यह व्‍यक्‍ति को संवाद कौशल में उत्‍कृष्‍ट, जीवन को लेकर खुले और जीवंत विचार रखने एवं दुनिया को जानने की असीम जिज्ञासा प्रदान करता है।

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गुरु का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति ग्रह हैं और अब वह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बृहस्‍पति के इस गोचर के कारण आप अधिक आलसी हो सकते हैं जिसकी वजह से आप अपने कामों को टाल सकते हैं। इसके कारण आपको अपने कार्यक्षेत्र और जीवन के अन्‍य क्षेत्रों में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको आलसी करने से बचनें और कड़ी मेहनत करने पर ध्‍यान देने की सलाह दी जाती है।

आप आध्‍यात्मिक मामलों में अधिक रुचि ले सकते हैं। आपको कई धार्मिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। आपके दोस्‍त आपका सहयाग करेंगे और आपको शानदार जगहों पर लेकर जा सकते हैं लेकिन आपको ये सभी चीज़ें करने में समस्‍याएं या अड़चनें आ सकती हैं। भाई-बहनों के साथ आपका रिश्‍ता मजबूत और गहरा होगा। इससे आपको भी खुशी मिलेगी। आप बिज़नेस में बार-बार प्रयास करने से प्रगति हासिल कर सकते हैं। बृहस्‍पति की सातवें, नौवें और ग्‍यारहवें भाव पर दृष्टि रखने की वजह से आपके वैवाहिक जीवन, व्‍यापार के क्षेत्र में प्रगति और समस्‍याओं का समाधान करने पर नकारात्‍मक असर पड़ेगा। आमदनी में भी कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं होगी।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के आठवें एवं ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति हैं जो कि अब इस राशि के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बृहस्‍पति के प्रभाव से आपकी बातों में उत्‍साह और जोश बढ़ेगा। लोग आपकी बातों को ध्‍यान से सुनेंगे। लोग आपके पास मार्गदर्शन के लिए भी आ सकते हैं। पारिवारिक जीवन खुशहाल और संतोषजनक नहीं रहेगा लेकिन पैसों की बचत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

हालांकि, आप थोड़ा-बहुत मुनाफा कमा सकते हैं। इसके बाद बृहस्‍पति की दृष्टि आपके छठे, आठवें और दसवें भाव पर पड़ेगी जिससे आपको अपने पैतृक व्‍यवसाय में प्रगति मिलने की संभावना है। अगर आप अपने परिवार के साथ कंपनी चलाते हैं, तो आपको उसका विस्‍तार करने का अवसर मिल सकता है लेकिन गुरु के वक्री होने पर आपको उन्‍नति प्राप्‍त करने में संघर्ष करना पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों को बड़ी मात्रा में धन कमाने अच्‍छे अवसर नहीं मिल पाएंगे। ससुराल वालों के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। आप धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं और इससे आपको काफी सहयोग‍ मिलने की संभावना है।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

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कर्क राशि

कर्क राशि के छठे और नौवें भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति ग्रह हैं। अब बृहस्‍पति आपके ग्‍यारहवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। आप एनजीओ को दान दे सकते हैं। इसके अलावा आप पूजा-पाठ, धार्मिक और आध्‍यात्मिक यात्राओं के अलावा अन्‍य सामाजिक कार्यों पर धन खर्च करेंगे। आप कई अच्‍छे काम कर सकते हैं लेकिन गुरु के वक्री होने से आपको अपनी आध्‍यात्मिक इच्‍छाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। हालांकि, बहुत ज्‍यादा प्रयास करने के बाद आपको सफलता मिलने की संभावना है।

आपके लिए लंबी दूरी और धार्मिक यात्राओं के योग बन रहे हैं लेकिन इसमें बहुत अड़चनें आ सकती हैं। अगर आप विदेश जाना या वहां पर बसना चाहते हैं, तो अपने सपनों को पूरा करने के लिए बार-बार प्रयास करने की वजह से आप चिड़चिड़े हो सकते हैं।  इस समयावधि में आपको अपनी सेहत पर ध्‍यान देने की जरूरत है। आपको फैट से संबंधित समस्‍याओं की वजह से पेट से जुड़े विकार होने की आशंका है। बृहस्‍पति की चौथे, छठे और आठवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है जिससे आपके कुछ खर्चे बढ़ सकते हैं।

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कन्या राशि

कन्या राशि के चौथे और सातवें भाव का स्‍वामी बृहस्‍पति है जो कि अब इस राशि के ग्‍यारहवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में कुछ परेशानियां देखनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा आप अति आत्‍मविश्‍वासी हो सकते हैं जिससे आपके काम रुक सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपको सावधानी और समझदारी से काम लेना चाहिए।

जो काम आपको नहीं आता है, उसकी जिम्‍मेदारी लें और उसे सीखने के बाद आगे बढ़ें। यह परिवार की जिम्‍मेदारियां उठाने का समय है। बृहस्‍पति की आपके दूसरे, चौथे और छठे भाव पर दृष्टि है जिसकी वजह से आप पैसों की बचत करने के लए अत्‍यधिक प्रयास करेंगे लेकिन धन कमाने के बजाय आपको अधिक पैसों का नुकसान हो सकता है।

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तुला राशि

तुला राशि के तीसरे और छठे भाव पर बृहस्‍स्‍पति ग्रह का आधिपत्‍य है। गुरु का मिथुन राशि में गोचर के दौरान बृहस्‍पति आपके नौवें भाव में प्रवेश करेंगे। इस भाव में गुरु की उपस्थिति आपकी धार्मिक मान्‍यताओं को और ज्‍यादा मजबूत कर सकती है। आप आध्‍यात्मिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे लेकिन यहां पर भी आपको शांति नहीं मिल पाएगी। आप यात्राएं करेंगे और आध्‍यात्मिक उद्देश्‍यों से तीर्थयात्रा पर भी जा सकते हैं लेकिन गुरु के वक्री होने की वजह से आपको यात्रा के दौरान अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। जब तक आप कड़ी मेहनत और अधिक प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आपका काम पूरा नहीं हो पाएगा।

अगर आप अधिक प्रयास करते हैं, तो आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। भाई-बहनों के सहयोग से आपके काम काफी जल्‍दी पूरे हो सकते हैं। नौवें भाव में बैठा बृहस्‍प‍ति आपके पहले, तीसरे और पांचवे भाव को देख रहा है जिससे आपको स्‍कूल और शिक्षा के मामले में सकारात्‍मक परिणाम नहीं मिल पाएंगे और आपको अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। आप संतान सुख का अनुभव कर सकते हैं। यह समय संतान प्राप्‍ति की संभावना या संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार लाने वाला हो सकता है लेकिन नकारात्‍मक परिणामों या अड़चनों का सामना करने के बाद ही आपको संतान की प्राप्ति होने के संकेत हैं।

