बौद्ध त्यौहार 2024

बौद्ध त्यौहार 2024: एस्ट्रोसेज के इस खास लेख के माध्यम से हम आपको बौद्ध धर्म के प्रमुख त्योहारों, समारोह, और अवकाशों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे जिन्हें वर्ष 2024 में मनाया जाएगा। साथ ही यहां हम आपको यह भी बताएंगे कि साल 2024 में किस दिन और तिथि पर कौन सा त्यौहार पड़ रहा है और इसे मनाने के पीछे की क्या मान्यता है। इसके अलावा बौद्ध धर्म से जुड़ी कुछ रोचक और दिलचस्प बातें भी आपको इस लेख में मिलेंगी। तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं बौद्ध त्यौहार 2024 के बारे में ज़रूरी बातें।

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2025 के बौद्ध त्यौहार को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: बौद्ध त्यौहार 2025

बौद्ध त्यौहार 2024: बौद्ध धर्म से जुड़ी मान्यता 

बौद्ध धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस धर्म की उत्पत्ति उत्तरी भारत में तकरीबन छठी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान हुई थी। ऐसे में यह धर्म लगभग 2500 वर्ष पुराना है। आज के समय में दुनिया भर में 3.5 मिलियन से ज्यादा लोग बौद्ध धर्म का पालन और अनुसरण करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बौद्ध धर्म को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते धर्मों में से एक माना गया है। बौद्ध धर्म की स्थापना सिद्धार्थ गौतम ने की थी जिन्हें भगवान बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है।

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'बुद्ध' शब्द का अर्थ होता है 'जागृत व्यक्ति'। माना जाता है कि लगभग 2500 साल पहले भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के एक शाही परिवार में हुआ था। गौतम बुद्ध अपना शाही जीवन सभी सुख सुविधाओं और विलासिताओं के साथ व्यतीत कर रहे थे। तभी एक दिन उनकी मुलाकात एक बूढ़े व्यक्ति, एक बीमार व्यक्ति, और एक मृत व्यक्ति से हुई, और इस दिन से उनका जीवन बदल गया। मानव जीवन के इन दुखों को देखकर बुद्ध इतने परेशान हुए कि उन्होंने साधु बनने का फैसला ले लिया। 33 वर्ष की आयु में गौतम को ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह बौद्ध बन गए।

इसके बाद उन्होंने अपना सारा जीवन ज्ञान का मार्ग लोगों को सिखाने में व्यतीत कर दिया। बौद्ध धर्म के लोग किसी व्यक्तिगत ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं। उनका मानना है कि दुनिया में कुछ भी स्थिर या स्थाई नहीं होता है। बौद्ध धर्म आंतरिक सत्य, ज्ञान, और ध्यान के माध्यम से व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास पर केंद्रित धर्म माना गया है।

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बौद्ध धर्म के चार आर्य या महान सत्य हैं:

  • सारा अस्तित्व दुक्ख या पीड़ा है
  • दुख का कारण तृष्णा है
  • तृष्णा के नाश से दुखों का नाश होता है
  • एक ऐसा मार्ग है जो मनुष्य को कष्टों से मुक्त करता है

बौद्ध त्यौहार 2024 

दुनिया के अन्य सभी अन्य सभी धर्मों की ही तरह बौद्ध धर्म भी अपने अनुयायियों को हमेशा सच्चाई की राह पर चलने की सीख देता है। बौद्ध कैलेंडर 2024 बौद्ध धर्म के त्योहारों और व्रत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। बौद्ध त्यौहार 2024 केवल बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि हर उन लोगों के लिए तैयार किया गया है जिन्हें बौद्ध धर्म के त्योहारों और समारोह में रुचि है।

बौद्ध कैलेंडर 2024 विशेष रुप से कंबोडिया, लाओस, म्यानमार, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, और वियतनाम में चीनी लोगों द्वारा धार्मिक त्योहारों के लिए उपयोग किए जाने वाला चंद्र कैलेंडर है। बौद्ध कैलेंडर 2024 चंद्र सौर कैलेंडर होता है जिसमें 29 और 30 दिनों के महीने होते हैं। इसके सभी रूप तीसरी शताब्दी के सूर्य सिद्धांत पर आधारित माने गए हैं।

बौद्ध धर्म के तत्व

बौद्ध धर्म के सिद्धांत की बात करें तो यह दुख, निरोध पाने का रास्ता, चौथे आर्य सत्य का आर्य अष्टांग मार्ग माना जाता है। गौतम बुद्ध मानते हैं थे कि, सत्य की सत्यता का निश्चय करने के लिए इसी मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। गौतम बुद्ध के अनुसार अष्टांगिक मार्ग पर ध्यान लगाकर और नैतिक रूप से जीवन जीकर व्यक्ति निर्वाण प्राप्त कर सकता है। बुद्ध द्वारा बताए गए यह 8 अष्टांगिक मार्ग अलग-अलग महत्व रखते हैं, जैसे: 