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वृश्चिक राशि

इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति ग्रह हैं। आपके नौवें भाव में बृहस्‍पति का गोचर होने जा रहा है। यह गोचर आपके लिए लाभकारी नहीं रहने वाला है इसलिए आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए। कार्यक्षेत्र में आपको कुछ अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। आपके काम अटक सकते हैं। आध्‍यात्मिक कार्यों में रुचि रखने और अच्‍छे आध्‍यात्मिक अनुभव होने के बावजूद आपको आर्थिक तंगी से गुज़रना पड़ सकता है।

इस समय आपको वित्तीय नुकसान होने का भी डर है। स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने की वजह से समस्‍याएं आ सकती हैं। बृहस्‍पति की आपके दूसरे, चौथे और बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में आपको ससुराल वालों की ओर से अशुभ समाचार मिल सकता है। आपके खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

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गुरु का मिथुन राशि में गोचर: उपाय

  • आप नियमित रूप से विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें।
  • आप बृहस्‍पतिवार के दिन व्रत रखें और प्रसाद में गुड़-चना बांटें।
  • सकारात्‍मक परिणाम पाने के लिए गायों की सेवा करें।
  • अच्‍छे परिणाम और सकारात्‍मकता पाने के लिए हर गुरुवार को हवन करें।
  • ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

गुरु का मिथुन राशि में गोचर: विश्‍व पर प्रभाव

आध्‍यात्मिक और धार्मिक कार्यों में रुचि

  • गुरु के मिथुन राशि में वक्री होने के दौरान भारत में आध्‍यात्मिक कार्यों में लीन लोगों की संख्‍या बढ़ सकती हैं। इससे अपने आप ही लोगों की अध्‍यात्‍म और शांति की ओर रुझान बढ़ेगा।
  • इस समयावधि में लोगों के अंदर आत्‍मज्ञान प्राप्‍त करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
  • इससे वे धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानने और गूढ़ विज्ञान से संबंधित कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
  • इसके साथ ही तेल, घी और सुगंधित तेलों की कीमत में कमी देखने को मिल सकती है।
  • इससे आम जनता राहत की सांस लेगी।
  • इसके अलावा धार्मिक या आध्‍यात्मिक कार्यों में उपयोग होने वाले सुगंधित उत्‍पादों जैसे कि इत्र या परफ्यूम आदि और फूलों पर आधारित ऑर्गेनिक उत्‍पादों के निर्यात की मांग बढ़ सकती है।

सरकारी अधिकारी और न्‍यायपालिका

  • मंत्री और सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे लोग देश की वर्तमान की जरूरतों के हिसाब से नए नियम या नीतियां बना सकते हैं।
  • न्‍यायपालिका अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकती है एवं जनता और राष्‍ट्र के हित में कई महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
  • वैश्विक स्‍तर पर जिन देशों के बीच युद्ध की स्थिति चल रही है, वहां पर शांति और न्‍याय की स्‍थापना की दिशा में सकारात्‍मक कदम उठाए जा सकते हैं। इस दौरान कई युद्ध भी समाप्‍त हो सकते हैं।
  • साथ ही मंत्री और सरकारी अधिकारी सावधानी और समझदारी भरे बयान देते हुए नज़र आएंगे क्‍योंकि मिथुन राशि में बृहस्‍पति का गोचर व्‍यक्‍ति के विचारों और व्‍यवहार में परिपक्‍वता लेकर आता है।

शिक्षा और अन्‍य संबंधित क्षेत्र

  • शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग जैसे कि काउंसलर, शिक्षक, प्रशिक्षक और प्रोफेसर आदि को इस गोचर से लाभ होगा लेकिन उन्‍हें अपने कार्यक्षेत्र में अनिश्चित या प्रतिकूल समस्‍याएं भी देखनी पड़ सकती हैं।
  • लेखक और फिलॉस्‍फर अपने शोध, थीसिस या रचनात्‍मक कार्यों को पुनर्गठित करते हुए उन्‍हें और गहराई एवं स्‍पष्‍टता देने की कोशिश करेंगे।
  • इस गोचर से शोधकर्ता, सलाहकार और वैज्ञानिकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है क्‍योंकि इस गोचर के प्रभाव से उनकी सोचने की क्षमता और नए विचारों को लेकर दृष्टिकोण बेहतर होगा। इससे वे मुश्किल समस्‍याओं को सुलझाने के लिए नए और प्रभावी समाधान खोज पाएंगे।
  • इस समय चिकित्‍सा के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण प्रगति और सुधार देखने को मिल सकते हैं।

गुरु का मिथुन राशि में गोचर: स्‍टॉक मार्केट रिपोर्ट

बृहस्‍पति का गोचर सबसे महत्‍वपूर्ण गोचरों में से एक होता है और इसका असर स्‍टॉक मार्केट पर भी देखने को मिलेगा। शेयर मार्केट भविष्‍यवाणी से जानते हैं कि गुरु का मिथुन राशि में गोचर होने का स्‍टॉक मार्केट पर क्‍या असर देखने को मिलेगा।

  • सार्वजनिक क्षेत्र, सीमेंट उद्योग, ऊनी मिलों, लोहा, इस्‍पात और आवास के क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
  • दवा उद्योग, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्‍टर उद्योग, उर्वरक और बीमा के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन, परिवहन कंपनियों, कपास की मिलों, फिल्‍म उद्योग और प्रिंटिंग आदि क्षेत्रों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
  • मेडिकल और लीगल कंपनियां अधिक धन कमा सकती हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बृहस्‍पति किन दो राशियों के स्‍वामी हैं?

धनु और मीन राशि।

2. बृहस्‍पति की किन ग्रहों के साथ मित्रता है?

सूर्य और मंगल ग्रह।

3.क्‍या बुध और बृहस्‍पति के बीच मित्रता है?

नहीं, ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के साथ तटस्‍थ हैं।


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टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025: इन राशियों की चमकेगी किस्‍मत! https://horoscope.astrosage.com/hindi/tarot-masik-rashifal-december-2025/ Mon, 01 Dec 2025 06:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=114907 टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025: इन राशियों की चमकेगी किस्‍मत!

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्‍योतिषयों का मानना है कि टैरो व्‍यक्‍ति की

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टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025: इन राशियों की चमकेगी किस्‍मत!

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्‍योतिषयों का मानना है कि टैरो व्‍यक्‍ति की जिंदगी में भविष्‍यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्‍य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्‍यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्‍प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्‍योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्‍पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्‍यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्‍मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्‍म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस मासिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि दिसंबर, 2025 सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025

मेष राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ वैंड्स

करियर: द हीरोफेंट

स्वास्थ्य: किंग ऑफ कप्स

प्रेम जीवन में मेष राशि के लोगों को फोर ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि भावनात्मक स्तर पर अलगाव, रिश्ते को लेकर असंतोष या पुराने रिश्ते की समस्याओं के बारे में सोचने की प्रवृत्ति दिखा रहा है। यह कार्ड खुद के या पार्टनर के भावनात्मक अलगाव या भावनात्मक रूप से मौजूद न होने के संकेत दे रहा है।

धन के मामले में आपको क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि पैसों को संभालने को लेकर आत्मविश्वास, चतुराई और उत्साहित एवं सक्रिय दृष्टिकोण की ओर इशारा कर रहा है। इस समय आपको सोच समझकर वित्तीय निर्णय लेने होंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता आएगी और आपका विकास होगा। अच्छी तैयारी और अपने मन पर भरोसा कर के आप समझदारी भरे निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

द हीरोफेंट कार्ड मार्गदर्शन, परंपरा और पहले से ही स्थापित प्रणाली के जरिए करियर में उपलब्धि हासिल करने की ओर संकेत कर रहा है। यह एक दूसरे का सहयोग करने और टीम के साथ मिलकर काम करने, कुछ दिशा निर्देश निर्धारित करने और जानकार लोगों से सलाह लेने का समय है। यह कार्ड ट्रेनिंग लेने, शिक्षा लेने या पारंपरिक संस्‍थान में नौकरी मिलने के संकेत भी दे रहा है।

सेहत की बात करें तो किंग ऑफ कप्स कार्ड भावनात्मक स्तर पर स्थिरता और रिकवरी को लेकर सकारात्मक संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको खुद को प्राथमिकता देनी चाहिए, भावनात्मक स्तर पर संतुलित रहना चाहिए और पारंपरिक उपचार जैसे कि हर्बल दवाओं का उपयोग करना चाहिए।

राशि अनुसार गिफ्ट: ट्रैवल कूपन और कार्ड।

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्‍स

करियर: द एम्‍परर

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ पेंटाकल्‍स

वृषभ राशि के लोगों को फोर ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो कि रिश्ते में सुरक्षा और  नियंत्रण की जरूरत को दर्शाता है। यह पोजेसिव होने या डर के रूप में दिख सकता है। यह कार्ड इस बात के भी संकेत दे सकता है कि आपके अंदर रिश्ते को पकड़ कर रखने की प्रवृत्ति हो सकती है जो भावनात्‍मक विकास में रुकावट पैदा कर सकती है या रिश्‍ते में घुटन पैदा कर सकती है।

टैरो कार्ड रीडिंग में आपको टू ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि वित्तीय स्तर पर पर्याप्त धन के बजाय संतुलन और स्थिरता के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी और आप अपने बिलों का भुगतान करने एवं पैसों की बचत करने के लिए पर्याप्त धन कमाने में सक्षम होंगे। यह कार्ड आर्थिक जीवन में संतुलन और सामंजस्य को दर्शाता है जिसका मतलब है कि आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर होगी।

द एंपरर कार्ड करियर में संरचना, अधिकार और लीडरशिप का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड कहता है कि यह समय अनुशासन, स्थिरता और उद्देश्यपूर्ण कार्य करने का है और इस दौरान कड़ी मेहनत और सोच समझकर किए गए कार्यों से सफलता प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा यह कार्ड जवाबदेही, निर्णय लेने और पहले से स्‍थापित प्रक्रियाओं की मदद से उन्‍नति करने की संभावना के महत्‍व पर भी जोर देता है।

फाइव ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मुश्किलों, बीमारी या अकेलेपन और अभाव को दर्शाता है। यह कार्ड मानसिक या शारीरिक बीमारी का प्रतीक हो सकता है। आर्थिक स्थिति को लेकर आपको तनाव हो सकता है जिसका असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है। आपको हेल्‍थकेयर सिस्‍टम की ओर से अनदेखी या सहायता की कमी महसूस हो सकती है। वहीं दूसरी ओर, फाइव ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड रिवर्स आने पर प्रगति, हीलिंग या स्वास्थ्य के प्रति फोकस में बदलाव के संकेत देता है।

राशि अनुसार गिफ्ट: सेंटिड कैंडल्स

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: द हर्मिट

आर्थिक जीवन: व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून

करियर: द हैंग्‍ड मैन

स्वास्थ्य: सिक्‍स ऑफ स्‍वॉर्ड्स

टैरो कार्ड रीडिंग में मिथुन राशि के जातकों को द हर्मिट कार्ड मिला है जो कि नए रिश्ते की शुरुआत करने या अपने मौजूदा रिश्ते को मजबूत करने से पहले आत्म निरीक्षण और सोच–विचार करने के समय को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको कुछ समय अकेले में बिताना चाहिए, आपको अपनी खुद की जरूरतों और चाहतों के बारे में सोचना चाहिए और यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि आप अपने पार्टनर से क्या चाहते हैं।

टैरो रीडिंग में व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून कार्ड वित्तीय स्थिति में नकारात्‍मक और सकारात्‍मक दोनों तरह के बदलावों की संभावना का प्रतिनिधित्‍व करता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अवसरों और अप्रत्‍याशित खर्चों दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए क्‍योंकि आपकी आर्थिक स्थिति में बदलाव आने के सं‍केत हैं। आपकी वित्तीय स्थिति चाहे कैसी भी हो, यह कार्ड आपको थोड़ा लचीला बनने और नए अवसरों को अपनाने की सलाह दे रहा है।

द हैंग्‍ड मैन कार्ड दर्शाता है कि करियर में जल्‍दबाज़ी में किए गए कार्य या फैसले फलदायी साबित नहीं होते हैं। रूक कर सोचने या काम से ब्रेक लेने से आपको गहन एवं स्‍पष्‍ट जानकारी प्राप्‍त हो सकती है। फ्लिप आने पर यह कार्ड अपने करियर की बागडोर संभालने, विशिष्‍ट उद्देश्‍य निर्धारित करने और पेशेवर विकास में सक्रिय होकर योगदान देना चाहिए।

स्‍वास्‍थ्‍य की बात करें, तो सिक्‍स ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड सकारात्‍मक बदलाव और रिकवरी को दर्शाता है जिसका मतलब है कि मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं ठीक हो जाएंगी या लक्षणों में कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि, आप अभी भी पिछली मु‍श्किलों के कारण थका हुआ महसूस कर सकते हैं। यह कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में शांत और स्थिर स्थिति की ओर बदलाव के संकेत दे रहा है।