सम्यक दृष्टि : अर्थात हमें दूसरों के प्रति हमेशा सही दृष्टिकोण रखना चाहिए। साथ ही हमें सुख और दुख में एक समान भाव रखना चाहिए।

सम्यक संकल्प: अर्थात दुखों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए जीवन में आर्य मार्ग पर चलने का व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए।

सम्यक वाक: अर्थात अपने जीवन में दुखों से दूरी बनाए रखने के लिए हर किसी से मीठा और सत्य बोलना चाहिए।

सम्यक कर्मांत: अर्थात व्यक्ति को दूसरे लोगों के प्रति हमेशा अच्छा कार्य करना चाहिए और हिंसा, झूठ, चोरी, डकैती जैसे अनैतिक कार्यों से दूरी बना कर रखना चाहिए। 

सम्यक आजीविका: अर्थात व्यक्ति को जीवन में आजीविका प्राप्त करने के लिए केवल धर्म पूर्वक कार्यों को ही करना चाहिए। कोई भी चीज जिससे दूसरों को नुकसान पहुंचे ऐसे व्यापार से दूर रहना चाहिए जैसे शास्त्र, पशु मांस, नशा, और विष। 

सम्यक व्यायाम: अर्थात व्यक्ति को प्रतिदिन ऐसे काम करने चाहिए जिनमें पापमय विचारों की समाप्ति हो और व्यक्ति के मन में अच्छे विचार उत्पन्न हो।

सम्यक स्मृति: अर्थात व्यक्ति को हर कार्य राग, विवेक और सावधानी के साथ करना चाहिए। स्मृति के चार रूप- कायानु पश्यना यानी शरीर के कार्य व चेतना के प्रति जागरूक रहना, वेदानुपश्यना यानी सुख व दुःख के प्रति सचेत रहना, चितानुपश्यना यानी चित्त के राग-द्वेष को पहचानना और धर्मानुपश्यना यानी शरीर, मन और वचन की चेष्टा को समझना।

सम्यक समाधि: अर्थात निर्वाण प्राप्ति के लिए ध्यान और चेतना का मार्ग चुनना चाहिए।

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बौद्ध त्यौहार 2024 - कब होती है नए साल की शुरुआत? 

दरअसल हिंदू कैलेंडर और बौद्ध कैलेंडर बौद्ध त्यौहार 2024 में एक बड़ी समानता यह है कि इन दोनों ही कैलेंडर का नया साल सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने से प्रारंभ होता है। बौद्ध त्यौहार 2024वर्ष एक नक्षत्र की लंबाई पर आधारित होता है। नक्षत्र वर्ष उस समय को कहा जाता है जब पृथ्वी को निश्चित सितारों के संबंध में सूर्य के चारों तरफ एक कक्षा पूरी होती है। हर साल बौद्ध नववर्ष थोड़ी देर से प्रारंभ होता है। बात करें वर्ष 2024 की तो बौद्ध त्यौहार 2024के अनुसार इस वर्ष नव वर्ष 25 जनवरी के दिन मनाया जाएगा। हालांकि इस दिन में क्षेत्रीय भिन्नता होने की संभावना है।

थेरवाद पंथ का पालन करने वाले देशों में बौद्ध नव वर्ष लगातार तीन दिनों तक मनाया जाता है। इसके अलावा थाईलैंड, बर्मा, श्रीलंका, कंबोडिया, और लाओस, जैसे देशों में बौद्ध नववर्ष को बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

बौद्ध त्यौहार 2024 : त्यौहार और महत्वपूर्ण आयोजन

बौद्ध त्यौहार 2024 धर्म के महत्व को दर्शाते हैं।

तारीख़

दिन 

त्योहार 

गुरुवार

जनवरी 25, 2024

महायान नव वर्ष

शनिवार

फ़रवरी 10, 2024

चीनी नव वर्ष

गुरुवार

फरवरी 15, 2024

निर्वाण दिवस

शनिवार

फरवरी 24, 2024

माघ पूजा दिवस

शनिवार

अप्रैल 13, 2024

थेरवाद नया साल

गुरुवार

मई 23, 2024

वेसाक - बुद्ध दिवस

रविवार

जुलाई 21, 2024

असला - धर्म दिवस

मंगलवार

अगस्त 13, 2024

ओबोन

रविवार

दिसम्बर 08, 2024

बोधि दिवस

बौद्ध धर्म से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • लगभग 2600 वर्षों पहले बौद्ध धर्म भारत में व्यक्ति के जीवन को बदलने की क्षमता के साथ जीवन के एक तरीके के रूप में शुरू हुआ था। 
  • बौद्ध धर्म दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में सबसे महत्वपूर्ण धर्मों में से एक माना गया है।
  • बौद्ध धर्म की स्थापना सिद्धार्थ गौतम की शिक्षाओं और जीवन के अनुभवों के आधार पर हुई थी। 
  • सिद्धार्थ गौतम का जन्म 563 ईसा पूर्व में हुआ था। 
  • बिहार के बोधगया में एक पीपल के पेड़ के नीचे गौतम बुद्ध पहुंचे थे। 
  • उत्तर प्रदेश के बनारस शहर के पास सारनाथ गांव में बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। 
  • इस घटना को धर्म चक्र प्रवर्तन का नाम दिया गया था।