राशि अनुसार गिफ्ट: जरनल

AstroSage AI पॉडकास्ट सुनें – यहां आपको मिलेंगे ज्योतिष, जीवन के रहस्य, किस्मत के संकेत और AI द्वारा बताए गए सटीक ज्योतिषीय समाधान। अपनी ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब अब आवाज़ में, आसान भाषा में।

कर्क राशि

प्रेम जीवन: डेथ

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स

करियर: थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: द लवर्स

कर्क राशि के लोगों को द डेथ कार्ड मिला है जो कि आमतौर पर बदलाव, किसी चीज़ के अंत और एक नई शुरुआत का प्रतिनिधित्‍व करता है। यह कार्ड संकेत देता है क‍ि रिश्‍ता खत्‍म होने की कगार पर है और ऐसा पुरानी आदतों या पार्टनर का साथ छोड़ने की वजह से हो सकता है लेकिन यह एक नए रिश्ते या नए अध्‍याय की शुरुआत की संभावना को भी दर्शाता है।

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 के अनुसार नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड शक्‍ति, आकांक्षा और वित्तीय मामलों में नए अवसरों को दर्शाता है लेकिन यह अधीरता और लापरवाही दिखाने को लेकर भी चेतावनी देता है। इस कार्ड का कहना है कि कार्य और पहल करने एवं वित्तीय लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए यह सही समय है। प्रतिकूल परिणामों से बचने के लिए इस ऊर्जा का सोच-समझकर प्रयोग करें एवं इस पर अच्‍छे से विचार करने की जरूरत है।

करियर रीडिंग में थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड आपसी सहयोग, टीम के साथ मिलकर काम करने और अपने कौशल में सुधार लाने को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप दूसरों के साथ कितनी अच्‍छी तरह से सहयोग कर पाते हैं और विभिन्‍न कौशल और दृष्टिकोणों का उपयोग कर के किसी एक लक्ष्‍य को पूरा करते हैं। यह र्काड शिक्षा और अपने कौशल का विकास करने के प्रति समर्पित रहने के संकेत भी दे रहा है। यह ट्रेनिंग या मार्गदर्शन के माध्‍यम से हो सकता है।

हेल्‍थ रीडिंग में द लवर्स कार्ड रिश्‍तों पर ध्‍यान देने, संतुलन बनाने और  स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सोच-समझकर निर्णय लेने को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि अपने प्रियजनों या एक्‍सपर्ट से मदद लेना सहायक साबित हो सकता है और मानसिक एवं भावनात्‍मक रूप से संतुलित रहने का शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर अनुकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा यह कार्ड मन, शरीर और आत्‍मा के बीच के संबंध की ओर भी ध्‍यान आकर्षित करता है और बताता है कि तनाव या भावनात्‍मक समस्‍याएं सेहत को खराब कर सकती हैं।

राशि अनुसार गिफ्ट: स्‍वीट फ्रेगरेंसिस

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: द हर्मिट

आर्थिक जीवन: द सन

करियर: थ्री ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: टू ऑफ स्‍वॉर्ड्स

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 का कहना है कि लव टैरो रीडिंग में सिंह राशि के लोगों को द हर्मिट कार्ड मिला है। इस कार्ड का कहना है कि आपको रोमांटिक संबंध की शुरुआत करने से पहले आत्‍मनिरीक्षण और आत्‍म-विश्‍लेषण कर लेना चाहिए। यह कार्ड कहता है कि आप अपने रिश्‍ते में अपने निर्णय खुद ले सकते हैं और स्‍वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं या फिर इस समय आप अकेले रह सकते हैं। यह कार्ड आपको सलाह देता है कि आपको किसी से भी बात शुरू करने से पहले अपनी इच्‍छाओं और आकांक्षाओं को समझने के लिए समय निकालना चाहिए।

फाइनेंशियल टैरो कार्ड रीडिंग में द सन कार्ड सफलता, समृद्धि और संपन्‍नता को दर्शाता है। यह कार्ड कहता है कि आपकी कड़ी मेहनत और उत्‍साह आपके लिए आर्थिक रूप से फलदायी साबित होगा। इससे आपको प्रगति, वित्तीय स्थिरता और संतुष्टि प्राप्‍त होगी। इसके अलावा द सन कार्ड छिपे हुए आर्थिक मामलों को सामने लाने के अवसर पैदा कर सकता है।

करियर रीडिंग में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड का आना एक अच्‍छा संकेत है। इस कार्ड के अनुसार आपको प्रगति और विकास करने के अवसर प्राप्‍त होंगे और आप अपने कार्य में पहल करेंगे। इस कार्ड का कहना है कि आप अपने उद्देश्‍यों के नज़दीक जा रहे हैं और आपको प्रगति करने के नए अवसर मिल सकते हैं।

टू ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति में संतुलन लाने, सोच-विचार करने और सावधानीपूर्वक निर्णय लेने की जरूरत को दर्शाता है। इसका संबंध भावनात्‍मक या मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित समस्‍याओं से हो सकता है। यह स्‍वास्‍थ्‍य को ठीक करने के लिए भावनात्‍मक बोझ को कम करने के महत्‍व को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार इस समय दबी या अवरूद्ध भावनाएं शारीरिक लक्षणों या बीमारी के रूप में सामने आ सकती हैं।

राशि अनुसार गिफ्ट: एडवेंचर ट्रिप

कन्या राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: फोर ऑफ स्‍वॉर्ड्स

करियर: टू ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स

कन्‍या राशि के जातकों को लव रीडिंग में फोर ऑफ वैंड्स मिला है जो कि खुशियों, उत्‍सव और रिश्‍ते में स्थिरता का प्रतीक है। इस कार्ड का कहना है कि सहयोग और भरोसे के आधार पर आपका रिश्‍ता मजबूत होगा और आप अपने रिश्‍ते को शादी के बंधन में भी बांध सकते हैं या फिर सगाई कर सकते हैं। यह कार्ड सिंगल जातकों के लिए एक नए और संतोषजनक रिश्‍ते की संभावना को दर्शा रहा है।

धन की बात करें, तो टैरो टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 के अनुसार आपको फोर ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है। यह कार्ड चिंता, तनाव या भारीपन को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि किसी समस्‍या का निष्‍पक्ष होकर मूल्‍यांकन करने और सहायता प्राप्‍त करने के लिए आपको आराम करने एवं सोचने के लिए कुछ समय निकालने की जरूरत है। यह कार्ड वित्तीय स्थिति में ठहराव या आर्थिक दबाव के संकेत दे रहा है लेकिन धीरे-धीरे सुधार की संभावना भी नज़र आ रही है।

करियर रीडिंग में टू ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड कार्यस्‍थल में पूरे कार्यभार को संभालने, बदलाव के साथ तालमेल बिठाने और कई जिम्‍मेदारियों के बीच संतुलन बिठाने को दर्शाता है। यह कार्ड एक ऐसे समय का संकेत हो सकता है जब आपको बहुत ज्‍यादा काम करना पड़ रहा हो और इस दौरान परिस्थितियों से निपटने के लिए आपको समझदारी और तेजी से सोच-विचार करने की क्षमता की आवश्‍यकता हो सकती है। यह कार्ड आपको अपने काम को लेकर बहुत ज्‍यादा प्रतिबद्ध होने से बचने और काम एवं निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने की सलाह दे रहा है।

हेल्‍थ रीडिंग में थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड आमतौर पर बीमारी, सर्जरी या अन्‍य मेडिकल समस्‍याओं को दर्शाता है। इसके अलावा यह भावनात्‍मक या मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित समस्‍याओं जैसे कि सदमे, चिंता या फिर मायूसी का संकेतक भी हो सकता है। यह कार्ड मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी समस्‍याओं के कारण कार्डियक संबंधित समस्‍याओं या शारीरिक कष्‍ट के संकेत भी दे रहा है।

राशि अनुसार गिफ्ट: टाइमलेस एंटीक फर्नीचर पीस।

तुला राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: सिक्‍स ऑफ कप्‍स

करियर: द फूल

स्वास्थ्य: द चैरियट

टैरो लव रीडिंग में तुला राशि वालों के लिए थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड एक ऐसे रिश्‍ते को दर्शाता है कि जो कि आपसी सहयोग, एक साथ मिलकर काम करने और पारस्‍परिक संबंध पर आधारित हो। यह एक ऐसे दीर्घकालिक और मजबूत रिश्‍ते का प्रतीक है जिसमें दोनों पार्टनर अपनी खास प्रतिभाओं का उपयोग करते हैं और अपने उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करते हैं। इसके अलावा यह कार्ड एक नए रिश्‍ते की शुरुआत के संकेत भी दे सकता है जिसमें आपको यह तय करना होगा कि आप उस रिश्‍ते में आगे बढ़ना चाहते हैं या नहीं।

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 के अनुसार सिक्‍स ऑफ कप्‍स कार्ड देने, शेयर करने और पिछली वित्तीय स्थिति या संबंधों की वापसी को दर्शाता है। आपको किसी रिश्‍ते या पुराने संबंध से तोहफा, पैतृक संपत्ति या आर्थिेक सहयोग मिलने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर, यह कार्ड अपनी पुरानी वित्तीय रणनीतियों की समीक्षा करने या अपनी पूर्व की वित्तीय उपलब्धियों के साथ फिर से संबंध स्‍थापित करने का अवसर भी दर्शा सकता है।

द फूल टैरो कार्ड नई शुरुआत या करियर में जोखिम उठाने को दर्शाता है। यह कार्ड बदलाव को स्‍वीकार करने, सोच-समझकर जोखिम उठाने और करियर के मामले में अपने मन की सुनने को बढ़ावा देता है। द फूल कार्ड जांच-पड़ताल करने, नए अवसरों के बारे में सोचने या खुद का बिज़नेस शुरू करने के समय की ओर इशारा कर रहा है।

टैरो रीडिंग में द चैरियट कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित समस्‍याओं को लेकर नई ऊर्जा, दृढ़ संकल्‍प और साहस को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि चुनौतियों को पार करने और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर करने के लिए आपके अंदर प्रबल इच्‍छा उत्‍पन्‍न हो सकती है। इसे आप अनुशासन और प्रयासों के ज़रिए पूरा कर सकते हैं। टैरो कार्ड रीडिंग के अनुसार यह एक सकारात्‍मक संकेत है जो बताता है कि आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य की जिम्‍मेदारी लेकर रचनात्‍मक और लाभकारी बदलाव करने में सक्षम हैं।

राशि अनुसार गिफ्ट: ब्‍यूटीफुल पीस ऑफ ज्‍वेलरी।

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: पेज ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ वैंड्स

करियर: नाइन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

स्वास्थ्य:  सेवेन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

लव टैरो रीडिंग में पेज ऑफ वैंड्स कार्ड खासतौर पर पैशन, उत्‍साह और नई शुरुआत को दर्शाता है। यह कार्ड रोमांस, मौजूदा रिश्‍ते में आनंदित ऊर्जा के संचार या तेजी से नए रिश्‍ते के विकसित होने का संकेतक हो सकता है। हालांकि, पेज ऑफ वैंड्स कार्ड इस बात के भी संकेत दे सकता है कि आपको जल्‍दबाज़ी या रिश्‍तों को अचानक से खत्‍म करने की अपनी आदत को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 के अनुसार फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड खासतौर पर वित्तीय मामलों में शत्रुता, कलह और अस्थिरता के संकेत दे रहा है। यह कार्ड मुश्किलों, बाधाओं और वित्तीय समस्‍याओं को दर्शा रहा है जिससे टकराव या संघर्ष उत्‍पन्‍न हो सकता है। अपने सवालों का जवाब जानने और आर्थिक स्थिरता पाने के लिए आपको आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है।

नाइन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड आमतौर पर करियर में चिंता, बेचैनी और बोझ को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आप बहुत ज्‍यादा तनाव और चिंता में हो सकते हैं और अगर आप इस पर ध्‍यान नहीं देते हैं, तो आप मानसिक रूप से थकावट महसूस कर सकते हैं। यह कार्ड इस बात के भी संकेत दे सकता है कि आपको अपनी समस्‍या का निष्‍पक्ष होकर मूल्‍यांकन करने की जरूरत है क्‍योंकि आपकी चिंताएं और डर आपकी मुश्किलों को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

हेल्‍थ रीडिंग में सेवेन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि सावधानी से सोच-विचार करने और कभी-कभी दूसरों से सलाह लेने के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि सेहत के मामले में आप खुद से पूरा सच नही कह रहे हैं या फिर आप अपनी सेहत के महत्‍वपूर्ण पहलुओं को अनदेखा कर रहे हैं। यह कार्ड संकेत देता है कि आपको अपने लक्षणों पर गहराई से ध्‍यान देने की जरूरत है या आपको अपनी अंननिर्हित समस्‍याओं का अधिक स्‍पष्‍टता के साथ समाधान करना चाहिए।

राशि अनुसार गिफ्ट: थ्रिलिंग डिटेक्टिव बुक

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धनु राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: द सन