बौद्ध त्यौहार 2024 - प्रमुख त्योहार और उनका महत्व

बोधि दिवस : बोधि दिवस बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार एक बेहद ही महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्यौहार है। यह दिन उस दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है जब भगवान बुद्ध ने बोधगया में 593 ईसा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया था। यह महायान परंपराओं में मनाया जाने वाला सबसे प्रमुख त्योहार है। इस धर्म के अनुयायी इस दिन को ध्यान लगाकर, धर्म के बारे में अध्ययन करके, मंत्र जाप करके और दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखा कर मनाते हैं। कई लोग इस दिन पारंपरिक चाय और केक भी बनाते हैं।

महायान नववर्ष:बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार अलग-अलग देशों में इस दिन को अलग-अलग तारीख और अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। बहुत से देश इसे 31 दिसंबर को मनाते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे 1 जनवरी को मनाते हैं। इसके अलावा बहुत से ऐसे देश भी हैं जो इस दिन को साल की पहली पूर्णिमा के दिन मनाते हैं। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है ।भगवान बुद्ध के अनुयाई इस दिन गौतम बुद्ध की मूर्ति को स्नान कराते हैं, धार्मिक गीत संगीत गाते हैं, मंदिरों में जाते हैं, मोमबत्तियां जलाते हैं, और अपने जीवन में सुख सौभाग्य के लिए प्रार्थना करते हैं। बहुत से लोग इस दिन ध्यान और आत्मनिरीक्षण भी करते हैं।

चीनी नववर्ष: चीनी नववर्ष बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार 10 फरवरी, 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन परंपरागत चंद्र और चीनी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयाई भगवान बुद्ध की पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते हैं, अपने घर की साफ सफाई करते हैं, अपने घर को सजाते हैं, दोस्तों और रिश्तेदारों को गिफ्ट देते हैं और अपने खास लोगों के साथ भोजन करते हैं। आतिशबाजी और मिष्ठान इस दिन का मुख्य आकर्षण माने जाते हैं। 

निर्वाण दिवस: बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार निर्वाण दिवस को परिनिर्वाण दिवस भी कहा जाता है। यह वह दिन है जब भगवान बुद्ध की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2024 में निर्वाण दिवस 15 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन लोग मठों और मंदिरों में जाते हैं, सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं, साथ ही लोग इस दिन अन्न, वस्त्र और अन्य जरूरी वस्तुओं का जरूरतमंद लोगों को दान भी करते हैं।

माघ पूजा दिवस:बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार माघ पूजा के दिन मनाई जाएगी। यह पूर्णिमा का दिन ढाई हजार से अधिक वर्षों से मनाया जा रहा है और बहुत सी जगहों पर इसे संघ दिवस या चतुर्भुज सभा भी कहा जाता है। इस दिन लोग पूजा करते हैं और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में अधिक जानने के लिए और ध्यान लगाने के लिए बैठक करते हैं। इसके अलावा इस दिन तेल के दीए जलाए जाते हैं।

वेसाक- बुद्ध नववर्ष: बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार इस वर्ष 23 मई 2024 को वेसाक- बुद्ध नववर्ष मनाया जाएगा। बहुत सी जगहों पर इससे वेसाक या बुद्ध दिवस भी कहते हैं। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन वैशाख महीने के पहले दिन पर मनाया जाता है। ऐसे में हर साल यह तारीख बदलती है। हालांकि अक्सर यह मई अंत या जून की शुरुआत में मनाया जाता है।

थेरवाद नया साल: थेरवाद नव वर्ष 6 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा। बौद्ध त्यौहार 2024 के अनुसार यह दिन बौद्ध धर्म में पवित्र दिनों में से एक है जो अप्रैल महीने की पहली पूर्णिमा के दिन शुरू होता है। यह पर्व 3 दिनों तक मनाया जाता है।

असला-धर्म दिवस: यह बौद्ध धर्म में मनाया जाने वाला एक और शुभ दिन है। इस दिन भगवान बुद्ध ने पहली बार अपने उपदेश दिए थे। थेरवाद देश इस दिन को जुलाई में पहली पूर्णिमा के दिन मनाते हैं।

ओबोन: ओबोन 13 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। यह मूल रूप से जापानी बौद्ध समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह पूर्वजों की आत्माओं के सम्मान में मनाया जाता है। अनुयायी उनकी कब्रों पर जाते हैं, उन्हें साफ करते हैं और फूल और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं। यह पर्व 3 दिनों तक मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन 3 दिनों में पितर घर की वेदियों पर जाते हैं।

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इसी आशा के साथ कि आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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