स्वास्थ्य: नाइट ऑफ पेंटाकल्‍स

धनु राशि के जातकों को थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि दिल टूटने, दुख और प्रेम संबंध में संघर्ष या टकराव की संभावना को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि इस समय आप और आपका पार्टनर अलग हो सकते हैं, आपका ब्रेकअप हो सकता है या फिर यह समय आपके लिए भावनात्‍मक रूप से उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। यह कार्ड विश्‍वासघात, बेईमानी या किसी तीसरे शख्‍स द्वारा आपके रिश्‍ते में समस्‍याएं उत्‍पन्‍न करने के संकेत भी दे रहा है। हालांकि, यह कार्ड इस बात की भी याद दिलाता है पुराने घावों को भरने और दर्दनाक घटनाओं से सबक सीखने की जरूरत है।

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 कहता है कि थ्री ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड वित्तीय जीवन में आपसी सहयोग, टीम के साथ मिलकर काम करने और भविष्‍य में सफलता पाने के लिए एक मजबूत आधार को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार आपको अपनी कड़ी मेहनत और लगन के लिए वित्तीय लाभ मिल सकता है। इस कार्ड का यह भी कहना है कि आपको किसी फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट से सलाह लेने या अपने पैसे को और अच्‍छे से संभालने के तरीके सीखने की जरूरत है।

द सन कार्ड अपराइट या इनवर्टिड आने पर सफलता, संपन्‍नता और अनुकूल परिणामों को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार आप संपन्‍न एवं धनी होंगे और अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर संतुष्‍ट और सुरक्षित महसूस करेंगे। वहीं दूसरी ओर, यह कार्ड कहता है कि आपको अपने खर्च करने के तरीकों के बारे में सोचने की जरूरत है या फिर वित्तीय मामलों को लेकर आपके अंदर अति आत्‍मविश्‍वास हो सकता है।

नाइट ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड कड़ी मेहनत और लगन के ज़रिए स्‍वस्‍थ जीवनशैली को बनाने और उसे बनाए रखने पर जोर देता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर व्‍यावहारिक दृष्टिकोण रखना चाहिए, अच्‍छी आदतें अपनानी चाहिए और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देना चाहिए। यह कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर पर अल्‍पकालिक समाधान करने के बजाय लंबे समय तक स्‍वस्‍थ रहने के लिए धैर्य और प्रतिबद्ध रहने को बढ़ावा देता है।

राशि अनुसार गिफ्ट: स्किन केयर प्रोडक्‍ट्स

मकर राशि         

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

करियर: व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून

स्वास्थ्य: सिक्‍स ऑफ स्‍वॉर्ड्स

मकर राशि के लोगों को लव टैरो रीडिंग में नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि एक शुभ संकेत नहीं है। इस कार्ड का कहना है कि आप या आपका पार्टनर गुस्‍सैल स्‍वभाव का है और इस सप्‍ताह हिंसक व्‍यवहार कर सकता है। हिंसक आदतों और जल्‍दी गुस्‍सा आने की वजह से इनके आसपास रहना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड को एक ऐसे व्‍यक्‍ति के रूप में देखा जा सकता है जो आपके प्रति द्वेष या शत्रुता की भावना रखता है।

क्‍वीन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड आमतौर पर सोच-समझकर निर्णय लेकर काम करने, वित्त के मामले में स्‍पष्‍टता एवं तर्क की आवश्‍यकता को दर्शाता है। यह कार्ड एक ऐसे व्‍यक्‍ति का प्रतिनिधित्‍व करता है जो कि बुद्धिमान, चौकस और भ्रम की स्थिति में वास्‍तविकता को समझने में सक्षम है। धन के मामले में यह कार्ड बताता है कि आपको अपनी आर्थिक समस्‍याओं को आवेग में आकर या भावुक होकर संभालने की बजाय तर्कसंगत और सोच-समझकर संभालना चाहिए।

बिज़नेस और करियर रीडिंग के लिए व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून कार्ड काफी सरल है। टैरो टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 के अनुसार यह कार्ड दिखाता है कि चीज़ें बेहतर हो रही हैं और आपकी किस्‍मत बदलने वाली है। आपकी इंडस्‍ट्री में तेजी आ सकती है या फिर अर्थव्‍यवस्‍था बेहतर हो सकती है। किसी भी स्थिति में, आपका भविष्‍य शानदार होगा।

सिक्‍स ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड आमतौर पर स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति में एक सफल बदलाव और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि यह बीमारी से ठीक होने या स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में मुश्किल दौर से निकलने का समय है। आप अपनी सेहत की जिम्‍मेदारी ले सकते हैं और आपको अपने लक्षणों से राहत मिल सकती है।

राशि अनुसार गिफ्ट: डिजीटल फोटो फ्रेम

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कुंभ राशि

प्रेम जीवन: द टॉवर

आर्थिक जीवन: पेज ऑफ कप्‍स

करियर: द एम्‍परर

स्वास्थ्य: द हर्मिट

द टॉवर कार्ड बताता है कि आपके रिश्‍ते में कोई बड़ा और परेशान करने वाला बदलाव आ सकता है। इसके सा‍थ ही आपकी लव लाइफ में उथल-पुथल आने का भी डर है। इस कार्ड के अनुसार आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे से अलग हो सकते हैं, रिश्‍ते में बड़ा बदलाव आ सकता है या रिश्‍ते के मूल सिद्धांतों को लेकर अचानक आपकी समझ गहरी हो सकती है। द टॉवर कार्ड कुछ नया और बेहतर करने के लिए पुरानी चीज़ों को हटाने की आवश्‍यकता को भी दर्शा सकता है। हालांकि, इसे अक्‍सर नकारात्‍मक रूप से देखा जाता है।

करियर रीडिंग में पेज ऑफ कप्‍स कार्ड के आने का मतलब है कि इस महीने आपको निवेश से अच्‍छा रिटर्न मिलने के आसार हैं। टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 कहता है कि अगर आप किसी नए स्रोत से आमदनी करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह जरूर पूरा होगा। इस महीने आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है या आपको बोनस भी मिल सकता है। आपकी वित्तीय स्थिति में बढ़ोतरी होगी।

द एम्‍परर कार्ड करियर रीडिंग में संरचना, नेतृत्‍व और अधिकार का प्रतिनिधित्‍व करता है। इस कार्ड का कहना है कि अपने करियर की कमान संभालने, सोच-समझकर निर्णय लेने और अपने काम को व्‍यवस्थित करने के लिए यह सही समय है। इस कार्ड के अनुसार आपको अपने करियर में प्रगति और लीडरशिप में सफलता मिलेगी। इसके अलावा आप अपने संगठन और अनुशासन के ज़रिए अपनी बाधाओं को दूर करने में सक्षम होंगे।

द हर्मिट कार्ड कहता है कि आपको खुद की देखभाल करने, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देना चाहिए और आराम एवं रिकवर करने के लिए समय निकालना चाहिए। इस कार्ड के अनुसार सोच-विचार करना और आत्‍मनिरीक्षण करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छे होते हैं लेकिन ज्‍यादा काम करना हानिकारक हो सकता है। रिवर्स आने पर द हर्मिट कार्ड अकेलेपन, तनहाई या सामाजिक परिस्थितियों के डर को भी दिखा सकता है।

राशि अनुसार गिफ्ट: रिलैक्सिंग मसाज थेरेपी

मीन राशि

प्रेम जीवन: स्‍ट्रेंथ

आर्थिक जीवन: क्‍वीन ऑफ वैंड्स

करियर: फोर ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य:  नाइट ऑफ वैंड्स

मीन राशि के जातकों को लव लाइफ में द स्‍ट्रेंथ कार्ड मिला है जो कि आंतरिक शक्‍ति, साहस और समझदारी एवं करुणा के साथ मुश्किलों को पार करने की क्षमता को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपका रिश्‍ता सम्‍मान, आपसी समझ और धैर्य के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए तैयार रहने पर आधारित होगा।

टैरो मासिक राशिफल दिसंबर 2025 के अनुसार फाइनेंशियल रीडिंग में मीन राशि के लोगों को क्‍वीन ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है। यह कार्ड समृद्धि, आत्‍मविश्‍वास और अपनी इच्‍छाओं को पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार इस समय ऊर्जा, आर्थिक और पेशेवर उत्‍पादकता अपने चरम पर होंगी और इससे निर्णय लेने में आत्‍मविश्‍वास से भरपूर दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। आपके अंदर अधिक खर्च करने की प्रवृत्ति हो सकती है लेकिन आप अपनी वित्तीय कठिनाईयों से उबरने में भी सक्षम हो सकते हैं।

टैरो रीडिंग में फोर ऑफ कप्‍स कार्ड के आने का मतलब है कि आप अपनी वित्तीय या पेशेवर परिस्थितियों से बोर, असंतुष्‍ट या ठहराव महसूस कर सकते हैं। सहानुभूति की कमी और वर्तमान में उपलब्‍ध चीज़ों के प्रति कृतज्ञता न दिखाने की वजह से आप हर समय दूसरों से अपनी तुलना कर सकते हैं और निराश महसूस कर सकते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि ताकत, जोश और उत्‍कृष्‍ट स्‍वास्‍थ्‍य का प्रतिनिधित्‍व करता है। यह एक रोमांचक समय और स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर प्रतिबद्ध रहने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड इस बात की भी चेतावनी दे रहा है कि किसी काम को जरूरत से ज्‍यादा करने या जल्‍दबाज़ी में करने से दुर्घटना या असफलता मिलने की आशंका रहती है।

राशि अनुसार गिफ्ट: क्रिएटिविटी दिखाने के लिए पेंट/कलर्स

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. टैरो डेक में कितने सूट कार्ड्स होते हैं?

उत्तर. 14 कार्ड्स

प्रश्‍न 2. टैरो डेक में कितने माइनर आर्काना कार्ड्स होते हैं?

उत्तर. 56 कार्ड्स

प्रश्‍न 3. क्‍या यूरोपीय लोग टैरो कार्ड्स पर विश्‍वास करते हैं?

उत्तर. हां, टैरो का आविष्‍कार यूरोप में ही हुआ था इसलिए वहां के लोग इस पर बहुत भरोसा करते हैं।

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मोक्षदा एकादशी 2025 पर इन नियमों का जरूर करें पालन, मोक्ष की होगी प्राप्ति! https://horoscope.astrosage.com/hindi/mokshada-ekadashi-2025-date-time-katha/ Mon, 01 Dec 2025 00:30:00 +0000 https://horoscope.astrosage.com/?p=114915 मोक्षदा एकादशी 2025 पर इन नियमों का जरूर करें पालन, मोक्ष की होगी प्राप्ति!

मोक्षदा एकादशी 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत ज्‍यादा महत्‍व है। साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं

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मोक्षदा एकादशी 2025 पर इन नियमों का जरूर करें पालन, मोक्ष की होगी प्राप्ति!

मोक्षदा एकादशी 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत ज्‍यादा महत्‍व है। साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं और इस तरह हर महीने में दो एकादशी आती हैं। सभी एकादशियों में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्‍व है क्‍योंकि इस दिन भगवान विष्‍णु की पूजा-अर्चना एवं व्रत करने से मोक्ष की प्राप्‍ति होती है।

हर साल मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। मान्‍यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। ऐसे में, मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत करने और विधि-विधान से पूजा करने का अपना विशेष महत्व है।

तो आइए बिना देर किए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मोक्षदा एकादशी 2025 की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, प्रचलित पौराणिक कथा और आसान ज्योतिषीय उपाय के बारे में।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

मोक्षदा एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

इस बार मोक्षदा एकादशी 01 दिसंबर, 2025 को सोमवार के दिन पड़ रही है। एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर, 2025 को रात्रि 09 बजकर 30 मिनट पर होगी और इसका समापन 01 दिसंबर, 2025 को शाम को 07 बजकर 02 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 01 दिसंबर, 2025 को किया जाएगा।

मोक्षदा एकादशी पारणा मुहूर्त: 02 दिसंबर, 2025 को सुबह 06 बजकर 56 मिनट से 09 बजकर 02 मिनट तक।

कुल अवधि: 2 घंटे 5 मिनट।

मोक्षदा एकादशी 2025 की पूजा विधि

मोक्षदा एकादशी 2025 पर आप निम्‍न विधि से भगवान विष्‍णु का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकते हैं।

  • यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और फिर स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और वहां पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • अब भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प लें और व्रत व पूजा के नियमों का पालन करने की प्रतिज्ञा करें। हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर भगवान विष्णु से प्रार्थना करें कि आपका व्रत सफल हो।
  • फिर विष्णु जी की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं और उन्‍हें पीले वस्त्र अर्पित करें। आप स्‍वयं भी इस दिन पीले रंग के वस्‍त्र धारण कर सकते हैं। पीला रंग विष्‍णु जी को अत्‍यंत प्रिय है।
  • भगवान विष्णु को चंदन, फूल, धूप, दीप, फल, और मिठाई अर्पित करने के बाद विष्णु भगवान की आरती करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • भगवान विष्णु की पूजा के बाद तुलसी माता की पूजा करें। तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को अर्पित करें।
  • एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और तुलसी माता की आरती करें।

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मोक्षदा एकादशी 2025 के नियम

  • अगर आप पूर्ण उपवास या निर्जल व्रत नहीं रख सकते, तो फलाहार कर सकते हैं।
  • मोक्षदा एकादशी पर रात्रि के समय जागरण करने का विशेष महत्व है। इस दौरान भगवान विष्णु की कथा सुनें या श्रीमद् भगवद गीता का पाठ करें।
  • अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करने से पहले जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। तभी व्रत पूर्ण माना जाता है।
  • अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें। इससे व्रत का पुण्य फल और अधिक बढ़ता है।
  • इस व्रत का पारण अगले दिन द्वादश तिथि पर होता है। उस दिन मुहूर्त देखकर व्रत पारण करें।

AstroSage AI पॉडकास्ट सुनें – यहां आपको मिलेंगे ज्योतिष, जीवन के रहस्य, किस्मत के संकेत और AI द्वारा बताए गए सटीक ज्योतिषीय समाधान। अपनी ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब अब आवाज़ में, आसान भाषा में।

सूर्योदय के बाद करें पारण

एकादशी के व्रत के समापन को पारण कहा जाता है। एकादशी के अगले दिन यानी द्वादश तिथि पर सूर्योदय के पश्‍चात् व्रत का पारण करने का विधान है।

द्वादश तिथि के खत्‍म होने से पहले ही व्रत का पारण कर लेना चाहिए लेकिन अगर द्वादश तिथि सूर्योदय से पहले खत्‍म हो गई है, तो इस स्थिति में व्रत का पारण सूर्योदय के बाद होता है।

एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान नहीं करना चाहिए। यह द्वादश तिथि की पहली एक चौथाई वाली अवधि होती है। व्रत के पारण के लिए प्रात: काल का समय सबसे अधिक उपयुक्‍त रहता है। यदि कोई व्‍यक्‍ति इस समय व्रत का पारण नहीं कर सकता है, तो फिर मध्‍याह्न के बाद ही पारण करना चाहिए।

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मोक्षदा एकादशी की कथा

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में गोकुल नाम का एक नगर था, जहां वैखानस नामक एक धर्मनिष्ठ राजा रहते थे। राजा वैखानस अपनी प्रजा का अत्यंत ध्यान रखते थे और न्यायप्रिय, धर्मपरायण एवं परोपकारी थे। उन्‍हें अपनी प्रजा से अत्‍यंत प्रेम था और उनके राज्य में लोग सुखी और संतुष्ट थे। राजा स्वयं भी धार्मिक कार्यों में लिप्‍त रहते थे और वेदों में गहरी आस्था रखते थे।

एक दिन राजा वैखानस ने एक बुरा सपना देखा। सपने में उन्होंने अपने पिता को नरक में अत्यधिक कष्ट सहते हुए देखा। यह दृश्य देखकर राजा बहुत दुखी और व्याकुल हो उठे। राजा ने अपने दरबार के सभी विद्वान पंडितों और ज्योतिषियों को बुलाया और स्वप्न के बारे में बताया एवं इस विषय पर उनसे राय मांगी।

राजा ने सभी से पूछा कि उनके पिता नरक में क्यों कष्ट भोग रहे हैं और इस समस्या का समाधान क्‍या है। लेकिन उस समय किसी भी विद्वान के पास इस प्रश्न का सटीक उत्तर नहीं था। तब मंत्रियों ने राजा को सुझाव देते हुए बताया कि वे पर्वत मुनि के आश्रम जाकर उनसे सहायता मांगे। वहां पर उन्‍हें अपने प्रश्‍नों का उत्तर जरूर मिल जाएगा।

मंत्रियों की सलाह पर राजा पर्वत मुनि के आश्रम पहुंचे और उनसे अपने सपने के बारे में कहा। पर्वत मुनि ने राजा को बताया कि ‘राजन! आपके पिता पूर्व जन्म के पापों के कारण नरक में कष्ट भोग रहे हैं। लेकिन उनके उद्धार और मोक्ष के लिए आप एक उपाय कर सकते हैं।

पर्वत मुनि ने कहा, “तुम मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, उस दिन विधिपूर्वक व्रत एवं पूजन करो। इस व्रत से तुम्हारे पिता को नरक से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।” राजा वैखानस ने पर्वत मुनि के निर्देशानुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से उनके पिता को नरक से मुक्ति मिली और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।

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मोक्षदा एकादशी 2025 पर क्‍या किया जाता है

मोक्षदा एकादशी भगवान विष्‍णु को समर्पित है इसलिए इस दिन विष्‍णु जी और पवित्र ग्रंथ ‘भगवद् गीता’ की पूजा होती है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि इस व्रत को रखने से भगवान विष्‍णु अपने भक्‍तों को जीवन और मृत्‍यु के चक्र से मुक्‍त कर देते हैं।

मोक्षदा एकादशी 2025 एकता और अपने पूर्वजों के से क्षमा मांगने का प्रतीक है ताकि परलोक में उन्‍हें शांति मिल सके। इस दिन लोग उपवार रखते हैं और पवित्र ग्रंथ पढ़ते हैं।

मोक्षदा एकादशी 2025 के दिन करें ये खास उपाय

  • एकादशी तिथि पर भगवान विष्‍णु के मंत्रों का तुलसी की माला से जाप करें। केसर युक्‍त दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 
  • एकादशी के दिन केले के पेड़ की पूजा करें। इस दिन केले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए इस दिन केले के पेड़ का पूजन महत्वपूर्ण माना गया है। यदि किसी भी जातक की कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है, तो उसे एकादशी के दिन केले के पेड़ का पूजन करना चाहिए। इससे गुरु देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन पीली वस्तुओं का दान जरूर करें। ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र और पीले रंग के फल व मिठाई दान करें। ऐसा करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • एकादशी के दिन गाय को हरा चारा खिलाने से व्यक्ति को अपने व्यापार और नौकरी में मुनाफा होता है।
  • नदी या तालाब में आटे की गोलियां बनाकर मछलियों और पानी में रहने वाले जीवों को खिलाएं। इससे भी करियर में तरक्‍की मिलती है।
  • मोक्षदा एकादशी 2025 पर पान का एक साफ पत्ता लें और उसमें केसर से ‘श्रीं’ लिखें और इस पान के पत्तों को श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ा दें। अगले दिन इसे धन वाले स्थान यानी तिजोरी या अलमारी में रख दें। ऐसा करने से पैसों की तंगी दूर होती है और यदि आप किसी कर्ज व लोन से परेशान हैं तो आपको उससे भी छुटकारा मिलेगा।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. मोक्षदा एकादशी 2025 कब है?

उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 01 दिसंबर, 2025 को किया जाएगा।

2. मोक्षदा एकादशी पर किसका पूजन किया जाता है?

भगवान विष्‍णु का पूजन करने का विधान है।

3. मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखने से क्‍या होता है?

मोक्ष की प्राप्‍ति होती है।

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